अंतरराष्ट्रीय
चौथा टी20 मैच जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया को टक्कर देगी श्रीलंकाई टीम

ऑस्ट्रेलिया की टीम शुक्रवार को यहां मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में श्रीलंका के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए मैदान पर उतरेगी। हालांकि, टीम ने पांच मैचों की सीरीज में 3-0 से कब्जा कर लिया है। वहीं, श्रीलंका की टीम चौथा मैच जीतने और क्लीन स्वीप से बचने के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम को कड़ी टक्कर देगी। 15 फरवरी को कैनबरा के मनुका ओवल में कम स्कोर वाले मैच में छह विकेट से जीत के बाद मेजबान टीम ने पांच मैचों की श्रृंखला में 3-0 की बढ़त ले ली है।
पहले दो मैचों में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बावजूद, श्रीलंका तीसरे टी20आई में आंशिक रूप से वापसी करने में विफल रहा क्योंकि उनके कई खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया आने के बाद से कोविड-19 की चपेट में आ गए हैं।
श्रीलंकाई गेंदबाजों ने पूरी सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन बल्लेबाजों का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है।
पहले टी20 आई में, श्रीलंका ऑस्ट्रेलिया को मैच में टक्कर देता रहा, लेकिन बल्लेबाजों के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बाद वह मैच हार गई। पथुम निसांका एकमात्र टीम के बल्लेबाज रहे, जिन्होंने श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन दूसरे टी20 आई में उनकी 73 रनों की शानदार पारी तब बेकार गई जब टीम सुपर ओवर में मैच हार गए। श्रीलंका के लिए तीसरे टी20 में मजबूती से बाहर आने की उम्मीदें थीं, लेकिन गेंदबाजों ने उन्हें परेशान करना जारी रखा, जिससे मेजबान टीम एक बार फिर से खिलाड़ियों पर हावी हो गई।
तीसरे मैच से पहले कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद वानिंदु हसरंगा की अनुपस्थिति टीम के लिए एक बड़ा झटका बन गई। महत्वपूर्ण समय पर विकेट लेने की उनकी क्षमता ने श्रीलंका को पहले दो टी20 आई में बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में मदद की थी। हसरंगा की अनुपस्थिति में, महेश दीक्षाना ने लंका के गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व कर शानदार प्रदर्शन किया लेकिन अन्य गेंदबाजों से टीम को कोई समर्थन नहीं मिला।
श्रीलंका के पास अंतिम दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में जीत के लिए चरित असलंका, दनुष्का गुणातिलक और कुसल मेंडिस जैसे बल्लेबाजों के लिए अपने बल्ले से योगदान देना महत्वपूर्ण होगा।
हालांकि मेजबान टीम ने सीरीज तो जीत ली है, लेकिन जीत उनके लिए आसान नहीं है। सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और एरोन फिंच की फॉर्म से जूझने के कारण बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। हालांकि, उनके गेंदबाजों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है, विशेष रूप से फिर से फिट गेंदबाज जोश हेजलवुड ने तीन मैचों में आठ विकेट लिए हैं।
अब जबकि सीरीज में कब्जा करने के बाद, उनके प्रमुख पेसर टेस्ट कप्तान पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क और हेजलवुड को आराम दिया गया है और अगले टी20 विश्व कप से टीम सिर्फ छह महीने दूर हैं।
कैनबरा में पिछले टी20 के दौरान, ऑस्ट्रेलिया छह विकेट से आसान जीत हासिल करने में सफल रहा। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर श्रीलंका को बल्लेबाजी दी थी।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान फिंच ने आईसीसी के हवाले से कहा, “हम टीम को मजबूत बनाने के लिए खिलाड़ियों का फेरबदल कर रहे हैं। वास्तव में ये बहुत अच्छे संकेत हैं। अगर हम एक विशेष संयोजन के साथ अपनी टीम बनाना चाहते हैं, तो हमे कुछ खिलाड़ियों को आजमाने की जरूरत है। हमे टीम में सात बल्लेबाजों की जरूरत है जो खेल को आगे तक ले जाएं।”
श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका ने कहा कि बल्लेबाजों को पहले छह ओवरों में बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करनी चाहिए। “मुझे लगता है कि हमें पहले छह ओवरों में अच्छी बल्लेबाजी करनी चाहिए और अपने विकेट नहीं गंवाने चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय10 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
महाराष्ट्र3 days ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार4 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा