राजनीति
मुसलमानों के लिए फरिश्ता है योगी आदित्यनाथ, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का दावा

हिंदू, हिंदुत्व, राम मंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों की वजह से विरोधी दल हमेशा से भाजपा को मुस्लिम विरोधी दल बता कर निशाना साधते रहे हैं। इसी छवि की वजह से भाजपा कभी यह उम्मीद भी नहीं करती थी कि मुस्लिम समुदाय उन्हें वोट भी कर सकता है। हालांकि, इस बार भाजपा खुल कर मुस्लिम वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही है और मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने का दावा भी कर रही है। पार्टी किस तरह से अपने नेताओं की छवि बदलने का प्रयास कर रही है और इस अभियान में उन्हें कितनी कामयाबी मिलने की उम्मीद है, इन तमाम मुद्दों पर आईएएनएस के वरिष्ठ सहायक संपादक संतोष कुमार पाठक ने मुस्लिमों को भाजपा के साथ जोड़ने के मिशन में लगे भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी से खास बातचीत की।
सवाल – आप लगातार यह दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम मतदाता भी भाजपा के साथ जुड़ रहा है लेकिन आपके विरोधी लगातार आपके नेताओं की छवि को लेकर आपको मुस्लिम विरोधी कहते आए हैं। आम तौर पर यह कहा भी जाता है कि मुस्लिम वोटर भाजपा को वोट नहीं कर सकता, तो इस बार ऐसा क्या बदल गया जो आप मुस्लिम वोट भी हासिल करने का दावा कर रहे हैं।
जवाब- जिस तरह की गलतफहमी बनाई गई थी , उसका सच अब मुसलमान जानने लगा है। जिस भगवा से अब तक मुसलमानों को डराया जाता था , उस भगवा के बारे में भी मुसलमान अब जान गया है कि यह हमारा चिश्तिया कलर है। जिन योगी आदित्यनाथ को लेकर मुसलमानों को डराया जाता था , उनके कामकाज को देखकर मुसलमानों को भी अब समझ आ गया है कि ये तो हमारे लिए फरिश्ता है, हमारे लिए काम कर रहा है। कोरोना काल में हमारी मदद की, गुंडाराज को खत्म किया , मुसलमानों के जमीन पर कब्जा करने वाले आजम खान जैसे बाहुबली को अंदर किया। इससे मुसलमान खुश है। जिन मोदी के नाम को लेकर डराया जाता था , उनके बारे में अब देश का मुसलमान यह जान गया है कि ये देश ही नहीं दुनिया भर में हमारा नाम कर रहे हैं। वास्तव में जिस छवि को लेकर बार-बार आरोप लगाया जाता रहा है वो तो बहुत पहले ही समाप्त हो गया है। अंधेरा छंट गया, सूरज निकल गया और लोगों ने उजाले में देख लिया कि सच क्या है ? कौन, कैसा है ?
सवाल – लेकिन जो मुस्लिम समाज आमतौर पर अब तक भाजपा को हराने के लिए ही वोट करता आया है, वो इस बार आपके पक्ष में वोट क्यों करेगा ?
जवाब- अब देश का मुस्लिम समाज भी विकास के रास्ते पर चलना चाहता है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुसलमानों के विकास के लिए काफी काम किए हैं। कोरोना काल में भी लोगों की जमकर मदद की है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दिया गया , उसमें यह नहीं देखा गया कि यह मुसलमानों के घरों में क्यों जा रहा है। किसी भी योजना में मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया बल्कि सच्चाई तो यह है कि भाजपा सरकार की तमाम योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ मुस्लिम समाज को ही हुआ है। हमारी सरकारों के कामकाज को मुस्लिम समाज देख रहा है। लोगों ने आजमा कर हमारे बारे में फैलाए गए भ्रम को दूर कर लिया है और मुस्लिमों की समझ में आ गया है कि भारतीय जनता पार्टी ही उनका उद्धार और उत्थान कर सकती है, इसलिए बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं , काम कर रहे हैं।
सवाल – पिछले कुछ दिनों से हिंदू और हिंदुत्व को लेकर लगातार कांग्रेस नेताओं के बयान आ रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए ही कांग्रेस इन मुद्दों के सहारे भाजपा पर हमला कर रही है। कांग्रेस की इस नीति को लेकर आपका क्या कहना है ?
जवाब – कांग्रेस एक कंफ्यूज राजनीतिक दल है। ये अधर्मी लोग है जो वोट के लिए धर्म बदलते रहते हैं। इस्लाम में कहा गया है कि किसी भी धर्म के बारे में बुरा नहीं बोलना चाहिए। मुसलमान तो भगवान श्रीराम को इमाम ए हिन्द कहता है। भारत का बच्चा-बच्चा भगवान श्रीराम का आदर करता है और उनके अनादर को मुसलमान कभी भी पसंद नहीं करेगा। हकीकत में, ये वोट के लालच में कुछ भी कर सकते हैं। ये वोट के सौदागर है। ये कभी टोपी पहनते हैं, कभी जनेऊ डालते हैं, कभी क्रास पहनते हैं। इनको सिर्फ वोट चाहिए। अब जनता यह समझ गई है कि वोट के इन सौदागरों का कोई धर्म नहीं है और न ही ये हमारे काम के हैं। ये तो आगे भी इसी तरह का बयान देते रहेंगे।
सवाल – आपके विरोधियों की भी एक छवि रही है। मुलायम सिंह यादव को तो मुसलमानों का मसीहा बताया जाता रहा है । आज भी समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव मुस्लिम समाज को अपना स्वाभाविक और सबसे भरोसेमंद वोट बैंक मानते हैं। ऐसे में आप सपा से मुस्लिम समाज को कैसे अलग कर पाएंगे ?
जवाब – मुलायम सिंह यादव ने अपने जमाने में सिर्फ वोट के लालच में टोपी पहनी, हाजी रुमाल डाला , खुद को मुल्ला मुलायम कहलवाने में गर्व महसूस किया लेकिन उन्होने मुसलमानों के लिए एक भी काम नहीं किया। सिर्फ वोट लिया, इफ्तार दिया, खजूर खिलाया, बिरयानी खिलाई और भूल गए। मुसलमानों का वोट लेकर सरकार बनाने वाले अखिलेश यादव ने इस समाज की बेहतरी के लिए एक भी ठोस काम नहीं किया। सपा सरकार के दौर में सिर्फ यादवों का ही ध्यान रखा गया जबकि मुसलमानों ने उन्हे बड़ी तादाद में वोट किया था। ये लोग अब समाप्ति की ओर है। मुसलमानों को अब काम चाहिए , विकास चाहिए। यह जो नई पीढ़ी आई है , उसे धर्म के साथ-साथ रोजगार भी चाहिए ताकि वो गरीबी से बाहर आ सके, आर्थिक रूप से मजबूत हो सके और यह व्यवस्था भाजपा कर रही है। अब मुसलमान किसी का वोट बैंक नहीं रहा है। अब मुसलमान पहचान कर , टटोल कर, ठोक-बजाकर काम के आधार पर ही वोट करेगा और इस पैमाने पर भाजपा सबसे आगे है।
सवाल – जिस तरह के आरोप आप सपा और अन्य दलों पर लगा रहे हैं , उसी तरह के आरोपों की लिस्ट के साथ ओवैसी साहब भी मुस्लिम समुदाय से वोट मांग रहे हैं.
जवाब- ओवैसी पहले तेलंगाना और हैदराबाद में तो मुसलमानों की मदद कर दे। आज भी वहां मुसलमानों की जगहों पर , वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा है। भाजपा उनके गढ़ में ही लगातार मजबूत हो रही है और हाल ही में हम उनके इलाके में उपचुनाव जीत कर आए हैं। जो अपना घर न बचा सके, अपने घर के लोगों को न्याय न दे सके वो बाहर क्या करेगा। शुरूआत में कुछ जगहों पर उन्हे कामयाबी जरूर मिली लेकिन बाद में लोगों को यह पता लग गया कि यह तो जिन्ना का दूसरा रूप है। देश के मुसलमानों को यह समझ आ गया कि अगर ओवैसी को मजबूत करेंगे तो यह शख्स जिन्ना की तरह फिर से देश को बांट देगा और अब देश का मुसलमान इस देश को बांटना नहीं चाहता है।
सवाल – लेकिन अखिलेश यादव तो ओवैसी साहब को भाजपा की बी टीम बताते हैं..
जवाब- कहने को तो लोग कुछ भी कह देंगे लेकिन मेरा यह मानना है उत्तर प्रदेश में ओवैसी के लिए कोई जगह नहीं है। यूपी का मुसलमान बहुत समझदार है और उसे समझ आ गया है कि उसका भला कौन कर सकता है। इसलिए विरोधी कहीं खड़े नहीं हो पा रहे हैं। आज कांग्रेस के लिए कोई जगह नहीं बची है, समाजवादी पार्टी समाप्ति की ओर है और बहुजन समाज पार्टी समाप्त हो चुकी है तो ओवैसी जैसे लोग क्या करेंगे वहां पर।
सवाल – भाजपा की तैयारी की बात की जाए तो आप लोग मुस्लिम मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए क्या कर रहे हैं ?
जवाब – उत्तर प्रदेश की बात करें तो 2017 विधान सभा चुनाव में 35-40 सीटें हम 5 हजार और इससे कम वोट के अंतर से हारे थे। इस बार हम इन सीटों पर खास फोकस कर रहे हैं। प्रदेश में 6,500 के लगभग बूथ ऐसे हैं जहां पसमांदा समाज के पिछड़े मुस्लिम ज्यादा रहते हैं। हम लोग बढ़ई, लोहार, नाई , धोबी और जुलाहे समेत मुस्लिम समाज के इन पिछड़े ( पसमांदा ) तबकों के लोगों के साथ टिफिन बैठक और अन्य कई तरह के कार्यक्रम कर सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश की हर विधानसभा में हम कम से कम 5 हजार मुसलमानों का वोट हासिल करने के लक्ष्य को लेकर भी काम कर रहे हैं और इसके लिए हर विधान सभा में 100 ऐसे लोगों का चयन किया जा रहा है जो सक्रिय तौर पर फिलहाल पार्टी के साथ नहीं जुड़े हैं। हमें भरोसा ही नहीं पूरा यकीन है कि मुस्लिम समाज भाजपा को वोट करेगा क्योंकि मुसलमान कांग्रेस , सपा , बसपा सबको आजमा चुका हैं और अब उन्हें सिर्फ भाजपा से ही उम्मीद है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण ईद-उल-अजहा के लिए पुलिस अलर्ट

मुंबई: मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में ईद-उल-अजहा शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। ठाणे में ईद-उल-अजहा पर उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया। पुलिस ने सोशल मीडिया पर जहर फैलाने वाले ऐसे तत्वों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। इसके साथ ही कल्याण के दोगाडी फोर्ट स्थित ईदगाह में भी शांतिपूर्ण नमाज अदा की गई। फोर्ट स्थित मंदिर में घंटी बजाने की भी कोशिश की गई और नमाज के ठीक समय पर शिवसेना और शिंदे कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और घंटी बजा दी, जिसके कारण पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और माहौल खराब होने से बचा लिया।
पुलिस कमिश्नर आशुतोष डुंबरे ने मुंब्रा, भिवंडी पुलिस स्टेशन, राबोड़ी कल्याण और उल्हासनगर जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। मुंबई में भी ईद-उल-अजहा और कुर्बानी की पृष्ठभूमि में पुलिस सतर्क और तैयार थी। हाउसिंग सोसायटियों में कुर्बानी को लेकर विवाद के कारण पुलिस ने ऐसी सोसायटियों में कड़े इंतजाम किए थे, जहां पहले समस्या उत्पन्न हो चुकी थी। इसके साथ ही बीएमसी ने कई सोसायटियों और कुर्बानी के लिए अस्थायी वेदियों में कुर्बानी की इजाजत दी। मुसलमानों ने इब्राहीमी जोश के साथ कुर्बानी की रस्म अदा की।
इसके अलावा, मुंबई में ईदगाहों और मस्जिदों पर पुलिस का पहरा भी रहा। मुंबई के पुलिस कमिश्नर देवेन भारती ने स्थिति की समीक्षा की। इसके अनुसार, मुंबई में व्यवस्था पूरी कर ली गई। मुंबई पुलिस ने उपद्रवियों पर भी नजर रखी और सोशल मीडिया पर नजर रखी। इसके साथ ही महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों मालेगांव, औरंगाबाद, बीड, उस्मानाबाद, अमरावती और पूरे महाराष्ट्र में ईद-उल-अजहा शांतिपूर्वक मनाई गई। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि ईद शांतिपूर्ण माहौल में मनाई गई और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी जारी किए गए इसके बाद कुर्बानी की गई और कुर्बानी की रौनक मुस्लिम मोहल्लों में हर तरफ देखने को मिली।
महाराष्ट्र
बीएमसी सार्वजनिक शौचालय की निगरानी के लिए संविदा सामुदायिक विकास अधिकारी नियुक्त करेगी

बीएमसी ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) विभाग के सामुदायिक विकास प्रकोष्ठ के तहत अनुबंध के आधार पर सामुदायिक विकास अधिकारियों (सीडीओ) की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। ये अधिकारी शहर भर में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों के उचित कामकाज, रखरखाव और निगरानी को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुंबई में वर्तमान में लगभग 8,173 सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालय हैं। इनमें से 3,110 का रखरखाव बीएमसी द्वारा, 3,641 का रखरखाव महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) द्वारा, 24 का रखरखाव कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के माध्यम से किया जाता है। जबकि बाकी का रखरखाव भुगतान और उपयोग तथा अन्य विविध श्रेणियों के अंतर्गत आता है।
वर्तमान में, लगभग 700 समुदाय-आधारित संगठन (सीबीओ) इन सुविधाओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं। हालाँकि, सीबीओ के साथ हाल ही में एक कार्यशाला के बाद, बीएमसी ने वार्ड स्तर पर अधिक सीडीओ नियुक्त करके अपने निरीक्षण तंत्र का विस्तार और विकेंद्रीकरण करने का निर्णय लिया है।
इससे पहले, अधिकारियों की संख्या सीमित थी और नियुक्तियाँ केन्द्रीकृत रूप से की जाती थीं।एक वरिष्ठ नागरिक अधिकारी के अनुसार, “ये सीडीओ झुग्गी-झोपड़ियों में नियमित निरीक्षण करेंगे, सीबीओ के साथ सीधे समन्वय करेंगे और कर्मचारियों के प्रशिक्षण और सेप्टिक टैंक की सफाई से लेकर सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनों जैसी आवश्यक आपूर्ति की खरीद में सहायता करने जैसे विभिन्न कार्यों में उनकी सहायता करेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “सीडीओ बीएमसी और सामुदायिक संगठनों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेंगे, जो डेटा संग्रह और विश्लेषण, रिपोर्ट तैयार करना, आरटीआई (सूचना का अधिकार) प्रतिक्रिया, कानूनी दस्तावेजीकरण और विभागों के बीच समन्वय जैसी जिम्मेदारियों को संभालेंगे।”
महाराष्ट्र
फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर शिनहान बैंक से 68 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों को 5 साल की सजा

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को शिनहान बैंक से 68.22 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों को पांच साल कैद की सजा सुनाई।
अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी आरडी चव्हाण ने उत्तर प्रदेश निवासी 38 वर्षीय रजा सैयद नवाज नकवी उर्फ संतोषकुमार सीताराम प्रसाद और नई दिल्ली निवासी 41 वर्षीय वरुण राणा उर्फ संतोषकुमार प्रसाद उर्फ जुगेंद्रसिंह मामराज सिंह को दोषी करार दिया है। जबकि तीसरे आरोपी हिमाचल प्रदेश निवासी 32 वर्षीय सुमित वर्मा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया, जबकि दो अन्य आरोपी अनुज कुमार चांद उर्फ रत्नेश और सुनीता हरेराम देवी फरार रहे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह मामला पहले एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और बाद में 30 दिसंबर, 2020 को शिनहान बैंक की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को स्थानांतरित कर दिया गया था। बैंक ने आरोप लगाया कि दो फर्मों आईडी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और लिकस ट्रेडेक्स प्राइवेट ने क्रमशः मुंबई और दिल्ली शाखा में उनके बैंक के साथ खाते खोले हैं। नकवी ने आईडी टेक्नोलॉजीज के निदेशक संतोष कुमार के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि राणा ने खाता खोलने के लिए लिकस ट्रेडेक्स के निदेशक जुगेंद्र सिंह के रूप में प्रतिनिधित्व किया।
नवंबर 2020 में, बैंक को ओडिशा पुलिस के साइबर सेल से चिट फंड धोखाधड़ी मामले के बारे में एक नोटिस मिला। नोटिस के बाद एक आंतरिक जांच में पता चला कि दो फर्मों द्वारा खाते खोलने के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेज़ जाली थे। आगे की जांच में पाया गया कि उच्च मूल्य के घरेलू लेनदेन फर्मों के प्रोफाइल के साथ असंगत थे, जिसके कारण बैंक ने मामले की सूचना RBI और मुंबई पुलिस को दी।
जांच एजेंसियों ने उस समय करीब 93 खातों को फ्रीज कर दिया था, जिनका इस्तेमाल धन जमा करने और उसे इन दोनों फर्मों के खातों में स्थानांतरित करने के लिए किया गया था।
सरकारी वकील पीएस पाटिल ने बैंक अधिकारियों और उन लोगों सहित 22 गवाहों से पूछताछ की जिनके पहचान पत्रों का इस्तेमाल खाते खोलने के लिए किया गया था।
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