दुर्घटना
तमिलनाडु: दक्षिणी रेलवे ने मैसूरु-दरभगन ट्रेन दुर्घटना में सिग्नल त्रुटि की जांच की, जो ओडिशा के 2023 बालासोर दुर्घटना से मिलती जुलती है।

चेन्नई: शुक्रवार देर रात चेन्नई के पास मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना और पिछले साल ओडिशा के बालासोर में शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना के बीच प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर आश्चर्यजनक समानताएं सामने आई हैं, जिसमें 290 यात्री मारे गए थे। सौभाग्य से, नवीनतम ट्रेन दुर्घटना का प्रभाव सीमित रहा है क्योंकि यात्री घायल होने के बावजूद बच गए।
टक्कर के बारे में
प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन मुख्य लाइन से गुजरने के लिए हरी झंडी दिए जाने के बाद चेन्नई के पड़ोसी तिरुवल्लूर जिले के कवरपेट्टई के पास एक स्थिर माल गाड़ी से टकरा गई।
शनिवार सुबह एक रेलवे अधिकारी ने कहा, “ट्रेन लगभग 75 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही थी, जब यह लूप लाइन में घुस गई और वहां खड़ी मालगाड़ी के पिछले हिस्से से टकरा गई।” यह बालासोर की घटना के समान ही था।
टक्कर के कारण 11 डिब्बे पटरी से उतर गए और एक पार्सल वैन में आग लग गई (शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार दो डिब्बे जल गए थे)। सौभाग्य से, अग्निशमन सेवा कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। सभी घायल यात्रियों को चेन्नई के सरकारी स्टेनली अस्पताल सहित आस-पास के अस्पतालों में ले जाया गया।
यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एक विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई और कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया या उनका समय बदला गया। प्रभावित खंड में सामान्य रेल यातायात शनिवार शाम तक बहाल होने की उम्मीद है।
दक्षिण रेलवे प्रबंधक आर एन सिंह का बयान
दक्षिण रेलवे प्रबंधक आर एन सिंह ने कहा कि एक्सप्रेस ट्रेन का लूप लाइन में प्रवेश करना असामान्य था, हालांकि उसे मुख्य लाइन में प्रवेश करने के लिए हरी झंडी दी गई थी।
उन्होंने कहा, “मुख्य लाइन के लिए सिग्नल दिया गया था क्योंकि ट्रेन का कोई निर्धारित स्टॉप नहीं था। फिर भी, वह लूप लाइन में प्रवेश कर गई।” उन्होंने कहा कि एक उच्च स्तरीय समिति दुर्घटना के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की जांच करेगी।
दुर्घटना
मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास लोकल ट्रेन से गिरे लोग, कई घायल, सीएम फडणवीस ने जताया दुख

मुंबई, 9 जून। मुंबई की लाइफलाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेन सोमवार को बड़े हादसे का शिकार हो गई। हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। मौत के आंकड़ों को लेकर फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है, हालांकि ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 1 मौत और 9 के घायल होने की बात कही है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इस हादसे पर शोक जताया है।
हादसा ठाणे के मुंब्रा रेलवे स्टेशन और दिवा रेलवे स्टेशन के बीच हुआ है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) की तरफ जा रहे कुछ यात्री ट्रेन से गिर गए। 8 यात्री घायल हुए हैं। दुर्घटना की जांच शुरू हो गई है। शुरुआती तौर पर हादसे का कारण अत्यधिक भीड़ को माना जा रहा है। घटना से लोकल ट्रेन की सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
जानकारी के मुताबिक, ट्रेन के भीतर अत्यधिक भीड़ की वजह से यात्री गेट पर लटककर सफर कर रहे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर दुख जताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिवा-मुंब्रा स्टेशन के बीच कुल 8 यात्री लोकल ट्रेन से गिर गए और उनमें से कुछ की जान चली गई। मैं उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम उनके परिवारों के दुख में शामिल हैं। घायलों को तुरंत शिवाजी अस्पताल और ठाणे जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है। स्थानीय प्रशासन समन्वय कर रहा है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि घायलों को जल्द ही राहत मिले। रेलवे विभाग ने इस घटना के वास्तविक कारणों की जांच शुरू कर दी है।”
वहीं, ठाणे म्युनिसिपल कार्पोरेशन ने 1 मौत और 9 यात्रियों के घायल होने की पुष्टि की है।
मुंब्रा रेल हादसे पर सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल धनराज नीला ने कहा, “मुंब्रा से दिवा जा रही लोकल ट्रेन में यात्रा कर रहे लोग गिर गए। घटना की सूचना कसारा जाने वाली लोकल ट्रेन के गार्ड ने दी। लोगों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। घटना डाउन/फास्ट लाइन पर मुंब्रा-दिवा रेलवे स्टेशनों के बीच हुई। कसारा से आने वाली लोकल ट्रेन के फुटबोर्ड पर यात्रा कर रहे लोग और इसी तरह सीएसएमटी की ओर जाने वाली ट्रेन में यात्रा कर रहे लोग एक-दूसरे से टकरा कर गिर गए और यह हादसा हुआ। जब एंबुलेंस मौके पर पहुंची, तो पता चला कि वहां आठ यात्री थे।”
Monsoon
मुंबई मॉनसून 2025: परेल स्टेशन के पास पटरियों पर पेड़ की शाखाएं गिरने से पश्चिमी रेलवे की धीमी लाइन सेवाएं प्रभावित

मुंबई: यह घटना सुबह 11:30 बजे के आसपास हुई, जिसके कारण कुछ लोकल सेवाओं में देरी हुई। पश्चिमी रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि सुबह 11:59 बजे तक अवरोध हटा लिया गया और अगले 30 मिनट में सेवाएं बहाल कर दी गईं।
सोमवार को परेल स्टेशन के निकट पेड़ों की शाखाएं पटरियों पर गिरने से पश्चिमी रेलवे की धीमी लाइन पर उपनगरीय ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं।
यह घटना सुबह 11:30 बजे के आसपास हुई, जिसके कारण कुछ लोकल सेवाओं में देरी हुई। पश्चिमी रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि सुबह 11:59 बजे तक अवरोध हटा लिया गया और अगले 30 मिनट में सेवाएं बहाल कर दी गईं।
श्चिम रेलवे के अधिकारी ने बताया, “गिरे हुए पेड़ों की वजह से केवल कुछ धीमी लाइन की सेवाएं प्रभावित हुईं। ट्रैक को तुरंत साफ कर दिया गया और कुछ ही देर बाद सामान्य सेवाएं फिर से शुरू हो गईं।”
पश्चिम रेलवे के अनुसार, फिलहाल पश्चिम रेलवे पर ट्रेन परिचालन सुचारू रूप से चल रहा है।
दुर्घटना
फतेहपुर में आंधी-बारिश का कहर, तीन लोगों की मौत, दो गंभीर

फतेहपुर, 22 मई। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में तेज आंधी और बारिश ने कहर बरपाया है। अलग-अलग थाना क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।
पहली घटना बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के नंदापुर गांव की है। 16 वर्षीय अंशिका शुक्ला घर के बाहर सूख रहे कपड़े उठाने गई थी, तभी पास के पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी। बिजली की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पेड़ टूटकर अंशिका के ऊपर गिर पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
दूसरी घटना बकेवर थाना क्षेत्र के मोहीउद्दीनपुर आलमपुर गांव में हुई, जहां 57 वर्षीय राम बाबू अपने मकान की दूसरी मंजिल पर लेटे थे। तेज बारिश और तूफान के कारण मकान की ऊपरी मंजिल अचानक ढह गई। मलबे में दबकर राम बाबू की मौके पर ही मौत हो गई।
तीसरी घटना गाजीपुर थाना क्षेत्र के पाइने गांव से सामने आई है। 85 वर्षीय मौजी लाल अपने नाती के घर आए हुए थे और नीम के पेड़ के नीचे सो रहे थे। अचानक बिजली गिरने से पेड़ चपेट में आ गया और मौजी लाल की भी मौके पर ही मौत हो गई।
वहीं, इस हादसे में मौके पर मौजूद मैकू (50) और राजेश (24) गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रशासन ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी है और घायलों के बेहतर इलाज के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आपदा राहत कोष से मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
बता दें कि तेज आंधी और बारिश की वजह से कई अन्य जिलों में भी काफी नुकसान पहुंचा है और कई लोगों की मौत भी हुई है। इसे लेकर प्रशासन ने उचित कदम उठाया है।
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