राजनीति
योगी सरकार ने हर जरूरतमंद के लिए तैयार किया रैन बसेरों का मजबूत तंत्र
लखनऊ, 4 जनवरी। कड़ाके की सर्दी में अब कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर नहीं होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में रैन बसेरों और आश्रय स्थलों की सुविधाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य ठंड के प्रकोप से हर जरूरतमंद व्यक्ति को बचाना और उनके लिए सुरक्षित व गरिमामय आश्रय प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि रैन बसेरों का संचालन पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति खुले आसमान, डिवाइडर, सड़क की पटरी या पार्कों में सोने को मजबूर न हो।
प्रदेश में अब तक 1240 रैन बसेरों और आश्रय स्थलों को विकसित किया गया है, जहां ठंड से बचने के लिए सभी आवश्यक संसाधन मौजूद हैं। इसके साथ ही, तीन लाख से अधिक कंबल वितरित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी ने यह भी निर्देश दिया है कि जरूरतमंदों तक कम्बल पहुंचाने में कोई कोताही न बरती जाए।
रैन बसेरों में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है। आश्रय स्थलों में पर्याप्त रोशनी, स्वच्छता और अलाव की व्यवस्था की गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाएं रैन बसेरों में सुरक्षित महसूस करें और उनकी सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखा जाए। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि रैन बसेरों की स्थिति और अलाव की व्यवस्था की तकनीकी मॉनिटरिंग की जाए। राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम से रैन बसेरों, अलाव और कंबल वितरण की स्थिति पर सीधे संवाद किया जा रहा है। फीडबैक के आधार पर कमियों को तुरंत दूर करने का आदेश दिया गया है।
योगी सरकार ने रैन बसेरों की जानकारी आम जन तक पहुंचाने के लिए नगर निगम को विशेष निर्देश दिए हैं। प्रत्येक जोन में रैन बसेरों की विस्तृत सूची प्रदर्शित की जा रही है। इसके अलावा, बस अड्डों और प्रमुख स्थलों पर लगे डिजिटल स्क्रीन पर भी रैन बसेरों की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इससे लोगों को आसानी से निकटतम रैन बसेरों की जानकारी मिल सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों को ठंड से निपटने के लिए पर्याप्त बजट का आवंटन किया गया है। जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों को रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे रैन बसेरों पर जाकर जरूरतमंदों से बातचीत करें और उनके अनुभवों के आधार पर सुधारात्मक कदम उठाएं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि रैन बसेरों में स्वच्छता और गरिमामय माहौल बना रहे। इसके अलावा, स्थान-स्थान पर जलाए जा रहे अलाव की स्थिति पर निगरानी के लिए तकनीकी सहायता का उपयोग किया जा रहा है। योगी सरकार की इन ठोस पहलों ने सर्दी के मौसम में रैन बसेरों और आश्रय स्थलों को जरूरतमंदों के लिए एक सुरक्षित और सशक्त तंत्र बना दिया है।
राष्ट्रीय समाचार
भारत में एचएमपीवी वायरस का तीसरा केस मिला, अहमदाबाद में 2 महीने का बच्चा पॉजिटिव
अहमदाबाद, 6 जनवरी। चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। भारत में भी एचएमपीवी वायरस के मामले सामने आने लगे हैं। बेंगलुरु के बाद गुजरात के अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चे का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
भारत में अब तक एचएमपीवी वायरस के तीन मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से दो कर्नाटक में और अब एक मामला गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है। बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण हैं। निजी अस्पताल की एक लैब के अनुसार, बच्चे की एचएमवीपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चा मोडासा के नजदीक एक गांव का रहने वाला है। बच्चे की तबीयत सामान्य बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने वायरस की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि यदि आप खांसते या छींकते हैं तो अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढके रहें। बीमार हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। यदि सांस संबंधी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाएं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एचएमपीवी वायरस वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं। हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। इस वायरस से संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है। इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसे परेशानी भी हो सकती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं। सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: पश्चिमी रेलवे यात्रियों के लिए डिजिटल लाउंज शुरू करने की तैयारी में
मुंबई: पश्चिमी रेलवे यूरोपीय रेलवे स्टेशनों पर इसी तरह की सुविधाओं से प्रेरित होकर चुनिंदा स्टेशनों और टर्मिनलों पर सह-कार्य स्थल शुरू करने की योजना बना रहा है। दफ़्तर जाने वालों को जल्द ही स्टेशनों पर अपनी ट्रेनों का इंतज़ार करते समय डिजिटल लाउंज में काम करने का विकल्प मिलेगा। भारतीय रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने की पहल के तहत, पश्चिमी रेलवे एक नया प्रयोग करने जा रहा है, जिसे गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) योजना के तहत विकसित किया जाएगा।
पश्चिमी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2025 में यात्रियों की सुविधाओं के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे, जिसमें प्रमुख टर्मिनल स्टेशनों पर कामकाजी व्यक्तियों के लिए डिजिटल लाउंज बनाने की योजना भी शामिल है। इन डिजिटल लाउंज का प्रस्ताव जल्द ही रेलवे बोर्ड को सौंपा जाएगा।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) प्रमुख टर्मिनस स्टेशनों पर डीलक्स लाउंज शुरू करने जा रहा है, जिससे यात्रियों को आराम करने के लिए आरामदायक जगह मिलेगी। इन डिजिटल लाउंज में वातानुकूलित कार्यालय जैसा वातावरण होगा, जिसमें लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट जैसी सुविधाएँ होंगी, साथ ही वाई-फाई-सक्षम टेबल भी होंगी।
इसके अलावा, चाय और कॉफी की भी व्यवस्था होगी, जो इसे उन लोगों के लिए आदर्श स्थान बनाएगी जो शोरगुल वाले इलाकों से दूर काम करना चाहते हैं। प्रत्येक डिजिटल लाउंज में 40 लोगों के बैठने की जगह होगी, जिससे वे एक साथ काम कर सकेंगे। पश्चिमी रेलवे के अधिकारियों ने पहले ही उन स्टेशनों की पहचान शुरू कर दी है, जहाँ ये लाउंज बनाए जा सकते हैं।
गैर-किराया राजस्व मॉडल सार्वजनिक परिवहन ऑपरेटरों को ऐसे स्रोतों से आय उत्पन्न करने का एक तरीका प्रदान करता है जो किसी निश्चित किराया संरचना पर निर्भर नहीं होते हैं। ऑपरेटर विज्ञापन, किराया, दूरसंचार सेवाओं और अन्य सहित विभिन्न माध्यमों से एनएफआर कमा सकते हैं। पश्चिमी रेलवे के डिजिटल लाउंज को उनके गैर-किराया राजस्व मॉडल में एकीकृत किया जाएगा।
अपराध
पलामू में बर्थडे पार्टी के बाद घर पर गोलीबारी, दो अपराधी मारे गए, दो अन्य जख्मी
पलामू, 6 जनवरी। पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में रविवार-सोमवार की रात झारखंड के पांडेय गैंग के दो अपराधियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोलीबारी में दो अन्य लोग जख्मी हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए पलामू के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है। यह वारदात आपराधिक गिरोहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा मानी जा रही है।
पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि मारे गए अपराधियों की पहचान भरत पांडेय और दीपक साव के रूप में हुई है। भरत पांडेय एक आपराधिक मामले में लंबे वक्त तक जेल में बंद था। वह बीते 22 दिसंबर को जेल से बाहर निकला था।
बताया गया कि पांडेय गिरोह के कई सदस्य पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा गांव में एक घर में दीपक साव नामक व्यक्ति के पुत्र की बर्थडे पार्टी में जुटे थे। रविवार-सोमवार की देर रात प्रतिद्वंद्वी आपराधिक गिरोह के लोग हथियारों से लैस होकर पहुंचे और घर का दरवाजा खुलवाकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से भरत पांडेय और दीपक साव ने मौके पर ही दम तोड़ तोड़ दिया, जबकि घर के दो अन्य लोग जख्मी हो गए। देर रात फायरिंग से इलाके में दहशत फैल गई।
भरत पांडेय और दीपक साव दोनों के खिलाफ हजारीबाग और रामगढ़ जिले के कई थाना क्षेत्रों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। वे पुलिस की मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की लिस्ट में शामिल थे। दोनों रामगढ़ कोयलांचल में सक्रिय कुख्यात पांडेय गैंग से जुड़े थे, लेकिन हाल में दोनों ने अलग से एक गैंग खड़ा कर लिया था।
वारदात की सूचना पाकर चैनपुर और पलामू के कई थाना क्षेत्रों की पुलिस मौके पर पहुंची। मारे गए अपराधियों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। गोली लगने से जख्मी हुए दो अन्य लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है।
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