Connect with us
Thursday,05-June-2025
ताज़ा खबर

अंतरराष्ट्रीय समाचार

चीनी डीपसीक एआई को ब्लॉक करने की हम बना रहे योजना : दक्षिण कोरिया

Published

on

सोल, 6 फरवरी। दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्रालय ने चीनी एआई सेवा डीपसीक को ब्लॉक करने की योजना बनाई है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार, प्रतिबंध लगाने की योजना इसलिए बनाई गई है क्योंकि इससे अधिकारियों के बीच डेटा संग्रह लीक होने की चिंता बढ़ी है।

अधिकारी ने कहा, “देश और विदेश से डीपसीक के बारे में उठाई गई अनेक तकनीकी चिंताओं के कारण, हम बाहरी नेटवर्क से जुड़े पीसी पर इस सेवा तक पहुंच को अवरुद्ध करने की योजना बना रहे हैं।”

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय डीपसीक तक पहुंच को सीमित करने की व्यापक पहल का हिस्सा है, ताकि जनरेटिव एआई सेवाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी के संभावित लीक को रोका जा सके।

बुधवार को दक्षिण कोरिया के विदेश, व्यापार और रक्षा मंत्रालयों के कंप्यूटरों पर इस सेवा तक पहुंच प्रतिबंधित कर दी गई।

एकीकरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि मंत्रालय एआई सेवाओं (जाहिर तौर पर डीपसीक) तक पहुंच को अवरुद्ध करने की भी योजना बना रहा है।

अधिकारी ने कहा, “एकीकरण मंत्रालय ने (वर्ष 2023 से) राष्ट्रीय खुफिया सेवा और आंतरिक मंत्रालय के अनुरोध पर सभी जनरेटिव एआई में अघोषित आधिकारिक डेटा के इनपुट पर प्रतिबंध लगा दिया है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रालय डीपसीक तक पहुंच को अवरुद्ध करेगा, अधिकारी ने सीधे तौर पर अपना नाम लिए बिना कहा, “हमारी योजना एक दिन के भीतर कदम उठाने की है, जिसमें डीपसीक तक पहुंच को अवरुद्ध करना भी शामिल है।”

पिछले महीने अपनी रिलीज के बाद से ही डीपसीक ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, तथा प्रतिस्पर्धी सेवाओं की तुलना में अपेक्षाकृत कम लागत पर अपने उच्च प्रदर्शन से उद्योग विशेषज्ञों को प्रभावित किया है।

हालांकि, इसकी सुरक्षा और डेटा प्रबंधन प्रथाओं पर चिंताओं के कारण कई देशों ने इसकी जांच की है और इस सेवा पर प्रतिबंध लगाए हैं।

इससे पहले, विदेश और व्यापार मंत्रालयों ने उपयोगकर्ता डेटा संग्रह के बारे में चिंताओं के चलते चीनी एआई सेवा डीपसीक तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया था। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, बाहरी नेटवर्क से जुड़े मंत्रालय के कंप्यूटरों पर डीपसीक की सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

ये दोनों मंत्रालय विदेशी मामलों और व्यापार से जुड़े संवेदनशील डेटा को संभालने वाले प्रमुख सरकारी विभागों में से हैं। इस कदम को सरकार के उन प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जो उन चिंताओं को सक्रिय रूप से दूर करने के लिए हैं, जिनमें कहा गया है कि अधिकारियों द्वारा जनरेटिव एआई सेवाओं का उपयोग करने के दौरान महत्वपूर्ण सरकारी डेटा से समझौता किया जा सकता है।

अंतरराष्ट्रीय समाचार

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दक्षिण सूडान के खिलाफ हथियार प्रतिबंध को रिन्यू किया

Published

on

संयुक्त राष्ट्र, 31 मई। सुरक्षा परिषद ने दक्षिण सूडान के खिलाफ हथियार प्रतिबंध को एक साल के लिए रिन्यू करने हेतु एक प्रस्ताव पारित किया, जो 31 मई, 2026 तक लागू रहेगा। इसके साथ ही व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध और संपत्ति जब्त करने के लक्षित प्रतिबंध भी लागू होंगे।

मिडिया ने बताया कि ये प्रस्ताव 2781, जिसे नौ वोट के पक्ष में और छह वोट के बहिष्कार के साथ अपनाया गया। इस प्रस्ताव में विशेषज्ञों के पैनल का कार्यकाल भी 1 जुलाई, 2026 तक बढ़ा दिया गया है। यह पैनल दक्षिण सूडान प्रतिबंध समिति के काम में मदद करता है।

सुरक्षा परिषद के अफ्रीकी सदस्य – अल्जीरिया, सिएरा लियोन, सोमालिया ने चीन, पाकिस्तान और रूस के साथ वोट देने से परहेज किया।

इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि सुरक्षा परिषद हथियार प्रतिबंधों की समीक्षा करने के लिए तैयार है। अगर दक्षिण सूडान 2021 के प्रस्ताव 2577 में तय किए गए मुख्य लक्ष्यों पर प्रगति करता है, तो इन प्रतिबंधों को बदला, निलंबित किया या धीरे-धीरे हटाया जा सकता है। यह दक्षिण सूडान के अधिकारियों को इस संबंध में और प्रगति हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

सुरक्षा परिषद ने यह भी तय किया है कि इन प्रतिबंधों की लगातार समीक्षा की जाएगी। सुरक्षा परिषद ने स्थिति के जवाब में उपायों को समायोजित करने की तत्परता व्यक्त की है, जिसमें उपायों में संशोधन, निलंबन, हटाने या सुदृढ़ करना शामिल है।

प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र महासचिव से अनुरोध किया गया है कि वे दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन और विशेषज्ञों के पैनल के साथ निकट परामर्श में 15 अप्रैल, 2026 तक प्रमुख मानदंडों पर हासिल की गई प्रगति का आकलन करें।

इसके साथ ही दक्षिण सूडान के अधिकारियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे उसी तारीख तक इस संबंध में हासिल की गई प्रगति पर सैंक्शन कमेटी को रिपोर्ट करें।

Continue Reading

अंतरराष्ट्रीय समाचार

यूएस सुप्रीम कोर्ट ने किया ट्रंप सरकार का रास्ता साफ, 5 लाख लोगों पर मंडराया निर्वासन का खतरा

Published

on

न्यूयॉर्क, 31 मई। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप सरकार का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के उस आदेश को हटा दिया है, जिसके तहत क्यूबा, ​​हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के चार देशों के पांच लाख से अधिक प्रवासियों के लिए मानवीय पैरोल सुरक्षा को बरकरार रखा गया था।

मिडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने ट्रंप प्रशासन को एक अन्य मामले में लगभग 350,000 वेनेजुएला के प्रवासियों के लिए अस्थायी कानूनी स्थिति को रद्द करने की भी अनुमति दी है।

स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि इस कदम ने ट्रंप प्रशासन के लिए हजारों प्रवासियों के लिए अस्थायी कानूनी सुरक्षा को फिलहाल खत्म करने का रास्ता साफ कर दिया है और निर्वासन के दायरे में आने वाले लोगों की कुल संख्या को लगभग दस लाख तक पहुंचा दिया है।

अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर आने वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, बाइडेन प्रशासन ने 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में क्यूबा, ​​हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के लोगों के लिए पैरोल कार्यक्रम बनाया, जिसके तहत उन्हें कुछ प्रोसेस से गुजरने के बाद दो साल तक अमेरिका में काम करने की इजाजत दी गई। इस प्रोग्राम ने लगभग 5,32,000 लोगों को निर्वासन से बचाया।

लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के तुरंत बाद, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम को सभी पैरोल प्रोगाम को टर्मिनेट करने का निर्देश देते हुए एक कार्यकारी आदेश जारी किया। कार्यकारी आदेश पर कार्रवाई करते हुए नोएम ने मार्च में पैरोल प्रोग्राम को समाप्त करने की घोषणा की, जिसके तहत पैरोल के किसी भी अनुदान की वैधता 24 अप्रैल तक समाप्त हो जाएगी।

मैसाचुसेट्स में एक फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज ने नोएम द्वारा प्रवासियों की अस्थायी कानूनी स्थिति को पूरी तरह से रद्द करने के फैसले को रोकने पर सहमति जताई। उस समय कई पैरोलियों और एक गैर-लाभकारी संगठन सहित 23 व्यक्तियों के एक ग्रुप ने नोएम द्वारा प्रोग्राम को समाप्त करने को चुनौती दी थी।

ट्रंप प्रशासन ने पहले पहले सर्किट के लिए यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स में अपील की, जिसने अपील लंबित रहने तक जिला न्यायालय के आदेश को रोकने से इनकार कर दिया और फिर सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की।

Continue Reading

अंतरराष्ट्रीय समाचार

अमेरिकी युद्धविराम प्रस्ताव फिलिस्तीनी मांगों पर खरा नहीं : हमास

Published

on

गाजा, 30 मई। हमास के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि गाजा पट्टी में युद्ध रोकने के लिए अमेरिका का जो प्रस्ताव आया है, उस पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, यह प्रस्ताव हमास और फिलिस्तीनी लोगों की मुख्य मांगों को पूरा नहीं करता।

मिडिया के मुताबिक, हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य बासम नईम ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि उन्हें अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए युद्धविराम प्रस्ताव पर इजरायल की प्रतिक्रिया मिल गई है।

नईम के मुताबिक, इजरायल ने फिलिस्तीन की मुख्य मांगों को नहीं माना। इनमें लड़ाई को पूरी तरह खत्म करना और गाजा पर लगी पुरानी नाकेबंदी हटाना शामिल है।

उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव युद्धविराम के दौरान भी इजरायल के कब्जे और लोगों की तकलीफों को जारी रहने देगा।

नईम ने कहा, “इसके बावजूद हमास का नेतृत्व फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ जारी हिंसा और मानवीय संकट को ध्यान में रखते हुए ज़िम्मेदारी के साथ इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।”

हमास ने पहले कहा था कि उसे मध्यस्थों के जरिए नया युद्धविराम प्रस्ताव मिला है। वह इसका मूल्यांकन इस तरह कर रहा है कि यह फिलिस्तीनी लोगों के हितों की रक्षा करे और गाजा के लोगों के लिए स्थायी शांति और राहत लाने में मदद करे।

हमास ने पहले कहा था कि वह विटकॉफ के साथ एक समझौते के “सामान्य ढांचे” पर सहमत हो गया है। इस समझौते का मकसद स्थायी युद्धविराम करना, इजरायल की गाजा से पूरी तरह वापसी सुनिश्चित करना, राहत सामग्री की आपूर्ति शुरू करना और हमास से एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी समिति को सत्ता सौंपना है।

Continue Reading
Advertisement
महाराष्ट्र5 mins ago

पाकिस्तानी पीआईओ जासूस रविंद्र वर्मा न्यायिक हिरासत में

महाराष्ट्र34 mins ago

मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई लाउडस्पीकर पर पुलिस कमिश्नर देविन भारती से मुलाकात की, ईद-उल-अजहा तक कार्रवाई रोकें: आज़मी

महाराष्ट्र39 mins ago

मुंबई साइबर सेल ने 1.29 करोड़ रुपये बरामद किए

महाराष्ट्र1 hour ago

मुंबई क्राइम न्यूज़: पुलिस ने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 47 लाख रुपये के सोने के आभूषण चोरी करने के आरोप में 4 लोगों को किया गिरफ्तार

महाराष्ट्र1 hour ago

लाउडस्पीकर संबंधी परिपत्र तत्काल वापस लिया जाए: नसीम खान

महाराष्ट्र2 hours ago

नवी मुंबई में 527 इमारतें ‘खतरनाक’ घोषित; 30 साल पुरानी इमारतों का ऑडिट अनिवार्य

महाराष्ट्र2 hours ago

पुणे: किराया वृद्धि के बाद चार दिनों में पीएमपीएमएल ने कमाए ₹8.67 करोड़; खराब सेवा से यात्री नाराज

महाराष्ट्र3 hours ago

मुंबई: मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर गलत साइड से लोकल ट्रेन से उतरते समय लोहे की बाड़ में फंसकर 27 वर्षीय व्यक्ति की मौत

बॉलीवुड5 hours ago

रणदीप हुड्डा और उनकी पत्नी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर 500 से अधिक पेड़ लगाए

महाराष्ट्र6 hours ago

बेंगलुरु भगदड़: आरसीबी विजय परेड की दुखद घटना जिसमें 11 लोगों की मौत और 40 घायल हुए

महाराष्ट्र2 days ago

महाराष्ट्र में ईद-उल-अजहा पर पशु बाजार बंद रखने का फैसला वापस लिया गया

बॉलीवुड3 weeks ago

आमिर खान की ‘सितारे जमीन पर’ का ट्रेलर रिलीज, फैंस बोले- “सच्ची खुशियों की कहानी”

महाराष्ट्र3 weeks ago

दारुल उलूम महबूब-ए-सुभानी, कुर्ला ने एसएससी में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित किया

अपराध3 weeks ago

महाराष्ट्र के वाशिम में तनाव, दो पक्षों के बीच पथराव में कई लोग घायल

महाराष्ट्र3 weeks ago

मुंबई में ड्रोन और हवाई गतिविधियों पर प्रतिबंध, शहर के रेड जोन के खिलाफ कार्रवाई की गई: डीसीपी अकबर पठान

महाराष्ट्र4 weeks ago

पाकिस्तान पर भारतीय सेना की बड़ी कार्रवाई, पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों को निशाना बनाने वालों पर भी हो कार्रवाई, अबू आसिम आजमी

महाराष्ट्र4 weeks ago

मुंबई में पाकिस्तानी गोलीबारी में भारतीय जवान मुरली शहीद

महाराष्ट्र2 weeks ago

हजरत सैयद बाले शाह पीर दरगाह ध्वस्तीकरण आदेश, चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश, दरगाह प्रबंधन को राहत

राष्ट्रीय समाचार4 weeks ago

ऑपरेशन सिंदूर : शिवसेना ने पीएम मोदी को बताया योद्धा, लगाए पोस्टर

महाराष्ट्र3 weeks ago

महाराष्ट्र सरकार राज्य भर में सभी 22 आरटीओ सीमा चौकियों को बंद करने जा रही है; जानिए क्यों

रुझान