राष्ट्रीय समाचार
भारत में एचएमपीवी वायरस का तीसरा केस मिला, अहमदाबाद में 2 महीने का बच्चा पॉजिटिव
अहमदाबाद, 6 जनवरी। चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। भारत में भी एचएमपीवी वायरस के मामले सामने आने लगे हैं। बेंगलुरु के बाद गुजरात के अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चे का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
भारत में अब तक एचएमपीवी वायरस के तीन मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से दो कर्नाटक में और अब एक मामला गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है। बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण हैं। निजी अस्पताल की एक लैब के अनुसार, बच्चे की एचएमवीपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चा मोडासा के नजदीक एक गांव का रहने वाला है। बच्चे की तबीयत सामान्य बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने वायरस की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि यदि आप खांसते या छींकते हैं तो अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढके रहें। बीमार हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। यदि सांस संबंधी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाएं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एचएमपीवी वायरस वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं। हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। इस वायरस से संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है। इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसे परेशानी भी हो सकती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं। सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।
राष्ट्रीय समाचार
बिहार में एचएमपीवी वायरस को मात देने के लिए कोरोना की तर्ज पर होंगे इंतजाम
पटना, 7 जनवरी। चीन में फैले एचएमपीवी वायरस को बिहार में मात देने के लिए कोरोना की तर्ज पर इंतजाम किए जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद सभी जिलों के जिलाधिकारियों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य एवं अधीक्षक, सिविल सर्जनों को इस वायरस से बचाव के लिए कोरोना की तर्ज पर ही इंतजाम करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह एक श्वसन तंत्र से जुड़ा हुआ वायरस है। इसके संक्रमण से बचने के लिए कोई विशेष एंटी वायरल या वैक्सीन अबतक उपलब्ध नहीं है।
विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा इन्फ्लूएंजा के समान बीमारी एवं सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी न्यूमोनिया (सारी) का सर्विलांस सुनिश्चित करते हुए इसको आईएचआईपी पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट दी जाए।
कोविड-19 से संबंधित दवा, किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, मास्क इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके ट्रेंड पर ध्यान रखने और इसके बढ़ने की स्थिति में सभी अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण गतिविधियों की सघन निगरानी करने को कहा गया है। अस्पताल में गंभीर रूप से भर्ती मामलों के सैंपल को राष्ट्रीय लैब में भेजकर जांच कराने के भी निर्देश दिए गए हैं जिससे एचएमपीवी की लैब में पुष्टि हो सके।
विभाग के अनुसार इसके लक्षणों में कफ, बुखार, नाक में संक्रमण, श्वास में परेशानी, गंभीर स्थिति में ब्रोंकाइटिस एवं न्यूमोनिया शामिल है। एचएमपीवी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने अथवा छींकने से फैलता है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति को छूने, एवं संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख अथवा नाक के संपर्क होने से फैल सकता है।
एचएमपीवी से बचाव के लिए कोरोना के समान ही प्रमुख विधि बताई जा रही है। विशेषकर छोटे बच्चे, 60 वर्षो से अधिक अधिक उम्र वाले व्यक्ति तथा कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति के लिए एहतियात बरतने का सुझाव दिया गया है।
राजनीति
झारखंड विधानसभा की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी दो हफ्ते में नेता प्रतिपक्ष नॉमिनेट करे : सुप्रीम कोर्ट
रांची, 7 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों पर नियुक्ति से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम निर्देश जारी किए हैं। सुनवाई के दौरान राज्य की सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में नेता प्रतिपक्ष नहीं होने की वजह से सूचना आयोग में नियुक्ति पर निर्णय लेने वाली सेलेक्शन कमेटी की बैठक नहीं हो पाई है।
नेता प्रतिपक्ष इस कमेटी के सदस्य होते हैं, लेकिन फिलहाल राज्य विधानसभा में यह स्थान रिक्त है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया है कि झारखंड विधानसभा की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी अपने किसी निर्वाचित सदस्य को इस कमेटी के लिए विपक्ष के नेता के तौर पर नॉमिनेट करे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि सूचना आयोग में नियुक्ति पर निर्णय लेने वाली सेलेक्शन कमेटी के लिए विपक्ष के नेता को नॉमिनेट करने की प्रक्रिया दो सप्ताह में पूरी की जानी चाहिए। सेलेक्शन कमेटी इसके तुरंत बाद मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने झारखंड के मुख्य सचिव आदेश के अनुपालन को लेकर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इस याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे सुनिश्चित करें कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया चार सप्ताह के भीतर शुरू हो और इस निर्देश के अनुपालन का हलफनामा दायर किया जाए। झारखंड सरकार के वकील ने दलील दी थी कि चयन समिति में अपेक्षित कोरम का अभाव था और इस वजह से झारखंड में सूचना आयुक्तों की नियुक्तियां नहीं की जा सकी हैं।
अब सरकार की ओर से कोर्ट में दाखिल पूरक हलफनामे में बताया गया है कि सूचना आयोग में नियुक्तियों के लिए जून 2024 को एक विज्ञापन दिया गया था, लेकिन झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं की जा सकी है।
दूसरी तरफ याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया है कि झारखंड में वर्ष 2020 से राज्य सूचना आयोग निष्क्रिय है। मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त सहित कई पद रिक्त हैं। इस वजह से आरटीआई से संबंधित हजारों केस पेंडिंग हो गए हैं।
राजनीति
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान
अयोध्या, 7 जनवरी। दिल्ली विधानसभा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट पर भी आयोग ने चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। दिल्ली के साथ अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर भी 5 फरवरी को वोटिंग होगी, जिसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने विजय पाई थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में मिल्कीपुर सीट से विधायक रहे अवधेश प्रसाद सांसद चुने गए। इस जीत को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना गया। ऐसे में भाजपा अब मिल्कीपुर सीट पर कब्जा करने के लिए पूरी ताकत से जुटी है। इसी कारण से मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार दौरा कर चुके हैं।
भारतीय जनता पार्टी मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत के जरिए लोकसभा चुनाव में मिली हार की भरपाई करने की फिराक में है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों की फौज उतार रखी है। इसके अलावा संगठन के पदाधिकारियों को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है। साथ ही खुद भी सीएम योगी लगातार अयोध्या का दौरा कर मीटिंग कर रहे हैं।
उधर, समाजवादी पार्टी (सपा) भी इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। पार्टी ने मिल्कीपुर से पहले ही सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को अपना उम्मीदवार घोषित कर रखा है। अवधेश प्रसाद यहां लगातार सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा है कि इस सीट पर सपा अपनी जीत दर्ज करने जा रही है। भाजपा ने विकास रोकने का काम किया। यह बात जनता जानती है। सपा विकास करती है, जबकि भाजपा रोड़ा अटकाती है। मिल्कीपुर से सपा के उम्मीदवार हमारे बेटे अजीत प्रसाद हैं। लोग डिसाइड कर चुके हैं, उन्हें जीतना है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों पर उपचुनाव हो चुके हैं, लेकिन मिल्कीपुर का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने से उस समय आयोग ने यहां चुनाव नहीं कराया। अब कोर्ट में दायर याचिका का निपटारा हो चुका है। इस कारण यहां चुनाव हो रहे हैं।
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