अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप : दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 5 विकेट से हराया
डेविड मिलर (59 नाबाद) और एडेन मार्करम (52) के शानदार अर्धशतकों की वजह से यहां पर्थ स्टेडियम में रविवार को खेले गए टी20 विश्व कप के सुपर 12 मैच में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 5 विकेट से शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही प्रोटियाज की टीम ग्रुप 2 की तालिका में 5 अंकों के साथ शीर्ष पर आ गई। भारत के नौ विकेट पर 133 रनों के जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 19.4 ओवर में 5 विकेट खोकर 137 रन बनाकर सफलतापूर्वक लक्ष्य हासिल किया। भारत की ओर से अर्शदीप सिंह ने दो विकेट चटकाए। वहीं, मोहम्मद शमी, हार्दिक पांड्या और आर अश्विन ने एक-एक विकेट लिया।
लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका को भारतीय तेज गेंदबाजों ने शुरुआती झटके दिए, क्योंकि अर्शदीप ने अपने पहले ही ओवर में क्विंटन डी कॉक (1) और रिले रोसौवे (0) को पवेलियन भेज दिया। इसके बाद शमी ने कप्तान तेम्बा बावुमा (10) को कैच आउट कराया, जिससे दक्षिण अफ्रीका ने पावरप्ले में तीन विकेट खोकर 24 रन बनाए।
इस बीच, एडेन मार्करम और डेविड मिलर ने टीम को संकट से निकाले का काम किया। दोनों ने मिलकर 11 ओवर के बाद टीम के स्कोर को 50 के पार पहुंचा दिया। वहीं, भारतीय खिलाड़ियों की खराब फील्डिंग की वजह से दोनों ही बल्लेबाज को जीवनदान मिले। इसके साथ ही मार्करम ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 38 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
लेकिन 16वें ओवर में पांड्या की गेंद पर मार्करम (छह चौके और एक छक्के की मदद से 41 गेंदों में 52 रन) कैच आउट हो गए। साथ ही उनके और मिलर के बीच 60 गेंदों में 76 रनों की साझेदारी भी समाप्त हो गई। छठे नंबर पर आए ट्रिस्टन स्टब्स ने मिलर का साथ दिया। इस बीच, 18वें ओवर में मिलर अश्विन की गेंदों पर लगातार दो छक्के मारकर लक्ष्य के करीब पहुंच गए। लेकिन अश्विन ने स्टब्स (6) को एलबीडब्ल्यू कर दिया।
19वां ओवर डालने आए शमी को मिलर ने चौका मारकर 40 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। अब 6 गेंदों में 6 रनों की जरूरत थी। 20वां ओवर फेंकने आए भुवनेश्वर की गेंद पर मिलर ने विनिंग शॉट लगाकर अपनी टीम को 5 विकेट से जीत दिलाई।
भारत के 133 रनों के जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 19.4 ओवर में 5 विकेट खोकर 137 रन बनाकर सफलतापूर्वक लक्ष्य हासिल किया। मिलर चार चौके और तीन छक्कों की मदद से 46 गेंदों में 59 और पार्नेल 2 रन बनाकर नाबाद रहे।
इससे पहले, उछाल भरी पिच पर टॉस जीतकर भारतीय टीम ने पावरप्ले में दो विकेट खोकर 33 रन बनाए। इस दौरान, संघर्ष कर रही सलामी जोड़ी कप्तान रोहित शर्मा (15) और केएल राहुल (9) एनगिडी के एक ही ओवर में चलते बने। इसके बाद, एनगिडी ने विराट कोहली (12) को रबाडा के हाथों कैच आउट कराकर भारत को तीसरा झटका दिया।
अगले ओवर में दीपक हुड्डा भी बिना खाता खोले ही नोर्टजे की गेंद पर आउट हो गए, जिससे भारत ने 42 रनों पर ही चार विकेट खो दिए। दूसरे छोर पर सूर्यकुमार यादव संभलकर खेलते नजर आए। लेकिन 9वें ओवर में एनगिडी ने हार्दिक पांड्या (2) को कैच आउट कर 49 रनों पर भारत की आधी टीम को पवेलिन भेज दिया। सातवें नंबर पर आए दिनेश कार्तिक ने सूर्यकुमार के साथ पारी को आगे बढ़ाया।
इस बीच, एनगिडी की गेंद पर पहले छक्का-चौका मारकर सूर्यकुमार ने 30 गेंदों में टूर्नामेंट का दूसरा अर्धशतक लगाया, जिससे भारत 15 ओवर में पांच विकेट खोकर 101 रन बनाए। लेकिन 16वें ओवर में पार्नेल की गेंद पर कार्तिक (6) कैच आउट हो गए, जिससे उनके और सूर्यकुमार के बीच 40 गेंदों में 52 रनों की साझेदारी का अंत हो गया।
18वें ओवर तक सूर्यकुमार और आर अश्विन ने भारत को छह विकेट के नुकसान पर 124 रन पर पहुंचा दिया। 19वां ओवर फेंकने आए पार्नेल ने अश्विन (7) और सूर्यकुमार (छह चौके और तीन छक्कों की मदद से 40 गेंदों में 68 रन) को आउट कर अपने तीन विकेट पूरे किए। आखिरी ओवर में मोहम्मद शमी (0) रन आउट हो गए, जिससे भारत ने 20 ओवर में नौ विकेट खोकर 133 रन बनाए। भुवनेश्वर कुमार (4) और अर्शदीप सिंह (2) नाबाद रहे।
दक्षिण अफ्रीका की ओर से लुंगी एनगिडी ने चार विकेट चटकाए। वहीं, वेन पार्नेल ने तीन विकेट झटके, जबकि एनरिक नॉर्टजे ने एक विकेट लिया। इस जीत के साथ ही प्रोटियाज की टीम ग्रुप 2 की तालिका में 5 अंकों के साथ शीर्ष पर आ गई। वहीं, चार अंकों के साथ भारत तालिका में दूसरे स्थान पर विराजमान है।
अंतरराष्ट्रीय
भारत ने अफगानिस्तान को फिर से भेजी मदद, जीवनरक्षक चिकित्सीय सहायता काबुल पहुंची

काबुल, 28 नवंबर : भारत हमेशा से अफगानिस्तान के लिए मजबूती से खड़ा रहा है। समय-समय पर मदद की खेप भेजता है। भारत ने निरंतर समर्थन को दोहराते हुए, शुक्रवार को अफगानिस्तान को 73 टन जीवनरक्षक दवाइयों, टीकों और आवश्यक पोषक सप्लीमेंट्स की खेप भेजी। यह सहायता अफगान स्वास्थ्य प्रणाली की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से काबुल पहुंचाई गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, “अफगानिस्तान के स्वास्थ्य प्रयासों को मजबूती देते हुए भारत ने 73 टन जीवनरक्षक दवाइयां, टीके और आवश्यक सप्लीमेंट्स तत्काल चिकित्सा जरूरतों के लिए काबुल पहुंचाए हैं। अफगान लोगों के प्रति भारत का अटूट समर्थन जारी है।”
पिछले सप्ताह नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अल्हाज नूरुद्दीन अजीजी के बीच मुलाकात हुई थी। बैठक में व्यापार, संपर्क और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा हुई।
जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “अफगानिस्तान के उद्योग और वाणिज्य मंत्री अल्हाज नूरुद्दीन अज़ीज़ी से मुलाकात कर खुशी हुई। व्यापार, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। अफगान जनता के विकास और कल्याण के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।”
इससे पहले भी भारत ने अफगानिस्तान के भूकंप प्रभावित परिवारों की मदद के लिए खाद्य सामग्री भेजी थी। बाल्ख, समनगन और बगलान प्रांतों में आए विनाशकारी भूकंप में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
10 अक्टूबर को भारत ने अतिरिक्त खाद्य सहायता भी भेजी थी। उसी दिन विदेश मंत्री जयशंकर की अफगान समकक्ष मौलवी आमिर खान मुत्ताकी से नई दिल्ली में मुलाकात हुई। बैठक में विकास सहयोग, व्यापार, अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता व स्वतंत्रता, आपसी संपर्क और क्षमता निर्माण जैसे मुद्दों पर वार्ता हुई।
जयशंकर ने मुत्ताकी की भारत यात्रा को “द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया और अफगानिस्तान को पांच एम्बुलेंस सौंपने की घोषणा भी की।
भारत की यह मानवीय सहायता अफगानिस्तान के लिए हाल के महीनों में की गई कई निरंतर मददों की नवीनतम कड़ी है, जो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और जन-संपर्क आधारित रिश्तों को मजबूत करती है।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान ने तीसरे देश के जरिए नहीं भेजा अमेरिका को कोई मैसेज, खामेनेई बोले-झगड़े बढ़ा रहा अमेरिका

तेहरान, 28 नवंबर : हाल ही में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद अमेरिका दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की। ट्रंप से मुलाकात के पहले क्राउन प्रिंस को ईरान की एक चिट्ठी मिली थी। इस चिट्ठी को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस चिट्ठी में अमेरिका के लिए एक मैसेज था। हालांकि, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इन सभी दावों को मनगढ़ंत बताया है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार खामेनेई ने गुरुवार रात को टीवी पर दिए गए संदेश में मीडिया के इन सभी दावों को खारिज कर दिया। अफवाह थी कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने सऊदी क्राउन प्रिंस को उनके यूएस दौरे से पहले जो मैसेज भेजा था, वह वॉशिंगटन के लिए था।
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा, “वे अफवाहें फैला रहे हैं कि ईरानी सरकार ने किसी तीसरे देश के जरिए अमेरिका को मैसेज भेजा है, जो सरासर झूठ है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेजेशकियन की चिट्ठी में कहा गया कि ईरान टकराव नहीं चाहता है। उसका मकसद क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करना है और वह कूटनीति के जरिए न्यूक्लियर विवाद को सुलझाने के लिए तैयार है, बशर्ते उसके अधिकारों की गारंटी हो।
खामेनेई ने अपने भाषण के दौरान इजरायल के हमलों और अपराधों में अमेरिका के समर्थन की कड़ी आलोचना की। ईरानी सुप्रीम ने अमेरिका पर अपनी रणनीति और रिसोर्स के फायदे के लिए झगड़ों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
दूसरी ओर, ईरानी अधिकारियों ने पहले ही इस बात को साफ कर दिया था कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को जो चिट्ठी दी गई, वह सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर थी।
तेहरान और वॉशिंगटन ने इसी साल अप्रैल और जून के बीच ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम और अमेरिकी बैन पर बातचीत की थी। दोनों पक्षों के बीच ओमान की मध्यस्थता में पांच राउंड की बातचीत हुई। इसके बाद छठे राउंड की बातचीत की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही इजरायल ने ईरान में कई जगहों पर अचानक हमले कर दिए।
इस हमले में ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिक और सीनियर कमांडर मारे गए। इसके बाद ईरान ने मिसाइल और ड्रोन से जवाबी कार्रवाई की।
22 जून को अमेरिकी सेना ने नतांज, फोर्डो और इस्फहान में ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया। ईरान ने अगले दिन कतर में अमेरिकी अल उदीद एयर बेस को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद ईरान और इजरायल के बीच 24 जून से सीजफायर लागू हुआ।
अंतरराष्ट्रीय
ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है आखिरी फैसला!

नई दिल्ली, 6 नवंबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के साथ वैश्विक व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई। ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसपर आखिरी फैसला भी आज आ जाए। वहीं, दूसरी ओर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
5 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अधिकांश जजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए।
निचली फेडरल कोर्ट ने इससे पहले टैरिफ के मामले में फैसला सुनाया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन और मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। निचले कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
बता दें, टैरिफ को लेकर करीब ढाई घंटे से ज्यादा कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, “आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। वे अमेरिकी नागरिकों से पैसा, राजस्व कमा रहे हैं।”
इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, “मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व बढ़ता है और यह केवल आकस्मिक है।”
इसके अलावा जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, “अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।”
जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को इमरजेंसी की स्थिति के दौरान ‘आयात को विनियमित करने’ की इजाजत देता है।
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के तर्क से जस्टिस एमी कोनी बैरेट सहमत नहीं थीं। उन्होंने सॉयर से कहा, “क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां ‘आयात को विनियमित करना’ वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?”
इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि अगर कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
जस्टिस बैरेट ने पूछा, “अगर कांग्रेस कहती है, ‘अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,’ तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?”
हालांकि, कोर्ट की तरफ से मामले में अब तक आखिरी फैसला सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वाले फैसले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।
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