व्यापार
सेबी ने निवेशकों को ‘ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ को लेकर दी चेतावनी
मुंबई, 30 अप्रैल। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है।
चेतावनी में कहा गया है कि ये प्लेटफॉर्म सेबी के नियामक निरीक्षण के तहत काम नहीं करते और प्रतिभूति कानूनों के तहत निवेशकों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।
सेबी ने एक सलाह में कहा कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, जिन्हें ‘ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ कहा जाता है, यूजर्स को ‘हां या ना’ के इवेंट के परिणामों पर ट्रेड करने की अनुमति देते हैं।
भुगतान इस बात पर निर्भर करता है कि कोई निश्चित घटना होती है या नहीं।
उदाहरण के लिए, यूजर्स इस बात पर ट्रेड कर सकते हैं कि कोई खेल टीम जीतेगी या नहीं, या कोई विशेष राजनीतिक निर्णय लिया जाएगा या नहीं।
सेबी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म अक्सर ‘प्रॉफिट’, ‘स्टॉप लॉस’ और ‘ट्रेडिंग’ जैसे फाइनेंशियल शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह आभास होता है कि वे वैध निवेश प्लेटफॉर्म हैं।
बाजार नियामक ने कहा, “‘ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ के नाम वाले कुछ प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स को व्यापार करने/व्यवस्था में प्रवेश करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं, जिसमें भुगतान अंतर्निहित घटना के होने या न होने के ‘हां या नहीं’ प्रस्ताव के परिणाम पर निर्भर करता है।”
हालांकि, सेबी ने स्पष्ट किया कि ओपिनियन ट्रेडिंग उसके विनियामक ढांचे के अंतर्गत नहीं है, क्योंकि जिस चीज का व्यापार किया जा रहा है, उसे भारतीय कानूनों के तहत प्रतिभूति नहीं माना जाता है।
नतीजतन, ऐसे प्लेटफॉर्म के यूजर्स किसी भी निवेशक सुरक्षा या कानूनी सुरक्षा उपायों का लाभ नहीं उठा सकते हैं, जो विनियमित प्रतिभूति बाजारों पर लागू होते हैं।
नियामक ने सलाह में कहा, “निवेशकों/प्रतिभागियों को पता होना चाहिए कि प्रतिभूति बाजार के दायरे में ऐसे निवेश/भागीदारी के लिए निवेशक सुरक्षा तंत्र उपलब्ध नहीं होगा।”
सेबी ने यह भी कहा कि ये प्लेटफॉर्म मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज नहीं हैं और बाजार नियामक से पंजीकृत या विनियमित नहीं हैं।
अगर ट्रेड किया जा रहा कोई भी ‘ओपिनियन’ प्रतिभूति की परिभाषा के अंतर्गत है, तो ऐसा व्यापार अवैध होगा और इसमें शामिल प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों को भी इस तरह के उल्लंघनों के सामने आने पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
इस चेतावनी का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि सेबी इन प्लेटफॉर्म को विनियमित नहीं करता है और इन पर किया गया कोई भी निवेश पूरी तरह से निवेशक के अपने जोखिम पर है।
सेबी ने बताया कि कुछ प्लेटफॉर्म के ‘स्किल-बेस्ड एंगेजमेंट’ को बढ़ावा देने के दावे के बावजूद, ‘ओपिनियन ट्रेडिंग’ जुए की तरह है।
नियामक ने निवेशकों से सतर्क रहने और ऐसे प्लेटफॉर्म के तुरंत रिटर्न के वादे से गुमराह न होने का आग्रह किया।
व्यापार
1 किलोग्राम चांदी की कीमत 1.62 लाख रुपए के पार, सोने के भी बढ़े दाम

मुंबई, 13 नवंबर: सोना-चांदी की कीमतों में गुरुवार के कारोबारी दिन तेजी दर्ज की गई है। 1 किलोग्राम चांदी के दाम 1.62 लाख रुपए के पार हो गए हैं। वहीं, 24 कैरेट सोने का रेट भी 1.26 लाख रुपए से अधिक हो गया है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 1,26,554 रुपए दर्ज की गई है, जो कि इससे पहले कारोबारी दिन बुधवार को 1,23,913 रुपए प्रति 10 ग्राम बनी हुई थी। बीते 24 घंटों में सोने के दाम में 2,641 रुपए प्रति 10 ग्राम की तेजी देखी गई है। इसी तरह, 22 कैरेट सोना भी 2,419 रुपए प्रति 10 ग्राम बढ़कर 1,15,923 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। 18 कैरेट सोने के दाम की बात करें तो यह भी 1,981 रुपए प्रति 10 ग्राम बढ़कर 94,916 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।
वहीं, एक किलोग्राम चांदी का भाव बढ़कर 1,62,730 रुपए पर आ गया है, जो कि इससे पहले 1,56,705 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया था। चांदी की कीमत में 6025 रुपए प्रति किलोग्राम की तेजी दर्ज की गई है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.91 प्रतिशत बढ़कर 1,27,610 रुपए पर पहुंच गया है, जबकि चांदी के 05 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1.31 प्रतिशत की तेजी के बाद 1,64,214 रुपए पर पहुंच गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। कॉमेक्स पर सोने का दाम 0.51 प्रतिशत बढ़कर 4,235.30 डॉलर प्रति औंस और चांदी का दाम 0.64 प्रतिशत की तेजी के बाद 53.80 डॉलर प्रति औंस हो गया है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, “अमेरिकी शटडाउन और इसके बाद इसके फिर से खुलने को लेकर बनी अनिश्चितता ने लगभग पूरे महीने ही वोलैटिलिटी को उच्च बनाए रखा। इसी के साथ सोने की कीमतें 1,100 की तेजी के बाद 1,27,600 पर कारोबार कर रही थीं।”
उन्होंने कहा कि निवेशकों को अमेरिकी सीपीआई डेटा का इंतजार है, यह फेडरल रिजर्व के लिए अगली ब्याज कटौती का संकेत बन सकता है। सोने की कीमतों में 1,24,500 रुपए से 1,29,500 रुपए के रेंज में उतार-चढ़ाव को लेकर उम्मीद की जा रही है।
व्यापार
सेंसेक्स सपाट बंद, निफ्टी बैंक ने बनाया नया ऑल-टाइम हाई

SHARE MARKET
मुंबई, 13 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबार सत्र में सपाट बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 12.16 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 84,478.67 और निफ्टी 3.35 अंक की मामूली तेजी के साथ 25,879.15 पर बंद हुआ।
दिन के दौरान बैंकिंग शेयरों में तेजी देखने को मिली और निफ्टी बैंक ने नया ऑल-टाइम हाई 58,615.95 बनाया। हालांकि, बाद में इसमें गिरावट देखने को मिली और यह 107.30 अंक या 0.18 प्रतिशत की मजबूती के साथ 58,381.95 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, पावर ग्रिड, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, सन फार्मा, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक गेनर्स थे। इटरनल (जोमैटो), एमएंडएम, टाटा स्टील, बीईएल, टीसीएस, एचयूएल, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा और एसबीआई लूजर्स थे।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में कमजोरी देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 210.25 अंक या 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,692.05 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 66.80 अंक या 0.37 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18,183.65 पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजारों में वैश्विक और घरेलू बाजार कारकों के कारण तेजी देखने को मिली थी, लेकिन मुनाफावसूली के कारण यह सपाट बंद हुआ है। अक्टूबर में महंगाई दर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के कारण मेटल और रियल्टी में तेजी देखी गई।
आने वाले समय में निवेशकों की निगाहें बिहार चुनाव के नतीजों और भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर होंगी।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई थी। सुबह 9:24 पर सेंसेक्स 116 अंक या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,349 और 34 अंक या 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,851 पर था।
इसके अतिरिक्त, दिन के दौरान रुपए ने भी एक सीमित दायरे में काम किया और यह डॉलर के मुकाबले 88.67 के स्तर के करीब बना रहा।
व्यापार
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन से एमएसएमई को मिलेगा बढ़ावा, देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी : पीएम मोदी

PM MODI
नई दिल्ली, 13 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा मिलेगा और इससे देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “केंद्रीय कैबिनेट ने एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) को एप्रूव किया है, जो देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाएगा और एमएसएमई, फर्स्ट-टाइम एक्सपोर्ट्स और अधिक लेबर उपयोग वाले सेक्टर्स को मदद करेगा। यह प्रमुख पक्षकारों को एक साथ लाकर एक ऐसा सिस्टम तैयार करता है जो परिणाम आधारित और प्रभावी हो।”
उन्होंने पोस्ट में कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि ‘मेड इन इंडिया’ की गूंज विश्व बाजार में और भी अधिक सुनाई दे।
यह मिशन एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव, फ्लेक्सिबल और डिजिटल संचालित फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा। यह योजना पांच वर्ष के लिए वित्त वर्ष 2025-26 से लेकर वित्त वर्ष 2030-31 है और इसका परिव्यय 25,060 करोड़ रुपए था।
निर्यातकों के लिए लाई गई क्रेडिट गारंटी स्कीम पर पीएम मोदी ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम, जिसे कैबिनेट द्वारा एप्रूव किया गया है, वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी, सुचारू व्यावसायिक संचालन सुनिश्चित करेगी और आत्मनिर्भर भारत के हमारे सपने को साकार करने में मदद करेगी।
क्रेडिट गारंटी स्कीम को मंजूरी मिलने से नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा सदस्य क्रेडिट संस्थानों (एमएलआई) को 100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान किया जा सकेगा, जिससे पात्र निर्यातकों, जिनमें एमएसएमई भी शामिल हैं, को 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं प्रदान की जा सकेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि कैबिनेट के इन फैसलों से स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इससे आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत होंगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
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