राजनीति
यूपी में एमएलसी की रिक्त सीटों के लिए मतदान शुरू, मुख्यमंत्री ने डाला वोट

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की खाली 36 में से 27 सीट पर शनिवार को मतदान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला और गोरखपुर के सांसद रविकिशन ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। मतदान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर नगर निगम के बने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विधानसभा की तरह विधान परिषद में भी भाजपा का प्रचंड बहुमत होगा। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में करीब चार दशक बाद ऐसा होने जा रहा है कि सत्तारूढ़ दल विधान परिषद में बहुमत प्राप्त करेगा। पूरे प्रदेश में एमएलसी सीटों पर चुनाव आयोजित किए गए हैं। मैं यहां अपना मतदान करने आया हूं। जो 36 सीटों पर चुनाव की अधिसूचना जारी हुई थी, उनमें से 9 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध चुने गए हैं। 27 सीटों पर आज चुनाव हो रहे हैं।”
योगी ने कहा, “पिछली सरकारों के दौरान जिन लोगों ने अवैध रूप से शासकीय, सार्वजनिक, गरीबों और व्यापारियों की संपत्तियों पर कब्जा किया हुआ है। एंटी भू माफिया टास्क फोर्स पूरे प्रदेश में उन कब्जों को मुक्त कराने के लिए कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है। हमने अब तक पेशेवर माफियाओं की 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।”
उन्होंने कहा कि किसी गरीब ने सार्वजनिक स्थान पर झोपड़ी डाली है और वह जमीन आरक्षित श्रेणी की है तो उसे तबतक नहीं हटाया जाएगा, जबतक कहीं पुनर्वासित न किया जाए। जमीन आरक्षित श्रेणी की न हुई तो वहीं पट्टा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के साथ इस दौरान राज्यसभा सदस्य तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला भी थे। सीएम ऑफिस का ट्विटर अकाउंट हैक करने के मामले पर कहा कि एजेंसियां जांच कर रही हैं। इससे पूर्व दुर्गा अष्टमी व रामनवमी की शुभकामना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रामनवमी पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम होंगे। अयोध्या में विशेष कार्यक्रम होगा 58 जिलों में जनप्रतिनिधि अपना वोट डालेंगे।
विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 27 सीटों के चुनाव में अधिकांश सीटों पर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं प्रतापगढ़, वाराणसी और आजमगढ़ में निर्दलीय भी भाजपा का गणित बिगाड़ सकते हैं। परिषद में बहुमत हासिल करने के लिए भाजपा ने अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
विधान परिषद सदस्य के चुनाव में कुल 95 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 58 जिलों में 1.20 लाख से अधिक मतदाता शनिवार को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसके लिए प्रदेश में कुल 739 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सभी जगह पर शांतिपूर्ण मतदान के लिए 58 कंपनी अर्ध सैनिक बल भी लगाया गया है। भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के बीच में सीधी लड़ाई मानी जा रही है। इसके लिए 120657 मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। 27 सीटों पर मतदान सम्पन्न कराने के लिए 3699 मतदान कर्मी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
भाजपा ने हर सीट पर एक प्रदेश पदाधिकारी और प्रदेश सरकार के एक मंत्री को प्रभारी तैनात किया है। पार्टी ने मतदाताओं को ए, बी और सी श्रेणी में बांटा है। हर सीट के मतदाताओं से चार से पांच चरण में अलग-अलग स्तर से संपर्क किया गया है। सी श्रेणी में उन मतदाताओं को रखा गया है जो भाजपा के खिलाफ हैं।
प्रतापगढ़ और मेरठ-गाजियाबाद सीट पर सर्वाधिक छह-छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। आगरा-फिरोजाबाद, आजमगढ़-मऊ, इलाहाबाद, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर से पांच-पांच, पीलीभीत-शाहजहांपुर, रायबरेली, सुलतानपुर-अमेठी और झांसी-जालौन-ललितपुर से चार-चार प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। रामपुर-बरेली, सीतापुर, बाराबंकी, जौनपुर, वाराणसी और इटावा-फरु खाबाद से तीन-तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। बाकी सीटों पर दो-दो प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
राजनीति
भाजपा का तंज, ‘राहुल बोल रहे पाकिस्तान की भाषा’, ‘निशान-ए पाकिस्तान’ को लेकर पूछा चुभता सवाल

नई दिल्ली, 20 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस लगातार प्रश्न उठा रही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी को आधार बनाकर सवाल दाग रहे हैं तो कई नेता सबूत की तलाश कर रहे हैं। भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल के इस रवैए पर तंज कसा है। असम सरकार के मंत्री अशोक सिंघल के विवादित पोस्ट के बाद पार्टी की मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने भी कुछ सवाल पूछे हैं।
अशोक सिंघल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने राहुल गांधी की तस्वीर को पाक आर्मी चीफ की तस्वीर के साथ जोड़कर शेयर किया। इस तस्वीर के आधे हिस्से में राहुल गांधी का चेहरा और आधे में पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर का चेहरा लगाया गया है। अशोक सिंघल ने अपने पोस्ट में लिखा, “सीमाओं से अलग एजेंडे पर एक।”
वहीं, भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी मंगलवार को सिलसिलेवार तरीके से एक्स पर कुछ पोस्ट डाले। एक कार्टून पोस्ट किया जिसमें पाक जनरल की पीठ पर खड़े होकर एक शख्स सरहद के पार देख गिराए गए रफेल की जानकारी मांग रहा है। इसके साथ ही मालवीय ने एक दूसरी पोस्ट में सिंघल वाली तस्वीर साझा कर लिखा- यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके हितैषियों की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए बधाई नहीं दी, जो स्पष्ट रूप से भारत के प्रभुत्व को दर्शाता है। इसके बजाय, वे बार-बार पूछते हैं कि हमने कितने जेट खो दिए- एक सवाल जिसका जवाब पहले ही डीजीएमओ ब्रीफिंग में दे चुके हैं। मजे की बात यह है कि उन्होंने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए, या भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर बमबारी के दौरान कितने विमान अपने हैंगर में खड़े रहते हुए नष्ट हो गए।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से चुभता सवाल पूछा कि क्या अब ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ राहुल गांधी को दिया जाएगा?
दरअसल, कांग्रेस ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार सवाल उठा रही है। हाल ही में सांसद राहुल गांधी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के उस बयान को लेकर सवाल पूछे थे जिसमें विदेश मंत्री यह कह रहे हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत होने वाली एयर स्ट्राइक के बारे में पाकिस्तान को सूचना दी थी। हालांकि, राहुल के इन दावों पर 18 मई को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दावों का खंडन किया।
कांग्रेस नेता ने एक्स पोस्ट पर भी अपनी बात रखी। इसके जवाब में भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक वीडियो पोस्ट किया था। राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी की मूर्खता महज आकस्मिक नहीं है, यह भयावह है। वह पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।’ मालवीय ने भारत के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के एक बयान का वीडियो साझा किया। इसके साथ कहा कि वह भारत के लाभ और विपक्ष के नेता की मंशा को उजागर करने के लिए घई के 11 मई के बयान को दोबारा पोस्ट कर रहे हैं।
अपराध
दहिसर पश्चिम में 2 परिवारों के बीच हिंसक झड़प में 3 की मौत

मुंबई: रविवार को दहिसर पश्चिम में दो परिवारों के बीच झगड़े के दौरान तीन लोगों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान हामिद शेख (49), राम गुप्ता (50) और अरविंद गुप्ता (23) के रूप में हुई है। घटना दहिसर पश्चिम के गणपत पाटिल नगर में हुई। शेख और गुप्ता परिवार एक ही इलाके में रहते हैं और उनके बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। रविवार को एक बार फिर दोनों परिवारों के बीच हथियारों से मारपीट हुई, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई।
एमएचबी पुलिस क्रॉस-मर्डर केस दर्ज करने की प्रक्रिया में है। मुख्य आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि वह फिलहाल घायल है।
पुलिस के मुताबिक, गणपत पाटिल नगर एक झुग्गी बस्ती है, जहां शेख और गुप्ता दोनों परिवार रहते हैं। 2022 में अमित शेख और राम गुप्ता ने एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट का क्रॉस केस दर्ज कराया था। तब से दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी चल रही है।
रविवार को शाम करीब साढ़े चार बजे गणपत पाटिल नगर की गली नंबर 14 के पास सड़क पर विवाद हो गया, जहां राम गुप्ता नारियल की दुकान चलाते हैं। कथित तौर पर शराब के नशे में धुत हामिद शेख मौके पर पहुंचा और राम से बहस करने लगा। इसके बाद दोनों पक्षों ने अपने बेटों को बुला लिया।
गुप्ता अपने बेटों अमर गुप्ता, अरविंद गुप्ता और अमित गुप्ता के साथ तथा हामिद नसीरुद्दीन शेख अपने बेटों अरमान हामिद शेख और हसन हामिद शेख के साथ मिलकर हाथापाई और धारदार हथियारों से हिंसक झड़प में शामिल हो गए। झड़प में राम गुप्ता और अरविंद गुप्ता की मौत हो गई, जबकि अमर गुप्ता और अमित गुप्ता घायल हो गए। हामिद शेख की भी मौत हो गई और उनके बेटे अरमान और हसन शेख घायल हो गए।
शवों को कांदिवली पश्चिम के शताब्दी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस क्रॉस-मर्डर केस दर्ज करने की प्रक्रिया जारी रखे हुए है। घायल होने के कारण आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
राजनीति
प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह सरकार का नहीं बल्कि पार्टी का होना चाहिए फैसला : अभिषेक बनर्जी

कोलकाता, 19 मई। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने के फैसले को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के बाद अब टीएमसी ने भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों के चुने जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हमारी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह हमारी पार्टी का फैसला है। केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं कर सकती है।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से सोमवार को कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या टीएमसी ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से केंद्र के बहुदलीय राजनयिक मिशन से बाहर निकलने का विकल्प चुना है। इसका जवाब देते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आपको यह जानकारी कहां से मिली। मैं यह बहुत स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, जिसका उद्देश्य देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आतंकवाद का मुकाबला करना है, टीएमसी केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी। हमें किसी भी प्रतिनिधिमंडल के जाने से कोई समस्या नहीं है। हालांकि, हमारी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह हमारी पार्टी का फैसला है। केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं कर सकती कि किस पार्टी से कौन जाएगा।”
उन्होंने कहा, “अगर कोई प्रतिनिधिमंडल जा रहा है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। जिस तरह से पाकिस्तान भारत में शांति को बाधित करने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। इसे वैश्विक मंच पर उठाया जाना चाहिए। लेकिन, हमारी पार्टी से कौन जाएगा, यह तय करना हमारी पार्टी का काम है। मैं आज विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। मुझे पार्टी ने उस समिति में नामित किया था। जैसे भाजपा तय कर सकती है कि उनकी तरफ से कौन जाएगा, वैसे ही तृणमूल तय करेगी कि हमारी तरफ से कौन जाएगा। इसके अलावा डीएमके, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह पार्टी को ही तय करना चाहिए।”
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार को इस मुद्दे पर सभी पार्टियों से बात करनी चाहिए थी और उसके बाद ही प्रतिनिधिमंडल को तय करना चाहिए था। हालांकि, मैं साफ कर देना चाहता हूं कि टीएमसी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित किसी भी तरह के विषय का कोई बायकॉट नहीं किया है। मेरा मानना है कि जब देश की बात आती है तो वहां राजनीति नहीं होनी चाहिए।
केंद्र सरकार ने विदेश जाने वाले सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सभी सदस्यों के नाम तय कर दिए हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान को भी जगह मिली है।
सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों की कमान सात अलग-अलग नेताओं को दी गई है, ये प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और अन्य प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और देश की आतंकवाद विरोधी नीति, सैन्य कार्रवाइयों और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देंगे।
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