राष्ट्रीय समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को यौन उत्पीड़न विरोधी कानून के दायरे में लाने की याचिका खारिज की
suprim court
नई दिल्ली, 1 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें राजनीतिक दलों को यौन उत्पीड़न विरोधी कानून के दायरे में लाने की मांग की गई थी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा, “यह संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है। हम इसमें कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं? यह एक नीतिगत मामला है।”
वरिष्ठ वकील शोभा गुप्ता ने याचिकाकर्ता की ओर से कहा कि वे नया कानून बनाने की मांग नहीं कर रही हैं, बल्कि केवल यह चाहती हैं कि यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013, जिसे ‘पॉश एक्ट’ के नाम से जाना जाता है, की व्याख्या ऐसी हो कि राजनीतिक दल भी इसके दायरे में आएं।
उन्होंने कहा कि केरल हाई कोर्ट के एक फैसले में स्पष्ट किया गया है कि किसी राजनीतिक दल को ‘पॉश’ अधिनियम के तहत आंतरिक शिकायत समिति बनाने की कानूनी जरूरत नहीं है, क्योंकि इसके सदस्यों के बीच नियोक्ता-कर्मचारी का रिश्ता नहीं होता। इसलिए, इस मुद्दे को पूरी तरह से इसके दायरे में नहीं माना जाना चाहिए।
इस पर, सीजेआई गवई की अगुवाई वाली पीठ ने वरिष्ठ वकील को सलाह दी कि वे सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करके केरल उच्च न्यायालय के फैसले को स्वतंत्र रूप से चुनौती दें।
इसके बाद उन्होंने जनहित याचिका वापस लेने का फैसला किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और फिर याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया गया।
पिछले साल दिसंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसी ही याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वे चुनाव आयोग से संपर्क करें, क्योंकि चुनाव आयोग ही मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए आंतरिक तंत्र स्थापित करने का निर्देश देने के लिए सक्षम प्राधिकारी है।
कोर्ट ने कहा था कि अगर याचिकाकर्ता की शिकायत का समाधान नहीं होता, तो वे कानून के अनुसार न्यायिक मंच पर जा सकते हैं।
नई जनहित याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता ने इस साल मार्च में चुनाव आयोग को एक पत्र भेजा था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
यह याचिका मांग करती है कि राजनीतिक दलों को यौन उत्पीड़न से बचाव के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा (पॉश) अधिनियम, 2013 का पालन करना चाहिए। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया कि पॉश अधिनियम का दायरा बढ़ाकर राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाए, ताकि राजनीतिक दल सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए जवाबदेह हों और राजनीतिक दलों के साथ काम करने वाले लोगों को यौन उत्पीड़न से बचाया जा सके।
याचिका में केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के अलावा, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, सीपीआई (एम), सीपीआई, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल पीपल्स पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी को भी पक्षकार बनाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत–अमेरिका वायुसेना का युद्धाभ्यास, आपसी तालमेल और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन

नई दिल्ली, 13 नवंबर: भारतीय वायुसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की वायुसेना के बीच एक बेहद महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वायु अभ्यास चल रहा है। दोनों देशों के इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य वायु सेनाओं के बीच आपसी समझ, सामरिक सहयोग और अंतरसंचालन क्षमता को बढ़ाना है।
गुरुवार, 13 नवंबर को इस अभ्यास का फाइनल व अंतिम दिन है। खास बात यह भी है कि इस अभ्यास में अमेरिकी वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक बी-1बी लांसर सुपरसॉनिक बमवर्षक विमान के साथ भाग लिया है। सटीक व घातक मारक क्षमता बी-1बी लांसर अपनी लंबी दूरी की प्रहार क्षमता और सटीक टारगेट तकनीक के लिए प्रसिद्ध है।
भारतीय वायुसेना की ओर से यहां विभिन्न अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और वायु रक्षा प्रणालियों ने हिस्सा लिया है। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं ने एक साथ कई जटिल युद्ध परिदृश्यों पर कार्य किया है। इनमें एयर डिफेंस ऑपरेशन, स्ट्राइक मिशन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, हवा में ईंधन भरना और संयुक्त मिशन योजना शामिल रही।
इस दौरान पायलटों और तकनीकी दलों ने एक-दूसरे की रणनीतियों, तकनीकों और संचालन प्रक्रियाओं से महत्वपूर्ण अनुभव साझा किया। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भविष्य के बहुराष्ट्रीय अभियानों में बेहतर सामंजस्य स्थापित करना और उभरते सुरक्षा परिदृश्य में संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत बनाना है। भारतीय वायुसेना के मुताबिक भारत व अमेरिकी वायु सेना के बीच यह अभ्यास 10 नवंबर को शुरू हुआ था और आज 13 नवंबर को पूरा होने जा रहा है।
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगा तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा। संयुक्त वायुसेना अभ्यास के दौरान अमेरिकी व भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने एक दूसरे देश के पायलटों की पेशेवर क्षमता और सामरिक सोच को नजदीक से अनुभव किया।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के अभ्यास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के नए आयाम खोलते हैं। संयुक्त रूप में यह संकल्प भी है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी आगे भी और मजबूत होगी तथा साझा सुरक्षा हितों की रक्षा में निरंतर सहयोग जारी रहेगा।
गौरतलब है कि जहां एक ओर दोनों देशों की वायु सेनाएं यह संयुक्त अभ्यास कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी इन दिनों अमेरिका की एक महत्वपूर्ण आधिकारिक यात्रा पर हैं। उनकी यह यात्रा बुधवार 12 नवंबर को शुरू हुई थी।
नौसेना के मुताबिक एडमिरल त्रिपाठी की इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच पहले से प्रगाढ़ और सुदृढ़ समुद्री साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाना है। भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच ये मजबूत संबंध, भारत–अमेरिका रक्षा सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ है।
भारतीय नौसेना प्रमुख 17 नवंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं। अपनी यात्रा के दौरान नौसेना प्रमुख, अमेरिकी युद्ध विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात व वार्ता करेंगे। इन बैठकों में अन्य वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी विचार-विमर्श होगा।
राजनीति
14 नवंबर को भारी बहुमत के साथ बिहार में बन रही एनडीए सरकार: दिलीप जायसवाल

पटना, 13 नवंबर: बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दावा किया है कि 14 नवंबर को भारी बहुमत के साथ एनडीए सरकार वापसी कर रही है।
बिहार भाजपा चीफ का यह बयान उस वक्त आया है, जब 243 विधानसभा सीटों पर मतदान दो चरण में संपन्न हो चुका है। शुक्रवार को चुनाव आयोग की ओर से परिणाम घोषित किए जाएंगे।
पटना में मीडिया से बातचीत में बिहार भाजपा चीफ ने कहा कि जनता ने अपना जनादेश दे दिया है और राज्यभर के मतदाताओं ने चुनाव के दौरान उत्साहपूर्वक भाग लिया है। बिहार सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास के परिणामस्वरूप एनडीए एक बार फिर भारी बहुमत से सरकार बना रहा है।
उन्होंने वोटिंग प्रतिशत का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के बाद बहुत कम देखने को मिलता है कि इतनी तादाद में वोटिंग हो। यह तस्वीर बिहार में देखने को मिली है। महिला मतदाताओं ने बढ़-चढ़ कर वोटिंग की। उन्होंने शांतिपूर्ण चुनाव का जिक्र किया। दिलीप जायसवाल ने कहा कि एक भी जगह दोबारा चुनाव कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। पूरे बिहार में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हुआ। यह दिखाता है कि सरकार के प्रति जनता को आस्था है। इसका मतलब है कि भारी बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी।
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि डिजिटल योद्धा बैठक में चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सभी डिजिटल योद्धाओं को सम्मानित किया। सभी ने सोशल मीडिया के माध्यम से जो जन जागरण व संगठन सशक्तीकरण का कार्य किया है, वो सराहनीय है।
एक्स पोस्ट में बिहार भाजपा चीफ ने बाबू वीर कुंवर सिंह जी की जयंती पर नमन करते हुए लिखा, “{स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानायक को नमन। 1857 की प्रथम स्वाधीनता क्रांति के अमर सेनानायक, बिहार की वीरभूमि भोजपुर के गौरव बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। भारत माता की रक्षा के लिए उनका बलिदान सदैव अमर रहेगा।
अपराध
दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद असम में बड़ा एक्शन, 15 लोग गिरफ्तार

CRIME
नई दिल्ली/गुवाहाटी, 13 नवंबर: दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण विस्फोट के बाद असम में बड़ा एक्शन हुआ है। पिछले कुछ घंटों में असम पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि दिल्ली विस्फोटों के बाद आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में अब तक पूरे राज्य में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि बुधवार को 6 गिरफ्तारियां की गई थीं। इसके बाद रातभर चलाए गए अभियान के दौरान 9 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
रात में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बोंगाईगांव के रहने वाले रफीजुल अली, हैलाकांडी निवासी फोरिद उद्दीन लस्कर, लखीमपुर के इनामुल इस्लाम और फिरुज अहमद उर्फ पोपन, बारपेटा निवासी शाहिल शोमन सिकदर और रकीबुल सुल्तान, होजाई के नसीम अकरम, कामरूप के तस्लीम अहमद और दक्षिण सलमारा के अब्दुर रोहिम उर्फ बप्पी हुसैन के रूप में हुई।
इससे पहले, असम पुलिस ने दरांग के मतिउर रहमान, गोलपाड़ा के हसम अली, चिरांग के अब्दुल लतीफ, कामरूप के वझुल कमाल और बोंगाईगांव के नूर अमीन अहमद को गिरफ्तार किया था। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने दिल्ली धमाके के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट किए।
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ कहा कि असम पुलिस हिंसा का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि असम पुलिस सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके नफरत फैलाने या आतंकवाद का महिमामंडन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तेजी और सख्ती से कार्रवाई जारी रखेगी।
मंगलवार को एक बयान में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि दिल्ली बम विस्फोट की खबर जब सोशल मीडिया पर आई, तो एक विशेष समुदाय के कुछ लोग इस पर मजाक बनाने लगे और ‘हा, हा’ इमोजी डालने लगे। ये लोग आतंकी समर्थक हैं और हमारी पुलिस इन्हें हर हाल में पकड़ने में जुटी है।
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