राष्ट्रीय
दिल्ली-एनसीआर में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी, तापमान में गिरावट दर्ज

नई दिल्ली, 20 जून। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में अगले पांच दिन झमाझम बरसात होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इसे लेकर येलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। गुरुवार से ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 20 और 21 जून की शाम और रात को हल्की से मध्यम बारिश, बिजली गिरने और तेज हवाओं की संभावना है। तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है।
आईएमडी के मुताबिक 20 जून को अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है, जबकि 21 जून को अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रहने की संभावना जताई गई है। जबकि ह्यूमिडिटी 80 से 82 प्रतिशत तक रहने वाली है। इसके बाद मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए यह कहा कि 22 जून से 25 जून के बीच बादल छाए रहने के साथ-साथ मध्यम से भारी बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
मौसम विभाग की वेबसाइट पर जारी विस्तृत पूर्वानुमान के अनुसार, सुबह से लेकर रात तक हर चरण में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। इस दौरान बिजली गिरने और तेज हवाओं की रफ्तार 30-40 किमी प्रति घंटा रह सकती है। इन दिनों तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26-27 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है। इस पूरे सप्ताह ह्यूमिडिटी 90 प्रतिशत तक बनी रहने की संभावना है, जिससे वातावरण उमस भरा बना रहेगा।
एक तरफ जहां बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है मौसम सुहाना बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे आमजन को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य रूप से गुरुग्राम, नोएडा और पूर्वी दिल्ली के कई निचले इलाकों में सड़कें पानी में डूबी हुई हैं।
स्थानीय प्रशासन को जल निकासी के लिए टीमों को सक्रिय करना पड़ा है। हालांकि, राहत की खबर यह है कि 26 जून को मौसम साफ रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने इस दिन के लिए कोई चेतावनी नहीं दी है और आसमान आंशिक रूप से साफ रहने का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे अत्यधिक आवश्यक कार्यों को छोड़कर घर से बाहर निकलने से बचें, विशेष रूप से बिजली गिरने की आशंका के दौरान खुले स्थानों से दूर रहें। यातायात विभाग ने भी जलभराव वाले मार्गों से बचने की अपील की है।
दुर्घटना
अहमदाबाद विमान हादसा: 210 मृतकों के डीएनए मैच, स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने दी जानकारी

नई दिल्ली, 19 जून। गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए लोगों के डीएनए सैंपल के मिलान की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सोशल मीडिया पर गुरुवार को डीएनए मिलान के बारे में ताजा जानकारी साझा की है।
ऋषिकेश पटेल ने बताया कि गुरुवार सुबह 8.30 बजे तक 210 लोगों के डीएनए सैंपल का मिलान हो गया है और उनके परिजनों से भी संपर्क साधा गया है। 187 शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि डीएनए सैंपल का मिलान कराने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही बाकी अन्य मृतकों के डीएनए का मिलान कर लिया जाएगा। इसके बाद शेष पार्थिव अवशेष जल्द ही परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। दूसरी ओर, घटनास्थल पर मृतकों के कीमती सामानों की जांच कर उनके परिजनों को सौंपा जा रहा है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा, “अहमदाबाद पुलिस, जिला प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बधाई, उन्होंने पीड़ितों के परिवारों को कीमती सामान लौटाने का शानदार काम किया। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने कई लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव किया है। इन नायकों को सलाम।“
बुधवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक राकेश जोशी ने बताया था कि विमान हादसे में एकमात्र जीवित बचे विश्वास को छुट्टी दे दी गई है और उन्हें उनके परिवार के साथ घर वापस भेज दिया गया है।
इससे पहले, अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया था कि जो भी सामान दुर्घटनास्थल से मिला है, वह जांच के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “दुर्घटनास्थल पर मिले प्रत्येक सामान को सावधानीपूर्वक एकत्र किया जाएगा, उसका दस्तावेजीकरण किया जाएगा और संबंधित परिवारों को सौंप दिया जाएगा। हमारी टीम इन व्यक्तिगत वस्तुओं का पता लगाने और उनकी पहचान करने के लिए लगन से काम कर रही है और हम नागरिक उड्डयन विभाग के साथ मिलकर एक सुचारु और सम्मानजनक प्रक्रिया सुनिश्चित कर रहे हैं।”
राष्ट्रीय
एक्सिओम-4 मिशन फिर टला, लॉन्चिंग की नई तारीख 22 जून तय की गई

नई दिल्ली, 18 जून। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर ले जाने वाला एक्सिओम-4 मिशन एक बार फिर टल गया है। पिछली बार लॉन्चिंग की तारीख 19 जून तय की गई थी, लेकिन इसको आगे बढ़ाया गया है। एक्सिओम 4 मिशन को लॉन्च करने की नई तारीख 22 जून तय की गई है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने मिशन स्थगित होने की पुष्टि की है।
एजेंसी ने बताया, “इसरो, पोलैंड और हंगरी की टीमों ने एक्सिओम स्पेस के साथ एक्सिओम मिशन 4 के संभावित लॉन्च समय को लेकर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद एक्सिओम स्पेस ने नासा और स्पेसएक्स के साथ कई तैयारियों के पहलुओं का मूल्यांकन किया। स्पेसएक्स के फाल्कन 9 लॉन्च वाहन, ड्रैगन अंतरिक्षयान, स्पेस स्टेशन के ज्वेज्दा मॉड्यूल में मरम्मत कार्य, मौसम की स्थिति और क्वारंटाइन में मौजूद क्रू की सेहत और तैयारियों के आधार पर एक्सिओम स्पेस ने सूचित किया है कि अगली संभावित लॉन्चिंग की तारीख 22 जून है।”
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मिशन स्थगित होने की जानकारी दी। जितेंद्र सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “मॉड्यूल फिटनेस, क्रू हेल्थ, मौसम आदि समेत प्रमुख मापदंडों का आकलन करने के बाद एक्सिओम स्पेस ने संकेत दिया है कि 22 जून को एक्सिओम-4 मिशन की अगली संभावित लॉन्च तिथि हो सकती है, जो अन्य लोगों के अलावा भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर ले जाएगा।” उन्होंने लिखा, “आगे कोई भी अपडेट होने पर उसे समय के अनुसार साझा किया जाएगा।”
इसके पहले जितेंद्र सिंह ने ही एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग की तारीख 19 जून बताई थी। केंद्रीय मंत्री ने बताया था कि स्पेस एक्स टीम ने पुष्टि की कि लॉन्च को पहले स्थगित करने वाले सभी मुद्दों पर पूरी तरह से काम किया गया। फिलहाल इस मिशन को 5वीं बार टाल दिया गया है।
भारत के लिए एक्सिओम-4 मिशन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करेंगे। शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर विशेष खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोग करेंगे, जो भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों और अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम होंगे।
राष्ट्रीय
उत्तराखंड को डिजिटल राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

देहरादून, 17 जून। उत्तराखंड सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) द्वारा राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक शासन प्रभाग (एनईजीडी) एवं राज्य ई-मिशन टीम (एसईएमटी) के सहयोग से देहरादून में डिजी लॉकर एवं एंटिटी लॉकर विषय पर एक दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य ई. मिशन टीम, उत्तराखंड के प्रमुख रवि शंकर सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि डिजी लॉकर एवं एंटिटी लॉकर प्रणाली राज्य में डिजिटल शासन को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम का संचालन अरुण बिष्ट सहायक महाप्रबंधक (ई-सेवाएं), आईटीडीए द्वारा किया गया।
इस अवसर पर तीर्थ पाल सिंह अपर निदेशक आईटीडीए ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया मिशन के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में डिजी लॉकर एवं एंटिटी लॉकर एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने विभागों में इस प्रणाली को अधिक से अधिक लागू करने का प्रयास करें।
कार्यशाला में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के विशेषज्ञों द्वारा डिजी लॉकर एवं एंटिटी लॉकर की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। सत्र के दौरान इन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दस्तावेजों के सुरक्षित भंडारण साझाकरण एवं प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के 35 से अधिक विभागों के 65 से ज्यादा अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने इन डिजिटल प्लेटफॉर्म के व्यावहारिक उपयोग पर प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।
तीर्थ पाल सिंह ने कार्यक्रम के अंत में राज्य ई-मिशन टीम एवं राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक शासन प्रभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तराखंड को डिजिटल राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल्द ही अन्य जनपदों में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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