अपराध
कानपुर पुलिस की सक्रियता देखकर अपराधियों के हौसले पस्त
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कानपुर में बढ़ते अपराधों को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कानपुर नगर में डीआईजी रैंक के अधिकारी को कप्तान के पद पर तैनात किया गया है जिसके चलते कानपुर के अपराधी खौफ जदा हो गए हैं। जब से कानपुर की कमान डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने संभाली है तब से अपराधियों की नींद हराम है। एसएसपी कानपुर डॉ० प्रीतिंदर सिंह द्वारा फरार अपराधियों की धर पकड़ और साथ ही टॉप टेन अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु चलाय जा रहे अभियान में पुलिस अधीक्षक पश्चिम डॉ० अनिल कुमार के निर्देशों का पालन करते हुए कानपुर पुलिस की सक्रियता देखते हुए या तो अपराधी सरेंडर कर दे रहा है या पुलिस द्वारा दबोचा जा रहा है।
कानपुर से कमर आलम की रिपोर्ट
इसी अभियान के क्रम में आज कानपुर नगर के थाना बजरिया पुलिस ने डी 80 गैंग के सक्रिय सदस्य व ₹10000 के इनामी फरार व टॉप 10 अपराधी देसी रिवाल्वर के साथ गिरफ्तार किया गया है पुलिस द्वारा बताया गया कि मुखबिर की सूचना पर कल रात जुगियाना पार्क से नाजायज देशी रिवाल्वर सहित एक खोखा कारतूस व एक जिंदा कारतूस के साथ डी 80 गैंग का सक्रिय सदस्य वह ₹10000 का इनामिया व टॉप टेन अपराधी साहिबे आलम उर्फ लगघड को गिरफ्तार किया गया जिस के संबंध में थाना बजरिया पर मुकदमा अपराध संख्या 340 बटा 2020 धारा तीन बटे 25 आर्म्स एक्ट पंजीकृत किया गया है बताया गया है कि उक्त अभियुक्त थाना बदरिया पर पंजीकृत मुकदमा संख्या 51 बटा 2020 धारा 147 148 149 323 307 332 353 336 504 506 109 120 बी 188 भारतीय दंड विधि व धारा 7 CLA ACT आपदा प्रबंधन अभी अधिनियम की धारा 51 महामारी अधिनियम की धारा 3 व सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा तीन बटे चार थाना बजरिया कानपुर नगर में वांछित चल रहा था। अभियुक्त के ऊपर पूर्व में भी दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे हैं।
जिसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा रही है।
वहीं दुसरी ओर थाना पनकी क्षेत्र में दिनांक 6 सितंबर की देर रात पनकी के डूडा कालोनी निवासी बृजेश पाल पुत्र राधेश्याम पाल के घर में घुसकर चोरी करते समय गृह स्वामी के जाग जाने पर उस पर जानलेवा हमला कर दिया था जिस के संबंध में बृजेश पाल की तहरीर पर थाना पनकी पर मुकदमा संख्या 419 बटा 2020 धारा 459 बनाम अज्ञात पंजीकृत हुआ था।
पुलिस द्वारा बताया गया के घटना के अनावरण हेतु महावीर मामूर किए गए थे मुखबिर की सूचना पर देर रात दीपक उर्फ दीपू और सुभाष उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया गया गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त सुभाष उर्फ छोटू के कब्जे से एक नाजायज तमंचा 315 बोर साथ ही दो जिंदा कारतूस बरामद हुआ जिसका मुकदमा 425 बटा 20 धारा तीन बटे 25 आर्म्स एक्ट बनाम सुभाष उर्फ छोटू पंजीकृत हुआ तथा अभियुक्तों द्वारा उपरोक्त घटनाओं को स्वीकार किया गया और अभियुक्त दीपक उर्फ दीपू के द्वारा बताए गए जगह पर घटना में प्रयुक्त एक चापड़ बरामद हुई जिसका मुकदमा 425 बटा 20 धारा चार बटे 25 आर्म्स एक्ट बनाम दीपक उर्फ दीपू थाना पनकी में पंजीकृत किया गया।
सभी अभियुक्तों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है
अपराध
मुंबई: 10 रुपये के किराए को लेकर विवाद, रिक्शा चालक पर चाकू से हमला, एक गिरफ्तार
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मुंबई, 3 मार्च। मुंबई के पवई इलाके में 10 रुपये के किराए को लेकर शुरू हुआ मामूली झगड़ा हिंसक घटना में बदल गया। इस विवाद में एक व्यक्ति ने रिक्शा चालक पर चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा आरोपी अभी फरार है।
यह घटना तब हुई जब रिक्शा चालक शाहनवाज शेख अपने शेयरिंग रिक्शे में यात्रियों को ले जा रहा था। शेख प्रति यात्री 30 रुपये किराया लेता है। आरोपी अवधेश सरोज अपने भाई पवन सरोज और तीन बच्चों के साथ रिक्शे में सवार हुआ। यात्रा के बाद शेख ने पांच लोगों का किराया जोड़कर 90 रुपये मांगे। लेकिन, अवधेश ने कुल किराए पर सवाल उठाया और 10 रुपये की छूट मांगते हुए सिर्फ 80 रुपये देने की बात कही। शेख ने कम पैसे लेने से इनकार कर दिया। इसी बात पर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई।
गुस्से में आकर अवधेश ने शेख पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया। हमले के बाद अवधेश का भाई पवन मौके से भाग निकला। घायल शेख ने पास के पवई पुलिस स्टेशन पहुंचकर दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और घटना के दो दिन बाद अवधेश सरोज को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, दूसरा आरोपी पवन सरोज अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
पवई पुलिस के मुताबिक, यह घटना छोटी सी बात से शुरू हुई। शेख को मामूली चोट आई है और उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने अवधेश के खिलाफ चाकू से हमले का केस दर्ज किया है और फरार आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। इस घटना ने इलाके में किराए को लेकर होने वाले झगड़ों पर सवाल उठाए हैं।
अपराध
अगर आपने इस कॉम्प्लेक्स में घर ले लिया है, तो सावधान हो जाइए।
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मुंबई: बिल्डर जगत में अवैध रूप से चल रहे कारोबार पर मुंबई प्रेस लगातार नजर बनाए हुए है। मुंबई प्रेस अपनी हर खबर में साधारण लोगों को जागरूक करने और उन्हें धोखेबाज बिल्डरों से बचाने की कोशिश करती रहती है।
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इन दिनों मुंबई में लगभग 5,000 से अधिक फुटपाथ झोपड़वासियों की फाइलों को अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में लोड करने का काम चल रहा है, और बिल्डर और उनके करीबी इस फाइल को कौड़ी के भाव बीएमसी अधिकारियों के जरिए खरीदने और बेचने का काम कर रहे हैं।
मझगांव के अल्फा माना रेजिडेंसी मझगांव (ए एम रेजिडेंसी) का मामला भी कुछ इसी तरह का है। बीएमसी के दस्तावेजों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में बिल्डर ने 20 फुटपाथ झोपड़ा मालिकों को घर दिए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये वास्तव में वहां रहने वाले झोपड़ीवासी थे?
दरअसल, ए एम रेजिडेंसी के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि बिल्डर सलीम मोटरवाला और उनके पार्टनर सुहैल इश्क़ ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। अल्फा माने ग्रुप ने बीएमसी ई वार्ड को एक पत्र लिखकर अपने प्रोजेक्ट में चुने गए 20 झोपड़ा मालिकों को घर देने की इच्छा व्यक्त की, और ई वार्ड के भ्रष्ट अधिकारी परवीन मुलूक और अमजद खान ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करके उन्हें पास करवा लिया। इन 20 झोपड़ीवासियों को घर देने के बदले बिल्डर को भारी एफ.एस.आई. मिली। जानकारी के मुताबिक जिस दिन ए एम रेजिडेंसी में नए झोपड़ा मालिकों के घर के अनुबंध रजिस्टर किए गए, उसी दिन उन सभी 20 झोपड़ी फाइलों के घरों को केवल 14 लाख रुपये में बेचा बताकर बिल्डर और उनके परिवारवालों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया, और अब यह सभी 20 घर मार्केट रेट से बेचे जा रहे हैं।
बहुत से बिल्डर मस्जिदों के, मदरसो के ट्रस्टी और जिम्मेदार बनते हैं, मगर अपने ही प्रोजेक्ट में गरीबों को उनके हक का घर देने के मामले में धोखा कर देते हैं।
इस पूरे खेल में ई विभाग के परवीन मुलूक और अमजद खान ने मुख्य भूमिका निभाई।
अब ये कैसे पता चले कि आपने जो घर लिया है, वह सेल का है या झोपड़ा अलॉटमेंट का। आपको यह देखना होगा कि घर खरीदते समय आपका पैसा अल्फा माने ग्रुप को जा रहा है या किसी थर्ड पार्टी के नाम से बिल्डर आपसे चेक ले रहा है। कानून के मुताबिक, झोपड़ा के बदले जिसको घर अलॉट किया गया है, वह बेच नहीं सकता। लेकिन बिल्डर अल्फा माने ग्रुप ने झोपड़ा धारकों के नाम चेक लेकर उन सभी घरों को थर्ड पार्टी को बेच दिया और खरीदारों के साथ धोखा किया। यही नहीं, उन हकदार झोपड़ा धारकों के साथ भी धोखा हुआ, जिन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अच्छे घर की आस में फुटपाथ पर बिताया।
मुंबई प्रेस आपको सूचित करता है कि फ़्रॉड बिल्डरों से घर लेते समय पूरी जांच कर लें कि वे अपना पैसा किसके नाम पर ले रहे हैं।
अपराध
कोलकाता में अवैध कॉल सेंटर पर छापेमारी, 1.18 करोड़ कैश के साथ 4 गिरफ्तार
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कोलकाता, 26 फरवरी। कोलकाता के गार्डेन रीच थाना क्षेत्र में स्थित आयरन गेट रोड पर व्हाइट हाउस बिल्डिंग में एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। मंगलवार को एक जांच टीम ने यहां छापेमारी की। मौके से चार लोगों को पकड़ा गया और लगभग 1.18 करोड़ रुपये का कैश तथा कुछ स्वर्णाभूषण जब्त किए गए।
कोलकाता पुलिस के संयुक्त सीपी (अपराध) के अनुसार, यह छापेमारी 25 फरवरी को की गई थी। मामले में आरोपितों पर आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 66/66सी/66डी/43 के तहत अपराध दर्ज किया गया, साथ ही अन्य धाराओं जैसे 61(2)/319(2)/318(4)/336(2)/336(3)/338/340(2) के तहत भी जांच की जा रही है। इन आरोपियों पर अवैध कॉल सेंटर चलाने का आरोप है, जिसमें लाखों की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है।
छापेमारी के दौरान पुलिस को यहां से कई लैपटॉप, राउटर और अन्य दस्तावेज भी मिले, जो इस घोटाले में शामिल गतिविधियों को उजागर करने के लिए अहम साक्ष्य हो सकते हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुर्शील खान (28), जस्टिन पॉल (28), मोहम्मद शाहरुख (33), और खालिद यूसुफ खान (29) शामिल हैं। ये सभी आरोपी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को धोखा देने के काम में लगे हुए थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों को एलडी सीजेएम अदालत में पेश किया जाएगा, जहां पुलिस कस्टडी मांगी जाएगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरफ्तारी साइबर अपराध की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आगे भी ऐसे अपराधों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
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