खेल
एमएलसी 2025 : फाफ डु प्लेसिस का शतक बेकार, यूनिकॉर्न्स ने लगाया ‘जीत का चौका’

नई दिल्ली, 21 जून। मेजर लीग क्रिकेट-2025 (एमएलसी) में टेक्सास सुपर किंग्स के कप्तान फाफ डु प्लेसिस की मेहनत पर पानी फेरते हुए सैन फ्रांसिस्को यूनिकॉर्न्स ने सात विकेट से जीत दर्ज की।
एमएलसी 2025 के 10वें मैच में हार के साथ सुपर किंग्स को सीजन का पहला झटका लगा है। टीम ने इससे पहले सभी तीन मैच अपने नाम किए थे। टेक्सास सुपर किंग्स भी चार में से तीन मुकाबले जीतकर दूसरे पायदान पर है, जबकि लगातार चौथी जीत के साथ यूनिकॉर्न्स ने पहले स्थान पर कब्जा जमा रखा है।
डलास में खेले गए इस मुकाबले में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी सुपर किंग्स ने 20 ओवरों में 5 विकेट खोकर 198 रन बनाए।
इस टीम को सलामी जोड़ी ने शानदार शुरुआत दिलाई। डेवोन कॉन्वे ने फाफ डु प्लेसिस के साथ मिलकर 9.1 ओवरों में 97 रन जोड़े। कॉन्वे 23 गेंदों में इतने ही रन बनाकर आउट हए।
इसके बाद कप्तान डु प्लेसिस ने सैतेजा मुक्कामल्ला के साथ दूसरे विकेट के लिए 69 रन जोड़कर टीम को विशाल स्कोर की ओर बढ़ा दिया।
मुक्कामल्ला 16वें ओवर की अंतिम गेंद पर आउट हुए। उन्होंने टीम के खाते मे 38 रन जोड़े। इसके बाद अगली ही गेंद पर डु प्लेसिस को हारिस रऊफ ने अपना शिकार बना दिया। फाफ डु प्लेसिस 51 गेंदों में 100 रन बनाकर पवेलियन लौटे। अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने सात छक्के और छह चौके जड़े।
विपक्षी टीम की ओर से जेवियर बार्टलेट और हारिस रऊफ ने दो-दो विकेट अपने नाम किए।
विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी सैन फ्रांसिस्को यूनिकॉर्न्स को उसकी ओपनिंग जोड़ी ने शानदार शुरुआत दिलाई। कप्तान मैथ्यू शॉर्ट और फिन एलन ने पहले विकेट के लिए 8.3 ओवरों में 117 रन जोड़े। शॉर्ट 29 गेंदों में चार छक्कों और छह चौकों के साथ 61 रन बनाकर आउट हुए।
फिन एलन ने जेक फ्रेजर-मैकगर्क के साथ दूसरे विकेट के लिए 52 रन जुटाए। एलन ने अपनी पारी में 35 गेंदों का सामना किया, जिसमें आठ छक्कों और चार चौकों के साथ 78 रन ठोके, जबकि मैकगर्क ने 37 रन बनाकर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया।
टेक्सास सुपर किंग्स की तरफ से एलम मिल्ने, डेरिल मिशेल और मोहम्मद मोहसिन ने एक-एक विकेट अपने नाम किया।
खेल
अगर मैं सेट हूं, तो अंत तक खेलने की कोशिश करता हूं: यशस्वी जायसवाल

नई दिल्ली, 21 जून। यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड की धरती पर अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा, जिसके दम पर भारत ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की बढ़िया शुरुआत करते हुए पहले दिन 85 ओवर में 359/3 का मजबूत स्कोर बनाया। शतक के बाद जायसवाल ने बताया कि उन्होंने इस पारी के दौरान बहुत कुछ सीखा है।
स्टंप के बाद अपनी पारी पर बातचीत करते हुए जायसवाल ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ से कहा, “हमने यहां आने से पहले काफी तैयारी की थी। खेलना बहुत मजेदार था, और बल्लेबाजी करना बहुत अच्छा लगा। मैंने इसका भरपूर लुत्फ उठाया और बहुत कुछ सीखा।”
यशस्वी जायसवाल ने केएल राहुल के साथ पहले विकेट के लिए 91 रन की ओपनिंग साझेदारी की। उन्होंने इस इनिंग के दौरान मार्गदर्शन के लिए सीनियर बल्लेबाज केएल राहुल को भी श्रेय दिया है।
जायसवाल ने कहा, “केएल राहुल बहुत अनुभवी हैं। मैं उनसे बात करके बहुत कुछ समझ सकता हूं, कहां रन बनाए जा सकते हैं और हम पारी को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। उनके साथ खेलना बहुत मजेदार था।”
यशस्वी जायसवाल ने 157 गेंदों पर 101 रन जड़े। इस दौरान शानदार शॉट सेलेक्शन और मानसिक अनुशासन देखने को मिला। जायसवाल ने ऑफ साइड में इंग्लैंड के गेंदबाजों के खिलाफ शानदार तरीके से रन बनाए।
इस पारी के दौरान जायसवाल ने नए कप्तान शुभमन गिल के साथ 129 रन की साझेदारी भी की। गिल ने पहले दिन की समाप्ति तक 125 रन बना लिए हैं। फिलहाल उनके साथ ऋषभ पंत 65 के स्कोर पर नाबाद हैं।
23 वर्षीय सलामी बल्लेबाज ने अपने मानसिक दृष्टिकोण को रेखांकित किया है, जिसने उनकी पारी को आकार देने में मदद की।
यशस्वी जायसवाल ने कहा, “मैं अपने शॉट्स खेलने के लिए खुद को अधिक समय देने की कोशिश करता हूं। मैं मानसिक रूप से तैयार रहने की कोशिश करता हूं, जितना संभव हो सके उतनी देर तक बल्लेबाजी करने का लक्ष्य रखता हूं। अगर मैं सेट हूं, तो मैं इसे गहराई तक ले जाने और अंत तक खेलने की कोशिश करता हूं।”
राजनीति
जयंती विशेष: गणेश घोष, एक क्रांतिकारी जिसने अपने जीवन के 27 साल जेल में बिताए

नई दिल्ली, 21 जून। गणेश घोष एक क्रांतिकारी और राजनेता थे। आजादी के बाद वे कई बार विधायक, सांसद रहे और देश के नीति निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
गणेश घोष का जन्म चटगांव में एक बंगाली कायस्थ परिवार में 22 जून 1900 को हुआ था। अब यह क्षेत्र बांग्लादेश में पड़ता है। विद्यार्थी जीवन में ही वे स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित हो गए थे। 1922 की गया कांग्रेस में जब बहिष्कार का प्रस्ताव स्वीकार हो गया तो गणेश घोष और उनके साथी अनंत सिंह ने नगर का सबसे बड़ा विद्यालय बंद करा दिया था। इन दोनों युवकों ने चिटगाँव की सबसे बड़ी मज़दूर हड़ताल की भी अगुवाई की।
1922 में उन्होंने कलकत्ता के बंगाल टेक्निकल इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। वह चटगांव युगांतर पार्टी के सदस्य रहे। 18 अप्रैल 1930 को सूर्य सेन और अन्य क्रांतिकारियों के साथ चटगांव शस्त्रागार छापे में उन्होंने भाग लिया था। इस वजह से उन्हें चटगांव से भागना पड़ा। वह हुगली के चंदननगर में रहने लगे। कुछ ही दिन के बाद पुलिस कमिश्नर चार्ल्स टेगार्ट ने चंदननगर के उनके घर पर हमला कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उस गिरफ्तारी अभियान के समय पुलिस ने उनके एक युवा साथी क्रांतिकारी जीबन घोषाल उर्फ माखन को मार डाला था।
पुलिस ने गणेश घोष को गिरफ्तार करने के बाद उन पर मुकदमा किया और 1932 में पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल में भेज दिया। स्वतंत्रता के बाद भी उन्होंने अनेक आंदोलनों में भाग लिया और अपने जीवन के लगभग 27 वर्ष जेल में बिताए। 1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन के बाद गणेश भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के साथ जुड़ गए। 1952, 1957 और 1962 में बेलगछिया से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुने गए। 1967 में कलकत्ता दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के उम्मीदवार के रूप में चौथी लोकसभा के लिए चुने गए। 1971 की लोकसभा में वे फिर से कलकत्ता दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार थे। इस बार उन्हें एक युवा नेता के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
यह युवा नेता कोई और नहीं, प्रिय रंजन दास मुंशी थे। सिर्फ 26 साल की उम्र में दास ने गणेश घोष को हराया था। गणेश घोष की मृत्यु 16 अक्टूबर, 1994 को कोलकाता में हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय
यूएई से भारत लाया गया भगोड़ा उपवन पवन जैन, ठगी के गंभीर आरोप

नई दिल्ली, 21 जून। भारतीय जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। गुजरात के भगोड़े उपवन पवन जैन को यूएई से प्रत्यर्पण करके लाया गया है। उपवन पवन जैन गुजरात पुलिस का वांछित आरोपी है, जिसके खिलाफ धोखाधड़ी, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) और एनसीबी-अबू धाबी से कॉर्डिनेशन किया। इस सहयोग से अपराधी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया। इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वांछित अपराधियों और आरोपियों की ट्रैकिंग के लिए भेजा जाता है।
इसके बाद एजेंसी ने इंटरपोल और अबू धाबी के एनसीबी के साथ मिलकर आरोपी को यूएई में ट्रेस किया और निरंतर समन्वय कर उसे भारत लाने की प्रक्रिया पूरी की। इंटरपोल चैनलों के माध्यम से इस कॉर्डिनेशन के बाद उपवन पवन जैन को 20 जून को भारत वापस लाया गया।
सीबीआई ने एक प्रेस नोट में बताया कि सीबीआई ने गुजरात पुलिस के अनुरोध पर 6 मार्च 2023 को इंटरपोल रेड नोटिस जारी करवाया था। उपवन पवन जैन की गिरफ्तारी यूएई में हुई और उसके बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया था।
सीबीआई के मुताबिक, एक मामला गुजरात के सूरत शहर के अदाजन पुलिस स्टेशन में दर्ज है, जिसमें उस पर छलपूर्वक स्वयं को गलत तरीके से पेश करने, धोखाधड़ी कर संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं।
उपवन पवन जैन एक रियल एस्टेट एजेंट के रूप में कार्यरत था। उसने शिकायतकर्ता को चार अलग-अलग संपत्तियां दिखाईं और उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित किया। आरोप है कि उसने अपने सहयोगियों को असली संपत्ति मालिकों की फर्जी पहचान देकर बैंक खाते खुलवाए और धोखाधड़ी करके साढ़े 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की।
सीबीआई ने प्रेस नोट में बताया कि पिछले कुछ सालों में इंटरपोल के माध्यम से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है। ये सफलता भारत की अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण में बढ़ती क्षमता और सीबीआई की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है।
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