राष्ट्रीय समाचार
पहलगाम हमले के बाद महाराष्ट्र लौटेंगे 232 पर्यटक, फडणवीस सरकार ने किया विशेष उड़ानों का प्रबंध
मुंबई, 25 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद महाराष्ट्र के पर्यटकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने विशेष उड़ानों की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर अब तक लगभग 500 पर्यटक श्रीनगर से मुंबई लौट चुके हैं। आज इंडिगो की तीसरी विशेष उड़ान 232 पर्यटकों को लेकर दोपहर में श्रीनगर से रवाना होगी और शाम को मुंबई पहुंचेगी।
पहलगाम के बैसरन वैली में हुए इस आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें महाराष्ट्र के छह पर्यटक भी शामिल थे। इस घटना के बाद कश्मीर में फंसे पर्यटकों में दहशत फैल गई, जिसके चलते महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत उनके लौटने की व्यवस्था की।
गुरुवार को इंडिगो और एयर इंडिया की दो विशेष उड़ानों के जरिए 184 पर्यटकों को श्रीनगर से मुंबई लाया गया। इनमें से एक उड़ान में 65 पर्यटक सुबह मुंबई पहुंचे थे। सभी खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है।
आज की तीसरी विशेष उड़ान (इंडिगो 6E 3251) 232 पर्यटकों को लेकर शाम 5:45 बजे मुंबई एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर उतरेगी। इस उड़ान में शामिल यात्रियों की सूची राज्य सरकार ने पहले ही जारी कर दी है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल इस पर निगरानी रख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर और विशेष उड़ानें संचालित की जाएंगी ताकि सभी पर्यटक सुरक्षित घर लौट सकें।
महाराष्ट्र सरकार ने श्रीनगर में फंसे पर्यटकों की सहायता के लिए वरिष्ठ बीजेपी नेता और मंत्री गिरीश महाजन को वहां भेजा है। मुंबई हवाई अड्डे पर व्यवस्था संभालने के लिए बीजेपी नेता आशीष शेलार और मंगल प्रभात लोढ़ा को जिम्मेदारी दी गई है।
इसके अलावा, सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई किराए को नियंत्रित करने के लिए पहले ही एयरलाइंस को निर्देश जारी कर दिए थे।
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कसा शिकंजा, जारी किया नया परिपत्र

मुंबई, 25 अक्टूबर : महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में बढ़ते अवैध बांग्लादेशी प्रवास को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस मुद्दे पर एक नया सरकारी परिपत्र (जीआर) जारी किया है।
सरकार ने स्पष्ट कहा है कि बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति के चलते बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में अवैध रूप से भारत, विशेषकर महाराष्ट्र में प्रवेश कर रहे हैं। इनमें से कई प्रवासी राज्य की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर रहे हैं, जिसकी वजह से सरकारी योजनाओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ रहा है और राज्य की सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न हो रहा है।
परिपत्र में कहा गया है कि यह स्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है। इसलिए ऐसे प्रवासियों को राज्य की किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
इस मुद्दे पर 9 जून 2025 को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की बैठक हुई थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। परिपत्र में 29 जून 2013 के पुराने सरकारी संकल्प और 2025 के अन्य संदर्भों को ध्यान में रखते हुए नई दिशानिर्देश तय किए गए हैं।
परिपत्र में जारी मुख्य निर्देश के अनुसार, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को अवैध बांग्लादेशी प्रवास पर नियमित विचार-विमर्श सत्र आयोजित करने और एटीएस को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
अवैध प्रवासियों की ब्लैकलिस्ट बनाई जाएगी ताकि वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ न उठा सकें।
एटीएस द्वारा पहचाने गए 1,274 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के नाम पर जारी किसी भी सरकारी दस्तावेज की जांच की जाएगी। यदि ऐसे दस्तावेज मिले तो उन्हें तुरंत रद्द, निलंबित या निष्क्रिय करने का आदेश दिया गया है।
नए अवैध प्रवासियों की सूची विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी, ताकि सभी क्षेत्रीय और मंडल कार्यालय सतर्क रह सकें। यदि किसी स्थानीय प्रतिनिधि की अनुशंसा पर कोई दस्तावेज जारी किया गया है, तो आवेदक के निवास स्थान का सख्त सत्यापन किया जाएगा।
सरकार ने सभी विभागों को यह प्रक्रिया कड़ाई से लागू करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, इस परिपत्र की तिमाही प्रगति रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
यह परिपत्र महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसे महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्देशानुसार जारी किया गया है।
राष्ट्रीय समाचार
मैं भारत को लेकर बहुत पॉजिटिव हूं : एयरबस के चेयरमैन रेने ओबरमैन

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: एयरबस के चेयरमैन रेने ओबरमैन ने शुक्रवार को कहा मैंने भारत में एक हफ्ता बिताया और मैं भारत में एक्सीलेंस, इंजीनियरिंग एक्सीलेंस और क्वालिटी के लेवल से पूरी तरह हैरान रह गया।
बर्लिन ग्लोबल डायलॉग (बीजीडी) के ‘लीडर्स डायलॉग : ग्रोइंग टूगेदर- ट्रे़ड एंड अलायंस इन अ चेंजिंग वर्ल्ड’ टाइटल के सेशन में ओबरमैन ने कहा कि एयरबस के लिए भारत एक स्ट्रेटेजिक लॉन्ग-टर्म पार्टनर है और हमारी बातचीत का हिस्सा यह भी था कि भारतीय टेक्नोलॉजी और देश के टेक टैलेंट की क्षमताओं का लाभ लेकर चीजों को किस प्रकार बेहतर बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “भारत के साथ पार्टनरशिप को किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए यह भी हमारी बातचीत का हिस्सा था।”
ओबरमैन ने भारत को लेकर अपने विचार पेश करते हुए कहा, “मैं भारत को लेकर बहुत पॉजिटिव हूं। क्या आपको लगता है कि यह चीन को पीछे छोड़ देगा? इसका जवाब उन्हें देना है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि मैंने जो एम्बिशन महसूस किया, एंटरप्रेन्योरियल लेवल पर जो एम्बिशन था, वह उससे कहीं अधिक था, जो मैंने हाल ही में दुनिया में कहीं भी एंटरप्रेन्योरियल लेवल पर सुना था, क्योंकि वे एक ऐसी स्थिति से आ रहे हैं जहां अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है।”
इस बीच, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बर्लिन ग्लोबल डायलॉग (बीजीडी) के ‘लीडर्स डायलॉग : ग्रोइंग टूगेदर- ट्रे़ड एंड अलायंस इन अ चेंजिंग वर्ल्ड’ पर पैनल डिस्कशन का हिस्सा बनने पर खुशी जताई।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पैनल डिस्कशन में हिस्सा लेकर बहुत खुशी हुई। मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने व्यापारिक पार्टनरशिप को लंबे समय तक आपसी ग्रोथ के नजरिए से किस प्रकार देखता है।”
उन्होंने पैनल डिस्कशन को लेकर आगे जानकारी देते हुए बताया कि देश में ग्लोबल कंपनियों के लिए भविष्य में हिस्सा लेने और निर्माण करने के लिए बड़े अवसरों को भी चर्चा में शामिल किया गया।
राष्ट्रीय समाचार
गौवंश को सड़कों से निकालकर सुरक्षित वातावरण में लाना हमारी प्राथमिकता: कपिल मिश्रा

Kapil Mishra
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: दिल्ली सरकार गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में दिल्ली सचिवालय में विकास मंत्री कपिल मिश्रा की अध्यक्षता में घुमनहेड़ा गांव में शुक्रवार को नई गौशाला की स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए अभिरुचि आमंत्रण से संबंधित एक उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में विकास आयुक्त शूरवीर सिंह, पशुपालन इकाई के वरिष्ठ अधिकारी, एनजीओ जैसे इस्कॉन, गोपाल गौ सदन सहित कई अन्य सामाजिक संस्थाओं और हितधारकों ने भाग लिया। इस बैठक का आयोजन विकास विभाग की पशुपालन इकाई द्वारा किया गया।
बैठक के दौरान गौशालाओं के संचालन, रखरखाव और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कई महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए। इस अवसर पर मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि हम इस दिशा में गंभीरता से कार्य करेंगे। सभी सुझावों का स्वागत है, क्योंकि हमारा उद्देश्य गायों को सड़कों से निकालकर एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में लाना है। अगर ये गौशालाएं आत्मनिर्भर बन जाएं तो यह समाज और पर्यावरण दोनों के लिए आदर्श उदाहरण होगा।
वर्ष 1994 में विकास विभाग की पंचायत इकाई ने पशुपालन इकाई को गौशालाओं के संचालन के लिए भूमि 99 वर्षों की लीज पर आवंटित की थी। उस समय पांच गौशालाओं की स्थापना की गई थी, जिनमें से वर्तमान में चार गौशालाएं संचालित हैं। घुमनहेड़ा स्थित आचार्य सुशील मुनि गौसदन का लाइसेंस, अनुबंध शर्तों के उल्लंघन और गौवंश की अत्यधिक मृत्यु होने की वजह से निरस्त कर दिया गया था। अब इस पांचवीं गौशाला को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत पुनः स्थापित किया जाएगा।
नई गौशाला की स्थापना, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी चयनित एनजीओ, ट्रस्ट, फाउंडेशन या कॉर्पोरेट संस्था को दी जाएगी, जिसे एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा। भूमि का आवंटन लाइसेंस डीड के आधार पर किया जाएगा और चयनित संस्था गौशाला के निर्माण, संचालन और रखरखाव की सभी जिम्मेदारियां स्वयं के व्यय पर निभाएगी। प्रारंभिक अवधि सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी, जिसे उनके कार्य प्रदर्शन के आधार पर अगले पांच वर्षों तक बढ़ाया जा सकेगा। चयनित संस्था को एक वर्ष के भीतर गौशाला की स्थापना के लिए पर्याप्त संसाधन और जनशक्ति उपलब्ध करानी होगी।
गौशाला के संचालन में आवारा पशुओं की देखभाल, भोजन, स्वास्थ्य एवं निगरानी की पूरी जिम्मेदारी चयनित संस्था की होगी। इस प्रक्रिया में पशुपालन इकाई, विकास विभाग द्वारा कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। संपत्ति का स्वामित्व दिल्ली सरकार के पास ही रहेगा, जबकि चयनित संस्था को केवल लाइसेंस डीड के आधार पर संचालन की अनुमति दी जाएगी। सभी कानूनी विवादों का अधिकार क्षेत्र दिल्ली सरकार के अधीन रहेगा।
इस पहल को लेकर दिल्ली सरकार के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि गौ माता भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, ऐसे में गौवंश को सड़कों से निकालकर सुरक्षित वातावरण में लाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है, इसलिए ये पहल न सिर्फ दिल्ली की सड़कों को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी बल्कि पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में भी एक सराहनीय प्रयास साबित होगी।
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