अंतरराष्ट्रीय
सानिया मिर्जा समेत टेनिस जगत ने बार्टी को उनके संन्यास पर शुभकामनाएं दीं

टेनिस जगत ने बुधवार को दुनिया की नंबर 1 महिला खिलाड़ी एशले बार्टी को अपनी शुभकामनाएं दीं, जिन्होंने अपने 26वें जन्मदिन से एक महीने पहले संन्यास की घोषणा की। बार्टी ने 2019 में फ्रेंच ओपन, 2021 में विंबलडन और इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता और नंबर 1 पर लगातार 114 हफ्तों का उनका मौजूदा शासनकाल डब्ल्यूटीए टूर के इतिहास में चौथी सबसे लंबी अवधि है।
बार्टी ने कहा कि उनकी शारीरिक स्थिति प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार नहीं है।
बार्टी ने कहा, “मेरी शारीरिक क्षमता अब मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं है। मुझे पता है कि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए कितना काम करना पड़ता है, लेकिन मैं अब और प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकती, क्योंकि शारीरिक रूप से मेरे पास देने के लिए और कुछ नहीं है। मैंने टेनिस के इस खूबसूरत खेल को अपना सब कुछ दिया है और मैं इससे वास्तव में खुश हूं। मेरे लिए, यही मेरी सफलता है।”
भारतीय टेनिस दिग्गज और कई ग्रैंड स्लैम युगल खिताब की विजेता सानिया मिर्जा ने कहा, टेनिस की दिग्गज बार्टी कोर्ट पर और बाहर अविश्वसनीय रोल मॉडल रही हैं। इसके लिए आपको शुभकामनाएं।”
पूर्व विश्व नंबर 1 रोमानिया की सिमोना हालेप ने ट्वीट किया, “ऐश, मैं क्या कह सकता हूं, तुम्हें पता है कि तुम कितने अच्छी हो मेरे दोस्त, मैं आपको दौरे पर याद करूंगा। आप अलग और खास थे। हमने कुछ अद्भुत क्षण साझा किए।”
विश्व के पूर्व नंबर 1 पुरुष टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे ने कहा कि बार्टी के संन्यास से टेनिस जगत प्रभावित होगा।
मरे ने ट्वीट किया, “बार्टी के लिए खुश हूं.. टेनिस के लिए निराश हूं। क्या खिलाड़ी है।”
अमेरिकी दुनिया की 26वें नंबर की खिलाड़ी मैडिसन कीज ने सोशल मीडिया पर लिखा, “एक अविश्वसनीय टेनिस खिलाड़ी लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि दौरे पर सबसे अच्छे लोगों में से एक थी। शानदार करियर के लिए बार्टी को बधाई और आगे के लिए शुभकामनाएं।”
चेक गणराज्य की पेट्रा क्वितोवा ने ट्वीट किया, ऐश, मेरे पास शब्द नहीं हैं। वास्तव में आप अपनी असली क्लास को टेनिस को इस खूबसूरत तरीके से छोड़ते हुए दिखा रहे हैं। मैं बहुत खुश हूं कि मैं कोर्ट को साझा कर सकी। टेनिस आपके बिना कभी भी पहले जैसा नहीं रहेगा। मैं एक खिलाड़ी और एक व्यक्ति के रूप में आपकी प्रशंसा करती हूं.. आपको शुभकामनाएं देती हूं।”
दो ग्रैंड स्लैम चैंपियन एक-दूसरे के साथ 10 बार खेले, जिनमें से छह मैच तीन सेट में चले, जिसमें दोनों ने 5-5 मुकाबले जीते हैं।
इस साल की शुरुआत में अपने अंतिम कार्यक्रम में, बार्टी 1978 में क्रिस ओ’नील के बाद ऑस्ट्रेलियन ओपन में महिला एकल खिताब जीतने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई बनीं थीं।
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
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