अंतरराष्ट्रीय समाचार
राजग की सरकार में विकास रूक गया : कांग्रेस

कांग्रेस ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (युनाइटेड) पर जोरदार निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि जब तक कांग्रेस का राज था, देश उंचे शिखर पर पहुंच गया था, लेकिन जब से नरेंद्र मोदी या यूं कहें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने देश की बागडोर संभाली है, तब से देश का विकास ही नहीं रूक गया है बल्कि पड़ोसी राज्य भी आंख दिखा रहे हैें। महंगाई भी आसमान पर है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस ने देश को आजाद करवाया, उनके लोगों ने जेल की यातनाओं को झेला है, लेकिन मोदी सरकार आजादी के महत्व को नहीं समझ पा रही है। ये सरकार अंग्रेजों की नीति फूट डालो शासन करो की नीति पर काम कर रही है। यही हाल बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी का है।
उन्होंने कहा कि आज नेपाल जैसे छोटे पड़ोसी देश भी सीमा पर लोगों को परेशान कर रहे हैं। इनके राज में महंगाई आसमान पर पहुंच चुकी है। देश में पहली बार पेट्रोल से महंगा डीजल हो गया है। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार बढ़ा है जबकि महिलाएं सुरक्षित नहीं हैें।
उन्होंने कहा कि बिहार में कहने को तो ‘डबल इंजन’ की सरकार है, लेकिन अब तक विशेष राज्य का दर्जा इस राज्य को नहीं मिल सका। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस साल होने वाले चुनाव में यहां के लोग नीतीश सरकार को उखाड़ फेकेंगे।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
वियतनाम में ‘बुआलोई’ से 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान, 34 लोगों ने गंवाई जान

हनोई, 2 अक्टूबर : वियतनाम में तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि 140 लोग घायल हो गए। इस प्राकृतिक आपदा में 20 लोग लापता हो गए। करीब 8.78 ट्रिलियन वियतनामी डोंग (करीब 3,156 करोड़ रुपए) का आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक तूफान से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। 8,200 से ज्यादा बिजली के खंभे गिर गए और लगभग 27 लाख घरों की बिजली गुल हो गई, जबकि बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,000 से ज्यादा सड़कें ब्लॉक हो गईं।
स्थानीय अधिकारी बिजली और दूरसंचार बहाल करने और प्रभावित निवासियों की सहायता के लिए नुकसान की रिपोर्ट बना रहे हैं।
इससे पहले, 30 सितंबर को, वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने स्थानीय अधिकारियों और विभागों को प्रभावित निवासियों की सहायता और प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने का निर्देश दिया था।
प्रधानमंत्रीने शोक संतप्त परिवारों, पार्टी संगठनों, प्रशासन और आपदाओं से हुए नुकसान और कठिनाइयों को झेल रहे निवासियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति भी व्यक्त की।
उन्होंने जन समितियों के अध्यक्षों को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द अलग-थलग पड़े इलाकों में पहुंचने के लिए सेना और वाहन जुटाएं। क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत करवाएं और प्रभावित निवासियों के लिए आश्रयों की व्यवस्था करें। उन्होंने 5 अक्टूबर से पहले क्षतिग्रस्त शैक्षणिक और चिकित्सा सुविधाओं की मरम्मत कराने को कहा है।
वियतनाम के कई हिस्सों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। उत्तरी मध्य वियतनाम के कई गांव जलमग्न हो गए थे और यातायात व बिजली गुल थी।
बुआलोई एक हफ्ते में एशिया के लिए खतरा बनने वाला दूसरा बड़ा तूफान था। पिछले कई वर्षों में आए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक, रागासा तूफान ने उत्तरी फिलीपींस और ताइवान में कम से कम 28 लोगों की जान ले ली। इससे पहले कि यह चीन में पहुंचा और वियतनाम में फैल गया।
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विश्व व्यापार को मिल रही चुनौतियों का मुकाबला करे ब्रिक्स : एस. जयशंकर

संयुक्त राष्ट्र, 27 सितंबर। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि ब्रिक्स देशों को वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर हो रहे दबाव और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा कि बढ़ते संरक्षणवाद, ऊंचे-नीचे शुल्क और गैर-शुल्क बाधाएं व्यापार को प्रभावित कर रही हैं, ऐसे में ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने यह बात शुक्रवार को ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कही।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही धमकी दी थी कि ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने अन्य आधारों पर भारत और ब्राजील पर कुल 50 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका से होने वाले अधिकांश आयातों पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।
हालांकि जयशंकर ने अपने बयान में अमेरिका का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया।
बैठक में भाग लेने वाले इथियोपिया के विदेश राज्य मंत्री हदेरा अबेरा अदमासु ने भी संयुक्त कार्रवाई का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को शांति स्थापित करने, वैश्विक संस्थाओं में सुधार लाने और विकासशील देशों के लिए न्यायपूर्ण व सुरक्षित माहौल बनाने में अहम भूमिका निभानी चाहिए।
जयशंकर ने यह भी कहा कि जब बहुपक्षीय व्यवस्था दबाव में है, तब ब्रिक्स ने हमेशा विवेकपूर्ण और सकारात्मक बदलाव की आवाज उठाई है।
उन्होंने आईबीएसए (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का समूह) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लिया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया। साथ ही आईबीएसए के शैक्षणिक मंच, समुद्री अभ्यास, ट्रस्ट फंड और आपसी व्यापार पर चर्चा हुई।
ब्रिक्स मंत्रियों की बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने मंत्रियों से कहा, “व्यापार प्रणाली से परे, ब्रिक्स को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए भी जोरदार प्रयास करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “एक अशांत विश्व में, ब्रिक्स को शांति स्थापना, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के संदेश को सुदृढ़ करना चाहिए।”
ब्रिक्स एक संगठन है जिसका नाम इसके पहले पांच सदस्य देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के शुरुआती अक्षरों से बना है। अब इसमें कुल दस उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। इन देशों का मकसद आर्थिक और सामाजिक विकास के मुद्दों पर मिलकर काम करना है।
अगले साल भारत ब्राज़ील की जगह ब्रिक्स का अध्यक्ष बनेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की प्राथमिकता खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास होगी। इसके लिए डिजिटल बदलाव, स्टार्टअप्स, नवाचार और मजबूत विकास साझेदारी पर ज़ोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार ब्रिक्स सहयोग के अगले चरण को परिभाषित करेंगे।
दूसरी ओर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि ब्रिक्स अपनी अलग मुद्रा बनाकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर को चुनौती देना चाहता है। हालांकि भारत ने साफ कर दिया कि ब्रिक्स की कोई नई मुद्रा लाने की योजना नहीं है।
ब्रिक्स का एक अहम कार्यक्रम न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) है। यह बैंक विकासशील देशों को कम ब्याज पर कर्ज देता है।
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दक्षिण अमेरिका के दौरे पर राहुल गांधी, 4 देशों के नेताओं और छात्रों से करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली, 27 सितंबर। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दक्षिण अमेरिका की यात्रा पर गए हैं। इस दौरान वह चार देशों में राजनीतिक नेताओं, विश्वविद्यालय के छात्रों और व्यापारिक समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रभारी पवन खेड़ा ने शनिवार को यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने उन देशों का नाम नहीं बताया, जहां गांधी जी यात्रा पर जाने वाले हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पवन खेड़ा ने लिखा, “लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दक्षिण अमेरिका की यात्रा पर निकले हैं। उनका चार देशों में राजनीतिक नेताओं, विश्वविद्यालय के छात्रों और व्यापार जगत के लोगों से बातचीत करने का कार्यक्रम है।”
पार्टी के अनुसार, यह सितंबर में विपक्ष की नेता गांधी की पहली विदेश यात्रा है और इससे भारत-दक्षिण अमेरिका के बीच ऐतिहासिक सहयोग और वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच एकजुटता को मजबूत करते हुए लोकतांत्रिक, व्यापारिक और रणनीतिक संबंध और गहरे होंगे।
पार्टी ने कहा कि ब्राजील और कोलंबिया की अपनी यात्रा के दौरान, विपक्ष के नेता गांधी विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत करेंगे और दोनों देशों के राष्ट्रपतियों व वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इसका उद्देश्य लोकतांत्रिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना है।
वह व्यापारिक नेताओं से भी मिलेंगे ताकि भारत और अमेरिका के टैरिफ के बीच व्यापार और साझेदारी के नए अवसर तलाश सकें।
इस महीने की शुरुआत में राहुल गांधी मलेशिया गए थे, लेकिन कांग्रेस ने इस यात्रा के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। इस यात्रा से कई सवाल उठे और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसकी आलोचना भी की।
भाजपा ने उनकी विदेश यात्राओं पर तंज कसा था। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी की एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया था कि वह मलेशिया में छुट्टियां मना रहे थे।
एक्स पोस्ट में मालवीय ने लिखा, “राहुल गांधी फिर से गायब हो गए हैं। इस बार वे मलेशिया के लैंगकावी में गुप्त छुट्टी मनाने गए हैं। लगता है बिहार की राजनीति की गर्मी और धूल कांग्रेस के ‘युवराज’ के लिए बहुत ज्यादा थी, इसलिए उन्हें आराम करने के लिए भागना पड़ा। या यह भी कोई गुप्त मीटिंग है, जिसके बारे में किसी को पता नहीं चलना चाहिए?”
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