व्यापार
महावीर जयंती के कारण बंद रहेगा शेयर बाजार, नहीं होगी शेयरों की खरीद-बिक्री

मुंबई, 10 अप्रैल। महावीर जयंती के कारण भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को बंद रहेंगे। इस दिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कारोबार नहीं होगा।
अवकाश होने के कारण इक्विटी के साथ डेरिवेटिव्स सेगमेंट, एसएलबी सेगमेंट और करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में भी किसी भी प्रकार की कोई खरीद-बिक्री नहीं होगी।
हालांकि, कमोडिटी मार्केट आंशिक रूप से खुला रहेगा। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के अनुसार, सुबह का सत्र, जो सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलता है, बंद रहेगा। लेकिन शाम का सत्र कमोडिटी के आधार पर शाम 5:00 बजे से रात 11:30 बजे या रात 11:55 बजे तक खुला रहेगा।
स्टॉक एक्सचेंजों की हॉलिडे लिस्ट के मुताबिक, महावीर जयंती के अलावा इस महीने शेयर बाजार डॉ बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल और गुड फ्राइडे के अवसर पर 18 अप्रैल को बंद रहेगा।
अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ 90 दिनों के लिए टालने के फैसले के कारण बुधवार को वैश्विक शेयर बाजारों में बड़ी रैली देखने को मिली। इस रैली का शेयर बाजार पर अगले दिन यानी 11 अप्रैल को असर देखने को मिल सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन को छोड़कर बाकी अन्य देशों पर लगे रेसिप्रोकल टैरिफ टाल दिए गए हैं।
टैरिफ हटने के बाद एशिया के ज्यादातर बाजारों में तेजी देखी जा रही है। टोक्यो, बैंकॉक, सोल और जकार्ता में 5 प्रतिशत से अधिक की बढ़त है। वहीं, शंघाई और हांगकांग में करीब 1.5 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार हो रहा था।
अमेरिकी बाजार बुधवार को हरे निशान में बंद हुआ। डाओ 7.87 प्रतिशत और टेक्नोलॉजी इंडेक्स नैस्डैक 12.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।
वहीं, पिछले कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 379 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,847 और निफ्टी 136 अंक या 0.61 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,399 पर था।
व्यापार
भारत के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 2024 में हुई 25 डील, 42,000 नए कमरे जुड़े

मुंबई, 14 अप्रैल। वर्ष 2024 भारत के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए शानदार रहा। इस दौरान करीब 42,071 नए कमरे जोड़े गए। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सोमवार को दी गई।
मीडिया के अनुसार, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में वर्ष 2024 में लगभग 25 डील हुई। इसमें बिजनेस और अवकाश स्थल दोनों प्रकार की डील शामिल थीं।
मीडिया के मुताबिक, हाई-नेट-वर्थ व्यक्तियों, फैमिली ऑफिस और प्राइवेट होटल व्यवसायियों ने इस सेक्टर का नेतृत्व किया और कुल लेनदेन वॉल्यूम में इनका योगदान 51 प्रतिशत का था।
वहीं, लिस्टेड होटल कंपनियों का 34 प्रतिशत, मालिक-संचालकों और रियल एस्टेट डेवलपर्स ने क्रमशः 8 प्रतिशत और 7 प्रतिशत का छोटा लेकिन महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रिपोर्ट में कहा गया कि बड़ी बात यह है कि टियर 2 और 3 शहरों की ओर बड़ा बदलाव हुआ है और सभी होटल लेनदेन में इन शहरों की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत हो गई है।
इस ट्रेड से उद्योग की पहुंच बढ़ी है और अमृतसर, मथुरा, बीकानेर और कई अन्य जैसे पहले से उपेक्षित बाजारों में गुणवत्तापूर्ण होटल की उपलब्धता बढ़ी है।
जेएलएल के होटल और हॉस्पिटैलिटी समूह में भारत के प्रबंध निदेशक जयदीप डांग ने कहा कि 2025 की पहली तिमाही में होटल लेनदेन बाजार में मजबूती देखने को मिली है, जिसमें जेएलएल ने चेन्नई और गोवा में दो सौदे किए हैं। परिचालन परिसंपत्तियों और भूमि पार्सल दोनों के लिए निवेशकों का उत्साह इस क्षेत्र के आकर्षण को दिखाता है, जो अनुकूल आर्थिक स्थितियों, वाणिज्यिक बाजारों के विस्तार और पर्यटन के लिए सरकार के हालिया बजट प्रोत्साहन से प्रेरित है।
डांग ने कहा कि 2024 होटल निवेश, उद्घाटन और हस्ताक्षर में रिकॉर्ड तोड़ने वाला वर्ष रहा है और 2025 की शुरुआत मजबूत हुई है और इस गति को आगे भी बनाए रखने की उम्मीद है।
इन समझौतों में मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट का प्रभुत्व रहा, जो साइन किए गए कुल एग्रीमेंट का 81 प्रतिशत था, जबकि फ्रेंचाइजी और लीज/आय हिस्सेदारी समझौते क्रमशः 14 प्रतिशत और 5 प्रतिशत थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स की संख्या (28,281) पूरे वर्ष 2023 (13,600) को पार कर गई है, जो इस क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास में होटल डेवलपर्स के स्थायी विश्वास को दर्शाता है।
व्यापार
एसआईपी निवेश मार्च में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा, एयूएम बढ़कर 65.74 लाख करोड़ रुपये हुआ

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए मार्च में 25,926 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड (एम्फी) की ओर से शुक्रवार को जारी डेटा में दी गई।
बीते महीने एसआईपी के जरिए निवेश में मामूली गिरावट दर्ज की गई है और यह फरवरी में 25,999 करोड़ रुपये था।
एसआईपी में लगातार निवेश आना दिखाता है कि लोग लंबी अवधि के नजरिए शेयर बाजार में अनुशासित तरीके से निवेश कर रहे हैं।
मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल 25,082 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया है। फरवरी में यह आंकड़ा 29,303 करोड़ रुपये था
बीते महीने स्मॉलकैप फंड्स में 4,092 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है, जो कि फरवरी में 3,722 करोड़ रुपये था। वहीं, मिडकैप फंड्स में 3,438 करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज किया गया है। फरवरी में यह आंकड़ा 3,407 करोड़ रुपये पर था।
मार्च में लार्जकैप फंड्स में इनफ्लो 2,479 करोड़ रुपये रहा है, जो कि फरवरी में 2,866 करोड़ रुपये था। लार्जकैप और मिडकैप फंड में 2,718 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है। फरवरी में यह आंकड़ा 2,656 करोड़ रुपये था।
इसके अतिरिक्त, बीते महीने फ्लेक्सी कैप फंड में सबसे अधिक 5,615 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है। फरवरी में इस कैटेगरी में 5,104 करोड़ रुपये का निवेश आया था।
बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद सभी 11 इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी में इनफ्लो सकारात्मक रहा है। इस कारण मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का असेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 7.6 प्रतिशत बढ़कर 29.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
हालांकि, मार्च में डेट म्यूचुअल फंड्स में 2.02 लाख करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला है, जो कि फरवरी के 6,525 करोड़ रुपये के आउटफ्लो के मुकाबले काफी अधिक है।
इक्विटी में इनफ्लो बढ़ने के कारण भारत की म्युचूअल फंड इंडस्ट्री की असेट्स अंडर मैनेजमेंट 1.87 प्रतिशत बढ़कर 65.74 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
व्यापार
यूएस रेसिप्रोकल पर टैरिफ 90 दिनों की रोक से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को हरे निशान में हुई। सुबह 9:38 पर सेंसेक्स 1,349 अंक या 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75,196 और निफ्टी 444 अंक की तेजी के साथ 22,843 पर था।
बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाना है। वहीं, 10 अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी के कारण बाजार इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया था, जिसके कारण आज बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में हैं। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 899 अंक या 1.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,481 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 311 अंक या 2.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,568 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा के साथ करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में हैं।
सेंसेक्स में टाटा मोटर्स, सन फार्मा, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, इटरनल, एमएंडएम, पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। वहीं, टीसीएस और एशियन पेंट्स ही लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
एशिया के ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। टोक्यो, हांगकांग, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और शंघाई हरे निशान में थे। गुरुवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट हुई। डाओ 2.50 प्रतिशत और नैस्डैक 4.31 प्रतिशत फिसलकर बंद हुआ।
भारतीय रुपया बुधवार के 86.69 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले शुक्रवार को 51 पैसे बढ़कर 86.18 प्रति डॉलर पर खुला। वहीं, शुक्रवार को सोना पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका कारण कमजोर डॉलर और बढ़ते व्यापार युद्ध था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।
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