अपराध
सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेसी पॉलिसी में सीसीआई जांच के खिलाफ व्हाट्सएप-मेटा याचिकाओं पर विचार करने से किया इनकार

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें व्हाट्सएप और फेसबुक (अब मेटा) द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। इसमें एकल न्यायाधीश बेंच के आदेश को चुनौती दी गई थी। दरअसल, बेंच ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी के संबंध में व्हाट्सएप द्वारा डॉमिनन्ट पॉजिशन प्रैक्ट्सि के दुरुपयोग की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। व्हाट्सएप का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रस्तुत किया कि व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक आ रहा है और सॉलिसिटर जनरल ने संविधान पीठ को जनवरी में गोपनीयता नीति मामले की सुनवाई करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, अगर एक संवैधानिक अदालत को लगता है कि मेरी नीति ठीक है और कानून के अनुरूप है, तो यह आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
सिब्बल ने जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष दलील दी कि वे इस बीच कैसे जांच कर सकते हैं, जबकि गोपनीयता नीति का मुद्दा लंबित है? उन्होंने कहा, हम कह रहे हैं कि जब तक यह अदालत का आदेश नहीं आता, तब तक सीसीआई को अंतिम आदेश न देने दें।
पीठ ने कहा कि सीसीआई एक स्वतंत्र संस्था है और सवाल यह है कि क्या आपका आचरण प्रतिस्पर्धा अधिनियम के विपरीत है?
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमण ने सुनवाई के दौरान कहा कि 2021 नीति के लिए डेटा व्हाट्सएप के पास है, और इसका उपयोग उनके विज्ञापनों के लिए एक प्रमुख तरीके से किया जा रहा है, जिसके कारण संभावित दुरुपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि एक विशेष कंपनी के साथ डेटा की एकाग्रता का दुरुपयोग होता है।
सिब्बल ने कहा कि व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी है। यूजर का डेटा साझा नहीं किया जाता है और अगर मैं टिकट बुक करना चाहता हूं, तो मैं एक बिजनेस ऐप का उपयोग करता हूं, और जिस व्यक्ति के साथ मैं इसे बुक करता हूं, वह इसे साझा कर सकता है। उन्होंने कहा, यह देश के हर प्लेटफॉर्म और भारतीय ऐप्स पर भी लागू है।
दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा कि सीसीआई 2002 के प्रतिस्पर्धा अधिनियम के प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन पर विचार करने के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण है, और उच्च न्यायालय के आदेश में इस अदालत द्वारा किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
पीठ ने कहा कि जब सीसीआई द्वारा कार्यवाही शुरू की जाती है, तो यह नहीं कहा जा सकता है कि यह अधिकार क्षेत्र के बिना है, और सीसीआई को जांच और प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के कथित उल्लंघन से नहीं रोका जा सकता है।
याचिकाओं को खारिज करते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा कि कार्रवाई में उच्च न्यायालय की किसी भी टिप्पणी को अस्थायी और प्रथम ²ष्टया माना जाना चाहिए, और इस मामले पर अपनी योग्यता के आधार पर विचार किया जाना चाहिए।
इस साल अगस्त में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप और फेसबुक (अब मेटा) द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया, जिसमें एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने पिछले साल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
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