राष्ट्रीय
उत्तर प्रदेश : संभल में शुरू हुई पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा
लखनऊ, 25 अक्टूबर : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभल एक बार फिर अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ।
शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 46 वर्षों बाद पुनः आरंभ हुई है। 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी यह परंपरा 2024 में योगी सरकार के प्रयासों से फिर से जीवित हो उठी। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।
1978 के दंगों के बाद संभल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर कब्जे हुए और धार्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। परंतु 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उजागर किया जिन्हें वर्षों तक दबाया गया।
सत्ता संरक्षण में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिशें हुईं और हिंदुओं को सुनियोजित रूप से पलायन के लिए विवश किया गया। योगी सरकार ने इन सभी मामलों में कठोर कार्रवाई की। दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया गया।
योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर भी निर्णायक कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए, जिनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थ स्थल और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार कार्य चल रहे हैं।
संभल में अब कानून का इकबाल मजबूत हुआ है। योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक विश्वास की नींव रखी गई है। बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जिससे 84 करोड़ रुपए की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है। 2405 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।
राष्ट्रीय
छत्तीसगढ़: सुकमा में 25 लाख इनामी चैतू समेत 10 नक्सलियों ने किया सरेंडर

जगदलपुर, 28 नवंबर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में लंबे समय से सक्रिय 25 लाख रुपए के इनामी नक्सली चैतू उर्फ श्याम दादा ने शुक्रवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
चैतू दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था और उसके ऊपर 25 लाख रुपए का इनाम था। उसके साथ 9 अन्य माओवादियों ने भी हथियार डाल दिए। इन सभी पर कुल 65 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
चैतू को 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले का मुख्य मास्टरमाइंड माना जाता है। उस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई बड़े नेता मारे गए थे। लंबे समय तक वह दरभा डिवीजन का प्रभारी भी रहा। आत्मसमर्पण करने वाले दूसरे नक्सलियों में सरोज उर्फ डीसीवीएम शामिल है, जिस पर आठ लाख रुपए का इनाम था। बाकी आठ नक्सली एरिया कमेटी मेंबर हैं। इनके नाम भूपेश उर्फ सहायक राम, प्रकाश, कमलेश उर्फ झिटरू, जननी उर्फ रयमती कश्यप, संतोष उर्फ सन्नू, नवीन, रमशीला और जयती कश्यप हैं।
पुलिस का कहना है कि जवानों के लगातार एंटी-नक्सल ऑपरेशन, बड़े-बड़े माओवादी नेताओं का सरेंडर और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और लगातार अपील से ये नक्सली प्रभावित हुए। पिछले कुछ महीनों में कई वरिष्ठ नक्सली हथियार डाल चुके हैं, जिससे संगठन का मनोबल टूटा और दबाव काफी बढ़ गया था।
सभी नक्सलियों ने पुलिस को रायफल, पिस्तौल, विस्फोटक और गोला-बारूद सौंप दिए। छत्तीसगढ़ सरकार की सरेंडर नीति के तहत इन सभी को सुरक्षा, रहने की व्यवस्था और आर्थिक मदद दी जाएगी।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि चैतू जैसे हार्डकोर नक्सली का आत्मसमर्पण बस्तर में शांति की दिशा में बहुत बड़ी सफलता है। इस साल अब तक 150 से ज्यादा नक्सली या तो मारे जा चुके हैं या सरेंडर कर चुके हैं। आने वाले दिनों में और नक्सलियों के हथियार डालने की उम्मीद है। बस्तर में अब शांति की राह साफ दिखाई दे रही है।
राष्ट्रीय
आज का भारत नए संकल्पों और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा: प्रधानमंत्री मोदी

PM MODI
पणजी, 28 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गोवा स्थित श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ के 550वें वर्ष समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि नए संकल्पों और आत्मविश्वास के साथ आज का भारत आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगली जीवोत्तम मठ अपनी स्थापना की 550वीं वर्षगांठ मना रहा है। बीते 550 वर्षों में इस संस्था ने समय के कितने ही चक्रवात झेले हैं। युग बदला, दौर बदला, देश और समाज में कई परिवर्तन हुए, लेकिन बदलते युगों और चुनौतियों के बीच इस मठ ने अपनी दिशा नहीं खोई, बल्कि मठ लोगों को दिशा देने वाला केंद्र बनकर उभरा और यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां इतिहास का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। भगवान श्रीराम की 77 फीट ऊंची भव्य कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है। अभी तीन दिन पहले ही मुझे अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इसी मठ ने समुदाय को सहारा दिया, उन्हें संगठित किया। इस मठ ने मानवता और धर्म की रक्षा की।
उन्होंने कहा कि यहां विकसित हो रहा संग्रहालय और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित 3डी थिएटर, इन सबके द्वारा ये मठ अपनी परंपरा को सुरक्षित कर रहा है, नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां प्रभु श्रीराम की भव्य मूर्ति के अनावरण का सुअवसर मिला है। आज रामायण पर आधारित एक थीम पार्क का उद्घाटन भी हुआ है। आज इस मठ के साथ जो नए आयाम जुड़े हैं, वे आने वाली पीढ़ियों के लिए ध्यान, प्रेरणा और साधना के स्थायी केंद्र बनने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे समय भी आए जब गोवा के मंदिरों और स्थानीय परंपराओं को संकट का सामना करना पड़ा, जब भाषा और सांस्कृतिक पहचान पर दबाव बना, लेकिन ये परिस्थितियां समाज की आत्मा को कमजोर नहीं कर पाईं, बल्कि उसे और दृढ़ बनाया। गोवा की यही विशेषता है कि यहां की संस्कृति ने हर बदलाव में अपने मूल स्वरूप को बनाए रखा और समय के साथ पुनर्जीवित भी किया। इसमें पर्तगाली मठ जैसे संस्थानों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि आज भारत एक अद्भुत सांस्कृतिक पुनर्जागरण का साक्षी बन रहा है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम का भव्य पुनरुद्धार और उज्जैन में महाकाल महालोक का विस्तार, ये सब हमारे राष्ट्र की उस जागरूकता को प्रकट करते हैं जो अपनी आध्यात्मिक धरोहर को नई शक्ति के साथ उभार रही है। आज का भारत अपनी सांस्कृतिक पहचान को नए संकल्पों और नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस मठ ने न सिर्फ धर्म की रक्षा की, बल्कि मानवता और संस्कृति का भी संरक्षण किया। समय के साथ, मठों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का उल्लेखनीय विस्तार हुआ। शिक्षा से लेकर छात्रावासों तक, वे सदैव जन कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं।
राष्ट्रीय
पश्चिम बंगाल में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम से 1 लाख विद्यार्थियों को हुआ लाभ: सीएम ममता बनर्जी

कोलकाता, 28 नवंबर : पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार की ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम’ के तहत मंजूर किए गए शिक्षा ऋण की संख्या 1 लाख से अधिक हो गई है। यह जानकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत मंजूर किए गए केस की संख्या 1,00,000 के लैंडमार्क आंकड़े को पार कर गई है। हमारी सरकार की इस फ्लैगशिप स्कीम में विद्यार्थियों को बहुत मामूली इंटरेस्ट रेट पर 10 लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन दिया जाता है। इंटरेस्ट सबवेंशन/सब्सिडी की रकम पूरी तरह से राज्य सरकार उठाती है।”
उन्होंने आगे लिखा कि यह स्कीम उभरते टैलेंट को उनके मनचाहे लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करती रहेगी। मैं हमारे सभी विद्यार्थियों के अच्छे भविष्य की कामना करता हूं।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में यह स्कीम 2021 में शुरू की गई थी। इस स्कीम के शुरू होने के बाद से पूरे राज्य में इसका अच्छा रिप्लाई आ रहा है। चाहे विदेश में हायर एजुकेशन की पढ़ाई हो या देश के जाने-माने इंस्टिट्यूशन में पढ़ने का मौका, कई विद्यार्थियों ने इसका फायदा लिया है। इसी वजह से इसकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस योजना के तहत सालाना सिंपल इंटरेस्ट पर 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की एक पहल है, जिसका उद्देश्य सभी छात्रों को 4 प्रतिशत साधारण ब्याज पर 10 लाख रुपए तक का जमानत मुक्त ऋण प्रदान करके वित्तीय सहायता प्रदान करना है। अगर अध्ययन अवधि के दौरान ब्याज का पूरा भुगतान कर दिया जाता है तो विद्यार्थियों को 1 प्रतिशत ब्याज छूट प्रदान की जाएगी। इस क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत लिए गए किसी भी ऋण की पुनर्भुगतान अवधि 15 वर्ष होगी।
कोई भी पश्चिम बंगाल का छात्र जो भारत में या बाहर किसी भी सार्वजनिक या निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य संबद्ध संस्थानों में व्यावसायिक डिग्री और अन्य समकक्ष पाठ्यक्रमों सहित माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक, स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन कर रहा है या करना चाहता है, वह इस योजना का फायदा ले सकता है।
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