राजनीति
सोनिया गांधी ने लगाया केंद्र पर संवेदनहीनता बरतने का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में केन्द्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए, संवेदनहीन होने का आरोप लगाया।
संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सुबह करीब 9:40 पर बैठक शुरू हुई। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को लेकर संवेदनहीन है। प्रदर्शनकारी किसानों को याद करते हुए सोनिया गांधी ने कहा आइए बलिदान देने वाले 700 प्रदर्शनकारी किसानों का सम्मान करें।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार से लगातार, निरस्त किए गए कृषि कानूनों के विरोध में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रही है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को संसद में उठाते हुए लोकसभा के पटल पर मारे गए किसानों की सूची भी रखी है।
सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि हम सीमा मुद्दों पर संसद में पूर्ण चर्चा की मांग करते हैं। विपक्ष सीमा पर असुरक्षा को लेकर चर्चा करना चाहता है, लेकिन सरकार इसको लेकर तैयार नहीं है। उन्होंने केन्द्र सरकार की महंगाई और विनिवेश की नीति को लेकर आड़े हाथों लिया। लगातार बढ़ रही महंगाई करोड़ों परिवार के मासिक बजट को खराब कर रही है।
12 सांसदों के निलंबन पर सोनिया गांधी ने कहा कि यह अभूतपूर्व और अस्वीकार्य है। हम निलंबित सांसदों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। सरकार को विपक्षी सांसदों का निलंबन वापस लेना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार भारत की संपत्ति बेचने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा देश के सरकारी संपत्तियों को लगातार मोदी सरकार के द्वारा बेचा जा रहा है। कांग्रेस संसदीय दल के सभी सदस्य और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस बैठक में मौजूद रहे।
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रेस से बात करते हुए कहा था कि हम बार-बार सदन के नेता, सभापति से मिलते रहे और अपनी बात रखी कि नियम 256 के तहत जब आप सांसदों को निलंबित कर रहे हैं, तो उस नियम के मुताबिक ही निलंबित कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने उन नियमों को छोड़ दिया और गलत तरीके से मानसून सत्र में घटी घटना को शीत सत्र में लाकर 12 सदस्यों को निलंबित किया। अगर निलंबन वापस नहीं लिया तो, विपक्षी दल निलंबित सांसदों के साथ अनशन पर बैठेंगे।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय बैंकों की स्थिति और होगी मजबूत, एनपीए में मार्च तक आएगी 0.4 प्रतिशत की गिरावट : फिच
नई दिल्ली, 24 जनवरी। भारतीय बैंकों का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) रेश्यो मार्च 2025 तक 0.4 प्रतिशत कम होकर 2.4 प्रतिशत हो सकता है। इसमें अगले साल तक 0.2 प्रतिशत की और कमी देखने को मिल सकती है। यह जानकारी रेटिंग एजेंसी फिच द्वारा एक रिपोर्ट में दी गई।
एनपीए का कम होना दिखाता है कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत बनी हुई है और बैंकिंग सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
फिच की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, खुदरा ऋणों (विशेष रूप से असुरक्षित ऋण में) में तनाव बढ़ रहा है, लेकिन मजबूत विकास, वसूली और राइट-ऑफ किए गए ऋणों से नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स में वृद्धि की भरपाई होने की उम्मीद है।
फिच ने नोट में बताया कि वर्तमान में दबाव 600 डॉलर (51,000 रुपये से अधिक) से कम के छोटे असुरक्षित व्यक्तिगत ऋणों पर केंद्रित है। इसका प्रभाव नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों (एनबीएफसी) और कम आय वर्ग पर केंद्रित फिनटेक कंपनियों पर अधिक देखने को मिलेगा।
पिछले तीन वर्षों (वित्त वर्ष 24 तक) में असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड उधारी क्रमशः 22 प्रतिशत और 25 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ी। असुरक्षित ऋण से जुड़े जोखिम भार में वृद्धि के बाद सितंबर 2024 को समाप्त होने वाली चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह गति क्रमशः11 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रह गई है।
भारत में घरेलू कर्ज जून 2024 में जीडीपी का 42.9 प्रतिशत था, जो कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के भी कई देशों के मुकाबले कम है। असुरक्षित खुदरा ऋण पर दबाव बढ़ रहा है और यह वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में कुल बैड लोन का करीब 52 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बैंकों के पास गैर-बैंकों और फिनटेक की फंडिंग के माध्यम से कुछ अप्रत्यक्ष जोखिम हो सकता है, जो कम आय वाले उधारकर्ताओं को अधिक लोन देते हैं। ऐसे उधारकर्ता जिनकी आय का खुलासा नहीं किया गया है, इनकी हिस्सेदारी फाइनेंसियल सिस्टम में बकाया कंज्यूमर क्रेडिट में एक तिहाई से अधिक की है।
दुर्घटना
यूपी के कानपुर में बस पलटने से सात बच्चे, एक शिक्षक घायल
कानपुर, 24 जनवरी। उत्तर प्रदेश के कानपुर थाना नवाबगंज में शुक्रवार को एक हादसा हो गया। जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल की बस अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। इसमें सात बच्चे और एक शिक्षक घायल हो गए हैं। स्थानीय लोग और पुलिस राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। घायलों को अस्पताल भेजा गया है।
पुलिस उपायुक्त दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि कानपुर स्थित थाना नवाबगंज के जीडी गोयनका स्कूल की बस की कमानी टूट जाने के कारण वह पलट गई। इस हादसे में सात बच्चे और एक शिक्षक घायल हो गए। इन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इन्हें मामूली चोटें आई थीं। सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है। कानून व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है।
बस पलटने से सात बच्चे और एक शिक्षक घायल हो गए हैं। स्थानीय लोग और पुलिस राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। घायलों को अस्पताल भेजा गया। इस दौरान काफी अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि हादसे के दौरान बस की रफ्तार काफी तेज थी, बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई और हादसा हो गया।
राजनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव: प्रियंका गांधी 26 जनवरी से कर सकती हैं प्रचार अभियान की शुरुआत
नई दिल्ली, 24 जनवरी। कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा 26 जनवरी से दिल्ली में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर सकती हैं। कांग्रेस के अभियान प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने उम्मीद जताई कि प्रियंका गांधी रविवार 26 जनवरी की शाम को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अपनी पहली रैली को संबोधित कर सकती हैं।
सभी कांग्रेस उम्मीदवारों ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) से अनुरोध किया है कि प्रियंका उनकी सीट पर प्रचार करें। हालांकि, वह केवल महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करेंगी।
कांग्रेस ने चुनाव से पहले लोगों से पांच वादे किए हैं, जिनमें प्यारी दीदी योजना के तहत महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह, दिल्ली के सभी निवासियों के लिए 25 लाख रुपये का आजीवन स्वास्थ्य बीमा, शिक्षित बेरोजगार युवाओं को एक साल के लिए अपने रोजगार कौशल विकसित करने के लिए 8,500 रुपये प्रति माह वजीफा, 500 रुपये में सब्सिडी वाली रसोई गैस, मुफ्त राशन किट और 300 यूनिट मुफ्त बिजली शामिल हैं। 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में शून्य सीटें पाने के बाद पार्टी दिल्ली में वापसी करना चाह रही है, क्योंकि पिछले दो चुनावों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।
वहीं, गुरुवार को राहुल गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद में अपनी रैली रद्द कर दी, जिससे चुनाव प्रचार में उनकी उपलब्धता को लेकर संशय बरकरार है।
राहुल गांधी हाल ही में अस्वस्थ होने के कारण कुछ कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाए थे, जिनमें दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में उनका प्रस्तावित कार्यक्रम भी शामिल था। इससे पहले सांसद राहुल गांधी बुधवार को सदर बाजार निर्वाचन क्षेत्र के इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर एक रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन खराब सेहत के कारण रैली में शामिल नहीं हो पाए।
आपको बता दें कि राहुल गांधी की पहली रैली 13 जनवरी को सीलमपुर में हुई थी।
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