अंतरराष्ट्रीय
डब्ल्यूटीसी फाइनल : खिताब जीतकर इतिहास रचने उतरेगी टीम इंडिया

विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया शुक्रवार से न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल मुकाबले में खिताब को जीतकर इतिहास रचने उतरेगी।
भारतीय टीम डब्ल्यूटीसी के पहले संस्करण के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड टीम का सामना करेगी जिसने हाल ही में इंग्लैंड को उसके घर में दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से हराया था।
भारत को हालांकि, फाइनल मैच से पहले यहां मैच अभ्यास का भी अवसर नहीं मिला। कोहली की सेना इस मैच में इंग्लैंड में अपने पुराने अनुभव के साथ उतरेगी।
भारत ने डब्ल्यूटीसी पीरियड में न्यूजीलैंड के साथ पिछले साल की शुरूआत में टेस्ट सीरीज खेली थी जहां उसे 0-2 से पराजय का सामना करना पड़ा था। उस सीरीज में कीवी गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजी क्रम को बिखेर दिया था।
डब्ल्यूटीसी फाइनल को देखते हुए इस बारे में चर्चा चली थी कि न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज किस तरह भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं।
हालांकि, हैम्पशायर बाउल की पिच का इतिहास रहा है कि यहां की पिच स्पिनरों की मदद करती है। इसे देखते हुए भारत इस मैच में रवींद्र जडेजा और रविचंद्र अश्विन को उतार सकता है।
पिच जैसी भी हो भारत बल्ले या गेंद से अच्छी शुरूआत करेगा।
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी से अवगत है। ड्यूक्स गेंद जो कूकाबूरा की तुलना में इंग्लैंड में सारे दिन स्विंग करती है, उससे कीवी गेंदबाजों को भारत के खिलाफ फायदा मिल सकता है जिसने एक भी अभ्यास मैच नहीं खेला है।
रोहित शर्मा और शुभमन गिल भारतीय पारी की शुरूआत कर सकते हैं और इन दोनों खिलाड़ियों पर टीम को मजबूत शुरूआत दिलाने की जिम्मेदारी होगी। लेकिन यह दोनों खिलाड़ी इंग्लैंड में टेस्ट में साथ में नहीं उतरे हैं। रोहित ने 2014 में सिर्फ एक बार इंग्लैंड में एक टेस्ट खेला था जबकि शुभमन पहली बार यहां टेस्ट मैच खेलेंगे।
पिच क्यूरेटर साइमन ली ने कहा था कि वह चाहते हैं कि इस पिच पर पेस और बाउंस रहे।
कीवी टीम के अलावा भारत के पास भी अच्छा तेज गेंदबाजी आक्रमण है जिनके पास इंग्लैंड में खेलने का अनुभव भी है। स्पिन विभाग में टीम इंडिया न्यूजीलैंड की तुलना में कही ज्यादा आगे है।
एक तरफ कोहली जहां आक्रामक हैं तो वहीं न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन रिजर्व रहते हैं और अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं करते हैं। विलियम्सन का सबसे बड़ा हथियार उनका संयम है और वह खिलाड़ियों को खुलकर खेलने की आजादी देते हैं।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच अबतक 59 टेस्ट मुकाबले खेले गए हैं जिसमें भारत ने 21 जीते हैं और उसे 12 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि, भारत ने कीवी टीम के खिलाफ 16 मुकाबले घर में जीते हैं।
न्यूजीलैंड में भारत ने 25 टेस्ट खेले हैं जिसमें से 10 में उसे हार मिली है और पांच मुकाबले उसने जीते हैं।
दोनों टीमों के बीच खिताबी मुकाबला तटस्थ स्थल पर खेला जाना है। भारत को उम्मीद है कि उसे यहां घर जैसा वातावरण मिलेगा।
इस मुकाबले के लिए दोनों टीमें इस प्रकार है :
भारत : रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और रिद्धिमान साहा।
न्यूजीलैंड : केन विलियम्सन (कप्तान), टॉम ब्लंडेल, ट्रेंट बोल्ट, डेवोन कॉनवे, कॉलिन डी ग्रैंडहोम, मैट हेनरी, काइल जैमिसन, टॉम लाथम, हेनरी निकोलस, एजाज पटेल, टिम साउदी, रॉस टेलर, नील वेगनर, बीजे वाटलिंग और विल यंग।
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
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