अंतरराष्ट्रीय
गुलाबी गेंद से हमें और अभ्यास करने का मौका मिल जाता तो अच्छा रहता : मिताली राज

भारतीय महिला टीम और ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम के बीच गुरुवार से एकमात्र डे-नाइट टेस्ट सीरीज की शुरूआत हो रही है। यह टेस्ट गुलाबी गेंद से खेला जाएगा। भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा कि गुलाबी गेंद से हमें और अभ्यास करने का मैका मिल जाता तो अच्छा रहता। राज ने एक ऑनलाइन बातचीत में भारतीय संवाददाताओं से कहा, हमने कल पहली बार गुलाबी गेंद के साथ एक अभ्यास सत्र में भाग लिया। हर किसी के लिए यह नया अनुभव था, क्योंकि हम इस गेंद को खेलने के लिए इतने अभ्यस्त नहीं हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय टीम ने इस मल्टी-फॉर्मेट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले बेंगलुरु में दो ह़फ्तों के अपने अभायस के दौरान गुलाबी गेंद से कोई अभ्यास नहीं किया था। हालांकि एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रोशनी के तहत दो इंट्रा-स्क्वॉड मैच आयोजित किए गए थे और खिलाड़ियों ने कम से कम शाम के एक प्रशिक्षण सत्र में भाग लिया, जिसमें क्षेत्ररक्षण का अभ्यास शामिल था, गुलाबी गेंद उस शिविर में कहीं दिखाई ही नहीं दी।
राज ने कहा, उस शिविर में हम वनडे सीरीज की तैयारी कर रहे थे, इसलिए हमारा ध्यान सफेद गेंद से अभ्यास करने पर केंद्रित था। साथ ही हमने दूधिया रोशनी में कुछ मुकाबले भी खेले ताकिहम डे-नाइट टेस्ट और वनडे सीरीज के एक डे-नाइट मैच के लिए खुद को तैयार कर सकें।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुलाबी गेंद से टेस्ट इस साल भारतीय महिला टीम का दूसरा टेस्ट मैच है। उन्होंने जून में इंग्लैंड के खिलाफ लाल गेंद से खेला गया टेस्ट मैच ड्रॉ किया था। उन सीरीज की तरह इस मल्टी-फॉर्मेट सीरीज में भी टीमों को टेस्ट मैच जीतने पर चार और ड्रॉ करवाने पर दो-दो अंक मिलेंगे, वहीं हर वनडे और टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच जीतने पर उन्हें दो अंक दिए जाएंगे। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच सात सालों के लंबे अंतराल के बाद आया था। और तो और घरेलू क्रिकेट में भी 2018-19 सीजन के बाद से महिलाओं के लिए केवल वनडे और टी20 मैचों का आयोजन हुआ है।
11 टेस्ट कैप के साथ राज और तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी इस टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। इन दोनों ने ने घरेलू स्तर पर महिलाओं के लिए बहु दिवसीय टूनार्मेंटों को फिर से शुरू करने पर जोर दिया है। मिताली ने कहा,अगर हम चाहते हैं कि महिला टीम इस प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करें, तो हमें घरेलू स्तर पर उन्हें लंबे प्रारूप खेलने का अनुभव कराना होगा। अगर इसी तरह टेस्ट मैचों का आयोजन लगातार अंतराल पर होता है तो शायद घरेलू क्रिकेट में भी बहु-दिवसीय टूनार्मेंट का आयोजन शुरू होगा।
गुलाबी गेंद के साथ अभ्यास का अभाव होने के बावजूद मिताली को अपनी खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा कि वनडे मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद टीम में काफी आत्मविश्वास है।
राज ने कहा, घर पर टेस्ट खेलना भी काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे हमें फायदा होगा और लड़कियों को भी घर पर टेस्ट खेलने का अनुभव मिलेगा। मौजूदा टीम की अधिकांश लड़कियों ने विदेश में टेस्ट मैच खेले हैं, इसलिए घर पर एक टेस्ट खेलना अच्छा होगा।
राज का मानना है कि इस साल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरों पर टेस्ट मैच का आयोजन इस फॉर्मैट में भारत के भविष्य के लिए उत्साहजनक संकेत है। साथ ही उन्होंने भविष्य में घरेलू परिस्थितियों में टेस्ट मैच के आयोजन का स्वागत किया।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय10 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
महाराष्ट्र5 days ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार5 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा