राजनीति
बिहार में जंगलराज लाने वालों को ‘भारत माता की जय’ बोलने में दिक्क्त : मोदी
बिहार विधानसभा चुनाव में मंगलवार को जहां एक ओर दूसरे चरण में 94 सीटों के लिए मतदान हो रहा है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहरसा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। बिना किसी का नाम लिए हुए उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शासनकाल को ‘जंगलराज’ बताते हुए कहा कि बिहार में इन लोगों को भारत माता की जय बोलने में भी दिक्क्त होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग एकजुट होकर अब बिहार में वोट मांगने आए हैं।
सहरसा की चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि अपने एक वोट की ताकत कम मत आंकना।
उन्होंने कहा, जिस प्रकार से श्रीकृष्ण ने एक ऊंगली पर गोवर्धन को उठाया था, जिस प्रकार से ग्वालों ने समर्थन किया था, वैसे ही आपकी ऊंगली पर लोकतंत्र के सौभाग्य का चिह्न् लगने वाला है। आपके एक-एक वोट की ताकत बिहार के उज्जवल भविष्य की गारंटी है।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोग आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर बिहार के लिए प्रतिबद्घ हैं, कटिबद्घ हैं। बीते वषों में एक नए उदीयमान, आत्मनिर्भर और गौरवशाली अतीत से प्रेरित बिहार की नींव रखी जा चुकी है। अब इस मजबूत नींव पर एक भव्य और आधुनिक बिहार के निर्माण का समय है।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा, बीते दशक में नीतीश जी के नेतृत्व में राजग सरकार ने आत्मनिर्भर बिहार की मजबूत नींव रखी है। बिहार में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूल सुविधाएं आज गांव-गांव पहुंच चुकी हैं। आज बिहार देश के उन राज्यों में है, जहां बिजली की खपत सबसे अधिक होती है।
‘जंगलराज’ से सावधान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जंगलराज ने बिहार के सामथ्र्य के साथ जो विश्वासघात किया, उसे बिहार का हर नागरिक अच्छे से जानता है। जुबान पर बार-बार गरीब का नाम लेने वालों ने गरीब को ही चुनाव से दूर कर दिया था। बिहार के गरीब को अपनी मर्जी की सरकार बनाने का अधिकार ही नहीं था।
उन्होंने ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत बताते हुए कहा, “बिहार के विकास के इन प्रयासों के बीच, आपको सतर्क भी रहना है। सतर्क उन लोगों से, जिनका इतिहास बिहार में जंगलराज का है। सतर्क उन लोगों से, जो बिहार के लिए नहीं, सिर्फ अपने लिए जीते है। सतर्क उन लोगों से, जिन्हें बिहार की मान मर्यादा, बिहार के मान सम्मान से कोई लेना-देना नहीं।”
प्रधनमंत्री ने वोकल फॉर लोकल से उपस्थित लोगों से नारा लगवाने के बाद देश भर के लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि धनतेरस, दीवाली और छठी मैया की पूजा का त्योहार आने वाला है। जितना संभव हो पाए लोकल चीजें ही खरीदिए।
उन्होंने विरोधियों पर सियासी हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में जंगलराज लाने वालों के साथियों को भारत माता से दिक्कत है। उन्होंने कहा, “कभी एक टोली कहती है कि भारत माता की जय के नारे मत लगाओ, कभी दूसरी टोली को भारत माता की जय से सिरदर्द होने लगता है। ये भारत माता के विरोधी अब एकजुट होकर बिहार के लोगों से वोट मांग रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि वे चाहते हैं, आप जय श्रीराम भी न बोलें। बिहार के चुनाव प्रचार में मां भारती का जयकारा करना इन लोगों को रास नहीं आ रहा। लेकिन बिहार को जंगलराज बनाने वालों के साथी, उनके करीबी क्या चाहते हैं, आपको पता है? वो चाहते हैं, आप भारत माता की जय के नारे न लगाएं।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने अररिया के फारबिसगंज में भी एक चुनावी सभा को संबोधित किया था।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
मुंबई BMC चुनाव: समाजवादी पार्टी की पहली लिस्ट जारी, लेकिन वार्ड नंबर 211 पर कोई फैसला नहीं

BMC
मुंबई: मुंबई नगर निगम चुनाव में महायोति और महा विकास अघाड़ी के बीच अभी तक चुनावी समझौता नहीं हुआ है, जबकि कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी और AIMIM ने नगर निगम के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। समाजवादी पार्टी ने 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है, जिसमें 213 से जेब-उन-निसा मलिक को उम्मीदवार बनाया गया है, साथ ही 212 से शहजाद अब्राहनी को उम्मीदवार बनाया गया है। समाजवादी पार्टी में वार्ड नंबर 211 को लेकर खींचतान चल रही है, इसलिए पार्टी ने इस वार्ड के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। सपा नेता रईस शेख ने भी अपने भाई सलीम शेख को इस वार्ड के लिए उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है। समाजवादी पार्टी ने अभी तक इस वार्ड में टिकट को लेकर कोई फैसला नहीं किया है, जबकि रईस शेख के भाई की उम्मीदवारी का भी विरोध हो रहा है। स्थानीय महिलाओं ने रईस शेख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सपा की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी भी पेश की है। ऐसे में समाजवादी पार्टी में 211 से किसे उम्मीदवार दिया जाएगा, यह अभी भी पेंडिंग है। समाजवादी पार्टी ने महा विकास अघाड़ी से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, वहीं उद्धव और राज ठाकरे के बीच भी चुनावी समझौता हो गया है। इसके साथ ही अजित पवार और शरद पवार की NCP भी चुनावी समझौते को लेकर बातचीत कर रही है। अगर अजित पवार और शरद पवार के बीच चुनावी समझौता होता है, तो कांग्रेस पार्टी अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है, ऐसा दावा कांग्रेस नेता जया विटवर्ड ने किया है। मुंबई BMC चुनाव में हर राजनीतिक पार्टी एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रही है, वहीं दोनों भाइयों ने मराठी मानस के मुद्दे पर गठबंधन किया है और मुंबई शहर में मराठी मानस के एक होने के बैनर भी लगाए जा रहे हैं।
राजनीति
बीएमसी चुनाव: एनसीपी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की, मुंबई में लगातार दूसरे दिन हुई बैठक

मुंबई, 27 दिसंबर: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनावों में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। महायुति में सीट बंटवारे पर सहमति न बनने की स्थिति में एनसीपी ने मुंबई में अलग बैठक बुलाई है और उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की गई है।
एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने शनिवार को कहा कि पिछले तीन दिनों से सबके साथ बैठकें चल रही हैं और इस बारे में सारी जानकारी अजित पवार को बता दी गई है। उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर की शाम तक स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी और उस दिन दोपहर 3 बजे सीटों को लेकर घोषणा की जाएगी।
सुनील तटकरे ने यह भी कहा कि एनडीए में शामिल होने का नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का फैसला फायदेमंद रहा है। राज्य के लोगों ने इस फैसले का समर्थन किया है और यह बदला नहीं जाएगा।
वहीं, एनसीपी विधायक सना मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महायुति में हमारे प्रस्तावों पर बात आगे नहीं बढ़ी। इस स्थिति में हमने अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी की है। उम्मीदवारों के नामों को लेकर भी चर्चा हुई है और कार्यकर्ताओं को हर स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।
सना मलिक ने बताया कि बैठक में 62-65 सीटों पर लड़ने के लिए पार्टी की बैठक में चर्चा हुई है। पुराने साथी भी साथ लड़ने के लिए आ रहे हैं। कार्यकर्ताओं में भी जोश है। इस सबको देखते हुए पार्टी तकरीबन 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। एनसीपी पूरी ताकत के साथ बीएमसी चुनाव में उतरेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि महायुति के साथ मिलकर लड़ने के बारे में पार्टी नेतृत्व फैसला लेगा।
पूर्व विधायक जीशान सिद्दीकी ने बैठक के बारे में बताया कि सुनील तटकरे के नेतृत्व में बैठक हुई थी, जिसमें संभावित जीत वाली सीटों को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर पार्टी नेतृत्व की तरफ से फैसला होना है, लेकिन मुंबई में पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश है और हम अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं।
जीशान सिद्दीकी ने कहा कि मुंबई की जनता हमारे साथ है और बीएमसी चुनाव में एनसीपी अपना झंडा जरूर लहराएगी।
राजनीति
महाराष्ट्र: छत्रपति संभाजीनगर में एआईएमआईएम के टिकट को लेकर बवाल, पुलिस ने दर्ज किया मामला

FIR
मुंबई, 27 दिसंबर: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर का सियासी माहौल इन दिनों काफी गरमाया हुआ है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) में टिकट वितरण को लेकर अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। वार्ड नंबर 12 से उम्मीदवार की घोषणा के बाद पार्टी के दो गुट आमने-सामने आ गए, जिसके चलते रैली के दौरान जमकर हंगामा और धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया।
जानकारी के अनुसार, एमआईएम ने हाल ही में छत्रपति संभाजीनगर शहर के 8 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इनमें वार्ड नंबर 12 से मोहम्मद असरार को पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार बनाया गया। शुक्रवार शाम मोहम्मद असरार ने किराडपुरा इलाके से चुनावी रैली निकाली थी। इसी दौरान टिकट न मिलने से नाराज पूर्व नगरसेविका नसीम बी के बेटे हाजी इसाक खान के समर्थकों ने रैली को रोक दिया, जिससे विवाद शुरू हो गया।
बताया जा रहा है कि रैली रोकने के बाद दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच पहले कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते धक्का-मुक्की और मारपीट में बदल गई। इस दौरान कुछ लोगों के साथ हाथापाई की गई। घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है। उम्मीदवारी को लेकर जवाब मांगने के दौरान दोनों गुटों के समर्थक आमने-सामने आ गए और जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई।
हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि मोहम्मद असरार को रैली बीच में ही रोकनी पड़ी। घटना के बाद किराडपुरा इलाके में कुछ समय के लिए दहशत का माहौल बन गया। स्थिति बिगड़ते देख दोनों पक्ष जिन्सी पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस ने अफसर खान हुसैन खान की शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ अदखलपात्र मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हाजी इसाक खान पिछले करीब 10 वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और इलाके में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में एआईएमआईएम द्वारा किसी दूसरे कार्यकर्ता को टिकट दिए जाने से समर्थकों में नाराजगी है। खुद हाजी इसाक खान ने भी कहा है कि यदि उन्हें एआईएमआईएम से टिकट नहीं मिलता है, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
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