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Wednesday,09-April-2025
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चाहिए कॉलेजों में दाखिला, तो लीजिए मुफ्त ऑनलाइन सलाह

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HRD

 कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए ऑनलाइन सहायता मुहैया कराई जाएगी। दाखिला लेने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय, छात्रों और शिक्षण संस्थानों के बीच ऑनलाइन सामंजस्य स्थापित करेगा। दरअसल, सीबीएसई समेत विभिन्न बोर्ड 12वीं के नतीजे घोषित कर चुके हैं। इसके उपरांत अब लाखों छात्र विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों की दाखिला प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं। वहीं पीएचडी, एमबीए, इंजीनियरिंग और मेडिकल संकाय से संबंधित उच्च शिक्षण संस्थानों में भी प्रवेश परीक्षाएं आरंभ होने वाली है।

स्कूल की पढ़ाई पूरी करके कॉलेज में दाखिले की तैयारी कर रहे इन लाखों छात्रों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक विशेष कार्यक्रम ‘दीक्षा आरंभ’ तैयार किया है।

‘दीक्षा आरंभ’ नामक इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को देश के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले की प्रकिया से लेकर अन्य सभी समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराया जाएगा।

कॉलेजों में दाखिले के लिए छात्रों हेतु आरंभ किए गए इस कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा , “स्कूल लाइफ से निकलकर कॉलेज के माहौल में प्रवेश करना छात्रों के लिए कठिन होता है। इसलिए ‘दीक्षा आरंभ’ लॉन्च किया गया है। इसमें ऐसे प्रोग्राम शामिल किए गए हैं, जो कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान छात्रों के लिए मददगार साबित होंगे।”

उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए आने वाले छात्र किसी प्रकार की दुविधा, असमंजस अथवा कठिनाई में उलझ कर न रह जाए, इसके लिए उन्हें अध्यापक के रूप में एक गाइड मुहैया कराया जाएगा। इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए देश भर के 32 अलग-अलग विश्वविद्यालयों के अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के दौरान छात्रों की मदद के लिए 32 विश्वविद्यालयों के 1650 अध्यापकों को ‘दीक्षा आरंभ’ कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष ट्रेनिंग दी गई है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा के 40 विभिन्न संस्थानों ने छात्रों की दाखिला प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय भी ले लिया है।

विश्वविद्यालयों के अकादमिक कैलेंडर को तैयार करने वाली यूजीसी की कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा, “देशभर के सभी कॉलेजों में सप्ताह में 6 दिन पढ़ाई होनी चाहिए। परिस्थिति को देखते हुए देश में उच्च शिक्षा के लिए नया सत्र जुलाई के बदले सितंबर से होना चाहिए। यह कमेटी शनिवार को भी कॉलेज चालू रखने की पक्षधर है।”

महाराष्ट्र

मुंबई वक्फ एक्ट का विरोध पड़ा महंगा, आसिफ शेख को नोटिस, पुलिस पर उत्पीड़न और उपद्रव का आरोप, पुलिस कमिश्नर से कार्रवाई की मांग

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मुंबई: 18 अप्रैल को मुंबई में वक्फ एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगना आसिफ शेख और उनके परिवार को महंगा पड़ा और पुलिस ने अब आसिफ शेख और उनकी पत्नी को परेशान करना शुरू कर दिया है, जिसके खिलाफ अब आसिफ शेख ने पुलिस आयुक्त से शिकायत दर्ज कराई है और बिना अनुमति के उनके घर में घुसने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

तिलक नगर पुलिस स्टेशन की प्रताड़ना और गुंडागर्दी के खिलाफ आसिफ शेख और उनकी पत्नी जैस्मीन शेख ने मुंबई पुलिस आयुक्त से अनुरोध किया है कि वे उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जिन्होंने उनके पति की अनुपस्थिति में उनके घर पर वक्फ अधिनियम के तहत विरोध न करने का नोटिस चिपकाकर उन्हें परेशान किया है। जैस्मीन शेख ने कहा है कि मेरे पति घर पर नहीं थे और उनकी अनुपस्थिति में पुलिस ने न केवल हमारे घर पर हमें परेशान किया, बल्कि अब पुलिस हमारे पड़ोस के लोगों को भी परेशान और परेशान कर रही है ताकि वे हमारा साथ न दें।

आसिफ शेख ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से अनुरोध किया है कि इस संबंध में कार्रवाई की जाए, अन्यथा वह आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे और मुंबई पुलिस कमिश्नर मुख्यालय में आत्मदाह करेंगे। आसिफ शेख ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि स्थानीय पुलिस स्टेशन ने साफ कर दिया है कि वे कमिश्नर के आदेश पर उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी को परेशान करने के अलावा पुलिस अधिकारियों ने हमारे घर की महिलाओं का नग्न अवस्था में वीडियो भी बनाया है, जो कि गैर कानूनी है, लेकिन पुलिस अधिकारी जिद्दी हैं और कहते हैं कि उन्हें वीडियो बनाने की अनुमति है। इस संबंध में जब डीसीपी नुनाथ ढोला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई थी और आसिफ शेख व अन्य को नोटिस दिया गया है, लेकिन डीसीपी ने इलाके के अन्य लोगों को परेशान करने के आरोप से इनकार किया है।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

चीन के 41वें अंटार्कटिका अभियान ने मुख्य कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया

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बीजिंग, 9 अप्रैल। चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय से मिली खबर के अनुसार, ‘श्वेलोंग’ (स्नो ड्रैगन) नामक ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण आइसब्रेकर जहाज शांगहाई लौट आया और चीन के 41वें अंटार्कटिका अभियान दल ने अपने मुख्य कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया।

जानकारी के अनुसार, चीन के 41वें अंटार्कटिक अभियान दल में देश-विदेश की 118 इकाइयों के 516 लोग शामिल हैं। ‘श्वेलोंग’ जहाज 1 नवंबर, 2024 को दक्षिण चीन के क्वांगतोंग प्रांत की राजधानी क्वांगचो से रवाना हुआ और 159 दिनों तक सफर किया, जिसमें कुल 27,000 समुद्री मील से अधिक की यात्रा की।

वहीं, ‘योंगशेंग’ जहाज 20 नवंबर, 2024 को पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत के चांगच्याकांग बंदरगाह से रवाना हुआ और इस साल 23 जनवरी को अपना सर्वेक्षण मिशन पूरा किया, जो 65 दिनों तक चला और लगभग 11,000 समुद्री मील की दूरी तय की। उधर, ‘श्वेलोंग 2’ जहाज इस समय रॉस सागर की संयुक्त यात्रा पर है और जून में इसके शांगहाई लौटने की उम्मीद है।

बताया गया है कि अभियान दल ने महाद्वीपीय सीमांत बर्फ के पिघलने और मोटी परत वाली बर्फ जैसी कठिनाइयों को पार करते हुए चोंगशान स्टेशन, ग्रेट वॉल स्टेशन और छिनलिंग स्टेशन पर सामग्री और कर्मियों को उतारने का काम पूरा किया, अंटार्कटिका प्रायद्वीप, एस्ट्रोनॉट सागर, प्राइड्ज खाड़ी, अमुंडसेन सागर, रॉस सागर और अन्य जलक्षेत्रों में व्यापक सर्वेक्षण, निगरानी और वैज्ञानिक एवं तकनीकी परियोजनाएं पूरी कीं।

इनके अलावा, अभियान दल ने चोंगशान स्टेशन, ग्रेट वॉल स्टेशन, छिनलिंग स्टेशन, खुनलुन स्टेशन, थाईशान स्टेशन और ग्रोव माउंटेन में इंजीनियरिंग और समर्थन क्षमता निर्माण, थलीय और समुद्र तटीय पारिस्थितिक पर्यावरण सर्वेक्षण, अंतर्देशीय और हवाई सर्वेक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे कार्यों को पूरा किया।

इस वर्ष चीन के ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण की 40वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर आयोजित मौजूदा वैज्ञानिक निरीक्षण ने तकनीकी नवाचार, ध्रुवीय उपकरणों के स्वतंत्र अनुसंधान एवं विकास के बड़े पैमाने पर अनुप्रयोग तथा अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान एवं सहयोग में नई सफलताएं प्राप्त कीं, इसके साथ ही, काम करने का समय और क्षेत्रीय विस्तार जैसे पहलुओं में एक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।

इसने भविष्य के बड़े पैमाने पर, उच्च तीव्रता वाले, अंतर्राष्ट्रीय और अंतःविषयक व्यापक ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण के लिए बहुमूल्य अनुभव संचित किया है तथा अंटार्कटिका में तेजी से हो रहे परिवर्तनों पर गहन शोध और वैश्विक जलवायु परिवर्तन का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए मजबूत समर्थन प्रदान किया है।

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राजनीति

मोदी कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले, रेल लाइन प्रोजेक्ट, जीरकपुर बाईपास समेत तीन परियोजनाओं को दी मंजूरी

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नई दिल्ली, 9 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इनमें जीरकपुर बाईपास निर्माण, तिरुपति-पाकला-कटपडी सिंगल रेलवे लाइन का दोहरीकरण और कृषि सिंचाई योजना के तहत जल प्रबंधन का आधुनिकीकरण शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य की यातायात सुविधाओं को सुधारना, जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

कैबिनेट ने पंजाब और हरियाणा में स्थित जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दी। यह बाईपास छह लेन का होगा और इसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर होगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एकीकृत परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। बाईपास एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जिरकपुर-परवाणू) के जंक्शन तक जाएगा। इसके निर्माण से जीरकपुर और पंचकूला के अत्यधिक शहरीकृत और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचा जा सकेगा। यह परियोजना पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी से आने वाले यातायात को डाइवर्ट करके हिमाचल प्रदेश के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे इन क्षेत्रों में यातायात की भीड़-भाड़ कम होगी। इस परियोजना की कुल लागत 1,878.31 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इसका उद्देश्य यात्रा समय को कम करना और मुख्य शहरी मार्गों पर यातायात के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करना है।

इसके अलावा कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच तिरुपति-पाकला-कटपडी सिंगल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी। इस परियोजना पर 1,332 करोड़ रुपये खर्च होगा और इसका उद्देश्य रेलवे की लाइन क्षमता को बढ़ाकर ट्रेनों की गति और सेवा को सुधारना है। यह दोहरीकरण परियोजना भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों में से एक में आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करेगा, जिससे यात्री और माल परिवहन में सुधार होगा। इस परियोजना के पूरा होने से रेलवे की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और भारतीय रेलवे की सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

तीसरी महत्वपूर्ण परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जल प्रबंधन का आधुनिकीकरण है। इस योजना को 2025-2026 की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है, और इसकी प्रारंभिक कुल लागत 1,600 करोड़ रुपये है। इस परियोजना का उद्देश्य मौजूदा सिंचाई नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और किसानों को सूक्ष्म सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना है। जल प्रबंधन के लिए एससीएडीए और इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे जल उपयोग की दक्षता में सुधार होगा। इस योजना से कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और उन्हें जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलेगी।

इन परियोजनाओं के माध्यम से सरकार की प्राथमिकता देश में बुनियादी ढांचे का विकास करना, जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करना और आर्थिक विकास को गति देना है।

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