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Wednesday,23-July-2025
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मुसलमानों के लिए फरिश्ता है योगी आदित्यनाथ, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का दावा

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हिंदू, हिंदुत्व, राम मंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों की वजह से विरोधी दल हमेशा से भाजपा को मुस्लिम विरोधी दल बता कर निशाना साधते रहे हैं। इसी छवि की वजह से भाजपा कभी यह उम्मीद भी नहीं करती थी कि मुस्लिम समुदाय उन्हें वोट भी कर सकता है। हालांकि, इस बार भाजपा खुल कर मुस्लिम वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही है और मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने का दावा भी कर रही है। पार्टी किस तरह से अपने नेताओं की छवि बदलने का प्रयास कर रही है और इस अभियान में उन्हें कितनी कामयाबी मिलने की उम्मीद है, इन तमाम मुद्दों पर आईएएनएस के वरिष्ठ सहायक संपादक संतोष कुमार पाठक ने मुस्लिमों को भाजपा के साथ जोड़ने के मिशन में लगे भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी से खास बातचीत की।

सवाल – आप लगातार यह दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम मतदाता भी भाजपा के साथ जुड़ रहा है लेकिन आपके विरोधी लगातार आपके नेताओं की छवि को लेकर आपको मुस्लिम विरोधी कहते आए हैं। आम तौर पर यह कहा भी जाता है कि मुस्लिम वोटर भाजपा को वोट नहीं कर सकता, तो इस बार ऐसा क्या बदल गया जो आप मुस्लिम वोट भी हासिल करने का दावा कर रहे हैं।

जवाब- जिस तरह की गलतफहमी बनाई गई थी , उसका सच अब मुसलमान जानने लगा है। जिस भगवा से अब तक मुसलमानों को डराया जाता था , उस भगवा के बारे में भी मुसलमान अब जान गया है कि यह हमारा चिश्तिया कलर है। जिन योगी आदित्यनाथ को लेकर मुसलमानों को डराया जाता था , उनके कामकाज को देखकर मुसलमानों को भी अब समझ आ गया है कि ये तो हमारे लिए फरिश्ता है, हमारे लिए काम कर रहा है। कोरोना काल में हमारी मदद की, गुंडाराज को खत्म किया , मुसलमानों के जमीन पर कब्जा करने वाले आजम खान जैसे बाहुबली को अंदर किया। इससे मुसलमान खुश है। जिन मोदी के नाम को लेकर डराया जाता था , उनके बारे में अब देश का मुसलमान यह जान गया है कि ये देश ही नहीं दुनिया भर में हमारा नाम कर रहे हैं। वास्तव में जिस छवि को लेकर बार-बार आरोप लगाया जाता रहा है वो तो बहुत पहले ही समाप्त हो गया है। अंधेरा छंट गया, सूरज निकल गया और लोगों ने उजाले में देख लिया कि सच क्या है ? कौन, कैसा है ?

सवाल – लेकिन जो मुस्लिम समाज आमतौर पर अब तक भाजपा को हराने के लिए ही वोट करता आया है, वो इस बार आपके पक्ष में वोट क्यों करेगा ?

जवाब- अब देश का मुस्लिम समाज भी विकास के रास्ते पर चलना चाहता है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुसलमानों के विकास के लिए काफी काम किए हैं। कोरोना काल में भी लोगों की जमकर मदद की है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दिया गया , उसमें यह नहीं देखा गया कि यह मुसलमानों के घरों में क्यों जा रहा है। किसी भी योजना में मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया बल्कि सच्चाई तो यह है कि भाजपा सरकार की तमाम योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ मुस्लिम समाज को ही हुआ है। हमारी सरकारों के कामकाज को मुस्लिम समाज देख रहा है। लोगों ने आजमा कर हमारे बारे में फैलाए गए भ्रम को दूर कर लिया है और मुस्लिमों की समझ में आ गया है कि भारतीय जनता पार्टी ही उनका उद्धार और उत्थान कर सकती है, इसलिए बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं , काम कर रहे हैं।

सवाल – पिछले कुछ दिनों से हिंदू और हिंदुत्व को लेकर लगातार कांग्रेस नेताओं के बयान आ रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए ही कांग्रेस इन मुद्दों के सहारे भाजपा पर हमला कर रही है। कांग्रेस की इस नीति को लेकर आपका क्या कहना है ?

जवाब – कांग्रेस एक कंफ्यूज राजनीतिक दल है। ये अधर्मी लोग है जो वोट के लिए धर्म बदलते रहते हैं। इस्लाम में कहा गया है कि किसी भी धर्म के बारे में बुरा नहीं बोलना चाहिए। मुसलमान तो भगवान श्रीराम को इमाम ए हिन्द कहता है। भारत का बच्चा-बच्चा भगवान श्रीराम का आदर करता है और उनके अनादर को मुसलमान कभी भी पसंद नहीं करेगा। हकीकत में, ये वोट के लालच में कुछ भी कर सकते हैं। ये वोट के सौदागर है। ये कभी टोपी पहनते हैं, कभी जनेऊ डालते हैं, कभी क्रास पहनते हैं। इनको सिर्फ वोट चाहिए। अब जनता यह समझ गई है कि वोट के इन सौदागरों का कोई धर्म नहीं है और न ही ये हमारे काम के हैं। ये तो आगे भी इसी तरह का बयान देते रहेंगे।

सवाल – आपके विरोधियों की भी एक छवि रही है। मुलायम सिंह यादव को तो मुसलमानों का मसीहा बताया जाता रहा है । आज भी समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव मुस्लिम समाज को अपना स्वाभाविक और सबसे भरोसेमंद वोट बैंक मानते हैं। ऐसे में आप सपा से मुस्लिम समाज को कैसे अलग कर पाएंगे ?

जवाब – मुलायम सिंह यादव ने अपने जमाने में सिर्फ वोट के लालच में टोपी पहनी, हाजी रुमाल डाला , खुद को मुल्ला मुलायम कहलवाने में गर्व महसूस किया लेकिन उन्होने मुसलमानों के लिए एक भी काम नहीं किया। सिर्फ वोट लिया, इफ्तार दिया, खजूर खिलाया, बिरयानी खिलाई और भूल गए। मुसलमानों का वोट लेकर सरकार बनाने वाले अखिलेश यादव ने इस समाज की बेहतरी के लिए एक भी ठोस काम नहीं किया। सपा सरकार के दौर में सिर्फ यादवों का ही ध्यान रखा गया जबकि मुसलमानों ने उन्हे बड़ी तादाद में वोट किया था। ये लोग अब समाप्ति की ओर है। मुसलमानों को अब काम चाहिए , विकास चाहिए। यह जो नई पीढ़ी आई है , उसे धर्म के साथ-साथ रोजगार भी चाहिए ताकि वो गरीबी से बाहर आ सके, आर्थिक रूप से मजबूत हो सके और यह व्यवस्था भाजपा कर रही है। अब मुसलमान किसी का वोट बैंक नहीं रहा है। अब मुसलमान पहचान कर , टटोल कर, ठोक-बजाकर काम के आधार पर ही वोट करेगा और इस पैमाने पर भाजपा सबसे आगे है।

सवाल – जिस तरह के आरोप आप सपा और अन्य दलों पर लगा रहे हैं , उसी तरह के आरोपों की लिस्ट के साथ ओवैसी साहब भी मुस्लिम समुदाय से वोट मांग रहे हैं.

जवाब- ओवैसी पहले तेलंगाना और हैदराबाद में तो मुसलमानों की मदद कर दे। आज भी वहां मुसलमानों की जगहों पर , वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा है। भाजपा उनके गढ़ में ही लगातार मजबूत हो रही है और हाल ही में हम उनके इलाके में उपचुनाव जीत कर आए हैं। जो अपना घर न बचा सके, अपने घर के लोगों को न्याय न दे सके वो बाहर क्या करेगा। शुरूआत में कुछ जगहों पर उन्हे कामयाबी जरूर मिली लेकिन बाद में लोगों को यह पता लग गया कि यह तो जिन्ना का दूसरा रूप है। देश के मुसलमानों को यह समझ आ गया कि अगर ओवैसी को मजबूत करेंगे तो यह शख्स जिन्ना की तरह फिर से देश को बांट देगा और अब देश का मुसलमान इस देश को बांटना नहीं चाहता है।

सवाल – लेकिन अखिलेश यादव तो ओवैसी साहब को भाजपा की बी टीम बताते हैं..

जवाब- कहने को तो लोग कुछ भी कह देंगे लेकिन मेरा यह मानना है उत्तर प्रदेश में ओवैसी के लिए कोई जगह नहीं है। यूपी का मुसलमान बहुत समझदार है और उसे समझ आ गया है कि उसका भला कौन कर सकता है। इसलिए विरोधी कहीं खड़े नहीं हो पा रहे हैं। आज कांग्रेस के लिए कोई जगह नहीं बची है, समाजवादी पार्टी समाप्ति की ओर है और बहुजन समाज पार्टी समाप्त हो चुकी है तो ओवैसी जैसे लोग क्या करेंगे वहां पर।

सवाल – भाजपा की तैयारी की बात की जाए तो आप लोग मुस्लिम मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए क्या कर रहे हैं ?

जवाब – उत्तर प्रदेश की बात करें तो 2017 विधान सभा चुनाव में 35-40 सीटें हम 5 हजार और इससे कम वोट के अंतर से हारे थे। इस बार हम इन सीटों पर खास फोकस कर रहे हैं। प्रदेश में 6,500 के लगभग बूथ ऐसे हैं जहां पसमांदा समाज के पिछड़े मुस्लिम ज्यादा रहते हैं। हम लोग बढ़ई, लोहार, नाई , धोबी और जुलाहे समेत मुस्लिम समाज के इन पिछड़े ( पसमांदा ) तबकों के लोगों के साथ टिफिन बैठक और अन्य कई तरह के कार्यक्रम कर सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश की हर विधानसभा में हम कम से कम 5 हजार मुसलमानों का वोट हासिल करने के लक्ष्य को लेकर भी काम कर रहे हैं और इसके लिए हर विधान सभा में 100 ऐसे लोगों का चयन किया जा रहा है जो सक्रिय तौर पर फिलहाल पार्टी के साथ नहीं जुड़े हैं। हमें भरोसा ही नहीं पूरा यकीन है कि मुस्लिम समाज भाजपा को वोट करेगा क्योंकि मुसलमान कांग्रेस , सपा , बसपा सबको आजमा चुका हैं और अब उन्हें सिर्फ भाजपा से ही उम्मीद है।

राष्ट्रीय समाचार

संसद में हंगामा जारी, लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित

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नई दिल्ली, 23 जुलाई। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को गुरुवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। दोनों सदनों में हंगामे के कारण बार-बार सदन की कार्यवाही बाधित हुई और इसे कई बार स्थगित करना पड़ा।

दोपहर 2 बजे जब दोनों सदनों की कार्यवाही एक बार फिर से शुरू हुई, तो भी सदन में नारेबाजी जारी रही। इसके चलते लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सदन में विचार तथा पारण के लिए समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक 2025 पेश किया।

इस दौरान सदन में विपक्ष के सांसद नारेबाजी करते नजर आए। विपक्षी सांसद बिहार में मतदाता सूची में रिव्यू का मुद्दा उठा रहे थे। विपक्ष के सांसद बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण मामले पर चर्चा चाहते थे, लेकिन इसकी अनुमति न मिलने पर विपक्ष के सांसद नारेबाजी करते हुए अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए। वे बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को रद्द करने के नारे लगा रहे थे।

सदन में हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्रवाई गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कुछ यही स्थिति लोकसभा में भी रही। लोकसभा में गोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुनः समायोजन विधेयक 2024 सदन के समक्ष विचार व पारित करने के लिए रखा जाना था। यहां भी विपक्ष के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण मामले पर चर्चा की मांग उठाई। अपनी इस मांग को लेकर विपक्ष के सांसद नारेबाजी करने लगे और फिर विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए। यहां भी सदन में लगातार बढ़ता हंगामा देख सदन की कार्रवाई को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

इससे पहले आसन पर मौजूद पीठासीन अधिकारी कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसदों से अपनी सीटों पर वापस जाने का अनुरोध किया। उन्होंने सदन की कार्रवाई सुचारु रूप से चलने देने और नारेबाजी न करने का अनुरोध किया, लेकिन विपक्ष के सांसद अपनी मांग पर अड़े रहे हैं। इसके चलते सदन में बढ़ते हंगामे को देखते हुए पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्रवाई को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

गौरतलब है कि बुधवार को संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल भी नहीं हो सका। राज्यसभा व लोकसभा दोनों ही सदनों में प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। बुधवार सुबह 11 बजे लोकसभा व राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने पर दोनों सदनों में हंगामा हुआ। हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

जब 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, यहां दोनों सदनों में सरकार व मंत्रियों से प्रश्न पूछने के लिए प्रश्न काल होना था, लेकिन 12 बजे भी सदन में नारेबाजी जारी रही, जिसके कारण लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि, 2 बजे भी यह हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

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महाराष्ट्र

मुंबई में अगले 24 घंटे भारी बारिश, अलर्ट, अंधेरी मेट्रो जलमग्न, नागरिक परेशान

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मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई और मुंबई शहर में भारी बारिश जारी है। बारिश के कारण मुंबई के निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे मध्य और पश्चिमी रेलमार्ग पर रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। वहीं, मौसम विभाग ने महाराष्ट्र में अगले 24 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है। मुंबई समेत कोंकण क्षेत्र, सिंधुदुर्ग, नवी मुंबई, रायगढ़, कल्याण पुलिस स्टेशन में भारी बारिश जारी है। मुंबई में बारिश के कारण अंधेरी मेट्रो में पानी जमा होने से यहां यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई, इतना ही नहीं, मेट्रो पूरी तरह से बंद कर दी गई। मेट्रो समेत निचले इलाकों में पानी भर जाने से नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भारी बारिश जारी है, इसलिए यहां नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके साथ ही मुंबई में आपदा प्रबंधन को भी निर्देश जारी किए गए हैं। बीएमसी ने जानकारी दी है कि शाम 5:30 बजे और रात 8:30 बजे समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए तटीय इलाकों में छोटी नावों के समुद्र में जाने पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही मुंबई पुलिस स्टेशन, नवी मुंबई, रायगढ़ पुलिस स्टेशन जिलों के नागरिकों को बारिश के दौरान सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। तट और झीलों के आसपास ताज़ा बारिश दर्ज की गई है, जिससे झीलों और बांधों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीएमसी ने बारिश पर संतोष जताया है, वहीं मुंबई में बारिश के कारण नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर और उपनगरीय इलाकों में कल रात से ही बारिश जारी है। रुक-रुक कर बारिश हो रही है।

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राष्ट्रीय समाचार

महाराष्ट्र सरकार 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोटों में बरी होने के मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई; कल सुनवाई तय

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मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने 7/11 के 2006 के ट्रेन विस्फोट मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 24 जुलाई को तय की है।

11 जुलाई 2006 को हुए विस्फोटों के परिणामस्वरूप मुंबई की उपनगरीय रेल प्रणाली में 180 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हो गई तथा अनेक अन्य घायल हो गए।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक विशेष अदालत द्वारा 2015 में दिए गए दोषसिद्धि के फ़ैसलों को रद्द कर दिया है, यह दर्शाता है कि अभियोजन पक्ष आरोपों की पुष्टि नहीं कर पाया। न्यायाधीशों ने कहा कि इस्तेमाल किए गए बमों के विशिष्ट प्रकार का निर्धारण नहीं किया गया था, और प्रस्तुत साक्ष्य दोषसिद्धि के लिए अपर्याप्त थे।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया और 2015 के विशेष अदालत के फैसले को पलट दिया, जिसमें कई लोगों को दोषी ठहराया गया था, जिनमें से पाँच को मौत की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आरोपों के समर्थन में विश्वसनीय सबूत पेश करने में विफल रहने के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की आलोचना की। 11 जुलाई, 2006 को हुए बम विस्फोटों में 189 लोग मारे गए और 824 घायल हुए, जिसके बाद एटीएस ने व्यापक जाँच शुरू की।

अपने फैसले में, उच्च न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के मामले से जुड़े कई मुद्दों की ओर इशारा किया, खासकर गवाहों की गवाही की विश्वसनीयता और दबाव में लिए गए बयानों की वैधता पर। अदालत ने कहा कि कई गवाह, जैसे टैक्सी चालक और बम विस्फोट देखने का दावा करने वाले व्यक्ति, विश्वसनीय और समय पर सबूत पेश करने में विफल रहे। उदाहरण के लिए, टैक्सी चालकों ने विस्फोटों के महीनों बाद तक अपनी मुठभेड़ों की रिपोर्ट नहीं दी, और उनकी गवाही में विसंगतियों ने उनकी विश्वसनीयता को और कमज़ोर कर दिया।

अदालत ने अभियुक्तों के इकबालिया बयानों को अविश्वसनीय पाया, और यह संकेत दिया कि उन्हें यातना देकर हासिल किया गया था। ज़ब्त किए गए विस्फोटकों को ठीक से संभालने और सील करने में अभियोजन पक्ष की असमर्थता ने सबूतों को कमज़ोर कर दिया, जिससे बम की सामग्री की पहचान नहीं हो पाई। न्यायाधीशों ने दोषसिद्धि से न्याय की झूठी भावना की आलोचना की और कहा कि इसमें व्यापक रूप से अन्य लोगों से उत्पन्न वास्तविक खतरे को नज़रअंदाज़ किया गया।

इस मामले की कमियों में स्वीकारोक्ति पर अत्यधिक निर्भरता और संदिग्ध प्रत्यक्षदर्शी पहचान शामिल थी। प्रक्रियात्मक अनियमितताओं, जैसे अनुचित पहचान परेड, के कारण मामला खारिज कर दिया गया। उच्च न्यायालय ने एक निष्पक्ष न्याय प्रणाली के महत्व पर बल देते हुए, एटीएस को उचित संदेह से परे अपराध साबित करने में विफल रहने का फैसला सुनाया। यह मामला साक्ष्य मानकों को बनाए रखने के महत्व और आतंकवाद के मुकदमों में आने वाली चुनौतियों को उजागर करता है, और गहन जाँच और विश्वसनीय साक्ष्य की आवश्यकता पर बल देता है।

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