अपराध
फर्जी वैक्सीनेशन मामले में मुंबई के कैंपों में अब तक 10 गिरफ्तार

मुंबई में फर्जी वैक्सीनेशन के मामले में अभी तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि मुंबई में नौ अलग-अलग टीकाकरण शिविरों में 2,053 लोग फर्जी वैक्सीन का शिकार हुए हैं। बोरिवली में 514, कांदिवली में 398, वर्सोवा में 365, लोअर परेल में 207 और मालाड में 30 लोगों को फर्जी टीका लगाने के मामले सामने आए हैं। फेक वैक्सीनेशन मामले में 10 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। शिवम अस्पताल से वैक्सीन की डोज सप्लाय होने के बात सामने आई है, जिसमें अस्पताल के 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक 7 जगहों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। वैक्सीनेशन के सभी 9 कैम्प के आयोजन में एक ही रैकेट के इन्वॉल्वमेंट की बात अब तक कि जांच में पता चली है। 12 लाख 40 हजार रकम जब्त, फेक कैम्प के लिए इस्तेमाल की गई कार जब्त की गई। अब तक 2000 लोगों को फेक वैक्सीन दी गई। ज्यादातर सलाइन वॉटर वैक्सीन की जगह दी गई।
अब तक 400 गवाहों के बयानों के आधार पर कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। फर्जी टीकाकरण पर चिंता जताते हुए हाई कोर्ट ने राज्य और बीएमसी को निर्देश दिया कि वे इसे रोकने के लिए एक नीति पर हलफनामा दाखिल करें, जिसकी सुनवाई 29 जून को होगी। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी की पीठ कोरोना वायरस के टीकों से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुनवाई की है। राज्य सरकार के वकील दीपक ठाकरे ने पीठ को बताया कि शहर में अब तक कम से कम 9 फर्जी शिविरों का आयोजन किया गया और इस सिलसिले में चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। राज्य सरकार ने इस मामले में जारी जांच संबंधी स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल की। पीठ ने राज्य की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए कहा कि राज्य सरकार और बीएमसी के अधिकारियों को इस बीच पीड़ितों में फर्जी वैक्सीन के दुष्प्रभाव का पता लगाने और उनकी जांच करवाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि राज्य सरकार ने हाउसिंग सोसायटी, कार्यालयों आदि में वैक्सीनेशन कैंप आयोजित करने संबंधी विशेष दिशा-निर्देश तय नहीं किए हैं, जबकि हाई कोर्ट इस बारे में इस महीने की शुरुआत में आदेश दे चुकी है। फर्जी टीकाकरण मामले में करीब आधे दर्जन लोगों के खिलाफ भोईवाडा पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसके अलावा बोरिवली और बांगुर नगर पुलिस ने भी केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह ने परेल स्थित पोद्दार एजुकेशन सेंटर में 28 और 29 मई को कोविड टीकाकरण शिविर का आयोजन कर सेंटर के 207 कर्मचारियों को टीका लगाकर 2,44,800 रुपये वसूल किए थे। टीका लगाने वाले को नानावटी एवं लाइफ लाइन केयर हॉस्पिटल का प्रमाण पत्र दिए थे।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
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