केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को नकवी और सिंह दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हे अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मुख्तार अब्बास नकवी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के साथ ही राज्य सभा में उपनेता का भी दायित्व संभाल रहे थे। उनका राज्य सभा का कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो रहा है लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें किसी भी राज्य से राज्य सभा में नहीं भेजा और ऐसे में मंत्रिपद से उनका इस्तीफा होना तय ही माना जा रहा था। वहीं , भाजपा के सहयोगी दल नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के कोटे से मोदी सरकार में मंत्री बने आरसीपी सिंह का कार्यकाल भी 7 जुलाई को ही समाप्त हो रहा है। चूंकि उनसे नाराज चल रहे नीतीश कुमार ने इस बार फिर से उन्हे राज्य सभा में नहीं भेजा, ऐसे में किसी भी सदन का सदस्य नहीं होने की वजह से उनका इस्तीफा भी तय माना जा रहा था। नकवी और सिंह, दोनों ने ही गुरुवार को राज्य सभा का कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले ही बुधवार को मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले बुधवार को ही दोपहर में नकवी ने भाजपा मुख्यालय जाकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी।
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह के योगदान की तारीफ करते हुए दोनो नेताओं की सराहना की।
मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर से नकवी के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि औपचारिक तौर पर पार्टी या सरकार की तरफ से उनकी भविष्य की भूमिका को लेकर कुछ नहीं बताया जा रहा है। लेकिन सूत्रों की माने तो पार्टी या सरकार की तरफ से जल्द ही उन्हें बड़ी भूमिका देने की घोषणा की जा सकती है। एक तरफ जहां नकवी को पार्टी की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाने पर चर्चा चल रही है तो वहीं यह भी बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार उन्हे राज्यपाल या उपराज्यपाल भी बना सकती है।
वहीं एक जमाने में नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। यह कहा जा रहा है कि सिंह जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि बड़ा सवाल तो यही है कि जिस नेता से नीतीश कुमार नाराज चल रहे हो, क्या भाजपा उन्हे अपनी पार्टी में शामिल करा कर कोई बड़ी भूमिका दे सकती है ?