अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के साइबर राजनयिक ने वैश्विक टेलीकॉम कंपनियों से जियो का मॉडल अपनाने को कहा

अमेरिका ने चीनी टेलीकॉम दिग्गज हुआवेई की तीखी आलोचना करते हुए और 5जी अवसंरचना में ‘अविश्वसनीय चीनी उपकरणों’ के उपयोग के प्रति चेताते हुए दुनिया भर के दूरसंचार ऑपरेटरों से भारतीय कंपनी रिलायंस जियो के 5जी टेम्पलेट को अपनाने का आग्रह किया है।
शीर्ष अमेरिकी साइबर राजनयिक रॉबर्ट एल स्ट्रायर ने आईएएनएस से कहा, “मुझे लगता है कि रिलायंस जियो का सबक यह है कि 5जी प्रौद्योगिकी के बारे में कुछ भी रहस्यमय नहीं है। इसमें 4जी प्रौद्योगिकी के समान ही घटक हैं, बस इतना है कि यह एक अलग स्तर तक विकसित हुआ है।”
स्ट्रायर जियो के 100 प्रतिशत मेड-इन-इंडिया 5जी सोलूशन पर अमेरिकी मूल्यांकन पेश कर रहे थे जिसकी घोषणा 15 जुलाई को रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी के 43वें एजीएम में की थी।
स्ट्रायर साइबर एवं अंतर्राष्ट्रीय संचार व सूचना नीति के अमेरिकी उप सहायक सचिव हैं। वह अमेरिका के लिए विदेशी सरकारों के साथ अंतर्राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा, इंटरनेट, डेटा और गोपनीयता नीति पर वार्ताओं का नेतृत्व करते हैं। उनके काम का एक बड़ा हिस्सा 5जी नेटवर्क के लिए गैर-हुआवेई उपकरणों में निवेश करने के लिए अन्य देशों को अमेरिका के पाले में शामिल करना है।
एयरटेल, वोडा आइडिया, बीएसएनएल की चीनी उपकरणों पर निर्भरता के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर स्ट्रायर ने प्रौद्योगिकी जीवन चक्र और मूल्यह्रास की वास्तविकताओं के बारे में बात की, जो कि ‘अविश्वसनीय विक्रेताओं से विश्वसनीय विक्रेताओं की तरफ जाने में काम आती हैं।’
उन्होंने कहा, “हमारा अभियान 5जी की तरफ बढ़ने पर केंद्रित है, लेकिन हमें यह एहसास है कि 3जी और 4जी अवसंरचना 5जी की तरफ जाने पर असर डालेगी। इसलिए हम सरकारों और दूरसंचार ऑपरेटरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे यह देखें कि वे कैसे अविश्वसनीय विक्रेताओं से विश्वसनीय विक्रेताओं तक पहुंच सकते हैं।”
अमेरिका ने 5जी के लिए केवल ‘विश्वसनीय विक्रेताओं’ का उपयोग करने के फैसले के लिए स्पेन में टेलीफोनिका, फ्रांस में ऑरेंज, भारत में जियो, ऑस्ट्रेलिया में टेलस्ट्रा, दक्षिण कोरिया में एसके और केटी, जापान में एनटीटी और कनाडा और सिंगापुर के दूरसंचार ऑपरेटरों की प्रशंसा की है।
स्ट्रायर की यह टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं, जब लंदन में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन को भारत को धमकाने के लिए और हुआवेई और जेडटीई जैसी ‘अविश्वासी’ चीनी आईटी कंपनियों के लिए आड़े हाथ लिया।
शून्य चीनी इनपुट वाले जियो मॉडल पर स्ट्रायर ने भारत में एंटीना, बेस स्टेशन, बैकहॉल, कोर सर्वर और नेटवर्क प्रबंधन के स्वदेशी उत्पादन और इनका ‘वैश्विक बाजार’ बनने के अवसरों का उल्लेख किया।
स्ट्रायर ने कहा कि अगले साल के दौरान सरकार और टेलिकॉम ऑपरेटरों द्वारा 5जी के लिए जो कुछ होने वाला है, उसके नतीजे अगर दशकों तक नहीं तो भी सालों तक महसूस किए जाएंगे।
स्ट्रायर ने कहा, “माहौल हुआवेई के खिलाफ हो रहा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के निगरानी तंत्र और सूचनाओं के दमन के खतरों के प्रति दुनिया जाग रही है।”
उन्होंने कहा, “5जी नेटवर्क के किसी भी हिस्से में हुआवेई और जेडटीई जैसे अविश्वसनीय, उच्च जोखिम वाले वेंडरों को अनुमति देने से संवेदनशील सरकारी, वाणिज्यिक और व्यक्तिगत स्तर की जानकारी खतरे में पड़ सकती है और साथ ही सिस्टम भी व्यवधान, हेरफेर और जासूसी के दायरे में आ सकता है।”
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लगातार आठवें दिन तेजी के साथ बंद, सेंसेक्स 355 अंक उछला

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नई दिल्ली, 12 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लगातार आंठवें दिन तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। सेंसेक्स 355.97 अंक या 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,904.70 और निफ्टी 108.50 अंक या 0.43 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,114 पर था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 183.65 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,227.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 114.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,989.90 पर था।
बाजार को ऊपर खींचने का काम डिफेंस, मेटल और फाइनेंस शेयरों ने किया। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स (4.38 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (0.93 प्रतिशत), निफ्टी ऑटो (0.46 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंस सर्विस (0.70 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.53 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.41 प्रतिशत) और निफ्टी कमोडिटीज (0.41 प्रतिशत) की तेजी के साथ बंद हुआ।
निफ्टी पीएसयू (0.27 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.71 प्रतिशत), निफ्टी मीडिया (0.39 प्रतिशत) और निफ्टी कंजप्शन (0.29 प्रतिशत) की कमजोरी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, इन्फोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स थे। इटरलन (जोमैटो), एचयूएल, ट्रेंट, टाइटन, भारती एयरटेस, एशियन पेंट्स , आईटीसी, एमएंडएम, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई टॉप लूजर्स थे।
एक्सपर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना के कारण बाजार में तेजी बनी हुई है। यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर अमेरिकी टैरिफ प्रस्तावों को अस्वीकार करने की खबरों से धारणा में और सुधार हुआ। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में प्रगति से भी निकट भविष्य में सकारात्मक गति बरकरार रहने की उम्मीद है। सत्र में रक्षा क्षेत्र ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसकी वजह भारतीय खरीद अधिकारियों द्वारा अगली पीढ़ी की छह पारंपरिक पनडुब्बियों के लिए बातचीत शुरू करने की रिपोर्ट्स का आना है।
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 114 अंक या 0.14 प्रतिशत बढ़कर 81,663 पर कारोबार कर रहा था और निफ्टी 39 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 25,045 पर था।
व्यापार
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहे सेंसेक्स-निफ्टी

मुंबई, 11 सितंबर। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में प्रगति और अन्य वैश्विक संकेतों के कारण गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त में रहे।
सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 85 अंक या 0.11 प्रतिशत बढ़कर 81,510 पर और निफ्टी 24 अंक या 0.09 प्रतिशत बढ़कर 24,997 पर कारोबार कर रहे थे।
ब्रॉडकैप सूचकांकों में बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन के साथ निफ्टी मिडकैप 100 में 0.16 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
निफ्टी पैक में एनटीपीसी, ओएनजीसी, टीसीएस और एसबीआई टॉप गेनर्स रहे। जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, हीरो मोटरकॉर्प, डॉ रेड्डीज लैब्स, टेक महिंद्रा और ट्रेंट टॉप लूजर्स रहे।
सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी मीडिया 1.46 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। निफ्टी पीएसयू बैंक 1.11 प्रतिशत और निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.91 प्रतिशत की तेजी में रहे। अन्य सभी सूचकांकों में मामूली बढ़त या गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में उत्साहजनक प्रगति के कारण, निफ्टी ने बीते कारोबारी दिन लगातार छठे सत्र में अपनी तेजी जारी रखी।
मार्केट का सेंटीमेंट सतर्क और आशावादी बना हुआ है, हालांकि लगातार अस्थिरता और मिले-जुले वैश्विक संकेत निवेशकों के विश्वास पर दबाव बना रहे हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि 25,160 से ऊपर एक निर्णायक कदम 25,340 की ओर रास्ता खोल सकता है, जबकि तत्काल समर्थन 24,950 और 24,850 के स्तर पर है।
एशिया-प्रशांत बाजारों में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ीं, जबकि निवेशकों ने चीन के अगस्त मुद्रास्फीति के आंकड़ों का भी आकलन किया। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में चीन में कंज्यूमर प्राइस में सालाना आधार पर 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
सुबह के सत्र में एशियाई बाजारों में शानदार बढ़त दर्ज की गई। चीन का शंघाई सूचकांक 0.92 प्रतिशत और शेन्जेन सूचकांक 2.32 प्रतिशत की बढ़त में रहे। जापान का निक्केई 0.99 प्रतिशत बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 0.41 प्रतिशत की गिरावट में रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.31 प्रतिशत की बढ़त में रहा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 115.69 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,004.29 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
राजनीति
‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें : राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली, 8 सितंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को निर्यातकों से अपील करते हुए कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें। साथ ही, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय राजधानी में इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के प्लेटिनम जयंती समारोह में संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा,”प्राचीन काल में भारत ने अध्यात्म और व्यापार दोनों में विश्व का नेतृत्व किया था। भारत को एक बार फिर ज्ञान और व्यापार का अग्रणी केंद्र बनाना सभी नागरिकों का संकल्प होना चाहिए। आर्थिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हितधारक होने के नाते ईईपीसी को यह संकल्प दृढ़तापूर्वक लेना चाहिए।”
राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि पिछले 10 वर्षों में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से भी अधिक हो गया है।
उन्होंने कहा कि निर्यात में यह वृद्धि तब और भी प्रभावशाली लगती है, जब हम यह देखते हैं कि पिछले दशक के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में कई चुनौतियां रही हैं। उन्होंने इस उपलब्धि में योगदान के लिए ईईपीसी की सराहना की।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ईईपीसी अंतरराष्ट्रीय बाजार और भारतीय उत्पादकों के बीच एक सेतु का काम करता है। उन्होंने ईईपीसी से वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत और भारतीय उद्यमियों की भूमिका का निरंतर विस्तार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था में हो रहे बदलावों के कारण इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
राष्ट्रपति के अनुसार, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है। पिछले सात दशकों में भारत के इंजीनियरिंग निर्यात में बड़ा परिवर्तन आया है। ईईपीसी को परिवर्तन की इस प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करते रहना चाहिए।
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