राष्ट्रीय समाचार
कोयला आयात कम करना, घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर मुख्य फोकस : मंत्री

नई दिल्ली, 8 फरवरी। भारत सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि कोयले के आयात को कम करना और घरेलू उत्पादन बढ़ाना उसकी प्राथमिकता है। कोयला क्षेत्र भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार है और देश के औद्योगिक व आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
भारत के पास दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार है और यह कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश की कुल ऊर्जा जरूरतों का 55 प्रतिशत कोयले से पूरा होता है।
देश में लगभग 74 प्रतिशत बिजली उत्पादन ताप विद्युत संयंत्रों (थर्मल पावर प्लांट) पर निर्भर है। इसलिए एक मजबूत और टिकाऊ कोयला क्षेत्र की जरूरत बनी रहती है, यह बात कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कही। उन्होंने यह भी बताया कि कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सरकार के प्रयासों से आयातित कोयले पर निर्भरता कम हुई है। अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच कोयला आयात में 5.35 प्रतिशत की कमी आई, जिससे लगभग 3.91 अरब डॉलर (30,007.26 करोड़ रुपये) की बचत हुई। खासकर, घरेलू बिजली संयंत्रों में उपयोग होने वाले कोयले का आयात 23.56 प्रतिशत घटा है।
मंत्रालय की ‘मिशन कोकिंग कोल’ योजना का लक्ष्य 2029-30 तक देश में कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाकर 140 मिलियन टन (एमटी) करना है, जिससे इस्पात क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम हो सके।
भारत का कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 में 997.82 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2014-15 में 609.18 मिलियन टन था। पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वृद्धि दर 5.64 प्रतिशत रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 11.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जनवरी 2025 तक कोयला मंत्रालय ने 184 खदानों का आवंटन किया, जिनमें से 65 को खनन शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। इन खदानों से कुल 136.59 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34.20 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में उत्पादन 170 मिलियन टन से अधिक होने की उम्मीद है।
आठ कोर उद्योगों में कोयला क्षेत्र ने सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है, दिसंबर 2024 में इसमें 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसके अलावा, भारतीय रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली कुल आय का लगभग 50 प्रतिशत कोयला परिवहन से आता है। साथ ही, कोयला क्षेत्र में लगभग 4.78 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।
राष्ट्रीय समाचार
केंद्र सरकार ने पीएम गतिशक्ति योजना के तहत पांच मुख्य प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन किया

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: पीएम गतिशक्ति योजना के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने शुक्रवार को पांच इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन किया, जिसमें दो हाइवे प्रोजेक्ट्स, दो रेलवे प्रोजेक्ट्स और एक मेट्रो रेल प्रोजेक्ट शामिल था, यह प्रोजेक्ट्स एकीकृत मल्टीमॉडल इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक और सामाजिक नोड्स के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी और ‘संपूर्ण-सरकार’ दृष्टिकोण के पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों के अनुरूप थे।
रेलवे प्रोजेक्ट्स में कर्नाटक में होसपेट और बल्लारी के बीच 65 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को चौगुना करना शामिल है। यह प्रोजेक्ट राज्य के सबसे औद्योगिक और खनिज-समृद्ध गलियारों में से एक को टारगेट करता है, जिसका उद्देश्य मौजूदा मार्गों पर भीड़भाड़ कम करना, माल ढुलाई क्षमता बढ़ाना और होसपेट-बल्लारी औद्योगिक क्षेत्र के तेज आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
होसापेट-बल्लारी क्षेत्र खनन, इस्पात उत्पादन, बिजली उत्पादन और सीमेंट निर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। लौह अयस्क, कोयला, इस्पात और सीमेंट जैसी थोक वस्तुओं की भारी आवाजाही के कारण मौजूदा दोहरी लाइन लगभग पूरी क्षमता पर चल रही है।
दूसरी प्रोजेक्ट में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में गोंदिया से जबलपुर तक 230.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का दोहरीकरण शामिल है। मौजूदा एकल-लाइन सेगमेंट में अकसर रुकावटें आती हैं, जिसके परिणामस्वरूप परिचालन धीमा, लंबा टर्नअराउंड समय और माल ढुलाई में देरी होती है। यह गलियारा पूर्वी और मध्य भारत के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है, जो उद्योगों, कृषि और खनिज-समृद्ध क्षेत्रों को सहयोग प्रदान करता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग 921 के महवा-मंडावर 50 किलोमीटर लंबे सेगमेंट के चौड़ीकरण और अपग्रेडेशन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव की घोषणा की है। वर्तमान में, यह सेगमेंट 4-लेन राजमार्ग के रूप में कार्य करता है, लेकिन लगातार बढ़ते वाहनों के आवागमन और व्यापार एवं ट्राजिट गलियारे के रूप में इस क्षेत्र की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, इसकी क्षमता का विस्तार करना आवश्यक हो गया है।
पूरा होने के बाद, नया महवा-मंडावर सेगमेंट राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेगा, जिससे राज्य की सीमाओं के पार निर्बाध संपर्क स्थापित होगा।
दूसरी हाइवे प्रोजेक्ट में पटना महानगर क्षेत्र में अनीसाबाद से दीदारगंज तक 13.37 किलोमीटर लंबे छह-लेन एलिवेटेड रोड और एक सर्विस रोड का निर्माण शामिल है।
यह प्रोजेक्ट बिहार को पड़ोसी राज्यों से जोड़ने वाले क्षेत्रीय व्यापार गलियारों को सहयोग देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, साथ ही बाजारों, औद्योगिक समूहों और लॉजिस्टिक केंद्रों तक बेहतर पहुंच प्रदान करके आर्थिक केंद्रों के विकास को भी सुगम बनाएगा।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने जयपुर मेट्रो चरण 2 के विकास का प्रस्ताव रखा है, जो प्रह्लादपुरा से टोडी मोड़ तक 42.8 किलोमीटर लंबा उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर होगा। इस परियोजना में 36 स्टेशन शामिल होंगे – 34 एलिवेटेड और दो भूमिगत – जो हल्दी घाटी गेट, सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र, एसएमएस अस्पताल, अंबाबाड़ी और विद्याधर नगर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को कवर करेंगे।
टोंक रोड और सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के साथ संरेखण जयपुर के प्रमुख विकास क्षेत्रों से संपर्क को मजबूत करेगा।
यह कॉरिडोर चांदपोल स्टेशन पर चालू पूर्व-पश्चिम लाइन से और जयपुर जंक्शन मेट्रो स्टेशन पर एक फुटओवर ब्रिज के माध्यम से जुड़ेगा, जिससे रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डे तक पहुंच आसान हो जाएगी। इससे यातायात की भीड़भाड़ कम होने, वाहनों का उपयोग कम होने, प्रदूषण कम होने और ईंधन की खपत कम होने की उम्मीद है।
राजनीति
विपक्ष का मकसद घुसपैठियों के दम पर चुनाव जीतना था: राम कदम

मुंबई, 17 अक्टूबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घुसपैठिए वाले बयान पर महाराष्ट्र से भाजपा नेता राम कदम ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कई राज्यों में जानबूझकर विदेशी घुसपैठियों को प्रवेश करने दिया और उन्हें मतदाता सूची में शामिल कर राशन कार्ड तक बनवा दिए। लेकिन, हमारी सरकार घुसपैठियों को बाहर निकालने का काम तेजी से कर रही है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्ष का एकमात्र मकसद चुनाव जीतना था, लेकिन देश को खतरे में डालकर वोट हासिल नहीं किए जा सकते। यह देश पहले अपने नागरिकों का है, न कि बाहरी लोगों का। हमारी सरकार अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाने और उन्हें देश से बाहर करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कदम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक धर्म विशेष के वोट बैंक के लिए कांग्रेस ने घुसपैठ को बढ़ावा दिया। उन्होंने दावा किया कि केंद्र में 2014 से सत्तारूढ़ भाजपा सरकार इस मुद्दे पर सजग रही और घुसपैठ रोकने में काफी हद तक सफल रही है।
अमित शाह के एसआईआर को लेकर दिए बयान का समर्थन करते हुए कदम ने कहा कि विपक्ष के लिए मतदाता सूची और ईवीएम मशीनें केवल बहाने हैं। उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी हार का डर है, इसलिए पहले से ही माहौल बनाया जा रहा है। जब विपक्ष चुनाव जीतता है, तब वह मतदाता सूची को गलत नहीं बताता, लेकिन हारने पर हमेशा यही शिकायत करता है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के फतेहपुर दौरे पर कदम ने कहा कि न तो जनता राहुल गांधी को गंभीरता से लेती है और न ही उनकी पार्टी को। राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस एक को छोड़कर सभी चुनाव हार चुकी है। उनकी अपनी पार्टी के लोग भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेते। हम सत्तापक्ष के रूप में उन्हें महत्व नहीं देते। वे जहां भी जाते हैं, ओछी राजनीति करते हैं।
महाविकास अघाड़ी पर कटाक्ष करते हुए कदम ने कहा कि गठबंधन में कौन शामिल होता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि जनता काम के आधार पर वोट देती है। उन्होंने राज ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि राज ठाकरे के पास न तो सांसद हैं और न ही विधायक। कांग्रेस का मुंबई और महाराष्ट्र में कोई आधार नहीं बचा है। जिन दलों की जमीनी ताकत खत्म हो चुकी है, उनका साथ आने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
राजनीति
चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण बैठक, बिहार चुनाव की तैयारियों पर जोर

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: चुनाव आयोग शुक्रवार को एक अहम बैठक करने जा रहा है।
इस बैठक में बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के साथ वर्चुअली शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करना है। बैठक में चर्चा का मुख्य विषय यह रहेगा कि बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो। इसके लिए पूरी रूपरेखा इस बैठक में निर्धारित की जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस समिति में 17 विभाग शामिल हैं, जिनमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी), वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय बैंक संघ (आईबीए), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस), भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) और डाक विभाग शामिल हैं।
बैठक में बिहार चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा अवैध खर्च पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने पर चर्चा होगी। इसके लिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सक्रिय और निवारक कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही, आर्थिक अपराधों से जुड़ी खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया जाएगा।
इसके अलावा, अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के जरिए नकली मुद्रा, ड्रग्स, शराब और नकदी की तस्करी रोकने के उपायों पर भी विचार-विमर्श होगा। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि बिहार में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव हो, जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। इस बैठक के बाद सभी एजेंसियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू और पारदर्शी रहे।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा