राष्ट्रीय समाचार
एसआईआर का मुद्दा लोकतंत्र की जड़ों तक जाता है: सुप्रीम कोर्ट
suprim court
नई दिल्ली, 10 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मौखिक रूप से कहा कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची में संशोधन करने के भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं का समूह एक ऐसा मुद्दा उठाता है जो “लोकतंत्र की जड़ों तक जाता है”, जिसमें मतदान का अधिकार भी शामिल है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से मौखिक दलीलें पेश करने के बाद, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने टिप्पणी की, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि उठाया गया मुद्दा लोकतंत्र की जड़ों तक जाता है – मतदान का अधिकार”।
पीठ ने आगे कहा, “वे (याचिकाकर्ता) न केवल विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास करने के भारतीय चुनाव आयोग के अधिकारों को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि प्रक्रिया और समय को भी चुनौती दे रहे हैं।”
सुनवाई के दौरान, चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने सर्वोच्च न्यायालय से इस समय एसआईआर अभ्यास में हस्तक्षेप न करने का आग्रह किया।
द्विवेदी ने कहा, “पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने दीजिए, और उसके बाद माननीय सदस्य पूरी तस्वीर देख सकते हैं।”
इस पर, न्यायमूर्ति धूलिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एक बार संशोधित मतदाता सूची जारी हो जाने और विधानसभा चुनावों की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद, “कोई भी अदालत इसे नहीं छुएगी”।
शीर्ष अदालत में कई याचिकाएँ दायर की गई हैं जिनमें दावा किया गया है कि यदि चुनाव आयोग द्वारा 26 जून को जारी एसआईआर आदेश को रद्द नहीं किया जाता है, तो यह “मनमाने ढंग से” और “उचित प्रक्रिया के बिना” लाखों मतदाताओं को अपने प्रतिनिधि चुनने से वंचित कर सकता है, और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव तथा लोकतंत्र – जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है – को बाधित कर सकता है।
याचिकाकर्ता पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने तर्क दिया कि बिहार में मतदाता सूची के “विशेष” संशोधन का निर्देश देने वाले चुनाव आयोग के आदेश का कानूनी रूप से कोई आधार नहीं है क्योंकि यह प्रक्रिया सत्यापन के उद्देश्य से आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को मान्यता देने में विफल रही है।
सोमवार को, न्यायमूर्ति धूलिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, गोपाल शंकरनारायणन और शादान फरासत सहित कई वकीलों द्वारा मामले की तत्काल सुनवाई का उल्लेख किए जाने के बाद मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में आशंका जताई कि मतदाता सूची में इस तरह का दूसरा संशोधन पश्चिम बंगाल में भी दोहराया जा सकता है और उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से चुनाव आयोग को देश के अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों के एसआईआर के लिए इसी तरह के आदेश जारी करने से रोकने की मांग की।
मोइत्रा ने अपनी वकील नेहा राठी के माध्यम से तर्क दिया कि यह “देश में पहली बार” है कि चुनाव आयोग द्वारा इस तरह की कवायद की जा रही है, जहाँ उन मतदाताओं से, जिनके नाम पहले से ही मतदाता सूची में हैं और जिन्होंने पहले कई बार मतदान किया है, अपनी पात्रता साबित करने के लिए कहा जा रहा है।
याचिका के अनुसार, एसआईआर की आवश्यकता, जिसमें मतदाताओं से दस्तावेजों के एक सेट के माध्यम से अपनी पात्रता फिर से साबित करने के लिए कहा जाता है, “बेतुका” है, क्योंकि अपनी मौजूदा पात्रता के आधार पर, उनमें से अधिकांश पहले ही विधानसभा और आम चुनावों में कई बार मतदान कर चुके हैं।
इस विवाद के बीच, चुनाव आयोग ने बुधवार को एक्स पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 का एक अंश पोस्ट किया, जो आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को उचित ठहराने के लिए था।
चुनाव आयोग ने कहा, “लोकसभा और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होंगे; अर्थात्, प्रत्येक व्यक्ति जो भारत का नागरिक है और जिसकी आयु उपयुक्त विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा या उसके अधीन निर्धारित तिथि को इक्कीस वर्ष से कम नहीं है और जो इस संविधान या उपयुक्त विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी कानून के तहत गैर-निवास, मानसिक विकृति, अपराध या भ्रष्ट या अवैध आचरण के आधार पर अयोग्य नहीं है, ऐसे किसी भी चुनाव में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने का हकदार होगा।”
राजनीति
वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को बचाने वालों को जनता ने करारा जवाब दिया: गृह मंत्री अमित शाह

पटना, 14 नवंबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद राज्य की जनता का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को बचाने वालों को जनता ने करारा जवाब दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “ज्ञान, परिश्रम और लोकतंत्र की रक्षक ‘बिहार भूमि’ की जनता को कोटि-कोटि नमन। बिहारवासियों की ओर से एनडीए को यह प्रचंड जनादेश, बिहार में विकास, महिलाओं की सुरक्षा, सुशासन और गरीब कल्याण की एनडीए की संकल्प सेवा पर जनता की मुहर है। पिछले 11 सालों में मोदी जी ने बिहार के लिए दिल खोलकर कार्य किए और नीतीश जी ने बिहार को जंगलराज के अंधेरे से बाहर निकालने का काम किया। यह जनादेश ‘विकसित बिहार’ के संकल्प के लिए है।”
उन्होंने लिखा, “बिहारवासियों का एक-एक वोट भारत की सुरक्षा और संसाधनों से खेलने वाले घुसपैठियों और उनके हितैषियों के खिलाफ मोदी सरकार की नीति में विश्वास का प्रतीक है। वोटबैंक के लिए घुसपैठियों को बचाने वालों को जनता ने करारा जवाब दिया है। बिहार की जनता ने पूरे देश का मूड बता दिया है कि मतदाता सूची शुद्धिकरण अनिवार्य है और इसके खिलाफ राजनीति की कोई जगह नहीं है। इसीलिए राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस आज बिहार में आखिरी पायदान पर आ गई है।”
इसे ‘विकसित बिहार’ में विश्वास रखने वाले हर बिहारवासी की जीत बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, “जंगलराज और तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले किसी भी भेष में आएं, उन्हें लूटने का मौका नहीं मिलेगा। जनता अब सिर्फ और सिर्फ ‘प्रदर्शन की राजनीति’ के आधार पर जनादेश देती है।”
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ एनडीए के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जीत की बधाई देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “अपने अथक परिश्रम से इस परिणाम को चरितार्थ करने वाले बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक के बिहार भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का अभिवादन करता हूं।”
उन्होंने कहा, “मैं बिहार की जनता और विशेषकर हमारी माताओं-बहनों को आश्वस्त करता हूं कि जिस आशा और विश्वास के साथ आपने एनडीए को यह जनादेश दिया है, मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार उससे अधिक समर्पण से उसे पूरा करेगी।”
राजनीति
बिहार चुनाव : जदयू-भाजपा का गठबंधन अप्रत्याशित जीत की ओर, 200 सीटों के करीब पहुंचा आंकड़ा

पटना, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने फिर से परचम लहराया है। चुनाव आयोग के शुरुआती रुझानों में एनडीए ने 195 सीटों पर बढ़त हासिल की है।
चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, भाजपा ने दोपहर साढ़े 12 बजे तक 87 सीटों पर बढ़त बनाए रखी, जो सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। इसके अलावा भाजपा की सहयोगी जदयू 79 सीटों पर आगे रही। एनडीए के अन्य घटक दलों में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 21, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को तीन सीटों पर बढ़त मिली।
यही रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो यह बिहार में एनडीए की 2010 के बाद दूसरी सबसे बड़ी जीत होगी।
2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा के नेतृत्व में एनडीए 206 विधानसभा सीटों पर विजयी हुई। जदयू 115 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि भाजपा 91 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को महज 25 सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें राजद ने अकेले 22 सीटों पर कब्जा किया और एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) तीन सीटों पर जीत पाई।
वहीं, महागठबंधन को बिहार की जनता ने नकार दिया है। महागठबंधन की मुख्य पार्टी राजद को सिर्फ 31 सीटों पर बढ़त है, जबकि कांग्रेस फिलहाल 5 सीटों पर आगे है। अन्य घटक दलों में शामिल भाकपा-माले को छह, माकपा और भाकपा को एक-एक सीट पर बढ़त मिली है।
चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) को चार और बहुजन समाज पार्टी को एक सीट पर बढ़त हासिल है।
फिलहाल, यह रुझान शुरुआती चरणों की मतगणना के आधार पर सामने आए हैं। हालांकि, आखिरी दौर तक वोटों की गिनती में आंकड़ों में बदलाव संभव है।
सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। पहले डाक मतपत्रों को गिना गया। इसके बाद सुबह 8.30 बजे से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतों की गिनती शुरू हुई।
राजनीति
बिहार विधानसभा 2025: एनडीए को भारी बढ़त, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस सिर्फ 6 सीटों पर आगे

नई दिल्ली, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतगणना जारी है। चुनाव आयोग के ताजा रुझानों के मुताबिक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बहुमत के लिए आवश्यक आंकड़ें 122 को आसानी से पार करते हुए दिख रही है।
रुझानों में भाजपा ने बाकी सभी पार्टियों की तुलना में बढ़त बनाई हुई है। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भाजपा सर्वाधिक 85 सीटों पर आगे है। दूसरे नंबर की पार्टी नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) है, जो 75 सीटों पर आगे चल रही है। इसके अलावा प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 36 सीटों पर आगे चल रही है।
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 22 सीटों पर आगे चल रही है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी एवं बिहार में विपक्षी महागठबंधन का प्रमुख दल कांग्रेस मात्र 6 सीटों पर आगे है। इनके अलावा सीपीआई (एमएल) (एल) 7 सीट, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) चार, राष्ट्रीय लोक मोर्चा दो और एआईएमआईएम तीन सीटों पर आगे चल रही है।
विकासशील इंसानी पार्टी (वीआईपी) एक, सीपीआई (एम) एक और बीएसपी एक सीटों पर बढ़त बनाए हुई हैं। इनके अलावा प्रशांत किशोर की जन सुराज और तेज प्रताप का जनशक्ति जनता दल पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों (6 नवंबर को पहले चरण में 121 विधानसभा सीट और 11 नवंबर को दूसरे चरण के लिए 122 विधानसभा) की वोटिंग के बाद शुक्रवार को मतगणना हो रही है। मतगणना की शुरुआत सुबह 8:00 बजे डाक मतपत्रों से हुई और उसके आधे घंटे बाद 8:30 बजे से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से मतगणना शुरू हुई।
अधिकारियों के अनुसार, 243 रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ), 243 मतगणना पर्यवेक्षकों की सहायता से, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और उनके अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
कुल 4,372 मतगणना टेबल लगाई गई हैं, जिनमें से प्रत्येक पर एक मतगणना पर्यवेक्षक, एक सहायक और एक माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात हैं। निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त 18,000 से अधिक मतगणना एजेंट मतगणना प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र5 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
