अपराध
बिजनौर में दो बाइकों की भिड़ंत, तीन की मौत, एक की हालत गंभीर
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में थाना क्षेत्र धामपुर की नींदडू चौकी क्षेत्र के गांव सरकथल साहनी में गुरुवार रात दो बाइक की आमने-सामने की भिड़ंत हो गई। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जब कि एक युवक की हालत गंभीर बनी हुई है।
गुरुवार रात करीब 8 बजे धामपुर की ओर से बुलेट बाइक पर सवार तीन युवक नूरपुर की ओर जा रहे थे। जबकि नींदडू के गांव सरकथल साहनी के पास पैशन प्रो बाइक पर एक अन्य व्यक्ति आ रहा था। इसी दौरान दोनों बाइकों की भिड़ंत हो गई, जिसमें चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए राहगीरो की सूचना पर एंबुलेंस मौके पर पहुंची। सभी घायलो चिंताजनक हालत मे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धामपुर लाया गया। जहां चिकित्सको ने तीन युवकों को मृत घोषित कर दिया।
उनमें से एक की युवक हालत चिंताजनक देखते हुए जिला अस्पताल बिजनौर रेफर कर दिया गया। मृतकों की पहचान बुलेट सवार 23 साल सौरभ पुत्र जयसिंह निवासी गांव इलाहबास थाना नहटौर, 30 साल सोमपाल निवासी हरेवली थाना शेरकोट और पैशन प्रो सवार 40 साल इंतजार पुत्र यामीन निवासी निन्दरू थाना धामपुर के रूप में हुई है। जबकि बुलेट पर सवार चौथा युवक 21 साल शिवम पुत्र राजू कश्यप निवासी गांव इलाहाबास थाना नहटौर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धामपुर से जिला अस्पताल रेफर किया गया।
धामपुर थाना प्रभारी क्राइम प्रवीण पाठक ने बताया कि बुलेट सवार तीनों युवक अपने गाव से किसी काम से नूरपुर जा रहे थे।
अपराध
हरियाणा पुलिस का बड़ा एक्शन: ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ में 11 दिन में 3000 से अधिक अपराधी गिरफ्तार

चंडीगढ़, 17 नवंबर: हरियाणा को सुरक्षित बनाने और संगठित अपराधों के सिंडिकेट को ध्वस्त करने की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए चलाए जा रहे विशेष राज्यव्यापी अभियान ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ ने एक अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। 5 नवंबर से शुरू हुआ यह सघन अभियान अपने 11वें दिन में पहुंच चुका है और प्रदेश में कानून का शिकंजा कसते हुए अपराधियों के मन में खौफ पैदा कर रहा है। इस ऑपरेशन के 11वें दिन विभिन्न अपराधों में शामिल 96 कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इस ऐतिहासिक कार्रवाई के साथ, ऑपरेशन ट्रैकडाउन ने अब तक कुल 3172 अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
इन गिरफ्तारियों में संगीन और गंभीर अपराधों में शामिल 610 अभियुक्त शामिल हैं, जबकि अन्य मुकदमों में गिरफ्तार अपराधियों की कुल संख्या 2562 हो गई है। आईजी राकेश आर्य ने बताया कि 15 नवंबर को हत्या के 7 मामलों में 8 गिरफ्तारियां, हत्या के प्रयास के 23 मामलों में 29 गिरफ्तारियां और आर्म्स एक्ट (अवैध हथियार) के 22 मामलों में 27 अपराधियों को काबू किया गया, जिससे कुल 54 गंभीर मामलों में 67 अपराधी जेल भेजे गए।
अपराधियों पर नकेल कसने के लिए 15 नवंबर को 19 अभियुक्तों की हिस्ट्री शीट खोली गई है, और अब तक कुल 150 अपराधियों की हिस्ट्री शीट खोली जा चुकी है। यह आंकड़ा हरियाणा पुलिस के अपराध उन्मूलन के प्रति समर्पण को स्पष्ट रूप से दर्शाता है और यह ऑपरेशन सही मायने में हरियाणा को अपराध मुक्त राज्य बनाने की दिशा में अद्भुत परिणाम दे रहा है।
हरियाणा पुलिस महानिदेशक के निर्देशों पर राज्य भर में संगठित अपराधों पर नकेल कसने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ के तहत करनाल पुलिस को आज दो महत्वपूर्ण सफलताएं मिलीं। करनाल पुलिस ने अपनी मुस्तैदी और सक्रियता दिखाते हुए छीना-झपटी और फायरिंग जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम देने वाले कुल चार वांछित और कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार कर जिले में कानून का राज और मजबूत किया।
इस कड़ी में, पहली कार्रवाई लूटपाट और छीना-झपटी के एक मामले से जुड़ी है। दिनांक 13 नवंबर को नहर की पटरी पर गांव कलरी नन्हेड़ा की ओर जा रहे शिकायतकर्ता कमलजीत के साथ आरोपी और उसके साथियों ने लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था, जिसके संबंध में थाना इंद्री में मुकदमा नंबर 650 दर्ज किया गया था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए, पुलिस टीम ने आरोपी योगेश पुत्र दान सिंह निवासी नौरथा, इंद्री, करनाल को सफलतापूर्वक काबू कर लिया।
बताया गया कि गिरफ्तार आरोपी योगेश बेहद शातिर किस्म का अपराधी है और उसके खिलाफ सिर्फ यह लूट का मामला ही नहीं, बल्कि विभिन्न संगीन धाराओं के तहत आठ अन्य मामले पहले से ही इंद्री पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं, जिनमें चोरी और आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले शामिल हैं। गहन पूछताछ के बाद, आरोपी योगेश को अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया।
दूसरी बड़ी सफलता करनाल पुलिस को सीएनजी पेट्रोल पंप पर फायरिंग के मामले में मिली। पुलिस अधीक्षक करनाल के मार्गदर्शन और ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ के तहत निरंतर निगरानी के परिणामस्वरूप, थाना घरौंडा की टीम ने विश्वसनीय सूचना के आधार पर तीन वांछित आरोपियों को गिरफ्तार किया।
इन आरोपियों ने 13 अक्टूबर की रात को सीएनजी पेट्रोल पंप, घरौंडा के कर्मचारी के साथ मामूली कहासुनी होने पर अंधाधुंध फायर कर दहशत फैलाई थी और मौके से फरार हो गए थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जितेंद्र पुत्र सतपाल (पानीपत), सचिन उर्फ रिकी पुत्र हरीश भारद्वाज (शिवाह, पानीपत) और दीपक पुत्र कर्मवीर (जाटल, पानीपत) के रूप में हुई है। इनके खिलाफ थाना घरौंडा में मुकदमा नंबर 624 की धाराओं (109(1) बीएनएस व आर्म्स एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जानकारी दी गई है कि इन आरोपियों को गहनता से पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर लिया गया था। मुख्य आरोपी जितेंद्र के खिलाफ भी पहले से ही हत्या के प्रयास, दंगा और धोखाधड़ी समेत चार अन्य संगीन मामले दर्ज हैं। पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों को जिला जेल भेजा गया।
अपराध
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट पर खेद जताया, आतंकी संबंध की अटकलों को किया खारिज

श्रीनगर, 15 नवंबर: जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने शनिवार को नौगाम पुलिस स्टेशन के अंदर हुई विस्फोट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही, इस मामले में उन्होंने किसी भी तरह के ‘आतंकवादी संबंध’ को खारिज करते हुए कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों के बारे में अन्य धारणाएं केवल ‘अनावश्यक अटकलें’ हैं।
डीजीपी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री नौगाम पुलिस स्टेशन लाई गई और खुले स्थान पर सुरक्षित रूप से रखी गई। बरामदगी की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण, पिछले दो दिनों से विस्फोटक सामग्री के नमूने लेने की प्रक्रिया चल रही थी, ताकि नमूनों को आगे की फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जा सके।
उन्होंने कहा कि विस्फोटक सामग्री की अस्थिर और संवेदनशील प्रकृति के कारण, इसे अत्यधिक सावधानी से संभाला जा रहा था। दुर्भाग्य से शुक्रवार रात लगभग 11.20 बजे, जब्त की गई सामग्री में आकस्मिक विस्फोट हो गया।
डीजीपी ने कहा कि घटना के कारणों के बारे में और कोई अटकलें लगाना अनावश्यक है। इस घटना में 9 लोगों की जान चली गई है। विशेष जांच एजेंसी के एक कर्मचारी, दो राजस्व अधिकारी, एफएलएस टीम के तीन कर्मचारी, अपराध शाखा के दो फोटोग्राफर और एक दर्जी की जान चली गई है। साथ ही, पुलिस स्टेशन की इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और आस-पास की इमारतें भी प्रभावित हुईं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। पुलिस मृतकों के परिवारों के साथ पूरी तरह खड़ी है।
इस विस्फोट में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए बादामी बाग इलाके में स्थित सेना के बेस अस्पताल और शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसकेआईसीसी) सौरा में भर्ती कराया गया है।
इससे पहले शनिवार सुबह डीजीपी नलिन प्रभात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ नौगाम पुलिस स्टेशन गए और स्थिति का मौके पर जाकर जायजा लिया।
नौगाम पुलिस स्टेशन के अंदर हुआ विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए और विस्फोट की आवाज़ नौगाम इलाके से 5-10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। भीषण विस्फोट के कारण पुलिस स्टेशन के अंदर खड़े कई वाहनों में आग लग गई और आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियों को लगाया गया।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद में सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था। इस मामले में डॉ. आदिल राथर और डॉ. मुजम्मिल गनई को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीसरा आतंकी साथी, डॉ. उमर नबी गिरफ्तारी से बच निकला। बाद में लाल किले के पास एक कार विस्फोट में उसकी मौत हो गई, जिसमें 10 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
लखनऊ की एक महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को भी उनकी कार से एक असॉल्ट राइफल बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया। जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के दो ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की गिरफ्तारी से आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ।
अपराध
दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद असम में बड़ा एक्शन, 15 लोग गिरफ्तार

CRIME
नई दिल्ली/गुवाहाटी, 13 नवंबर: दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण विस्फोट के बाद असम में बड़ा एक्शन हुआ है। पिछले कुछ घंटों में असम पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि दिल्ली विस्फोटों के बाद आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में अब तक पूरे राज्य में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि बुधवार को 6 गिरफ्तारियां की गई थीं। इसके बाद रातभर चलाए गए अभियान के दौरान 9 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
रात में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बोंगाईगांव के रहने वाले रफीजुल अली, हैलाकांडी निवासी फोरिद उद्दीन लस्कर, लखीमपुर के इनामुल इस्लाम और फिरुज अहमद उर्फ पोपन, बारपेटा निवासी शाहिल शोमन सिकदर और रकीबुल सुल्तान, होजाई के नसीम अकरम, कामरूप के तस्लीम अहमद और दक्षिण सलमारा के अब्दुर रोहिम उर्फ बप्पी हुसैन के रूप में हुई।
इससे पहले, असम पुलिस ने दरांग के मतिउर रहमान, गोलपाड़ा के हसम अली, चिरांग के अब्दुल लतीफ, कामरूप के वझुल कमाल और बोंगाईगांव के नूर अमीन अहमद को गिरफ्तार किया था। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने दिल्ली धमाके के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट किए।
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ कहा कि असम पुलिस हिंसा का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि असम पुलिस सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके नफरत फैलाने या आतंकवाद का महिमामंडन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तेजी और सख्ती से कार्रवाई जारी रखेगी।
मंगलवार को एक बयान में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि दिल्ली बम विस्फोट की खबर जब सोशल मीडिया पर आई, तो एक विशेष समुदाय के कुछ लोग इस पर मजाक बनाने लगे और ‘हा, हा’ इमोजी डालने लगे। ये लोग आतंकी समर्थक हैं और हमारी पुलिस इन्हें हर हाल में पकड़ने में जुटी है।
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