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Wednesday,19-November-2025
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राजनीति

तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023: राज्य चुनाव से पहले मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर कथित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया

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तेलंगाना: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और तेलंगाना में वर्तमान कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अज़हरुद्दीन को इस सोमवार को भ्रष्टाचार और धन के गबन का आरोप लगने के बाद एक बार फिर कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अज़हरुद्दीन के ख़िलाफ़ आरोप तेलंगाना विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले सामने आए, जिसमें वह 2023 के चुनावों के लिए हैदराबाद में जुबली हिल्स निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। ऐसी खबरें हैं कि पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के चार मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि उन पर हैदराबाद क्रिकेट संस्था से कथित तौर पर धन की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। उन पर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान धन की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व क्रिकेटर और अन्य स्टाफ सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है

राचाकोंडा पुलिस स्टेशन में हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन। ऐसी भी खबरें हैं कि मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने मल्काजगिरी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और राचाकोंडा पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज सभी चार मामलों में जमानत मांगी है। मोहम्मद अज़हरुद्दीन 30 नवंबर को राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में जुबली हिल्स निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने वाले हैं। कांग्रेस ने चुनाव में मोहम्मद अज़हरुद्दीन को अपना उम्मीदवार घोषित किया. विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ने अभी तक नामांकन दाखिल नहीं किया है. क्रिकेटर के खिलाफ मामले तेलंगाना में उनके चुनाव अभियान को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि विपक्षी नेताओं को मोहम्मद अजहरुद्दीन के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने का मौका मिलेगा। इससे पहले, मैच फिक्सिंग घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के बाद उनका क्रिकेट खत्म हो गया था। हालाँकि, 2012 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मोहम्मद अज़हरुद्दीन के खिलाफ आजीवन प्रतिबंध हटा दिया और उन्हें हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में चुना गया।

राजनीति

बिहार: जदयू विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार नेता चुने गए

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पटना, 19 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत के बाद अब सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। इस बीच, बुधवार को बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है।

बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में जदयू विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेता चुन लिया गया। इस बीच, भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है, जिसमें भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद शाम को एनडीए विधायक दल की बैठक होगी।

इस बैठक में नीतीश कुमार के फिर से नेता चुने जाने की संभावना है। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि आज विधायक दल की बैठक है, जिसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। शाम को राज्यपाल से मिलकर सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि गुरुवार को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा। बिहार चुनाव के परिणाम को लेकर पूरे देश में उत्साह है। शपथ ग्रहण समारोह गांधी मैदान में होना निर्धारित है। इसे लेकर गांधी मैदान में व्यापक तैयारी की जा रही है। इस समारोह में आम से खास लोगों के जुटने की संभावना को देखते हुए उसी तरह की तैयारी की जा रही है।

इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार की शाम गांधी मैदान पहुंचकर नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का निरीक्षण किया। नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को प्रस्तावित है। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने मंच पर अतिथियों के बैठने की व्यवस्था एवं अन्य उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली थी।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में एनडीए को कुल 202 सीटें मिली हैं। भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज की। दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) 85 सीटों के साथ है। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (आर) का स्ट्राइक रेट भी बेहतर रहा। पार्टी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर जीत दर्ज की, जो एनडीए में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी और पूरे बिहार में चौथे नंबर की पार्टी रही। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटों पर जीत मिली है।

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अपराध

इस्लाम में खुदकुशी हराम, मासूमों का खून बहाना सबसे बड़ा गुनाह : असदुद्दीन ओवैसी

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हैदराबाद, 19 नवंबर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपी उमर नबी के एक पुराने वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

वीडियो में उमर सुसाइड बॉम्बिंग को ‘शहादत’ और ‘गलत समझा गया अमल’ बता रहा है। ओवैसी ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “इस्लाम में खुदकुशी सख्त हराम है और मासूम लोगों का खून बहाना सबसे बड़ा गुनाह है। सुसाइड बॉम्बिंग को ‘शहादत’ कहना इस्लाम का अपमान है। यह किसी भी तरह ‘गलत समझा गया’ नहीं है। यह पूरी तरह आतंकवाद है और देश के कानून के खिलाफ जघन्य अपराध है।”

उन्होंने आगे केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए आतंकी हमले को रोकने में विफल रहने की जिम्मेदारी लेने की बात कही। उन्होंने कहा, “पार्लियामेंट में गृह मंत्री अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ का हवाला देते हुए दावा किया था कि पिछले छह महीनों में एक भी स्थानीय कश्मीरी युवक आतंकी संगठन में शामिल नहीं हुआ। फिर यह नया आतंकी मॉड्यूल कहां से पैदा हो गया?”

उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे संवेदनशील शहर में आईईडी प्लांट करने वाला यह ग्रुप खुफिया एजेंसियों की नाक के नीचे कैसे तैयार हुआ? इसका पता न लगा पाने की जिम्मेदारी कौन लेगा?

दिल्ली ब्लास्ट को लेकर जांच जारी है। अल फलाह यूनिवर्सिटी की भूमिका भी संदिग्ध है, जिसके कारण वो भी जांच के दायरे में हैं। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद सिद्दीकी को 13 दिन की हिरासत में लिया है, जिसमें कई खुलासे होने की संभावना है। सिद्दीकी को आतंकी हमले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया है।

ईडी ने जावेद अहमद सिद्दीकी को मंगलवार देर रात दिल्ली की साकेत कोर्ट में पेश किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शीतल चौधरी प्रधान ने बुधवार रात करीब एक बजे जावेद अहमद सिद्दीकी को ईडी रिमांड पर भेजने का आदेश पारित किया।

अपने आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों का पालन किया है और अपराध की गंभीरता को देखते हुए सिद्दीकी को 13 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेजा जाना चाहिए।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

सऊदी अरब और अमेरिका के बीच अब तक की सबसे बड़ी डील, परमाणु समझौते से लेकर एफ-35 पर लगी मुहर

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नई दिल्ली, 19 नवंबर: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) अमेरिकी दौरे पर पहुंचे और मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। बता दें, करीब 7 साल बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने अमेरिका का दौरा किया। दोनों देशों के बीच कई ऐतिहासिक समझौते हुए।

व्हाइट हाउस में क्राउन प्रिंस और अमेरिकी राष्ट्रपति ने मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर भी हस्ताक्षर किया। दोनों देशों ने सिविल न्यूक्लियर एनर्जी पर एक संयुक्त घोषणा को मंजूरी दी है।

बता दें, एमबीएस से मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को घोषणा की थी कि यूएस सऊदी अरब को एफ-35एस फाइटर जेट बेचेगा। सऊदी अरब की मांग पर अमेरिका उसे 48 एफ-35एस फाइटर जेट देगा। दोनों देशों ने करीब 300 अमेरिकी टैंक की डिलीवरी पर मुहर लगाई है।

व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, उन्होंने असैन्य परमाणु ऊर्जा, एक महत्वपूर्ण खनिज ढांचे और एक एआई समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर समझौतों के अलावा अमेरिका-सऊदी रणनीतिक रक्षा समझौते (एसडीए) पर भी हस्ताक्षर किए।

बता दें, अब तक केवल इजरायल को ही एफ-35एस मिलने की अनुमति थी। हालांकि, अब सऊदी अरब के साथ इस डील से ये तस्वीर बदलने वाली है। वहीं इसे लेकर जब ट्रंप से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि इजरायल को इस डील के बारे में पहले से जानकारी है। सऊदी अरब और इजरायल दोनों ही अमेरिका के अच्छे दोस्त हैं।

वहीं, सऊदी अरब का अमेरिका में निवेश 600 बिलियन डॉलर से बढ़कर 1 ट्रिलियन डॉलर होने जा रहा है। क्राउन प्रिंस ने खुद इसकी जानकारी दी है। बता दें, अमेरिकी पत्रकार जमाल खरगोशी की 2018 में हुई हत्या के बाद से अमेरिका और सऊदी के बीच सबकुछ ठीक नहीं था। हालांकि, अब अमेरिकी राष्ट्रपति सऊदी के साथ संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहे हैं।

क्राउन प्रिंस के स्वागत में आयोजित भव्य डिनर पार्टी के दौरान ट्रंप ने सऊदी को मेजर नॉन-नाटो एलाय (महत्वपूर्ण गैर-नाटो सहयोगी) घोषित कर दिया। अमेरिका ने अब तक यह दर्जा सिर्फ 19 देशों को दे रखा है।

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