राजनीति
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की सख्ती बढ़ाने की अफवाह का खंडन किया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने शुक्रवार को लॉकडाउन की सख्ती बढ़ाने की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। मेट्टूर बांध से कुरुवाई/अल्पकालिक फसल के लिए पानी छोड़ने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, पलनीस्वामी ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके नाम पर अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन तेज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है और इस तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री के अनुसार, कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के बाद ही स्कूलों को फिर से खोलना संभव होगा।
बता दें कि गुरुवार को राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 17,659 थी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष: सीमा पर सैन्य झड़प के बाद अब तक 14 थाई नागरिकों की मौत, 46 घायल

बैंकॉक, 25 जुलाई। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है। सैन्य संघर्ष में अब तक थाईलैंड के 14 नागरिक मारे गए हैं, जबकि 46 अन्य लोग घायल हैं। थाईलैंड के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडिया ने गुरुवार शाम तक अपने हताहतों की संख्या के बारे में कोई जानकारी जारी नहीं की थी। इस बीच, बैंकॉक में जन स्वास्थ्य मंत्री सोमसेक थेपसुथिन ने 14 लोगों की मौत की पुष्टि की, जिनमें 13 नागरिक और एक सैनिक शामिल हैं।
उन्होंने नागरिकों और एक अस्पताल पर कंबोडियाई हमलों की निंदा करते हुए कहा, “हम कंबोडियाई सरकार से अपील करते हैं कि वह इन युद्ध अपराधों को तुरंत रोके और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों का सम्मान करे।”
यह सैन्य झड़प बुधवार को एक बारूदी सुरंग विस्फोट के बाद हुई, जिसमें थाईलैंड के पांच सैनिक घायल हो गए। इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने अपने राजदूतों को निष्कासित कर दिया, जिससे राजनयिक तनाव काफी बढ़ गया। थाईलैंड के अधिकारियों ने कंबोडिया पर रूस निर्मित नई बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया, जबकि कंबोडिया ने इन दावों को “निराधार आरोप” बताते हुए खारिज किया। कंबोडिया ने कहा कि ये विस्फोट पुराने संघर्षों की बची हुई बारूदी सुरंगों के कारण हुए।
गुरुवार को सीमा पर लगभग 6 जगहों पर झड़पें हुईं, जिनमें प्राचीन ता मुएन थॉम मंदिर के पास का इलाका भी शामिल है। थाईलैंड के लड़ाकू विमानों ने जवाबी हवाई हमले किए। थाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोर्नडेज बालनकुरा ने कहा, “यह आत्मरक्षा में किया गया एक कदम था।”
हालाकि, गुरुवार को झड़पों के बाद स्थिति और बिगड़ गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस मामले पर चर्चा के लिए एक तत्काल बैठक बुलाने का आग्रह किया। उन्होंने संघर्ष के बीच एक आपात सत्र भी बुलाया, जो न्यूयॉर्क में बंद कमरे में चला।
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि हवाई हमलों में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रीह विहियर के पास एक सड़क को निशाना बनाया गया। इस दौरान कंबोडिया ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
कंबोडिया के संस्कृति मंत्रालय ने कहा, “इस मंदिर को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है और यह ‘कंबोडियाई लोगों की ऐतिहासिक विरासत’ है।”
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेता ने कहा, “कंबोडिया के पास थाईलैंड के खतरों से अपने क्षेत्र की रक्षा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि हमले “सैन्य ठिकानों पर केंद्रित थे, किसी अन्य स्थान पर नहीं।”
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ाई। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप-प्रवक्ता फरहान हक के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए किसी भी मुद्दे का समाधान करने का आग्रह किया।
थाईलैंड ने सभी भूमि सीमा चौकियों को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी 7 एयरलाइनों ने भी नागरिकों को वापस लाने में मदद की पेशकश की है।
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई हालात की कमान संभाल रहे हैं और उन्होंने कंबोडिया को आगे किसी भी आक्रामक कदम के खिलाफ चेतावनी दी है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
इजरायल ने गाजा युद्धविराम वार्ता के लिए अपनी टीम को दोहा से वापस बुलाया

यरुशलम, 25 जुलाई। इजरायल ने गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर कतर की राजधानी दोहा में चल रही वार्ता के लिए अपनी टीम को वापस बुलाने का फैसला लिया है। इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि यह फैसला हमास की ओर से मध्यस्थों के प्रस्ताव पर दी गई प्रतिक्रिया के बाद लिया गया।
हमास ने गुरुवार को 60 दिन के युद्धविराम और इजरायली बंधकों के साथ-साथ फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
इजरायल ने कतर, मिस्र और अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ के प्रयासों की सराहना की, जो इस वार्ता में मध्यस्थता कर रहे हैं। इजरायल के सरकारी टीवी चैनल कान ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि वार्ता पूरी तरह से विफल नहीं हुई है। यह एक समन्वित कदम है, और इजरायल की टीम महत्वपूर्ण फैसलों के लिए परामर्श के लिए वापस लौटी है। सूत्र ने कहा कि वार्ता का माहौल अभी भी सकारात्मक है।
कान टीवी न्यूज के अनुसार, हमास ने मध्यस्थों के प्रस्ताव में बदलाव की मांग की है। हमास ने 200 फिलिस्तीनी उग्रवादियों और 7 अक्टूबर, 2023 के बाद से हिरासत में लिए गए 2,000 गाजा के नागरिकों की रिहाई की मांग की है। यह संख्या उस प्रस्ताव से कहीं अधिक है जिसे इजरायल ने स्वीकार किया था।
इजरायल ने लगभग 120 उग्रवादियों और 1,200 नागरिकों की रिहाई पर सहमति जताई थी। इसके अलावा, चैनल 12 ने बताया कि हमास ने 10 जीवित बंधकों के बदले 200 ऐसे फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई मांगी है जो इजरायलियों की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
इजरायल के दैनिक समाचार पत्र ‘इजरायल हायोम’ ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया कि हमास की प्रतिक्रिया के बाद इजरायली सेना गाजा में अपने जमीनी अभियानों को और विस्तार देने की तैयारी कर रही है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि इजरायल की वार्ता टीम का दोहा से लौटना सकारात्मक संकेत नहीं है। सूत्र ने दावा किया कि हमास समझौते के रास्ते में बाधाएं डाल रहा है।
इजरायल का अनुमान है कि गाजा में अभी भी 50 बंधक हैं, जिनमें से 20 को बंधक बनाकर रखा गया है। दूसरी ओर, फिलिस्तीनी और इजरायली मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, इजरायली जेलों में 10,800 से अधिक फिलिस्तीनी कैद हैं, जिन्हें यातना, भुखमरी और चिकित्सा उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से कई की मौत भी हो चुकी है।
अक्टूबर 2023 से शुरू हुए गाजा युद्ध में इजरायल ने 59,500 से अधिक फिलिस्तीनियों को मार डाला है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इस सैन्य अभियान ने गाजा को तबाह कर दिया है, वहां का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह चरमरा गया है और खाद्य संकट गहरा गया है।
6 जुलाई से दोहा में कतर और मिस्र की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता चल रही है, जिसमें युद्धविराम और कैदियों की अदला-बदली पर समझौता करने की कोशिश की जा रही है।
महाराष्ट्र
नवी मुंबई हादसा: महापे में हाइड्रा क्रेन के कुचलने से ट्रैफिक पुलिसकर्मी की मौत

CRIME
नवी मुंबई: 24 जुलाई की दोपहर एक दुखद घटना घटी, जहाँ महापे सर्कल पर काम कर रहे 42 वर्षीय एक ट्रैफिक कांस्टेबल को हाइड्रा क्रेन ने टक्कर मार दी और वह उसके अगले पहिये के नीचे आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना गुरुवार दोपहर की है। डीसीपी (ट्रैफिक) तिरुपति काकड़े ने बताया कि दिवंगत ट्रैफिक कांस्टेबल गणेश पाटिल महापे ट्रैफिक यूनिट में तैनात थे।
गुरुवार को, पाटिल और उनके सहयोगियों को महापे सर्कल में भारी ट्रैफिक जाम के कारण वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया था। मिडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि हाइड्रा क्रेन का मुख्य हुक ब्लॉक ड्राइवर की सीट के सामने खड़े पाटिल से टकराया, जिससे वह गिरकर चलती क्रेन के अगले पहिये के नीचे आ गए। फिर भी, हम सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की जाँच करके इसकी पुष्टि करेंगे।
इससे पहले, वडगांव मावल पुलिस स्टेशन के 41 वर्षीय हेड कांस्टेबल मिथुन वसंत धेंडे की वडगांव फाटा के पास पुराने पुणे-मुंबई हाईवे पर एक तेज़ रफ़्तार ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई थी। पुलिस कार्रवाई के बाद ट्रक चालक रेहान इसब खान (24) और उसके सहायक उमर दीन मोहम्मद (19) को गिरफ्तार कर लिया गया। यह घटना रात करीब 9:35 बजे हुई जब ट्रक लापरवाही से चलाया जा रहा था, जिसके बाद कई राहगीरों ने अलर्ट जारी किया।
ट्रक को रोकने के बाद, वह पहले तो रुका, लेकिन जब धेंडे उसके पास पहुँचा, तो ड्राइवर ने गाड़ी तेज़ कर दी और उसे टक्कर मार दी। धेंडे की मौके पर ही मौत हो गई। महालुंगे में तलाशी अभियान के बाद गिरफ्तारियाँ हुईं और ट्रक ज़ब्त कर लिया गया। दोनों संदिग्धों पर हत्या का आरोप है। पुलिस ने धेंडे के परिवार के लिए अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी की व्यवस्था करने की पुष्टि की है। धेंडे इस दुखद क्षति के कारण अपने पीछे एक शोकाकुल परिवार छोड़ गए हैं।
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