राजनीति
उत्तर प्रदेश का चुनावी घमासान : लगातार दूसरे दिन दिल्ली में अमित शाह की बड़ी बैठक

उत्तर प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह लगातार दूसरे दिन बुधवार को उत्तर प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप के नेताओं के साथ भाजपा मुख्यालय में महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों के चयन के लिए शाह की अध्यक्षता में दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में चल रही इस बड़ी बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अलावा पार्टी के कई अन्य नेता मौजूद हैं।
इससे पहले मंगलवार को भी दिल्ली पार्टी मुख्यालय में 10 घंटे तक चली बैठक में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के सभी पहलुओं और उम्मीदवारों के चयन पर विस्तार से चर्चा हुई थी। सूत्रों के मुताबिक , मंगलवार को हुई बैठक में अमित शाह ने क्षेत्रवार चुनावी समीकरण और जमीनी हालात का फीडबैक लिया । बताया जा रहा है कि मंगलवार को हुई बैठक में उन 172 सीटों के समीकरण और संभावित उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चा की गई, जिनपर पहले , दूसरे और तीसरे चरण में मतदान होना है। बताया जा रहा है कि बैठक में एक-एक सीट पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रत्येक सीट पर प्रदेश भाजपा द्वारा भेजे गए नामों के साथ ही वर्तमान विधायकों के रिपोर्ट कार्ड, अलग-अलग माध्यमों से आए सर्वे रिपोर्ट और जीत की संभावना सहित सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई ।
प्रदेश में पहले चरण में 10 फरवरी को 58 सीटों पर, दूसरे चरण में 14 फरवरी को 55 सीटों पर और तीसरे चरण में 20 फरवरी को 59 सीटों पर मतदान होना है।
आज चल रही बैठक में प्रदेश में अन्य चरणों में होने वाले चुनाव वाली सीटों के साथ-साथ प्रदेश में लगातार बदल रहे चुनावी माहौल पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक में विपक्षी दलों पर पलटवार करने की रणनीति पर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
सीमा पर संघर्ष: थाईलैंड के F-16 जेट विमानों ने सैन्य ठिकानों पर बमबारी की, कंबोडियाई हमलों में 9 नागरिक मारे गए

दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, वहीं गुरुवार को कंबोडियाई रॉकेट हमलों में थाईलैंड में कम से कम नौ लोग मारे गए हैं।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ते तनाव के बीच, रॉयल थाई आर्मी ने बताया है कि गुरुवार को कम से कम नौ नागरिक मारे गए। ये मौतें कंबोडिया द्वारा थाईलैंड के सीमावर्ती कस्बों के पास रॉकेट हमलों की एक श्रृंखला शुरू करने के बाद हुईं।
थाई सेना के आधिकारिक बयान के अनुसार, सीमा के निकट तीन जिलों में नौ लोग मारे गए हैं और लगभग 14 लोग घायल हुए हैं।
गुरुवार के हमलों के जवाब में, थाईलैंड ने कंबोडिया पर सीमा पर घरों और नागरिक बुनियादी ढाँचे को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। पड़ोसी देश को “अमानवीय, क्रूर और युद्ध-प्रेमी” बताते हुए, थाई सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कंबोडिया के हमलों की निंदा करने का आह्वान किया है।
इस बीच, कंबोडिया ने थाईलैंड पर अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों से गोलीबारी और हमले करने का आरोप लगाया है।
थाईलैंड-कंबोडिया विवाद | नवीनतम घटनाक्रम
- थाईलैंड में 9 लोगों की मौत – रॉयल थाई आर्मी के अनुसार, सीमा पर कंबोडियाई रॉकेट हमलों में नौ नागरिक मारे गए हैं। सेना के अनुसार, सिसाकेत प्रांत में छह, सुरिन में दो और उबोन रत्चथानी प्रांत में एक व्यक्ति मारा गया। इन तीन सीमावर्ती प्रांतों में हुई झड़पों और हमलों में कम से कम 14 लोग घायल हुए हैं।
- थाईलैंड ने F-16 लड़ाकू विमान तैनात किए – आज तनाव बढ़ने के जवाब में, थाईलैंड ने F-16 लड़ाकू विमान तैनात किए , जिनमें से एक का इस्तेमाल कंबोडियाई सैन्य अड्डे पर हवाई हमले करने के लिए किया गया। थाई सैन्य प्रवक्ता के अनुसार, उबोन रत्चथानी प्रांत से छह लड़ाकू विमान तैनात किए गए, जिन्होंने “ज़मीन पर स्थित दो कंबोडियाई सैन्य ठिकानों” को निशाना बनाया। हालाँकि, कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि थाई लड़ाकू विमानों ने प्राचीन प्रीह विहियर मंदिर के पास एक सड़क पर बम गिराए।
- कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का आह्वान किया – थाईलैंड के साथ बढ़ते तनाव के बीच, कंबोडिया ने गुरुवार को थाईलैंड में हुए हमलों की निंदा की है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने का आह्वान किया है। कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष असीम इफ्तिखार अहमद को लिखे एक पत्र में कहा, “थाईलैंड द्वारा हाल ही में किए गए अत्यंत गंभीर आक्रमणों, जिनसे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो गया है, को देखते हुए मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि थाईलैंड के आक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद की तत्काल बैठक बुलाई जाए।”
- दोनों देशों ने तनाव बढ़ने की चेतावनी दी है – थाईलैंड ने कंबोडिया से पीछे हटने का आग्रह किया है और चेतावनी दी है कि अगर कंबोडिया ने अपने हमले बंद नहीं किए तो वह जवाब देगा और “आत्मरक्षा के उपाय तेज़” करेगा। इस बीच, कंबोडियाई प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश के पास थाईलैंड के “सशस्त्र आक्रमण” का “जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं” होगा।
- चीन ने शांति की अपील की – थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हालिया झड़प पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चीन ने दोनों देशों से कूटनीति और बातचीत की ओर लौटने का आग्रह किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह इस बढ़ते तनाव पर “बेहद चिंतित” है और दोनों देशों से बातचीत फिर से शुरू करने का आह्वान किया है। चीन ने आगे कहा कि वह संघर्ष के दौरान निष्पक्ष रुख बनाए रखेगा।
- झड़पों के बीच बाट में गिरावट – कंबोडिया के साथ तनाव बढ़ने के बाद, थाई बाट में भारी गिरावट देखी गई, जो 2022 के बाद के उच्चतम स्तर को छूने के बाद आई। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय मुद्रा 0.3 प्रतिशत गिरकर 32.39 प्रति डॉलर पर आ गई। इससे पहले यह 32.11 प्रति डॉलर तक पहुँच गई थी, जो फरवरी 2022 के बाद से बाट का सबसे मज़बूत स्तर है।
- कंबोडिया ने थाई अस्पताल को निशाना बनाया – रॉयल थाई आर्मी के द्वितीय क्षेत्र के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गुरुवार को फानोम डोंग राक अस्पताल पर कंबोडियाई गोलाबारी की गई।
- थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ सीमाएँ सील कीं – विवादित सीमा पर कंबोडियाई हमलों के बाद, थाईलैंड ने घोषणा की है कि उसने पड़ोसी देश के साथ सभी सीमाएँ सील कर दी हैं। इसके अलावा, उप रक्षा मंत्री ने संघर्ष की पुष्टि की है और बढ़ते तनाव को देखते हुए सेना को पूर्ण संचालन अधिकार प्रदान किए हैं।
- दोनों देशों से राजनयिक निष्कासित – गुरुवार सुबह सीमा पर हुई झड़प के बाद थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ने अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है और निष्कासित कर दिया है।
राजनीति
मस्जिद में अखिलेश यादव ने राजनीतिक चर्चा नहीं की: अवधेश प्रसाद

नई दिल्ली, 24 जुलाई। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भाजपा के उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें भाजपा की ओर से दावा किया गया कि संसद भवन से सटी मस्जिद में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राजनीतिक बैठक की।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) की लोकप्रियता से परेशान हो चुकी है और उसके पेट में दर्द हो रहा है।
22 जुलाई को सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं। पोस्ट में शेयर की गई तस्वीरों में सपा प्रमुख के अलावा उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव भी मौजूद थीं। इन तस्वीरों को लेकर भाजपा ने आपत्ति जताई थी।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा के लोग बेतूका बयान इसीलिए देते हैं, क्योंकि सपा की लोकप्रियता उन्हें बर्दाश्त नहीं होती है। मस्जिद के अंदर किसी भी तरह से राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। हमारे सांसद वहां रहते हैं, मस्जिद के बाहर दो कमरे हैं। वहां उन्होंने आग्रह किया कि चाय पीते हैं। बस उनके आग्रह पर गए थे। मैं एक बार फिर से कह देना चाहता हूं कि मस्जिद में राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है।
सपा सांसद ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें तेजस्वी ने चुनाव का बहिष्कार करने का संकेत दिया है। तेजस्वी के बयान पर उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग के माध्यम से देश में लोकतंत्र को खत्म करने में लग गई है। वोटर वेरिफिकेशन के माध्यम से मतदाता का वोट काटा जा रहा है जो कि गलत है। संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर ने देश के सभी मतदाता को वोट देने का अधिकार दिया, लेकिन भाजपा लगातार संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन कर रही है। भाजपा संविधान को खत्म करने की कोशिश में लगी है, लेकिन जब तक हम लोग हैं, भाजपा की यह कोशिश कामयाब नहीं होने देंगे। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर चुनाव के बहिष्कार करने पर कोई बयान नहीं दिया।
अपराध
ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर छापे मारे

नई दिल्ली, 24 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह से संबंधित 35 से ज्यादा परिसरों, 50 कंपनियों और 25 से अधिक लोगों के कई ठिकानों पर छापे मारे हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की जांच शुरू कर दी।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए), बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की।
ईडी की प्रारंभिक जांच में बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के साथ धोखाधड़ी करके जनता के पैसों को इधर-उधर करने/निपटाने की एक सुनियोजित और सोची-समझी योजना का खुलासा हुआ है। साथ ही, यस बैंक लिमिटेड के प्रमोटर सहित बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का अपराध भी जांच के दायरे में है।
प्रारंभिक जांच में यस बैंक से (2017 से 2019 तक) लगभग 3,000 करोड़ रुपए के अवैध लोन डायवर्जन का पता चला है। ईडी ने पाया है कि लोन स्वीकृत होने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटरों को पैसा दिया गया था। एजेंसी रिश्वतखोरी और लोन के इस गठजोड़ की भी जांच कर रही है।
नियामक ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए लोन में कई नियमों का करते हुए उल्लंघन पाया है, जैसे कि क्रेडिट अप्रूवल मैमोरेंडम (सीएएम) पिछली तारीख के थे, बैंक की लोन नीति का उल्लंघन करते हुए बिना किसी उचित जांच/लोन विश्लेषण के निवेश प्रस्तावित किए गए थे।
लोन शर्तों का उल्लंघन करते हुए, इन लोन को आगे कई समूह कंपनियों और मुखौटा कंपनियों में डायवर्ट किया गया।
जानकारी के मुताबिक, सेबी ने आरएचएफएल मामले में अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं। आरएचएफएल द्वारा कॉर्पोरेट लोन में नाटकीय वृद्धि भी ईडी की जांच के घेरे में है। आरएचएफएल के कॉर्पोरेट लोन वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपए से एक ही साल में बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपए हो गए थे।
सूत्रों के अनुसार, जांच फिलहाल चल रही है। ईडी यस बैंक के अधिकारियों, समूह की कंपनियों और अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के बीच संबंधों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।
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