राष्ट्रीय
नवाबों के शहर में होगी गुड़ के गुणों पर चर्चा
नवाबों के शहर (लखनऊ) में इसी माह गुड़ के गुणों पर चर्चा होगी। आयुष विभाग के विशेषज्ञ गुड़ के औषधीय खूबियों के बारे में बताएंगे। विषय विशेषज्ञ गुड़ और इसके सह उत्पादों की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। इस चर्चा में पैकेजिंग एवं मार्केटिंग, ई बिजनेस, ई मार्केटिंग एवं निर्यात की संभावना आदि विषय शामिल होंगे। गुड़ के उत्कृष्ट उत्पाद बनाने वाले भी अपने अनुभव साझा करेंगे। गन्ना विभाग के विशेषज्ञ गन्ने की खेती को और लाभकारी बनाने के लिए सहफसली खेती, उन्नत प्रजातियों के बारे में चर्चा करेंगे। गुड़ के उत्पादन एवं व्यापार से जुड़े उद्यमियों को विशेषज्ञ के गुड़ उत्पादन के लिए उपलब्ध अत्याधुनिक तकनीक, उत्पाद विविधता, भंडारण, विपणन एवं निर्यात संबंधी विविध पहलुओं के बारे में बताएंगे। गुड़ के सर्वश्रेष्ठ उत्पाद बनाने वाले तीन स्टॉल लगाने वालों को सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा।
यह सब होगा यहां 6 और 7 मार्च को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान आयोजित होने वाले गुड़ महोत्सव में। दो दिवसीय इस महोत्सव का उद्धाटन 6 मार्च को शाम 5 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। गुड़ महोत्सव में आयोजित किये जाने वाले इन कार्यक्रमों के जरिए विभिन्न सूचनाएं गुड़ उद्योग से जुडे उद्यमियों, उपभोक्ताओं एवं कृषकों को मिलेंगी। यह महोत्सव गुड़ विनिर्माण उद्योग के तीव्र विकास में मददगार होगा। गन्ना किसानों को उनके द्वारा उत्पादित किये गन्ने का बेहतर दाम मिलेगा। साथ ही उपभोक्ताओं को गुड़ के विविध एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। ऐसे में किसानों की आय बढ़ना स्वाभाविक है।
मालूम हो कि गुड़ भारत की परंपरा का अटूट हिस्सा है। पूजा की थाली से लेकर खाने की थाली तक इसकी जरूरत होती है। परंपरा में रचे बसे होने के कारण गुड़ को लेकर ढेर सारे मुहावरे भी प्रचलित हैं। चरक संहिता में भी गुड़ के औषधीय गुणों का जिक्र है। यूं भी गुड़ में चीनी की तुलना में आयरन, कैलसियम और जरूरी मिनरल अधिक मात्रा में मिलते हैं।
‘गुड़ के प्रसंस्करण से बढ़ेगा रोजगार’
प्रदेश में गुड़ का उत्पादन स्थानीय स्तर के लघु एवं कुटीर उद्योगों में होता है। मौजूदा समय में उप्र में 261 पावर क्रेशर एवं लगभग 5,650 कोल्हुओं द्वारा गुड़ का उत्पादन किया जा रहा है। ऐसे में गुड़ और इसके प्रसंस्कृत उत्पाद स्थानीय स्तर पर रोजगार का भी जरिया बनेंगे। गन्ना सूबे की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसल है। इसलिए गुड़ एवं इसके प्रसंस्कृत उत्पादों के जरिए गुड़ उद्योग के विकास के साथ गन्ना किसनों को पास में ही बेहतर दाम मिलने से उनकी आय बढ़ेगी। इसका लाभ किसानों के साथ इससे जुड़े सभी हितधारकों (उद्योग से सम्बन्ध रखने वाले, उत्पादन एवं व्यापार करने वाले उद्यमी, गुड़ उत्पादन में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी के निमार्ता एवं गुड़ के उपभोक्ता) को होगा।
अपर मुख्य सचिव गन्ना संजय भूसरेड्डी ने बताया आयोजन का मकसद लोगों को गुड़ के औषधीय लाभ के प्रति जन को जागरूक करने के साथ गुड़ उत्पादकों को गुणवत्ता के गुड़ और उसके प्रसंस्कृत उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित करना है। यह महोत्सव गुड़ उत्पादकों, तकनीशियन, मशीनरी निर्माताओं एवं क्रेताओं के बीच बेहतर तालमेल का जरिया बनेगा। इसमें देश एवं प्रदेश के गुड़ उत्पादकों द्वारा स्टॉल लगाये जायेंगे ।
‘ओडीओपी को भी मिलेगा प्रोत्साहन’
इस आयोजन से किसानों के लिए गन्ना और मीठा होगा। साथ ही ओडीओपी को भी बढ़ावा मिलेगा। मालूम हो कि गन्ना मुजफ्फरनगर और अयोध्या जिले का ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) है। मुख्यमंत्री अपनी इस पसंदीदा योजना को लेकर बेहद संजीदा हैं। यही वजह है कि पहला गुड़ महोत्सव मुजफ्फरनगर में आयोजित हुआ था। लखनऊ में इसके आयोजन से अयोध्या सहित पूर्वांचल के गन्ना किसानों को गुड़ के प्रसंस्कृत उत्पाद बनाने की प्रेरणा मिलेगी।
महोत्सव
स्वतंत्रता दिवस 2024: थीम, इतिहास, महत्व और समारोह के बारे में अधिक जानें।
भारत 15 अगस्त, 2024 को अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्ति के सत्तर से अधिक वर्षों का प्रतीक है। राष्ट्रीय गौरव और गहरी देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जाने वाला यह वार्षिक कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के बहादुर कार्यों और स्वायत्तता और विकास की दिशा में राष्ट्र की प्रगति को श्रद्धांजलि देता है। यह लेख 2024 में भारत के स्वतंत्रता दिवस से जुड़े महत्व, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और समारोहों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
क्या यह स्वतंत्रता दिवस की 77वीं या 78वीं वर्षगांठ है?
2024 में 78वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक होगा। भले ही यह स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से 77वाँ वर्ष है, लेकिन स्वतंत्रता के बाद से यह दिन 78 बार मनाया जा चुका है। जानकारी का यह दोहरा स्रोत भ्रम पैदा कर सकता है, फिर भी प्रत्येक आंकड़ा अपने संदर्भ में सही है।
4 जुलाई 2024 की थीम
इस वर्ष की थीम, “विकसित भारत” या “विकसित भारत”, 2047 तक भारत को एक विकसित और प्रगतिशील राष्ट्र में बदलने के लक्ष्य को दर्शाती है, जो इसकी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ है।
इतिहास में स्वतंत्रता दिवस का महत्व
इस विशेष दिन पर, भारत ने लगभग दो सौ वर्षों के औपनिवेशिक शासन के बाद ब्रिटिश नियंत्रण से स्वतंत्रता प्राप्त की। ब्रिटिश संसद ने 18 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया, जिसने ब्रिटिश वर्चस्व को समाप्त करने में मदद की और परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ।
स्वतंत्रता दिवस पर महत्वपूर्ण कार्यक्रम
प्रधानमंत्री का भाषण: 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से राष्ट्र के नाम भाषण देंगे।
स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: स्वतंत्रता दिवस पर, हम उन कई लोगों को याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
नागरिक और सांस्कृतिक जुड़ाव: परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन और देशभक्तिपूर्ण शैक्षिक पहल देशभक्ति गतिविधियों के उदाहरण हैं।
ध्वजारोहण: सरकारी भवनों और स्कूलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
राष्ट्रीय
शेयर बाजारों में सुबह के कारोबार में उतार-चढ़ाव
भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को सुबह के कारोबार में उतार-चढ़ाव रहा।
हरे निशान में खुलने के बाद सेंसेक्स एक समय 337.63 अंक यानि 0.47 प्रतिशत टूटकर 71.674.42 अंक तक तक लुढ़क गया था। हालाँकि बाद में वापसी करते हुए 124.73 अंक की तेजी के साथ 72,136.78 अंक पर पहुँच गया।
निफ्टी भी 107.25 अंक टूटकर एक समय 21,710.20 अंक तक उतर गया था। लेकिन दोपहर होते-होते यह 39.50 अंक की बढ़त से साथ 21,852.80 अंक तक चढ़ गया।
निफ्टी50 में एशर मोटर के शेयर चार प्रतिशत और मारुति सुजुकी के तीन प्रतिशत की बढ़त में थे। वहीं, टाटा कंज्यूमर और टाटा मोटर्स में करीब ढाई-ढाई फीसदी की गिरावट रही।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों पर निर्णय बुधवार को जारी करेगी। इससे अमेरिकी बाजार में रुझान तय होगा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि फेडरल रिजर्व इस साल दर में कटौती के धीमे रुख का संकेत दे सकता है। इस चिंता के कारण बुधवार को एशियाई शेयरों में नरमी रही।
राष्ट्रीय
सेंसेक्स 600 अंक टूटा, एफएमसीजी शेयर हुए धड़ाम
फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) स्टॉक मंगलवार को सेक्टोरल इंडेक्स में 1.9 फीसदी की गिरावट के साथ कमजोर कारोबार कर रहे हैं। एफएमसीजी इंडेक्स टॉप सेक्टर लूजर्स में से एक है। नेस्ले में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है।
कोलगेट पामोलिव करीब 4 फीसदी नीचे है। होनासा कंज्यूमर 3.7 फीसदी, टाटा कंज्यूमर 3.4 फीसदी, पतंजलि फूड्स 3.2 फीसदी, यूनाइटेड ब्रुअरीज 3 फीसदी, गोदरेज कंज्यूमर 2 फीसदी से ज्यादा और ब्रिटानिया 2 फीसदी से ज्यादा नीचे है।
बिकवाली के कारण बीएसई सेंसेक्स 600 अंक से अधिक नीचे है। ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर में मांग सुस्त है।
रिटेल डेटा पर नज़र रखने वाली नील्सन ने इस सेक्टर के लिए 4.5-6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, अल-नीनो का प्रभाव मई तक रहने के कारण कृषि क्षेत्र में वृद्धि कम रहेगी जिससे खपत में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है।
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