व्यापार
एप्पल के लिए भारत में शानदार रहा 2024, 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य वाले आईफोन हुए निर्यात
नई दिल्ली, 13 जनवरी। सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और प्रीमियमाइजेशन के बढ़ते ट्रेंड के चलते, एप्पल ने कैलेंडर वर्ष 2024 में भारत से 1 लाख करोड़ रुपये (1 ट्रिलियन) मूल्य के आईफोन निर्यात किए हैं।
शुरुआती उद्योग अनुमानों के अनुसार, एप्पल ने पिछले साल 2024 में 12 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन निर्यात किए, जो 2023 से 40 प्रतिशत से अधिक वृद्धि है।
अनुमानों के अनुसार, एप्पल का घरेलू उत्पादन एक साल पहले की तुलना में लगभग 46 प्रतिशत बढ़ा है। क्यूपर्टिनो स्थित टेक दिग्गज ने पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024) में भारत में 14 बिलियन डॉलर के आईफोन मैन्युफैक्चर और एसेंबल किए, जिसमें 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन का निर्यात किया गया।
इस बीच, एप्पल इकोसिस्टम ने चार वर्षों में 1,75,000 नई प्रत्यक्ष नौकरियां भी पैदा की हैं, जिनमें 72 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
2024 भारत में एप्पल के लिए बेहतरीन रहा। इस तकनीकी दिग्गज ने निर्यात के साथ-साथ घरेलू बिक्री के नए रिकॉर्ड बनाए, जो प्रीमियमाइजेशन के बढ़ते ट्रेंड, सरकार की पीएलआई योजना और एग्रेसिव खुदरा विस्तार से जुड़ी थी।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले एक साल में भारत में एप्पल के रणनीतिक दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं और बाजार में इसका महत्व बढ़ा है।
काउंटरपॉइंट रिसर्च में मोबाइल डिवाइस और इकोसिस्टम के शोध निदेशक तरुण पाठक के अनुसार, एप्पल ने युवाओं की पसंद का ख्याल रखते हुए एक मजबूत कंज्यूमर कनेक्ट स्थापित किया। कंपनी ने चैनल, मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार के साथ मार्केटिंग कैंपेन पर भी खास ध्यान दिया और भारत में एक बड़ी हिस्सेदारी हासिल की।
पाठक ने कहा, “भारत में प्रीमियमाइजेशन, आसानी से उपलब्ध फाइनेंसिंग, प्रीमियम स्मार्टफोन की खरीदारी को बढ़ाता है। जिसके साथ एप्पल इस विशेष सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित कर फायदा उठाता है।”
आने वाले वर्ष में भारत में एप्पल की वृद्धि महत्वपूर्ण गति के साथ जारी रहने की उम्मीद है, जिसे एग्रेसिव खुदरा विस्तार, टारगेटेड मार्केटिंग रणनीतियों और ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ बल मिलेगा।
इस बीच, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत के स्मार्टफोन बाजार का मूल्य 2025 तक 50 बिलियन डॉलर को पार करने का अनुमान है।
काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ के लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, भारत के स्मार्टफोन बाजार का खुदरा औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है।
एप्पल प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश करके इस बदलाव का नेतृत्व कर रहा है। लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में कीमतों में कटौती के कारण एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है।
व्यापार
रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी स्नैपड्रैगन 7एस जेन 3 चिप के साथ देगा जबरदस्त परफॉरमेंस
नई दिल्ली, 13 जनवरी। आज जब डिजिटल तकनीक हमारे जीवन को पूरी तरह बदल रही है, स्मार्टफोन उद्योग भी एक नई क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। पारंपरिक स्मार्टफोन से आगे बढ़ते हुए अब “सुपरफोन” का युग आ चुका है। ये नए डिवाइस सामान्य मोबाइल क्षमताओं से कहीं अधिक उन्नत हैं। इनमें प्रोसेसिंग पावर, शानदार कैमरा क्षमता और बेहतरीन यूजर्स अनुभव का जबरदस्त तालमेल देखने को मिलता है।
आधुनिक उपयोगकर्ता केवल बातचीत करने वाले फोन नहीं चाहते। वे ऐसे डिवाइस चाहते हैं जो गेमिंग से लेकर प्रोफेशनल फोटोग्राफी तक, हर काम को बिना किसी रुकावट के कर सकें। साथ ही, बेहतर बैटरी और मजबूत कनेक्टिविटी की भी जरूरत होती है। इस बढ़ती मांग ने कंपनियों को मोबाइल तकनीक की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।
इस बदलाव की अगुवाई कर रहा है रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी फोन जो स्नैपड्रैगन 7एस जेन 3 5जी चिपसेट पर आधारित है। यह चिपसेट टीएसएमसी की 4एनएम तकनीक से बना है, जिसमें पावर और एफिशिएंसी का बेहतरीन संतुलन है। इसकी परफॉर्मेंस का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यह 820,000 से अधिक एएनटीयूटीयू स्कोर हासिल करता है।
यह डिवाइस 12 जीबी + 14 जीबी एलपीडीडीआर4एक्स डायनामिक रैम और यूएफएस 3.1 स्टोरेज के साथ आता है, जिससे ऐप्स तेज़ी से लोड होते हैं और मल्टीटास्किंग में कोई दिक्कत नहीं होती। गेमिंग के लिए यह फोन बेहतरीन है, जहां फ्री फायर और बीजीएमआई जैसे गेम्स 90 एफपीएस पर आसानी से चलते हैं।
इस चिपसेट में स्पेक्ट्रा ट्रिपल आईएसपी इंटीग्रेटेड है, जो कैमरा को जबरदस्त बनाता है। रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी में 50एमपी का सोनी आईएमएक्स896 सेंसर है, जिससे आप बेहद स्पष्ट और डिटेल वाली तस्वीरें ले सकते हैं। इसमें एक ही समय पर फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा भी है, जिससे क्रिएटिविटी के नए आयाम खुलते हैं।
फोन में 6.83 इंच का 1.5के एएमओएलईडी स्क्रीन है, जो 120 हर्टज रिफ्रेश रेट के साथ आता है। यह स्क्रीन न केवल देखने में शानदार है, बल्कि स्मूद अनुभव भी देती है।
रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी अपने शानदार फीचर्स और दमदार परफॉर्मेंस के साथ प्रीमियम तकनीक को आम लोगों तक पहुंचा रहा है। यह फोन 16 जनवरी को लॉन्च होगा और सुपरफोन युग की शुरुआत का संकेत देगा।
राष्ट्रीय समाचार
बड़े टिकट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में सरकार के पूंजीगत व्यय से भारत की आर्थिक वृद्धि को मिलेगा बढ़ावा: रिपोर्ट
नई दिल्ली, 13 जनवरी। फाइनेंशियल सर्विस फर्म प्रभुदास लीलाधर (पीएल) की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, बिग टिकट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट जैसे हाईवे, रेलवे और बिजली विकास में केंद्र के पूंजिगत व्यय और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश से वित्त वर्ष 2025-2026 और उसके बाद भारत के अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, “हम पहले से ही रेलवे, रक्षा, बिजली, डेटा सेंटर के विकास में तेजी देख रहे हैं, जिसके क्रियान्वयन से वित्त वर्ष 2026 और उसके बाद विकास में तेजी आएगी।”
सरकार ने 2024-25 के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए 11.1 लाख करोड़ रुपये का बड़ा आवंटन किया और 2025-26 के आगामी बजट में इसमें और वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी बजट आर्थिक सुधार को आकार देने में सहायक होगा, जिसमें मुद्रास्फीति में कमी के साथ मध्यम वर्ग के खर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकास-संचालित फोकस की उम्मीद है।
इसके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और वित्तीयकरण जैसे क्षेत्र सुधार से लाभान्वित होने के लिए तैयार हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए औद्योगिक विकास में उछाल सकारात्मक है, जो 6 महीने के उच्च स्तर को छू गया। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2024-25) के अक्टूबर महीने में 3.5 प्रतिशत की तुलना में नवंबर में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यह वृद्धि नवंबर 2023 में एक साल पहले दर्ज की गई 2.5 प्रतिशत की औद्योगिक वृद्धि से भी शानदार वृद्धि दर्शाती है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में तीन-चौथाई से अधिक योगदान देने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर अक्टूबर में 4.1 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2024 में 5.8 प्रतिशत हो गई।
यह रोजगार सृजन के लिए एक अच्छा संकेत है क्योंकि यह सेक्टर देश के इंजीनियरिंग संस्थानों और विश्वविद्यालयों से निकलने वाले युवा स्नातकों को क्वालिटी जॉब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इसके अलावा, आंकड़े बताते हैं कि पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन में 9 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई। यह सेगमेंट अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है जिसका भविष्य में रोजगार और आय के सृजन पर प्रभाव पड़ता है।
नवंबर 2024 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट के उत्पादन में भी 13.1 प्रतिशत की दोहरे अंकों की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की हाई-कंज्यूमर डिमांड को दर्शाता है।
व्यापार
लाल निशान पर खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 23,300 स्तर से नीचे
मुंबई, 13 जनवरी। कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को लाल निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में रियलिटी, मेटल, एफएमसीजी, पीएसयू बैंक और ऑटो सेक्टर में बिकवाली देखी गई।
सुबह करीब 9.34 बजे सेंसेक्स 557.48 अंक या 0.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,821.43 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 173.85 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,257.65 पर कारोबार कर रहा था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 532 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 1,744 शेयर लाल निशान में थे।
निफ्टी बैंक 279 अंक या 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,455.15 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 651.45 अंक या 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,934.30 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 172.85 अंक या 0.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,472.70 पर था।
बाजार के जानकारों के अनुसार, बाजार पर मजबूत प्रतिकूल परिस्थितियों का दबाव जारी रहेगा। अमेरिका से प्राप्त रोजगार आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में 2.56 लाख नौकरियां पैदा हुईं जबकि अनुमान 1.65 लाख का था, इसका मतलब है कि 2025 में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद अब घटकर एक रह गई है।
बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, “अमेरिका में बेरोजगारी दर घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई है, इसलिए अर्थव्यवस्था को किसी प्रोत्साहन की जरूरत नहीं है। यह अच्छी आर्थिक खबर बाजारों के लिए बुरी खबर साबित हो रही है, जो इस साल ब्याज दरों में होने वाली कई कटौतियों को नजरअंदाज कर रहे थे।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में जोमैटो, एमएंडएम, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, सन फार्मा और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स रहे। जबकि, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक और टीसीएस टॉप गेनर्स रहे।
शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में डॉव जोन्स 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 41,938.45 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,827.00 पर और नैस्डैक 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,161.63 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में जकार्ता, सोल, हांगकांग, चीन और बैंकॉक लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार छठे दिन शुद्ध विक्रेता बने रहे, क्योंकि उन्होंने 10 जनवरी को 2,254.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 3,961.92 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे कमजोर होकर 86.20 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला। शुक्रवार को रुपया लगातार तीन दिनों तक रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ।
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