अपराध
हाथरस मामले में साजिश की जांच करेगी उत्तर प्रदेश एसटीएफ

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अब हाथरस की घटना में कथित साजिश और उसके बाद हुए घटनाक्रमों की जांच करेगा। उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस को मिली खुफिया रिपोटरें के अनुसार, जिले में दलित महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए क्षेत्र में जातिगत संघर्ष पैदा करने की कोशिश की गई थी।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी ने गुरुवार को पुष्टि की कि हाथरस मामले की जांच का एक हिस्सा उप्र एसटीएफ को सौंपा जा रहा है।
एक टीम का गठन एएसपी-रैंक के अधिकारी के अंतर्गत की गई है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि गैरकानूनी विरोध-प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर घृणा फैलाने के संबंध में दर्ज किए गए सभी 19 एफआईआर, जिनमें से हाथरस में छह और बाकी बिजनौर, बुलंदशहर, लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा, शामली और सहारनपुर में दर्ज कराए गए थे, उनकी जांच एसटीएफ करेगी।
इसके अलावा यह टीम सरकार को बदनाम करने के लिए भीड़ एकत्र करने के लिए फंडिंग और इससे जुड़ी साजिशों की रिपोटरें पर भी गौर करेगी।
अधिकारी ने कहा, “एसटीएफ, विवाद पैदा करने के लिए फर्जी खबरों के प्रसार और संपादित तस्वीरों को साझा करने की भी जांच करेगी।”
पुलिस ने कहा कि कुछ विशिष्ट समूहों ने घृणा फैलाने और लोगों को जाति संघर्ष के लिए उकसाने और कोविड-19 महामारी के समय अवैध तरीके से एकजुट होने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सहारा लिया।
वहीं पीड़ित परिवार को अपने पक्ष में बोलने के लिए कुछ समूहों ने 50 लाख रुपये तक की पेशकश की थी, इन दावों की भी जांच की जाएगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले से ही पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों से पूछताछ कर रहा है। गौरतलब है कि उन्हें हाथरस में विवाद पैदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बीते 7 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मथुरा में चार पीएफआई सदस्यों के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। वह कथित तौर पर हाथरस में शांति भंग करने जा रहे थे।
बता दें कि सीबीआई पहले से ही इस मामले की जांच कर रही है, जबकि राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गठित किया गया है।
अपराध
यूपी : रायबरेली में दलित की हत्या से आक्रोश, परिजनों ने कहा- आरोपियों को दी जाए फांसी

रायबरेली, 6 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक दलित व्यक्ति को चोर समझकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिससे राज्य में आक्रोश और राजनीतिक बवाल मच गया। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
पीड़ित की पहचान हरिओम के रूप में हुई है और स्थानीय लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर लाठी-डंडों और बेल्ट से पीट-पीटकर हत्या कर दी।
उसके परिवार के अनुसार, हरिओम दांडेपुर जमुनापुर स्थित अपने ससुराल जा रहा था, तभी भीड़ ने उसे घेर लिया और ड्रोन चोर होने के शक में उसकी पिटाई शुरू कर दी।
रायबरेली के एएसपी संजीव कुमार सिन्हा ने पुष्टि की है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
उन्होंने कहा, “ऊंचाहार थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति को चोर समझकर कुछ लोगों द्वारा पीट-पीटकर मार डालने के मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज कर पांच लोगों को जेल भेज दिया गया है। बाकी आरोपियों की जल्द ही पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।”
सिन्हा ने यह भी बताया कि लापरवाही के आरोप में एक सब-इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
हरिओम की पत्नी पिंकी ने अपने पति की हत्या के लिए न्याय की मांग की है। दंपति की एक चार साल की बेटी है।
पिंकी ने आईएएनएस से बताया, “उन्होंने उसे पकड़ लिया और पीट-पीटकर मार डाला। आरोपियों को उसी तरह सजा मिलनी चाहिए जैसे मेरे पति की हत्या हुई। मुझे सरकार से न्याय चाहिए।”
हरिओम के पिता ने भी आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की और बुलडोजर चलाने की भी मांग की।
उन्होंने कहा, “मेरे बेटे की हत्या कर दी गई। हमें 2 अक्टूबर को इसकी सूचना मिली। हम मांग करते हैं कि हत्यारों को मौत की सजा दी जाए और उनके घरों को बुलडोजर से गिरा दिया जाए।”
हरिओम की बहन कुसुम ने कहा, “2 अक्टूबर को मैं अस्पताल में थी, तो मेरी भाभी का फोन आया। उन्होंने मुझे कहा कि आपके भैया को कुछ लोग बांध कर मार रहे हैं। मेरा भाई कभी चोर नहीं हो सकता।”
इस घटना पर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई है और विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर दलितों और हाशिए पर पड़े समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पीड़ित परिवार से सोमवार को मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। हम पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएंगे। उन्होंने मांग की है कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और साथ में एक करोड़ रुपए भी दिए जाएं।
हालांकि, सरकार ने आश्वासन दिया है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह एक बेहद दुखद घटना है और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई जिम्मेदार पुलिस अधिकारी लापरवाही बरतता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
अपराध
मुंबई अपराध: शिवसेना-यूबीटी नेता के बेटे को पुरुषों के सार्वजनिक शौचालय में 16 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया

मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के एक स्थानीय नेता के बेटे को निर्मल नगर पुलिस ने 1 अक्टूबर को बांद्रा पूर्व स्थित पुरुष शौचालय में 16 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। मझगांव स्थित सिटी सिविल एवं सत्र न्यायालय ने उसे 6 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस के मुताबिक, 1 अक्टूबर को आरोपी ने पीड़िता को बांद्रा ईस्ट स्थित एक सार्वजनिक पुरुष शौचालय में ले जाकर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया और फिर उसे जान से मारने की धमकी दी। पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जाँच जारी है।
अपराध
मुंबई : पीएमओ अधिकारी बनकर 74 लाख की ठगी, ठेकेदार गिरफ्तार

मुंबई, 4 अक्टूबर : मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 11 ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए 38 वर्षीय ठेकेदार रवि नरोत्तम शर्मा को गिरफ्तार किया। शर्मा पर आरोप है कि उसने एक शहर के ज्योतिषी को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अपने उच्च पदस्थ संबंध होने का झांसा देकर 74 लाख रुपए की ठगी की।
पुलिस के अनुसार, शर्मा ने पीड़ित को एमएचएडीए की दो दुकानें दिलाने का झांसा दिया था। उसने दावा किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में उसकी पहुंच के चलते वह यह काम आसानी से करवा सकता है। भरोसा जताने के लिए आरोपी ने सरकारी दफ्तरों की नकली मुहरें भी दिखाई, जो अब पुलिस ने बरामद कर ली हैं।
शर्मा को पुलिस ने जल्द ही एस्पलैंड कोर्ट में पेश किया, जहां पुलिस ने उसकी हिरासत मांगी ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके। अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के पास कई सरकारी विभागों की नकली मुहरें मिली हैं। इससे शक हो रहा है कि उसने कई अन्य लोगों को भी इसी तरह के घोटाले में फंसा रखा है।
पुलिस अब शर्मा के बैंक खातों की जांच कर रही है और यह पता लगाने में लगी है कि कहीं उसके कुछ साथी या सरकारी अधिकारी भी इस ठगी के मामले में शामिल तो नहीं हैं। इस पूरे मामले का दायरा पुलिस की जांच से कहीं बड़ा प्रतीत हो रहा है। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान इस घोटाले के और भी चौंकाने वाले पहलू सामने आ सकते हैं।
आरोपी ने पीड़ित को भरोसा दिलाने के लिए नकली स्टाम्प पेश किया, जो आम व्यक्ति को धोखा देने के लिए काफी था।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि उन्हें इस तरह के किसी भी संदिग्ध मामले की जानकारी हो तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
मुंबई क्राइम ब्रांच की यह गिरफ्तारी एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, जो आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और तथ्य उजागर कर सकती है। पुलिस ने कहा है कि जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में और अहम खुलासे होने की संभावना है।
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