अपराध
उत्तर प्रदेश: झांसी कॉलेज कैम्पस के अंदर लड़की से दुष्कर्म

उत्तर प्रदेश में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र द्वारा पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कैम्पस के अंदर एक 17 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया। घटना तब हुई जह कॉलेज में सिविल सेवा परीक्षा चल रही थी। लड़की के साथ हैवानियत करने वालों ने उसे लूटा, आपत्तिजनक वीडियो बनाए और उस लड़के की भी पिटाई की जिससे वह मिलने गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि रविवार को पॉलिटेक्निक कॉलेज के लगभग एक दर्जन छात्र उसे जबरन कैम्पस के अंदर ले गए जहां उनमें से एक ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
यह घटना कैम्पस के अंदर हुई जहां भारी पुलिस सुरक्षा के बीच प्रांतीय लोक सेवाओं (पीसीएस) की परीक्षा हो रही थीं।
झांसी के एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने कहा कि मुख्य आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पीड़िता अपने एक दोस्त से मिलने गई थी, जब एक दर्जन से अधिक छात्र उसके पास पहुंच गए। एसएसपी ने कहा कि वे उन्हें जबरन हॉस्टल के अंदर ले गए जहां उन्होंने पीड़िता और उसके दोस्त की पिटाई की।
साथ ही आरोपी लड़कों ने लड़की से 2,000 रुपये भी छीन लिए। छात्रों में से एक ने उसके साथ दुष्कर्म किया जबकि अन्य ने वीडियो बनाया।
एसएसपी ने कहा, “जब कैम्पस के पास से गुजर रहे कुछ पुलिसकर्मियों ने पीड़िता के रोने की आवाज सुनी, तो वे उसे सिपरी बाजार पुलिस स्टेशन ले गए। इस घटना से बुरी तरह आहत लड़की ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी और एक आरोपी भरत की पहचान की।”
पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल नवीन कुमार ने कहा, “आरोपी पॉलिटेक्निकके दूसरे वर्ष के छात्र हैं जिनकी वास्तविक पहचान होनी अभी बाकी है।”
उन्होंने कहा, “यह पता लगाया जाना चाहिए कि वे हॉस्टल में रहने वाले छात्र हैं या नहीं। पूरे कैम्पस के लिए केवल एक सुरक्षा गार्ड है जो घटना के समय कहां था, इसका पता नहीं है क्योंकि वह रविवार को कॉलेज में चल रही पीसीएस परीक्षा में व्यस्त था।”
एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने मुख्य आरोपी रोहित सैनी और भरत और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 376-डी, 395, 386, 323, आईटी एक्ट की धारा 66 डी और पोक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। ।
मुख्य आरोपियों रोहित सैनी और भरत को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसएसपी ने कहा, “अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं। लड़की को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। कॉलेज प्रशासन को आरोपियों की पहचान करने और उनका विवरण देने के लिए कहा गया है।”
अपराध
मुंबई अपराध: फर्जी नौकरी रैकेट चलाने और सरकारी पदों का वादा कर 18 उम्मीदवारों को ठगने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 6 ने एक नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग पुलिस कांस्टेबल और एक राजनेता के बॉडीगार्ड बनकर रेलवे, आयकर विभाग और मंत्रालय में सरकारी नौकरी दिलाने का वादा करके कई लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान विशाल कांबले (38) और साहिल गायकवाड़ (20) के रूप में हुई है, जो दोनों चेंबूर के माहुल गाँव के निवासी हैं।
पुलिस के मुताबिक, दोनों ने सरकारी नौकरी दिलाने का झूठा वादा करके लगभग 18 लोगों से मोटी रकम ठगी की। उन्होंने पदों के लिए तय दरें तय कर रखी थीं—आयकर विभाग की नौकरी के लिए 17 लाख रुपये, रेलवे की नौकरी के लिए 10 लाख रुपये, और राज्य मंत्रालय में पोस्टिंग के लिए अलग से दरें।
मामला तब सामने आया जब माहुल निवासी राजश्री लाजरस (42) ने शिकायत दर्ज कराई कि कांबले ने आयकर विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे ₹8 लाख लिए। इसमें से उसने ₹3.25 लाख लौटा दिए, लेकिन वादा की गई नौकरी नहीं दिलाई और ₹4.75 लाख की ठगी की।
कांबले ने बड़ी सावधानी से अपनी फर्जी पहचान बनाई थी। वह अक्सर पुलिस कांस्टेबल बनकर किसी वरिष्ठ नेता का अंगरक्षक होने का दावा करता था। उसके पास उस नेता के साथ तस्वीरें, एक फर्जी पहचान पत्र और उस नेता के नाम वाले लेटरहेड भी थे, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया।
छापे के दौरान, पुलिस ने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जिनमें राजनेता आदित्य ठाकरे के साथ कांबले की एक तस्वीर की फोटोकॉपी, मुंबई आयकर आयुक्त के नाम की मुहर लगे दस्तावेज, रोशन लाजरस के नाम वाली एक फर्जी रीज्वाइनिंग सूची और मुंबई के आयकर उपायुक्त की मुहर वाले अन्य जाली कागजात शामिल थे।
दोनों आरोपियों को एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 8 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने नागरिकों से ऐसे नौकरी रैकेट से सावधान रहने और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से सरकारी नौकरी के सभी प्रस्तावों की जांच करने का आग्रह किया है।
अपराध
ठाणे अपराध: आबकारी विभाग ने 1.56 करोड़ रुपये की शराब जब्त की, चालक गिरफ्तार

ठाणे: ठाणे में राज्य आबकारी विभाग ने बुधवार को गोवा में निर्मित 1,400 पेटी भारतीय विदेशी शराब और ₹1.56 करोड़ मूल्य की एक गाड़ी जब्त की और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान पेशे से ड्राइवर मोहम्मद समशाद सलमानी के रूप में हुई है।
एक गुप्त सूचना के आधार पर, आबकारी दस्ते ने एक संदिग्ध टेंपो को रोका और जाँच के दौरान शराब के कार्टन बरामद किए। वाहन सहित ज़ब्त की गई खेप की कुल कीमत ₹1,56,63,800 आंकी गई है।
सलमानी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ मद्य निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कमिश्नर डॉ. राजेश देशमुख की देखरेख में इंस्पेक्टर महेश प्रकाश धनशेट्टी और उनकी टीम ने यह कार्रवाई की। टेम्पो और शराब की पेटियाँ दोनों जब्त कर ली गई हैं और अधीक्षक प्रवीण तांबे के मार्गदर्शन में आगे की जाँच जारी है।
अपराध
झारखंड हाईकोर्ट से जमानत के बाद भारत से फरार हुआ नाइजीरिया का साइबर क्रिमिनल, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

suprim court
रांची/नई दिल्ली, 3 सितंबर। झारखंड में साइबर फ्रॉड की बड़ी वारदात का आरोपी एक नाइजीरियाई नागरिक हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भारत छोड़कर भाग गया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मामले में झारखंड सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि भारत में आपराधिक वारदात अंजाम देने वाले विदेशी नागरिक अक्सर अदालत से बेल मिलने के बाद देश छोड़कर भाग जाते हैं।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने झारखंड सरकार की याचिका पर नाइजीरियाई नागरिक की जमानत रद्द कर दी। हालांकि नाइजीरिया के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने की वजह से भारत सरकार ने उसे फिलहाल वापस लाने में असमर्थता जताई है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निष्पादित करते हुए केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह ऐसे कदम उठाए कि भारत में अपराध के आरोपी विदेशी नागरिक बेल मिलने के बाद भागकर मुकदमे से बच न सकें।
न्यायालय ने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली की अखंडता बनाए रखने के लिए जरूरी है। नाइजीरियाई नागरिक को झारखंड पुलिस ने 2019 में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 120बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत गिरफ्तार किया था। उसपर गिरिडीह निवासी कारोबारी निर्मल झुनझुनवाला से साइबर फ्रॉड के जरिए 80 लाख रुपए की ठगी का आरोप था।
गिरफ्तारी के बाद दो साल से अधिक समय तक वह झारखंड की जेल में रहा। झारखंड हाईकोर्ट ने 13 मई, 2022 को उसे जमानत दी थी, लेकिन वह जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर नाइजीरिया भाग गया। इसके बाद राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से उसकी बेल रद्द करने का आवेदन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बढ़ती प्रवृत्ति पर पहले भी नवंबर 2024 में चिंता जताई थी कि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में विदेशी नागरिक जमानत मिलने के बाद देश छोड़ देते हैं। न्यायालय ने कहा कि स्पष्ट कानूनी प्रक्रिया या नीति के अभाव में भारतीय प्राधिकरण असहाय रहते हैं, खासकर उन देशों में जहां भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
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