अंतरराष्ट्रीय समाचार
पीओके में उठी नदी, मुजफ्फराबाद को बचाने व पाकिस्तान-चीन से बचाने की आवाज
डेढ़ अरब डालर कितने पाकिस्तानी रुपये के बराबर होता है? इसका जवाब भले ही इस्लामाबाद में कई लोगों की आंखें फाड़ दे लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोगों के लिए यह नाममात्र भी नहीं है।
स्थानीय लोगों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि क्षेत्र में अरबों डॉलर खर्च किए जा रहे हैं या नहीं। सोमवार को हस्ताक्षरित आजाद पट्टन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के लिए 1.54 अरब डालर का निवेश समझौता इस क्षेत्र के लिए उच्च मूल्य वाली परियोजनाओं की कड़ी में ताजा जुड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) एक ‘गेम चेंजर’ होगा।
जबकि, स्थानीय लोग क्षेत्र में चीनियों की भारी उपस्थिति, बड़े पैमाने पर बांधों के निर्माण और नदी की धारा मोड़ने को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मान रहे हैं।
जिस वक्त चीन का जेजाऊबा समूह समझौते पर हस्ताक्षर कर रहा था और इमरान खान राष्ट्रीय टीवी पर घोषणा कर रहे थे कि इस परियोजना से पाकिस्तान को ‘हर तरफ से’ लाभ होगा, हजारों लोग मुजफ्फराबाद की सड़कों पर चीन और यहां तक कि सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सड़कों पर निकले।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “यदि आप नीलम-झेलम नदी को मोड़ने की कोशिश करेंगे तो याद रखें कि हमारे कूच की दिशा इस्लामाबाद संसद की ओर होगी।”
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चीन और पाकिस्तान नदियों पर ‘कब्जा’ कर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन कर रहे हैं और इस पर इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
‘दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ समिति’ द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में बुलाए गए एक बेहद ‘सफल संपूर्ण शटर-डाउन हड़ताल’ के हवाले से पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन ने कहा, “कभी गरजती हुई नीलम नदी अब नौसेरी से डोमेल तक एक छोटे से नाले जैसी लगती है जहां यह झेलम नदी में मिल जाती है। मुजफ्फराबाद के निवासी पहले से ही नीलम नदी को मोड़े जाने से विपरीत प्रभावों का सामना कर रहे हैं और अब प्रस्तावित कोहाला परियोजना ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया है क्योंकि इसमें झेलम नदी को ऐसी ही सुरंग प्रणाली के माध्यम से मोड़ना प्रस्तावित है।”
प्रदर्शनकारियों के ‘नीलम और झेलम को बहने दो, हमें जीने दो’ के नारों के बीच एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता फैसल जमील ने कोहाला हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट ई-फ्लो मूल्यांकन रिपोर्ट के हवाले से कहा कि झेलम नदी के मोड़े जाने के बाद क्षेत्र की शुष्क दिनों की अवधि में 100 दिनों की वृद्धि होगी।
दरिया बचाओ तहरीक से जुड़े ज्यादातर विशेषज्ञ नए पनबिजली परियोजना समझौते को मुजफ्फराबाद और पीओके के लोगों के लिए ‘शत्रुतापूर्ण’ मानते हैं।
विरोध प्रदर्शनों में शामिल मुजफ्फराबाद स्थित एक ट्रेड यूनियन मरकजी अंजुमन ताजरान के अध्यक्ष शौकत नवाज मीर को थर्ड पोल संगठन ने यह कहते हुए उद्धृत किया है कि समस्या यह है कि ‘हमारी सरकार महज एक कठपुतली सरकार है, यह हमारे अधिकारों के लिए नहीं लड़ सकती है। जब यह पाकिस्तान सरकार से मिलती है तो महज एक हां में हां मिलाने वाले आदमी के रूप में मिलती है।’
हालांकि, गिलगित-बाल्टिस्तान के निवासियों के लिए यही एकमात्र चिंता का विषय नहीं है। यह इलाका दशकों से पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा किए गए ‘सौतेले व्यवहार’ के कारण गहरे संकट में है।
क्षेत्र के युवा बेहतर कनेक्टिविटी की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले कुछ महीनों से ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं।
पीओके से बलूचिस्तान तक, लगभग हर प्रोजेक्ट चीनियों के हाथ में जाने के साथ ही पाकिस्तान में डॉलर के बंडल आ रहे हैं लेकिन देश में अभी भी अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है।
(यह सामग्री इंडियानैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत प्रस्तुत की गई)
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भूकंप प्रभावित वानुअतु की मदद, इंडोनेशिया ने भेजी मेडिकल टीम और खाद्य समाग्री
जकार्ता, 28 दिसंबर। इंडोनेशियाई सरकार ने भूकंप से प्रभावित वानुअतु को आपातकालीन सहायता प्रदान की है। 17 दिसंबर को आए 7.3 तीव्रता के भूकंप के बाद देश में एक दर्जन लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे।
शुक्रवार दोपहर पूर्वी जकार्ता के हलीम पेरदानकुसुमा एयरफोर्स बेस से एक विमान मेडिकल टीम और 50.5 टन रसद और खाद्य सामग्री लेकर रवाना हुआ।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री बुदी सादिकिन ने बताया कि मेडिकल टीम टीम 14 दिनों के लिए मानवीय मिशन का संचालन करेगी।
इससे पहले 24 दिसंबर को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भी घोषणा की थी कि उसने वानुअतु में आपातकालीन राहत प्रयासों के लिए 5 मिलियन डॉलर की आकस्मिक आपदा वित्तपोषण राशि उपलब्ध कराई है।
वानुअतु में आए भीषण भूकंप के बाद स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सरकार ने 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय सहायता का अनुरोध किया था।
7.3 तीव्रता के भूकंप के बाद वानुअतु की सरकार ने सात दिनों के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी। कम से कम 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, भूकंप से अस्पताल, आवासीय और सार्वजनिक भवन, सड़कें, जलाशय और गैस पाइप सहित व्यापक क्षति हुई थी। कई क्षेत्रों में संचार कट गया था।
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने बताया कि राजधानी शहर में पोर्ट विला इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर परिचालन में भी देरी हुई थी, क्योंकि इसके टर्मिनल भवन और सड़क नेटवर्क को नुकसान पहुंचा था, हालांकि रनवे काम कर रहा था। हवाई अड्डा सभी वाणिज्यिक सेवाओं के लिए बंद रहा। 22 दिसंबर को पोर्ट विला अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को वाणिज्यिक एयरलाइन परिचालन के लिए फिर से खोल दिया गया था।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
जंगल में लगी आग ने अर्जेंटीना में नेशनल पार्क के 1,400 हेक्टेयर इलाके को किया नष्ट
ब्यूनस आयर्स, 28 दिसंबर। दक्षिणी अर्जेंटीना के रियो नीग्रो प्रांत में जंगल की आग ने नहुएल हुआपी राष्ट्रीय उद्यान की लगभग 1,450 हेक्टेयर ज़मीन को नष्ट कर दिया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, शुक्रवार को पार्क प्रशासन ने एक रिपोर्ट में बताया कि बुधवार को पार्क के दक्षिणी हिस्से में आग लगी थी, जो अब लेक मार्टिन के उत्तरी हिस्से तक फैल गई है। यह क्षेत्र पहले ही 2022 में लगी जंगल की आग से बर्बाद हो चुका था।
इसमें कहा गया, “सुरक्षा के लिहाज से, संरक्षित क्षेत्र के दक्षिणी और मध्य हिस्सों में रास्तों को बंद कर दिया गया है।”
रिपोर्ट में कहा गया कि आग के पीछे के हिस्से में अग्निशमन प्रयासों को बढ़ाने और बचाव दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 46 अग्निशामकों को तैनात किया गया था। इसके अलावा, जंगल की आग से निकलने वाले धुएं की वजह से दृश्यता बहुत खराब हो गई, इससे हवाई मदद संभव नहीं हो पाई।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, जंगल की आग का धुआं “पहले ही बारिलोचे शहर को प्रभावित कर रहा है,” जो अर्जेंटीना के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह शहर सर्दियों में स्की ढलानों और गर्मियों में झीलों और पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध है।
2024 में अर्जेंटीना के मुख्य रूप से उत्तरी और मध्य हिस्सों में जंगल की आग का बड़ा प्रकोप हुआ, इससे जंगलों और कृषि भूमि का काफी हिस्सा नष्ट हो गया। सूखा और गर्मी के कारण अगस्त और इस साी सितंबर में जंगल में लगी आग और तेज हो गई।
ब्राजील और पेरू जैसे कई अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों में भी भीषण गर्मी के कारण जंगल में जगी विनाशकारी आग से भारी नुकसान हुआ।
अर्जेंटीना के अधिकारियों के अनुसार, इस साल जंगल की आग ने कम से कम 91,540 हेक्टेयर (226,200 एकड़) जमीन को जला दिया।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्यूनीशिया : ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का भंड़ाफोड़ , तीन गिरफ्तार
ट्यूनिस, 28 दिसंबर। ट्यूनिशियाई सुरक्षा बलों ने उत्तर-पश्चिमी प्रांत सिलियाना में सक्रिय ड्रग्स तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया। इस मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। ट्यूनिशियाई राष्ट्रीय गार्ड ने अपने फेसबुक पेज पर यह जानकारी दी।
आधिकारिक जानकारी में शुक्रवार को बताया गया कि गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी शामिल है, हालांकि ऑपरेशन के समय या संदिग्धों की पहचान का उल्लेख नहीं किया गया।
नेशनल गार्ड यूनिट्स ने सिलियाना के रूहिया शहर में आपराधिक नेटवर्क को निशाना बनाया। ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में नशीली गोलियां, धारदार औजार और कैश जब्त किए गए।
रिपोर्ट के अनुसार, मामले की समीक्षा करने के बाद, सरकारी अभियोजन पक्ष ने जांच लंबित रहने तक उन्हें हिरासत में रखने की अनुमति दी।
इससे पहले 26 दिसंबर को सुरक्षा बलों ने राजधानी ट्यूनिस में एक्टिव एक ड्रग तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था । इस दौरान 3.5 किलोग्राम कोकीन जब्त की गई थी। ट्यूनीशियाई नेशनल गार्ड के मुताबिक नेशनल गार्ड यूनिट्स ने ऐन जघौआन के पड़ोस में सक्रिय आपराधिक नेटवर्क को निशाना बनाया, हालांकि उन्होंने ऑपरेशन के विवरण या गिरफ्तारियों की संख्या के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
इस अभियान के बाद ट्यूनिस में एक घर के बाहर खड़ी एक अपंजीकृत कार को जब्त किया गया। वाहन के अंदर, अधिकारियों को 3.5 किलोग्राम कोकीन मिला।
महीने की शुरुआत में, इसी तरह के एक ऑपरेशन में, सुरक्षा इकाइयों ने ट्यूनीशिया के सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्र ग्रैंड ट्यूनिस में एक ड्रग तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया। सुरक्षाबलों ने 3 किलोग्राम कोकीन जब्त की।
ट्यूनीशियाई सरकार ने ड्रग तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और हाल ही में देश भर में कई ऑपरेशन चलाकर सैकड़ों संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
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