अंतरराष्ट्रीय
विनेश फोगट पेरिस ओलंपिक 2024 में महिला कुश्ती से अयोग्य घोषित; 5 बार भारत को पदक हासिल करने से पहले हार का सामना करना पड़ा।

भारत की कुश्ती पदक आकांक्षाओं को बड़ा झटका तब लगा जब विनेश फोगट को बुधवार को 50 किलोग्राम महिला कुश्ती स्पर्धा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्हें स्वर्ण पदक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से मुकाबला करना था। भारतीय ओलंपिक दल ने एक बयान जारी कर खुलासा किया कि फोगट ने 50 किलोग्राम वजन सीमा को पार कर लिया था, जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया गया।
बयान में फोगट के अयोग्य घोषित किए जाने पर खेद व्यक्त किया गया, जिसमें कहा गया कि पूरी रात टीम के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, उनका वजन 50 किलोग्राम से थोड़ा अधिक था। भारतीय दल ने फोगट के लिए गोपनीयता का अनुरोध किया और चल रही प्रतियोगिताओं पर अपना ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।
पेरिस ओलंपिक में फोगाट का प्रदर्शन
फोगाट ने मंगलवार रात सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला जीता था। पेरिस 2024 ओलंपिक में भारतीय एथलीटों के लिए लगातार नज़दीकी चूक की श्रृंखला में उनका अयोग्य घोषित होना नवीनतम है, जिसमें कई प्रतियोगी पदक जीतने से चूक गए हैं।
पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन कई बार नज़दीकी मुक़ाबले से भरा रहा है, जिसमें लक्ष्य सेन, अर्जुन बाबूता, धीरज बोम्मादेवरा, अंकिता भक्त, मनु भाकर और अब विनेश फोगाट जैसे एथलीट पदक जीतने के बहुत करीब पहुँच गए थे, लेकिन अंततः पीछे रह गए।
यहाँ 5 हालिया दिल टूटने की घटनाएँ हैं जो हमें पदक जीतने से ठीक पहले झेलनी पड़ीं:
- मनु भाकर – महिला 25 मीटर पिस्टल
मनु भाकर महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग फाइनल में पदक जीतने से चूक गईं। प्रतियोगिता के अधिकांश समय शीर्ष तीन में रहने के बावजूद, अंत में लगातार खराब शॉट्स के कारण उन्हें हंगरी की वेरोनिका मेजर के खिलाफ शूट-ऑफ के
बाद चौथे स्थान पर खिसकना पड़ा। निर्णायक शूट-ऑफ में भाकर के दो निशाने चूक गए, जबकि मेजर केवल एक ही चूके।
2. लक्ष्य सेन – पुरुष एकल बैडमिंटन
लक्ष्य सेन ओलंपिक पदक जीतने वाले भारत के पहले पुरुष शटलर बनने के करीब थे, लेकिन सेमीफाइनल में डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन और कांस्य पदक के मैच में मलेशिया के ली ज़ी जिया से हारने के बाद उनका अभियान समाप्त हो गया। सेन ने शुरुआती गेम 21-19 से जीता और फिर लगातार नौ अंक गंवाए, जिससे वे कभी उबर नहीं पाए।
3. अर्जुन बाबूटा – पुरुष 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग
अर्जुन बाबूटा पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में पोडियम के करीब पहुंचे और 208.4 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहे। क्रोएशिया के मिरान मैरिकिक ने 209.8 के स्कोर के साथ कांस्य पदक के लिए उन्हें पीछे छोड़ दिया, जिससे बाबूटा पदक से केवल 1.4 अंक पीछे रह गए।
4. धीरज बोम्मदेवरा और अंकिता भक्त – मिश्रित टीम तीरंदाजी
धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भक्त ने मिश्रित टीम तीरंदाजी स्पर्धा में ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल किया। कांस्य पदक के लिए उनका मुकाबला अमेरिका के ब्रैडी एलिसन और केसी कॉफहोल्ड से हुआ, लेकिन वे 6-2 से हार गए। यह ओलंपिक तीरंदाजी में भारत का सर्वश्रेष्ठ परिणाम था, बोम्मादेवरा और भक्त ओलंपिक में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बन गए।
5. अनंतजीत सिंह और माहेश्वरी चौहान – मिश्रित स्कीट
स्कीट मिक्स्ड टीम इवेंट में महेश्वरी चौहान और अनंत जीत सिंह नरुका कांस्य पदक से चूक गए। उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में दमदार प्रदर्शन करते हुए 150 में से 146 अंक हासिल कर कांस्य पदक के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि, वे चीन के खिलाफ 43-44 से पिछड़ गए और कुल मिलाकर चौथे स्थान पर रहे।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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