राजनीति
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी वंदे भारत 2.0, पीएम करेंगे 6 ट्रेनों का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की नई पीढ़ी की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत 2.0 की 6 नई ट्रेनों का उद्घाटन करेंगे। इनमे श्री माता वैष्णो देवी कटरा- नई दिल्ली, अमृतसर – दिल्ली जं., कोयंबटूर – बेंगलुरू, मंगलुरु – मुडगांव, जालना – मुंबई और अयोध्या धाम जं. – आनंद विहार टर्मिनल के बीच छह और वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू करने के लिए तैयार है।
नई शुरु की गई वंदे भारत ट्रेनों में से तीन उत्तर रेलवे द्वारा चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों से राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से पवित्र शहरों अयोध्या, श्री माता वैष्णो देवी कटरा और अमृतसर की यात्रा करने वाले यात्रियों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ के विजन को ध्यान में रखते हुए, ट्रेन की मुख्य प्रणालियों को देश में भारतीय रेलवे की प्रमुख कोच निर्माण इकाई ‘इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसमें बेहतर डिजाइन, इंटीरियर और स्पीड है, जिनसे यात्रियों को आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिलेगा। ट्रेन सबसे उन्नत सुरक्षा सुविधाओं और कवच तकनीक से भी सुसज्जित है।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में 16 कोच की चेयर कार कॉन्फ़िगरेशन है, जिसमें स्टेनलेस स्टील कार बॉडी और 1128 की बैठने की क्षमता है। इनकी गति सीमा 160 किमी प्रति घंटे की होगी। उन्नत अत्याधुनिक सस्पेंशन प्रणाली यात्रियों के लिए सुगम और सुरक्षित यात्रा और बेहतर सवारी आराम सुनिश्चित करेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस में लगातार खिड़कियां हैं जो ट्रेन के सौंदर्य को बढ़ाती हैं। ट्रेन की रंग योजना के साथ-साथ आंतरिक सज्जा को आधुनिक ट्रेन सेट की समग्र थीम के अनुरूप विकसित किया गया है।
ट्रेन में बेहतरीन यात्री सुविधाएं हैं, जैसे ऑन-बोर्ड वाई-फाई इंफोटेनमेंट, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आलीशान आंतरिक सज्जा, टच फ्री सुविधाओं के साथ बायो-वैक्यूम शौचालय, विसरित एलईडी लाइटिंग, हर सीट के नीचे चार्जिंग पॉइंट, व्यक्तिगत टच आधारित रीडिंग लाइट और छुपा हुआ रोलर ब्लाइंड हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति के लिए यूवी लैंप के साथ बेहतर ताप वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग प्रणाली की सुविधा भी है।
वंदे भारत एक्सप्रेस के दोनों छोर पर दो ड्राइवर कैब कोच हैं जो इसे गंतव्य पर तेजी से पहुंचने में सक्षम बनाते हैं। ड्राइवर कैब का वायुगतिकीय आकार (नोज़ कोन) हवा के खिंचाव को कम कर ऊर्जा की आवश्यकता को महत्वपूर्ण रूप से बचाएगा।
वंदे भारत 2.0 में ब्रेक सिस्टम इलेक्ट्रो न्यूमेटिक है, जिसमें ब्रेक डिस्क सीधे व्हील डिस्क पर लगाई जाती है, जिससे ब्रेकिंग दूरी कम हो जाती है।
दिव्यांगजन यात्रियों के लिए विशेष शौचालय बनाए गए हैं। स्पर्श-मुक्त सुविधाओं के साथ बायो वैक्यूम शौचालय भी मौजूद हैं। साथ ही सीट हैंडल पर सीट नंबर ब्रेल अक्षरों में भी दिए गए हैं। हर कोच में 32″ यात्री सूचना और इंफोटेनमेंट सिस्टम लगा है। ट्रेन में कवच (ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली) लगाई गई है। प्रत्येक कोच में आपातकालीन प्रकाश व्यवस्था की गई है। कोच के बाहर रियर व्यू कैमरे सहित 4 प्लेटफार्म साइड कैमरे लगाए गए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ को बताया ‘फैमिली मैन’, एक बार फिर हुआ पाकिस्तानी सेना का झूठ बेनकाब

नई दिल्ली,12 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ की वायरल तस्वीर को पाकिस्तान सेना ने ‘फैमिली मैन’ बताकर खुद को एक बार फिर दुनिया के सामने झूठा साबित किया। खुद को पाक साफ साबित करने के चक्कर में शीर्ष सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तानी की कलई खोल दी। उनके दावे ने ही जता दिया कि उनका मुल्क आतंकवाद और आतंकियों को पनाह देता है।
दरअसल, भारत-पाक के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद, पाकिस्तान की सेना प्रेस को ब्रीफ कर रही थी। इसी दौरान एक पत्रकार की ओर से आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ के बारे में सवाल किया गया। इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान की सेना ने उसे आतंकी मानने से इनकार किया। कहा, वह आतंकवादी नहीं ‘फैमिली मैन’ है। लेकिन, पाकिस्तान यह भूल गया कि उसका झूठ पकड़ा जाएगा। पाकिस्तान ने जिसे फैमिली मैन बताया, उसे अमेरिका ने विशेष रूप से नामित ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया है। इस आतंकी का नाम हाफिज अब्दुर रऊफ है। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर वायरल होने के बाद पाकिस्तान ने बस अपनी छवि को बचाने का काम किया।
भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। भारत की इस कार्रवाई में कई आतंकी मारे गए। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ जनाजे में शामिल है और उसके पीछे पाकिस्तानी आर्मी के लोग दिखाई दे रहे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर पर हाल ही में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान के कथन पर सवाल उठाते हुए कहा, “वे दावा करते हैं कि 7 मई को हुए हमलों में केवल नागरिक मारे गए थे। हमने यह बात बहुत स्पष्ट रूप से कही है कि 7 मई की सुबह सभी हमले सावधानीपूर्वक चयनित आतंकवादी ढांचे, आतंकवादी लक्ष्यों के खिलाफ थे।”
पाकिस्तानी सेना ने हाफिज अब्दुर रऊफ को अब्दुर रऊफ अजहर के साथ जोड़कर इस मुद्दे को भ्रमित करने की भी कोशिश की है, जो मसूद अजहर का एक और भाई और जैश-ए-मोहम्मद का एक वरिष्ठ कमांडर था, जिसे कथित तौर पर ऑपरेशन सिंदूर में मार दिया गया था।
उन्होंने सवाल उठाया कि भारत की ओर से मृत घोषित किए गए किसी व्यक्ति का उसी दिन अंतिम संस्कार कैसे किया जा सकता है। हालांकि, दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं, दोनों ही अंतरराष्ट्रीय निगरानी सूची में हैं।
जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशन प्रमुख रऊफ अजहर 1999 के आईसी-814 अपहरण का मुख्य योजनाकार था और उसने 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले और 2019 के पुलवामा बम विस्फोट में केंद्रीय भूमिका निभाई थी।
इस बीच, अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी ने आतंकवादियों को संस्थागत समर्थन के आरोपों को और पुख्ता किया।
पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान झूठा दावा करते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ की वायरल तस्वीर एक पारिवारिक व्यक्ति की है। लेकिन जांच में सामने आया कि जिस व्यक्ति की पहचान पाकिस्तान की ओर से दी गई है, उसकी पहचान अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, हाफिज अब्दुर रऊफ के तौर पर हुई है जो लश्कर-ए-तैयबा और उसके फ्रंट संगठनों के लिए चंदा इकट्ठा करता रहा है।
पाकिस्तान की ओर से जो कार्ड दिखाया जा रहा है, उसमें आतंकी को वेलफेयर विंग इंचार्ज बताया गया है जिससे वह उसका बचाव कर सके।
इससे यह साफ हो जाता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देता है और आतंकियों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाकर झूठ बोल सकता है।
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ लश्कर-ए-तैयबा की शीर्ष नेतृत्व टीम में साल 1999 से काम कर रहा है। आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वह फंड इकट्ठा करता है। हाफिज अब्दुर रऊफ सीधे लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के अधीन काम करता था, धन उगाहने और प्रशिक्षण कार्यों का प्रबंधन करता था। वह फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) का भी प्रमुख व्यक्ति रहा है, जो लश्कर का एक मुखौटा है जो एक चैरिटी के रूप में काम करता है, लेकिन आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करता है।
26/11 मुंबई हमलों के बाद भारतीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर 24 नवंबर, 2010 को अमेरिका ने एफआईएफ और रऊफ दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
अंतरराष्ट्रीय
उद्धव ठाकरे ने ‘सीज फायर’ को लेकर उठाए सवाल, ‘सामना’ में ट्रंप की भूमिका पर जताया संदेह

मुंबई, 12 मई। शिवसेना (यूबीटी) ने भारत-पाक संघर्ष में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘हस्तक्षेप’ और संघर्ष विराम की घोषणा पर संदेह किया है। मुखपत्र सामना में पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने तीखा प्रहार करते हुए पूछा है क्या कोई सौदा हुआ है? उन्होंने सीधा सवाल किया कि आखिर ट्रंप को ये हक किसने दिया?
संपादकीय में लिखा है- भारत एक संप्रभु एवं स्वतंत्र राष्ट्र है। किसी भी बाहरी राष्ट्र को हमारे राष्ट्र के मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, लेकिन अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप किया है और भारत ने ट्रंप के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ट्रंप ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर पारस्परिक रूप से घोषणा की कि भारत ने युद्धविराम स्वीकार कर लिया है। तब तक भारतवासियों और भारतीय सेना को इस युद्धविराम के बारे में जानकारी नहीं थी। प्रेसिडेंट ट्रंप को सरपंच का यह अधिकार किसने दिया?
उन्होंने 1971 की याद दिलाते हुए आगे लिखा है, ” 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच हुए शिमला समझौते के अनुसार, तीसरे देशों को दोनों देशों के बीच संघर्ष में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री ने ही शिमला समझौते का उल्लंघन किया। भारत ने ट्रंप के दबाव के आगे झुककर युद्धविराम को मंजूरी दे दी, लेकिन क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या पाकिस्तान का बदला पूरा हो गया है? इसका जवाब देश को नहीं मिला।”
इसमें ऑपरेशन सिंदूर के लिए सेना की सराहना की गई है। कहा है- “भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ दागे गए ड्रोन और मिसाइलों को नाकाम कर दिया है। उन्होंने पाकिस्तानियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन यह सब करते हुए भी पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले छह आतंकवादियों का सही ठिकाना नहीं पता चल पाया है। भारत-पाक संघर्ष की शुरुआत छह आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की हत्या से हुई थी। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने पानी फेर दिया है। “
इसमें आगे युद्ध के बीच सीज फायर पर प्रहार किया गया है। संपादकीय में कहा गया है कि, “लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री ने शिमला समझौते का उल्लंघन किया है। भारत ने ट्रंप के दबाव में आकर युद्ध विराम की पुष्टि की, लेकिन क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या पाकिस्तान का बदला पूरा हुआ? देश को इसका जवाब नहीं मिला है।” “पुंछ-राजौरी में पाकिस्तानी हमले में 12 निर्दोष नागरिक मारे गए। उनकी क्या गलती थी? प्रधानमंत्री मोदी इतने उत्सुक थे कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के बीच पीछे मुड़ने का कोई रास्ता नहीं था। जिस समय मोदी की उत्सुकता देश और सेना में नई ऊर्जा पैदा कर रही थी, राष्ट्रपति ट्रंप ने समझौता कर लिया। पाकिस्तानी हमले में सात भारतीय सैनिक मारे गए। उनमें से एक मुंबई के मुरली नाइक हैं और यह युवा शहीद केवल 27 वर्ष का है। मुरली नाइक और दिनेश शर्मा उरी सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी का जवाब देते हुए शहीद हो गए। दिनेश शर्मा भी एक युवा सैनिक हैं। उन्होंने पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान से मुकाबला किया। उन्होंने देश के लिए अद्वितीय वीरता दिखाई और भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया। ऐसे हजारों दिनेश शर्मा और मुरली नायक भारतीय सीमा पर लड़ रहे हैं और सीने पर गोलियां खा रहे हैं। मुरली नायक के माता-पिता घाटकोपर की झुग्गी बस्ती में रहते हैं। वे मेहनत करके अपना घर चलाते हैं। भारत माता का इकलौता बेटा देश की रक्षा के लिए सीमा पर लड़ते हुए शहीद हो गया। मुरली के पिता ने कहा, “मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश की सेवा करने आया है”, लेकिन उन्हें भी कलेजे के टुकड़े को खोने का दुख तो होगा ही।
संपादकीय में कहा गया है- “युद्ध के राजनीतिक उन्माद में बह जाने वालों ने कभी देश के लिए बलिदान नहीं दिया, न ही उन्होंने कोई बहादुरी दिखाई, लेकिन प्रचार ऐसा चल रहा है जैसे यह युद्ध भारतीय जनता पार्टी और उसके अपने लोग लड़ रहे हों। सरकार ने मिडिया और कुछ चैनलों को बंद कर दिया है। युद्ध विराम का खेल शुरू होने के बाद भी रक्षा मंत्री ऑपरेशन सिंदूर का राग अलाप रहे हैं। हालांकि, मूल प्रश्न अभी भी बने हुए हैं कि वे छह आतंकवादी कैसे आए और कैसे गायब हो गए? उनके ठिकानों का पता क्यों नहीं चला? ये सवाल पूछे जाएंगे। गुरुवार आधी रात को जम्मू के सांबा सेक्टर से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सात आतंकवादियों को सीमा सुरक्षा बल के बहादुर जवानों ने मार गिराया।”
अंत में फिर राष्ट्रपति ट्रंप की नीयत पर प्रश्न उठाए गए हैं। लिखा है- प्रेसिडेंट ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच शांति चाहते हैं, लेकिन प्रेसिडेंट ट्रंप महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला नहीं हैं। वे एक व्यापारी हैं। भारत के सत्ताधारी व्यापारियों ने अमेरिका के व्यापारी प्रेसिडेंट से हाथ मिला लिया है। प्रेसिडेंट ट्रंप ने इजरायल-फिलिस्तीनी युद्ध को नहीं रोका है। वहां वे सीधे इजरायल का समर्थन करते हुए ‘गाजा’ के लोगों को खत्म होते देखते हैं और भारत को शांति का उपदेश देते हैं। क्या प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत की संप्रभुता खरीद ली है? किसके बदले में? सौदा वास्तव में क्या था? देश को पता होना चाहिए!
महाराष्ट्र
कुर्ला में इंस्टाग्राम पर पाकिस्तानी झंडा पोस्ट करने पर मुस्लिम युवक के खिलाफ मामला दर्ज

मुंबई: चूना भट्टी पुलिस ने मुंबई के कुर्ला कसाई वाडा कुरैश नगर में एक मुस्लिम युवक को देश के समर्थन में इंस्टाग्राम पर पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार करने का दावा किया है। चूना भट्टी थाने में हिंदू सर्किल समाज ने सोशल मीडिया पोस्ट के बाद शिकायत दर्ज कराई थी और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी वायरल किया था, जिसमें लिखा था कि यह आतंकवादी कसाई वाडा, मुंबई में रहता है। इस पोस्ट को शेयर करें ताकि वह पकड़ा जा सके और इस जिहादी पर देशद्रोह और राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा सके। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल होने के बाद मुंबई पुलिस ने भी कार्रवाई की और युवक का पता लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस जांच में युवक ने स्वीकार किया कि उसने ही अपने इंस्टाग्राम अकाउंट साहिल खान पर पाकिस्तानी झंडा पोस्ट किया था। पुलिस कार्रवाई के बाद इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर दिया गया है। हालांकि, पुलिस ने इंस्टाग्राम पोस्ट समेत अन्य विवरण एकत्र कर लिए हैं। पुलिस ने साहिल खान के खिलाफ बीएनएस की धारा 152 और 153 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। साहिल खान पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, उसे भड़काने, नफरत फैलाने और देश की अखंडता को खतरे में डालने का भी आरोप है। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध समाप्त हो गया है, लेकिन मुंबई पुलिस विवादित पोस्टों पर नजर रख रही है, इसलिए मुस्लिम युवाओं से विवादित और देश विरोधी पोस्ट से बचने की अपील की गई है। अगर कोई भी ऐसी पोस्ट डालता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा। मुंबई के चूना भट्टी पुलिस स्टेशन की वरिष्ठ निरीक्षक निशा जाधव ने साहिल खान की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, उन्होंने कहा कि शिकायत दर्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
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