अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप : भारत, इंग्लैंड का लक्ष्य फाइनल में जगह बनाना

वैश्विक टूर्नामेंटों में ऐसा बहुत कम होता है कि जो टीमें एक-दूसरे के बराबर होती हैं, वे फाइनल में मिलने की सामान्य उम्मीद के बजाय सेमीफाइनल में भिड़ती हैं। एडिलेड में, भारत और इंग्लैंड गुरुवार को टी20 विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में एडिलेड ओवल में मिलने पर फाइनल में जगह बनाने के लिए कोशिश करेंगे।
टी20 में इंग्लैंड और भारत के बीच मैच पिछले कुछ वर्षों में लगातार और प्रतिस्पर्धी रहा है, जिसमें जुलाई में द्विपक्षीय श्रृंखला भी शामिल है। लेकिन वे एक दशक के लिए टी20 विश्व कप मैच में नहीं मिले हैं, या 2013 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद से आईसीसी टूर्नामेंटों के नॉकआउट चरण में नहीं मिले हैं।
जबकि भारत ने विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव की शानदार बल्लेबाजी और अर्शदीप सिंह, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, हार्दिक पांड्या और रविचंद्रन अश्विन की शानदार गेंदबाजी के दम पर नॉकआउट में प्रवेश किया। इंग्लैंड ने अच्छी बल्लेबाजी की, हरफनमौला ताकत हासिल की। विपक्ष को चुनौती देने के लिए तेज गेंदबाजों के साथ-साथ स्पिनरों ने भी बेहतर किया है।
सबसे पहली बात, गुरुवार का सेमीफाइनल इस्तेमाल की गई पिच पर खेला जाने वाला है। एडिलेड ओवल में छोटी चौकोर बाउंड्री और स्क्वायर डाइमेंशन के लंबे फ्रंट के साथ, यह टॉस को महत्वपूर्ण बनाता है और पहले बल्लेबाजी करना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। स्पिनरों का महत्व भी बढ़ जाता है।
उस स्थिति में, भारत वास्तव में अपने शीर्ष क्रम के लिए पहले छह ओवरों में अच्छा स्कोर करना चाहेगा। टूर्नामेंट के पावर-प्ले चरण में, भारत ने प्रति ओवर 5.96 रन बनाए हैं, जो इंग्लैंड के 6.79 रनों से कम है।
इसके अलावा, रोहित शर्मा और केएल राहुल के बीच टूर्नामेंट में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी सिर्फ 27 रन की रही है। कोहली वर्तमान में रन-चार्ट का नेतृत्व कर रहे हैं, हालांकि वह स्पिन के खिलाफ थोड़ा सतर्क रहे हैं, जबकि सूर्यकुमार बेहद उच्च 193.96 स्ट्राइक रेट के साथ सूची में तीसरे स्थान पर हैं।
शीर्ष क्रम के टी20 बल्लेबाज सूर्यकुमार भारत के लिए टूर्नामेंट के अंतिम चार ओवरों में 11.90 रन प्रति ओवर की सर्वश्रेष्ठ रन-रेट और पारी की गति को बदलने के पीछे एक बड़ी ताकत रहे हैं। भारत को बराबरी के स्कोर से विजयी स्कोर की ओर ले जाने के लिए उन्होंने मैदान के चारों ओर रन बनाए हैं।
दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत के बीच अभी भी दुविधा के साथ हार्दिक पांड्या पाकिस्तान को छोड़कर बल्ले से कुछ भी सार्थक नहीं कर रहे हैं, भारत को ध्यान से विचार करने की जरूरत है कि दो विकेटकीपर-बल्लेबाजों में से किसे बेहद महत्वपूर्ण मैच के लिए चुना जाना है।
गेंद के साथ, बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप ने पांच मैचों में 10 विकेट के साथ एक शानदार गेंदबाज रहे, जबकि सीनियर दाएं हाथ के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार की इकॉनमी रेट 5.4 है और उन्होंने टी20 मैचों में पांच बार जोस बटलर को आउट भी किया है। लेकिन भारत जिस कमजोरी का फायदा उठा सकता है, वह उनके स्पिनरों के जरिए आ सकती है।
बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल के आस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण, उन्हें लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की जगह रविचंद्रन अश्विन की आफ स्पिन के साथ जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा, स्पिन के खिलाफ इंग्लैंड की बल्लेबाजी स्ट्राइक-रेट सिर्फ 100.5 और टूर्नामेंट में सिर्फ 22 के औसत के साथ, यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसका भारत निश्चित रूप से फायदा उठाना चाहेगा।
हालांकि उनके पास बटलर, एलेक्स हेल्स, बेन स्टोक्स, लियाम लिविंगस्टोन, हैरी ब्रुक और मोईन अली की ताकत और शैली है, लेकिन इंग्लैंड की बल्लेबाजी टूर्नामेंट में अभी तक एक समान नहीं हुई है।
उनकी डैथ ओवर गेंदबाजी, जो पिछले साल के टूर्नामेंट में एक बड़ी कमजोरी थी, एक बड़ी ताकत बन गई है, जैसा कि इस चरण में छह की इकॉनमी दर और सात विकेट लेने से देखा गया है, बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सैम करन उनके डैथ स्पेशलिस्ट हैं। स्टोक्स और क्रिस वोक्स की दाएं हाथ की तेज गेंदबाज जोड़ी तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभालती है।
डेविड मलान को कमर की चोट और तेज गेंदबाज मार्क वुड के शरीर में अकड़न के कारण इंग्लैंड को भी कुछ फिटनेस संबंधी चिंताएं हैं। भारत के लिए कुछ चिंता के बादल थे, जब रोहित और कोहली को अभ्यास सत्र में बल्लेबाजी करते हुए चोट लग गई थी।
गुरुवार एडिलेड ओवल टी20 विश्व कप के दूसरे फाइनलिस्ट का फैसला करने के लिए बराबरी का मैच होगा।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं-
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, रविचंद्रन अश्विन, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह और मोहम्मद शमी।
इंग्लैंड: जोस बटलर (कप्तान और विकेटकीपर), मोईन अली, हैरी ब्रुक, सैम करन, क्रिस जॉर्डन, लियाम लिविंगस्टोन, डेविड मलान, आदिल राशिद, फिल साल्ट, बेन स्टोक्स, टाइमल मिल्स, डेविड विली, क्रिस वोक्स, मार्क वुड और एलेक्स हेल्स।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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