राष्ट्रीय समाचार
एनपीएस के तहत वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख के पार
नई दिल्ली, 23 अप्रैल। भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत 2024-25 के दौरान प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख से अधिक दर्ज की गई है। मार्च 2025 तक कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या 165 लाख हो गई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि को दिखाता है।
वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सितंबर 2024 में शुरू की गई ‘एनपीएस वात्सल्य’ योजना के तहत 1 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को रजिस्टर किया गया है। यह योजना विशेष रूप से नाबालिगों के लिए डिजाइन की गई है।
एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) दोनों के लिए एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 2024-25 के दौरान 23 प्रतिशत बढ़कर मार्च 2025 के अंत तक 14.43 लाख करोड़ रुपये हो गया।
पीएफआरडीए के अध्यक्ष दीपक मोहंती ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि एनपीएस भारत के पेंशन क्षेत्र की आधारशिला के रूप में उभरा है, जिसमें 14.4 लाख करोड़ रुपये का संचित कोष है और एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत रजिस्टर्ड सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या 8.4 करोड़ है।
मोहंती ने कहा कि पेंशन सिस्टम का ध्यान कवरेज को बढ़ाने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पेंशन-समावेशी समाज बनाने पर बना हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘सभी के लिए पेंशन’ एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए। वृद्ध आबादी के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए इसमें नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है।
1 अप्रैल से लागू यूनिफाइड पेंशन स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस स्कीम के तहत कम से कम 25 साल की सेवा वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों के अपने औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर एक निश्चित पेंशन के लिए पात्र हैं।
सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूपीएस की शुरुआत की। यह स्कीम खासकर उन लोगों के लिए लाई गई है, जो बाजार से जुड़ी पेंशन के बजाय एक स्थिर और अनुमानित आय पसंद करते हैं।
जिन कर्मचारियों ने 10 साल से अधिक लेकिन 25 साल से कम समय तक सेवा की है, उन्हें प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।
पेंशनभोगी की मृत्यु के मामले में, उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में अंतिम पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा।
वर्तमान में एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास यूपीएस में स्विच करने का विकल्प होगा।
इस योजना को हाइब्रिड मॉडल के रूप में तैयार किया गया है, जिसमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और एनपीएस दोनों की विशेषताएं शामिल हैं।
राजनीति
’20 साल से बिहार को बर्बाद कर रहे’, पप्पू यादव का सीएम नीतीश के वीडियो संदेश पर पलटवार

वैशाली, 1 नवंबर: बिहार के पूर्णिया से सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वीडियो संदेश पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों से ये लोग बिहार को बर्बाद कर रहे हैं।
पप्पू यादव ने अपराधियों को टिकट दिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “अपराधी ही चुनाव लड़ रहे हैं। सारे अपराधी मंत्री बन जाते हैं, माफिया और अमीरों को चुनाव टिकट दे दिए जाते हैं। फिर नेता उनके इर्द-गिर्द घूमकर राजनीतिक रस्में निभाते हैं। अगर सिर्फ अमीरों और माफियाओं को ही चुनाव लड़ाया जाएगा, तो बिहार की हालत कौन सुधारेगा?”
पप्पू यादव ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी की उस टिप्पणी पर भी जवाब दिया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव को ‘दो किलो का छोकरा’ और ‘चोर’ कहा। पूर्णिया के सांसद ने कहा, “जीतन राम मांझी मेरे पिता की तरह हैं, लेकिन ऐसी भाषा मर्यादा के खिलाफ है। उनका भी बेटा है।”
पप्पू यादव ने आगे कहा, “शीशे के घर में रहकर पत्थर फेंकते हैं। चोर कौन है, यह तो कानून तय करेगा, लेकिन यह भी क्या आप ही तय कर देंगे? जब लालू प्रसाद यादव ने आपको मुख्यमंत्री बनाया, क्या तब चोर नजर नहीं आया? सिर्फ आज ही चोर नजर आता है।”
इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बिहार की जनता के नाम वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, “आपने मुझे 2005 से लगातार बिहार के लोगों की सेवा करने का मौका दिया है। जब हमने पदभार संभाला, तो बिहारी कहलाना अपमान माना जाता था। तब से, हमने पूरी ईमानदारी और मेहनत से आपकी सेवा की है। चाहे वह हिंदू हो, मुसलमान हो, सवर्ण हो, पिछड़ी जाति हो, अति पिछड़ी जाति हो, दलित हो या महादलित हो, सबके लिए काम किया गया है। मैंने अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया। अब, बिहारी कहलाना अपमान नहीं, बल्कि सम्मान है।”
उन्होंने कहा कि एनडीए ही बिहार का विकास ला सकता है। केंद्र और राज्य दोनों में एनडीए की सरकार होने से विकास की गति में काफी तेजी आई है। इस दौरान, सीएम नीतीश कुमार ने बिहार की जनता से एनडीए के पक्ष में मतदान करने की
राष्ट्रीय समाचार
आधार कार्ड को लेकर आज से बदल गए नियम, भुगतान की जाने वाली फीस को लेकर भी हुए बदलाव

AADHAAR
नई दिल्ली, 1 नवंबर: नए महीने की शुरुआत के साथ ही भारतीय नागरिकों की पहचान से जुड़े सरकारी डॉक्यूमेंट आधार कार्ड को लेकर भी नियम बदल गए हैं। नियमों में नए बदलाव के साथ अब आधार कार्डधारक को आधार कार्ड में किसी बदलाव के लिए आधार कार्ड सेंटर जाने की जरूरत नहीं होगी।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अनुसार, यूजर्स के लिए प्रक्रिया को आसान और सहज बनाने के लिए अब आधार कार्डधारक की डेमोग्राफिक जानकारियों को ऑनलाइन ही अपडेट करवाया जा सकेगा। आधार कार्डधारक अब अपने नाम, एड्रेस, डेथ ऑफ बर्थ और मोबाइल नंबर जैसी जानकारियों को ऑनलाइन ही अपडेट कर सकेंगे।
इसके अलावा, आधार कार्डधारकों को 31 दिसंबर, 2025 से पहले उनका पैन कार्ड आधार से लिंक करवाना आवश्यक होगा।
यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, फिंगरप्रिंट और फोटो के बायोमैट्रिक अपडेट के लिए 125 रुपए फीस के रूप में भुगतान करने होंगे। हालांकि, अगर आधार कार्डधारक की उम्र 5-7 वर्ष है और यह अपडेट पहली बार करवाया जा रहा है तो सर्विस निशुल्क रहेगी। इसी तरह, 15-17 वर्ष के कार्डधारकों को दो बार अपडेट करवाने की स्थिति में भी किसी तरह का कोई भुगतान नहीं करना होगा।
इसके अलावा, अगर कार्डधारक एनरोलमेंट नंबर, जेंडर, डेट ऑफ बर्थ, एड्रेस, मोबाइल और ईमेल एड्रेस को लेकर डेमोग्रैफिक अपडेट करवाता है तो बायोमैट्रिक अपडेट के साथ यह निशुल्क होगा और अलग से करवाने पर 75 रुपए फीस के रूप में भुगतान करनी होगी।
आधार कार्डधारक अपनी पहचान और एड्रेस से जुड़े प्रमाण या नाम, जेंडर और डीओबी के लिए डॉक्यूमेंट को आधार पोर्टल पर बिना किसी शुल्क के सबमिट कर सकता है। हालांकि, यह सुविधा 14 जून 2026 तक ही निशुल्क रहेगी।
आधार रिप्रिंट करवाने के लिए अब 40 रुपए फी के रूप में भुगतान करने होंगे। इसके अलावा, आधार कार्ड के लिए पहले एप्लीकेंट के लिए होम एनरोलमेंट सर्विस का चार्ज 700 रुपए होगा। इसी पते पर अन्य व्यक्तियों के लिए यह चार्ज 350 रुपए प्रति व्यक्ति होगा।
राष्ट्रीय समाचार
यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या में अक्टूबर में 25 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल, 27.28 लाख करोड़ रुपए का हुआ लेनदेन

UPI
नई दिल्ली, 1 नवंबर: नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन (एनपीसीआई) ने नए महीने की शुरुआत के साथ शनिवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) ट्रांजैक्शन के आंकड़े जारी किए हैं।
लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने अक्टूबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या में 25 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर यह उछाल फेस्टिव सीजन और जीएसटी 2.0 सुधार के बीच दर्ज किया गया है।
एनपीसीआई द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, अक्टूबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन काउंट सालाना आधार पर 25 प्रतिशत बढ़कर 20.70 अरब दर्ज किए गए हैं।
इसके अलावा, ट्रांजैक्शन अमाउंट भी सालाना आधार पर 16 प्रतिशत बढ़कर 27.28 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। एवरेज डेली ट्रांजैक्शन काउंट 668 मिलियन और एवरेज डेली ट्रांजैक्शन अमाउंट 87,993 करोड़ रुपए रिकॉर्ड किया गया है।
इससे पहले महीने सितंबर के आंकड़ों पर नजर डालें तो सितंबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन काउंट सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 19.63 अरब दर्ज किए गए हैं। जबकि ट्रांजैक्शन अमाउंट सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की शानदार बढ़त के बाद 24.90 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। सितंबर में एवरेज डेली ट्रांजैक्शन काउंट 654 मिलियन और एवरेज डेली ट्रांजैक्शन अमाउंट 82,991 करोड़ रुपए देखा गया था।
इसके अलावा, एनपीसीआई द्वारा जारी किए गए इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) के आंकड़े बताते हैं कि ट्रांजैक्शन की संख्या सितंबर के 394 मिलियन से बढ़कर अक्टूबर में 404 मिलियन हो गए। यह वृद्धि लेनदेन की राशि में भी दर्ज की गई है, जो कि सितंबर के 5.97 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर अक्टूबर में 6.42 लाख करोड़ हो गई है।
इस बीच, बैंक ऑफ बड़ौदा की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बीते महीने फेस्टिव सीजन में यूपीआई के जरिए खर्च भी बढ़कर 17.8 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि बीते वर्ष के 15.1 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 17 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि को दर्शाता है। यूपीआई के जरिए खर्च का यह आंकड़ा दिवाली से दशहरा तक की अवधि के लिए जारी किया गया था।
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