अंतरराष्ट्रीय
2025 तक 10 में से 5 शीर्ष वाहन निर्माता अपने स्वयं के चिप्स डिजाइन करेंगे : गार्टनर
विद्युतीकरण और स्वायत्तता जैसे रुझानों के साथ-साथ वैश्विक चिप की कमी, 10 शीर्ष ऑटोमोटिव मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) में से पांच को 2025 तक अपने स्वयं के चिप्स डिजाइन करने के लिए मजबूर करेगी। गार्टनर की एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को इसकी जानकारी दी गई। नतीजतन, यह उन्हें अपने उत्पाद रोडमैप और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर नियंत्रण देगा, क्योंकि चिप की कमी के कारण उत्पन्न होने वाली आपूर्ति बाधाओं के कारण दुनिया भर में वाहन निर्माता मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
गार्टनर में अनुसंधान उपाध्यक्ष गौरव गुप्ता ने कहा, “ऑटोमोटिव सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाएं जटिल हैं। ज्यादातर मामलों में, चिप निर्माता वाहन निर्माताओं के लिए पारंपरिक रूप से टियर 3 या 4 आपूर्तिकर्ता होते हैं, जिसका अर्थ है कि जब तक वे ऑटोमोटिव बाजार की मांग को प्रभावित करने वाले परिवर्तनों के अनुकूल नहीं हो जाते, तब तक इसमें कुछ समय लगता है।”
उन्होंने एक बयान में कहा, “आपूर्ति श्रृंखला में दृश्यता की कमी ने ऑटोमोटिव ओईएम की अपनी अर्धचालक आपूर्ति पर अधिक नियंत्रण रखने की इच्छा को बढ़ा दिया है।”
गुप्ता ने कहा, “तथ्य यह है कि ऑटोमोटिव उद्योग बड़े वेफर आकारों पर पुराने उपकरणों को प्राप्त करने में रूढ़िवादी रहा है, जिससे उन्हें भी चोट लगी है और संभवत: उन्हें चिप डिजाइन को घर में लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।”
सेमीकंडक्टर चिप फाउंड्री, जैसे टीएसएमसी और सैमसंग ने अत्याधुनिक निर्माण प्रक्रियाओं तक और अन्य अर्धचालक विक्रेताओं ने उन्नत बौद्धिक संपदा तक पहुंच प्रदान की है जो कस्टम चिप डिजाइन को अपेक्षाकृत आसान बनाता है।
गुप्ता ने कहा, “हम यह भी अनुमान लगाते हैं कि माइक्रोचिप की कमी से सीखे गए सबक वाहन निर्माताओं को तकनीकी कंपनियां बनने के लिए प्रेरित करेंगे।”
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बढ़ती कीमतों के कारण नए वाहनों का बाजार सपाट रहेगा या गिरावट भी होगी।
इस बीच, वाहन निर्माता मौजूदा वाहनों के जीवन का विस्तार करने के लिए नई सेवाओं और यहां तक कि उपकरणों और कंप्यूटरों के उन्नयन पर जोर देंगे।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद, रि यल्टी और बैंकिंग स्टॉक्स में हुई बिकवाली

SHARE MARKET
मुंबई, 16 दिसंबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बिकवाली के साथ बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 533.50 अंक या 0.63 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 84,679.86 और निफ्टी 167.20 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,860.10 पर था।
बाजार पर दबाव बनाने का दाम आईटी और बैंकिंग शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 0.84 प्रतिशत और निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा, ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, एनर्जी, इन्फ्रा और पीएसई इंडेक्स दबाव के साथ बंद हुआ।
दूसरी तरफ, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और निफ्टी मीडिया इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में टाइटन, भारती एयरटेल, एमएंडएम, एशियन पेंट्स, ट्रेंट, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक टॉप गेनर्स थे। एक्सिस बैंक, इटरनल (जोमैटो), एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, एनटीपीसी, टीसीएस, सन फार्मा, एलएंडटी, पावर ग्रिड, एचयूएल, बीईएल, एसबीआई, मारुति सुजुकी और टाटा मोटर पैसेंजर व्हीकल लूजर्स थे।
बाजार में गिराने वाले शेयरों की संख्या अधिक थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,654 शेयर हरे निशान में; 2,523 शेयर लाल निशान में और 158 शेयर बिन किसी बदलाव के बंद हुए।
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक दे ने कहा कि दिन के दौरान निफ्टी का रुझान नकारात्मक रहा और सेशन के दौरान प्रति घंटा चार्ट पर 200 एसएमए के नीचे कारोबार किया। साथ ही इंडेक्स ऊपरी स्तरों को तोड़ने में नाकामयाब रहा, जो कि दिखाता है कि बाजार पर बिकवाली का रुझान जारी है।
उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी ने 25,700 के स्तर को तोड़ दिया है और इससे निफ्टी आने वाले समय में 25,700 तक लुढ़क सकता है। तेजी की स्थिति में बाजार 25,950 से लेकर 26,000 के स्तर को छू सकता है।
बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 306 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,907 और निफ्टी 92 अंक या 0.40 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,924 पर था।
व्यापार
कमजोर वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार लाल निशान में खुला

share market
मुंबई, 15 दिसंबर: कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में खुला। सुबह 9:17 पर सेंसेक्स 233 अंक या 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,034 और निफ्टी 84 अंक या 0.36 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 29,960 पर था।
शुरुआती सत्र में बाजार पर दबाव बनाने का दाम रियल्टी और ऑटो शेयर कर रहे थे। खबर लिखे जाने तक निफ्टी ऑटो 0.85 प्रतिशत और निफ्टी रियल्टी 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ का कारोबार कर रहे थे। इसके अलावा, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल, मेटल, एनर्जी, कमोडिटी और सर्विसेज लाल निशान में थे।
मिडकैप और स्मॉलकैप में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 214.85 अंक या 0.36 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 60,067 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 12 अंक की मामूली कमजोरी के साथ 17,381 पर था।
सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, बीईएल, एचयूएल और एलएंडटी गेनर्स थे। एमएंडएम, ट्रेंट, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, इटरनल (जोमैटो), बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएलटेक, सनफार्मा, बजाज फाइनेंस और टाइटन लूजर्स थे।
व्यापाक बाजार का रुझान नकारात्मक बना हुआ है और बढ़ने वाले शेयरों की अपेक्षा गिरने वालों की संख्या अधिक हैं।
वैश्विक बाजारों में कमजोरी का रुझान देखा जा रहा है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और बैंकॉक लाल निशान में थे। अमेरिकी शेयर बाजार भी शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुए थे।
इसके अतिरिक्त, कमोडिटी सेगमेंट में कारोबार मजबूत बना हुआ है। ब्रेंट क्रूड 0.58 प्रतिशत की तेजी के साथ 57.57 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.56 प्रतिशत की मजबूती के साथ 61.46 डॉलर प्रति बैरल पर था। इसके अलावा सोना 0.72 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,359 डॉलर प्रति औंस और चांदी 1.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 62.86 डॉलर प्रति औंस पर थी।
व्यापार
चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, इन पांच कारण से तेजी को मिल रही हवा

मुंबई, 13 दिसंबर: कमोडिटी बाजार में चांदी ने इतिहास रच दिया है। भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी पहली बार 2 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई। यह चांदी का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
एमसीएक्स पर शुक्रवार के कारोबारी सत्र के दौरान सिल्वर में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली और इसका भाव 2,01,615 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया। हालांकि, ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली के कारण बाजार बंद होते समय यह 1,92,615 रुपए प्रति किलो पर आ गई।
एक्सिस डारेक्ट के मुताबिक, 2024 में 20 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न देने के बाद 2025 में भी चांदी की तेजी जारी है। कीमतों में सालाना बढ़त 1979 के बाद सबसे ज्यादा रही है। लंबे समय तक स्थिर रहने के बाद अब चांदी एक मजबूत तेजी के दौर में प्रवेश कर चुकी है।
चांदी की कीमतों उच्च स्तर पर रहने के पांच बड़े कारण हैं।
1.इंडस्ट्रियल डिमांड में जबरदस्त बढ़ोतरी: एक्सिस म्यूचुअल फंड के अनुसार, 2025 में सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और 5जी टेक्नोलॉजी में चांदी की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। मांग ज्यादा और सप्लाई कम होने से कीमतें ऊपर चली गईं।
- निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी: निवेशक अब ज्यादा से ज्यादा कमोडिटी मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। सोना और अन्य धातुओं में मजबूती का असर चांदी पर भी पड़ा है।
- ग्लोबल मार्केट में सप्लाई की कमी: अमेरिका के कॉमेक्स एक्सचेंज पर चांदी 65.085 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो कई वर्षों का उच्चतम स्तर है। दुनिया भर में सप्लाई कम होने से भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ।
- डॉलर-रुपए में उतार-चढ़ाव: डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी आने से भारत में चांदी और अन्य कीमती धातुएं महंगी हो गईं।
- अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी का डर: बाजार में आशंका है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चांदी पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगा सकते हैं। अमेरिका अपनी जरूरत की लगभग दो-तिहाई चांदी आयात करता है। इस डर से अमेरिकी कंपनियों ने चांदी जमा करना शुरू कर दिया, जिससे वैश्विक बाजार में कमी पैदा हो गई और कीमतें तेजी से बढ़ गईं।
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