राजनीति
बिहार में ‘वर्चुअल’ बना प्रचार का हथियार!

बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कोरोना संकटकाल में अपनी चुनावी रणनीतियों में बदलाव करते हुए ‘वर्चुअल पॉलिटिक्स’ पर जोर देना शुरू कर दिया है।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की ‘वर्चुअल रैली’ से प्रदेश में ‘वर्चुअल पॉलिटिक्स’ की शुरुआत हो चुकी है। अब जदयू भी कार्यकर्ताओं का वर्चुअल सम्मेलन कर उन्हें चुनाव में जीत का मंत्र दे रही है। अन्य पार्टियां भी अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव करते हुए वर्चुअल संपर्क पर जोर दे रही हैं।
भाजपा द्वारा सात जून को आयोजित वर्चुअल रैली की सफलता के बाद सबकी नजर अब इस तरह की रैलियों पर है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कहते भी हैं, “सात जून को बिहार में इंटरनेट के माध्यम से 39 लाख से अधिक लोगों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की डिजिटल रैली को देखा, जबकि एक करोड़ से अधिक लोगों ने टीवी पर रैली देखी।”
इधर, जदयू भी अब वर्चुअल कांफ्रेंस के जरिए कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में जुटी है। जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार वर्चुअल सम्मेलन के जरिए लगातार कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। पिछले चार दिनों से नीतीश कार्यकर्ताओं से जिलावार रूबरू हो रहे हैं और उन्हें जीत का मंत्र दे रहे हैं।
वहीं, राजद भी सोशल मीडिया पर अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सक्रिय करने में जुटी है। पार्टी के नेता फेसबुक और ट्विटर के अलावा दूसरे माध्यमों के जरिए अपने कार्यकर्ताओं से जुड़ रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान तेजस्वी यादव फेसबुक और ट्विटर से लगातार समर्थकों से जुड़े रहे।
विपक्षी महागठबंधन की घटक कांग्रेस ने भी अपने सदस्यता अभियान को डिजिटल माध्यम से गति दे रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ़ मदन मोहन झा ने कहा, “लाखों की संख्या में लोग कांग्रेस से जुड़ना चाहते हैं। हम डिजिटली उन्हें दल का सदस्य बनाएंगे। हालांकि यह प्रक्रिया पहले से ही जारी है, अब उसमें तेजी लाई जाएगी। राज्य स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक यह अभियान चलेगा।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने सांसदों, अलग-अलग विभागों, संकायों, जिलाध्यक्षों और विधायकों के साथ भी बैठक करेगी।
राजनीतिक समीक्षक सुरेंद्र किशोर भी इस बदलाव को सही मानते हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा का दावा है कि अमित शाह की रैली को एक करोड़ लोगों ने सुना, तो डिजिटल माध्यमों से इतने अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में यदि कोई दल समर्थ है, तो फिर मैदानों में वास्तविक रैली पर करोड़ों रुपये खर्च करने की कोई मजबूरी नहीं रह जानी चाहिए।”
किशोर कहते हैं कि विशेष परिस्थितियों में ही पुराने एवं खर्चीले तरीके को अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “कहा तो यहां तक जा रहा है कि ‘बिहार जनसंवाद’ में उतना ही खर्च आया जितना राज्य के बड़े नेता का जेब खर्च होता है।”
किशोर का मानना है कि कोरोना महामारी की विदाई के बाद भी ऐसी अभासी रैली जारी रही, तो इस गरीब देश के अरबों रुपये बचेंगे।
ऐसा नहीं है कि पहले के चुनावों में डिजिटली प्रचार नहीं होता था, लेकिन हाल के दिनों में यह डिजिटलीकरण राजनीति का विस्तार माना जा रहा है। वैसे, बिहार चुनाव को लेकर औपचारिक रूप से प्रचार की शुरुआत अभी नहीं हुई है, लेकिन इतना तो तय मामना जा रहा है कि इस बार का चुनाव प्रचार भी अन्य चुनावों से अलग होगा।
महाराष्ट्र
मुंबई में 300 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के शिकार सुरक्षित, ऑनलाइन ठगी से सावधान रहने की अपील, डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई चीज नहीं

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच मुंबई साइबर सेल ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के पीड़ितों से 300 करोड़ रुपये सुरक्षित किए हैं। इन पीड़ितों ने धोखाधड़ी की 1930 शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिस पर पुलिस ने एनसीआर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर फंड ट्रांसफर पर रोक लगा दी है और बैंक खाते से धनराशि का हस्तांतरण रोक दिया है। साइबर सेल हेल्पलाइन को 13,19,403 कॉल प्राप्त हुए जिनमें शेयर ट्रेडिंग, नौकरी धोखाधड़ी और अन्य योजनाओं का लालच देकर धोखाधड़ी की शिकायतें मिलीं। साइबर सेल ने जनवरी 2024 से जुलाई 2025 तक साइबर अपराधों में शामिल 11,063 मोबाइल फोन नंबरों को बंद और ब्लॉक कर दिया है। मुंबई पुलिस आयुक्त देविन भारती के निर्देश पर संयुक्त पुलिस आयुक्त लक्ष्मी गौतम, डीसीपी पुरुषोत्तम कराड ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। साइबर सेल ने नागरिकों से अपील की है कि साइबर धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है अगर कोई सीबीआई पुलिस या सरकारी अधिकारी बनकर डिजिटल और साइबर गिरफ्तारी की धमकी देता है, तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें। फर्जी वेबसाइटों के जरिए शेयर ट्रेडिंग का लालच भी लाखों रुपये का दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसे लुभावने विज्ञापन देकर धोखाधड़ी की जाती है, इसलिए नागरिकों को इससे सतर्क रहने की जरूरत है।
महाराष्ट्र
मुंबई: ड्रग्स मामले में समीर शब्बीर शेख को 15 साल की जेल और 1 लाख का जुर्माना

drugs
मुंबई: मुंबई शहर में ड्रग्स और नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) को बड़ी कामयाबी मिली है। मुंबई में ड्रग तस्कर समीर शब्बीर शेख (32) को मुंबई बांद्रा यूनिट ने 12 मई 2022 को 110 ग्राम एमडी मेफेडोन के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की और अब अदालत ने इस मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए 15 साल की जेल और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट, मारपीट और अन्य अपराधों सहित कुल 9 मामले दर्ज हैं।
अपराध
मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम की बड़ी कार्रवाई, 11 किलो हाइड्रोपोनिक वीड बरामद, दो यात्री गिरफ्तार

मुंबई, 23 अगस्त। मुंबई कस्टम विभाग के एयरपोर्ट कमीश्नरेट ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो यात्रियों को गिरफ्तार किया है। इन यात्रियों के पास से भारी मात्रा में प्रतिबंधित मादक पदार्थ बरामद किया गया है।
कस्टम विभाग के मुताबिक, यह कार्रवाई छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआई), मुंबई पर शुक्रवार को की गई। प्रोफाइलिंग के आधार पर कस्टम अधिकारियों ने बैंकॉक से आए फ्लाइट नंबर वीजेड-760 से उतरने वाले दो यात्रियों को रोका। जब उनके सामान की जांच की गई तो अधिकारियों को उनके ट्रॉली बैग से 11.78 किलोग्राम संदिग्ध हाइड्रोपोनिक वीड बरामद हुआ।
जब्त किए गए नशीले पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत करीब 11.78 करोड़ रुपए बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि ड्रग्स को बड़े ही चालाकी से यात्रियों के चेक-इन किए गए ट्रॉली बैग के अंदर छिपाया गया था। दोनों यात्रियों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट, 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले, 11 अगस्त को खुफिया सूचना के आधार पर एक यात्री को रोका गया था, जो बैंकॉक से फ्लाइट नंबर 6ई1052 के जरिए मुंबई पहुंचा था। जांच के दौरान उसके डार्क ग्रे रंग के ट्रॉली बैग से कई दुर्लभ और संरक्षित जंगली जीव बरामद हुए थे। यात्री को कस्टम एक्ट, 1962 और वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, 10 अगस्त को बैंकॉक से फ्लाइट नंबर 6ई1060 से आए एक यात्री को जांच के दौरान रोका गया। इस यात्री के बैग से 2.339 किलो संदिग्ध हाइड्रोपोनिक वीड मिला, जिसकी कीमत लगभग 2.33 करोड़ रुपए आंकी गई। यहां भी मादक पदार्थ को बैग में सावधानी से छुपाया गया था। आरोपी को एनडीपीएस एक्ट, 1985 के तहत गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले, 9 अगस्त को बैंकॉक से फ्लाइट नंबर 6ई1052 से मुंबई पहुंचे एक यात्री को कस्टम अधिकारियों ने रोका था। यात्री के चेक-इन ट्रॉली बैग की जांच करने पर 2.873 किलो संदिग्ध हाइड्रोपोनिक वीड मिला, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 2.87 करोड़ रुपए बताई गई। आरोपी यात्री को एनडीपीएस (एनडीपीएस) एक्ट, 1985 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था।
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