राजनीति
पुष्टाहार उत्पादन इकाई लगा योगी सरकार महिलाओं को बनाएंगी उद्यमी

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सबल व आत्मनिर्भर बनाने के लिए खास तैयारी चल रही है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पुष्टाहार उत्पादन ईकाई से जोड़ कर स्थाई रूप से उद्यमी बनाने की कवायद चल रही है। पहले चरण में 40 लाख रुपए की लागत से फतेहपुर व उन्नाव में पुष्टाहार उत्पादन ईकाई लगाई जाएगी। यहां पर महिलाएं आधुनिक मशीनों से पुष्टाहार तैयार करेंगी। इस आधुनिक उत्पादन केन्द्र का संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में होगा। जो एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) की मांग को पूरा करके लाभार्थियों को पूरक पोषण आहार की आपूर्ति कराएंगी।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आईसीडीएस मांग पर पूरक पोषण आहार समूहों की महिलाओं के माध्यम से 18 जनपदों — अलीगढ, अंबेडकर नगर, औरैया, बागपत, बांदा, चंदौली, इटावा, बिजनौर, फतेहपुर, गोरखपुर, कन्नौज, खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मिजार्पुर, प्रयागराज, सुल्तानपुर एवं उन्नाव के कुल 204 विकासखंडो में वितरित किया जाना है। इसके लिए आधुनिक मशीनों से लैस पुष्टाहार उत्पादन इकाई लगाई जाएगी। राज्य आजीविका ग्रामीण मिशन स्वयं सहायता समूह की 15 से 20 महिलाओं का माइक्रो इंटरप्राइजेज गठित करेगा। इससे जुड़ी महिलाओं को पैन कार्ड व बैंक में खाता खुलवाने का काम भी मिशन के द्वारा किया जाएगा।
राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना से 3 हजार से अधिक समूह की महिलाएं उद्यमी बनेंगी। उनके पास स्थाई स्वरोजगार होगा। प्रत्येक महिला को साल में 240 दिन से अधिक का रोजगार हासिल होगा। रोजगार से जुड़ कर महिलाएं 6 हजार रुपए महीने तक की आमदनी कर सकेंगी। इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों को वितरित किए गए पूरक पोषण आहार पर प्राप्त लाभ में भी महिलाओं को अंश दिया जाएगा। परियोजना का एक वर्ष का टर्नओवर 1200 करोड़ रुपए होगा।
पुष्टाहार उत्पादन इकाई में लगेंगी यह आधुनिक मशीनें :
1. डिस्टोनर-अनाज में से कंकड़ साफ करने की मशीन
2. रोस्टर अनाज को भूनने की मशीन
3. पल्मराइजर – अनाज को पीसने (पाउडर बनाने की मशीन), सिफ्टर- पाउडर को छानने की मशीन, पैकेजिंग- पुष्टाहार को पैकेजिंग करने की मशीन।
महाराष्ट्र
कुर्ला शीतल तालाब पर सीमेंट के खंभे लगाने के खिलाफ भूख हड़ताल

मुंबई: कुर्ला शीतल तालाब के सौंदर्यीकरण के कारण झुग्गियों को छिपाने की कोशिश में स्थानीय झुग्गीवासियों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। छत्रपति शिवाजी महाराज तालाब एक धार्मिक तालाब है और यहां गणपति और देवी का विसर्जन किया जाता है। इस साल तालाब से सटे झुग्गीवासियों को छिपाने के लिए तालाब के किनारे सीमेंट के खंभे लगा दिए गए हैं, जिससे लोगों में गुस्सा है।
इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार ग्रुप के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम भापकर ने भूख हड़ताल शुरू की थी, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अब स्थानीय लोग इस भूख हड़ताल में शामिल होने लगे हैं। अब यह भूख हड़ताल क्रमिक भूख हड़ताल में बदल गई है। भूख हड़ताल पर बैठे घनश्याम भापकर का आरोप है कि झुग्गियों को छिपाने के लिए यह काम किया गया है, जबकि अगर कोई दुर्घटना होती है, तो झुग्गियों के निवासियों का बचना मुश्किल हो जाएगा और इससे निवासियों की सुरक्षा भी खतरे में है। इस परियोजना का विरोध जारी है, लेकिन बीएमसी प्रशासन अड़ा हुआ है और काम जारी है, इसीलिए हम लोग भूख हड़ताल पर भी हैं। जब इस मामले को लेकर कुर्ला एल वार्ड के सहायक नगर आयुक्त धनजी हरलेकर से पूछा गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
भापाकर ने आरोप लगाया है कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग इन सीमेंट के खंभों को लेकर चिंतित हैं। यह काम सिर्फ झुग्गियों को छिपाने के लिए किया गया है, जो जनता को मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सांगदेवाड़ी में आग लगती है तो यही वो रास्ता है जहां से लोगों को निकाला जा सकता है, लेकिन इसे भी रोका जा रहा है। भापाकर ने गंभीर आरोप लगाते हुए इसे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए शीतल झील का रास्ता बंद करने की साजिश बताया है. छत्रपति शिवाजी महाराज झील को बचाने का अभियान शुरू किया गया है और इस संबंध में फिलहाल भूख हड़ताल भी चल रही है
महाराष्ट्र
कसारा रेल दुर्घटना: मीडिया को आम मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं: राज ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने मुंब्रा-दिवा रेल हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि रेलवे से यात्रा करना सबसे कठिन काम है। शाम के समय प्लेटफॉर्म पर इतनी भीड़ होती है कि ट्रेनों में चढ़ना मुश्किल होता है। इसके बावजूद यात्री रेलवे से यात्रा करते हैं। शहरों में कोई प्लानिंग नहीं है। यही वजह है कि रेलवे की हालत खस्ता है। आए दिन रेलवे से यात्रा करने वालों के साथ दुर्घटनाएं होती रहती हैं। शहरों में विकास परियोजनाओं के नाम पर सिर्फ गगनचुंबी इमारतें बन रही हैं, जिनमें पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। ट्रैफिक की समस्या जस की तस है। मुंबई और पुणे में ट्रैफिक की समस्या बेहद चिंताजनक है। रेलवे पर यात्रियों का बोझ बढ़ गया है। रेलवे में मुंबई के लोगों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। यात्रियों की हालत खराब है, लेकिन मीडिया को इन समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे कब साथ आएंगे, इसकी खबर चलाने की बजाय अगर उन्होंने सरकार का ध्यान इन समस्याओं की ओर दिलाया होता तो समाधान मिल गया होता। सिर्फ मेट्रो और मोनोरेल से शहरों का विकास नहीं होगा। मेट्रो और मोनोरेल के बावजूद वाहनों का रजिस्ट्रेशन बंद नहीं हुआ है। मेट्रो और मोनोरेल से कौन यात्रा करता है, इसका कोई अध्ययन नहीं हुआ है। सड़कों पर यातायात की समस्या अभी भी बनी हुई है। ऐसे में शहरी समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। मैं रेल मंत्रालय से मांग करता हूं कि इस ओर ध्यान दिया जाए।
महाराष्ट्र
ठाणे: वागले एस्टेट इलाके में कूड़ेदान में भैंस का कटा हुआ सिर मिला; पुलिस ने जांच शुरू की

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे शहर के एक इलाके में तनाव व्याप्त हो गया, जब कूड़ेदान में एक जानवर का कटा हुआ सिर पाया गया। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। ऐसा संदेह है कि यह सिर भैंस का है।
उन्होंने बताया कि पुलिस रविवार रात वागले एस्टेट क्षेत्र के हजूरी इलाके में पहुंची और तनाव को शांत किया। उन्होंने बताया कि शव के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
वागले एस्टेट पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक शिवाजी गवारे ने बताया कि रविवार रात कुछ लोगों ने इलाके के एक कूड़ेदान में पशु का कटा हुआ सिर देखा और शोर मचाया।
उन्होंने कहा कि इससे तुरंत भीड़ एकत्र हो गई और तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग उठने लगी।
गवारे ने कहा, “सार्वजनिक अशांति की स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां कई लोग एकत्र हुए और पुलिस से आपराधिक मामला दर्ज करने तथा अपराधी को पकड़ने की मांग की।”
उन्होंने कहा, “स्थिति तब बिगड़ गई जब हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को उठाया, विरोध प्रदर्शन किया और जांच की मांग पर अड़े रहे।”
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को शांत करने के लिए तुरंत कदम उठाए।
वागले एस्टेट पुलिस ने शव को जब्त कर लिया है और उसके नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच के लिए एक पशु चिकित्सक को भी मौके पर बुलाया गया है।
गवारे ने कहा, “पुलिस विश्लेषण रिपोर्ट का इंतजार कर रही है…हमें संदेह है कि शव भैंस का हो सकता है।”
उन्होंने कहा, “हमने भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा), 302 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर शब्द आदि बोलना) और 325 (पशु को मारने या अपंग करने की शरारत) तथा महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम-1976 के प्रावधानों के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।”
उन्होंने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है तथा मामले की जांच जारी है।
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