राष्ट्रीय
रियल्टी खरीदारों ने एम3एम कैपिटल का भव्य भूमि पूजन

एम3एम के 22 मई को हुए भव्य भूमि पूजन में सैकड़ों घर खरीदारों ने भाग लिया, जिन्होंने द्वारका एक्सप्रेसवे पर गुरुग्राम के सेक्टर 113 में एम3एम कैपिटल प्रोजेक्ट में निवेश किया है।
इस दौरान घर-खरीदारों ने अपने नाम से नींव रखी और एक-एक बालिका को शिक्षित करने के लिए एक गर्वित भागीदार बन गए।
ग्राहकों की ओर से, एम3एम फाउंडेशन ने प्रत्येक बालिका को तब तक शिक्षित करने की जिम्मेदारी ली है, जब तक कि वे अपनी आजीविका कमाने में सक्षम नहीं हो जाती हैं। एक बालिका को उनके समर्थन के तौर पर घर खरीदारों को 300 से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए।
पूजा समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता निशि सिंह ने शिरकत की।
घर खरीदारों ने ‘बालिकाओं को शिक्षित करने’ की एम3एम की परोपकारी पहल की सराहना की।
एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी डॉ. पायल कनोदिया ने बच्चों को एम3एम घर खरीदारों से मिलवाया, जो यह जानना चाहते थे कि वे किसकी शिक्षा का समर्थन कर रहे हैं। डॉ. कनोदिया ने कहा, “एक बालिका की शिक्षा का समर्थन करना आज एक सख्त आवश्यकता है। एक लड़की को शिक्षित करके, हम एक मजबूत समाज का निर्माण कर रहे हैं और अपने देश के आर्थिक विकास को मजबूत कर रहे हैं। मुझे बेहद खुशी है कि हमारे घर खरीदार बड़ी संख्या में आगे आए हैं। इस मुद्दे का समर्थन करें।”
भूमि पूजन समारोह में शामिल हुए एम3एम फाउंडेशन के बच्चों में उत्साह देखा गया। एम3एम फाउंडेशन की लाभार्थियों में से एक मुजफ्फरनगर की नीतू भी पहली बार इस तरह के भव्य कार्यक्रम में शामिल हुई। एक और बच्ची ममता की पढ़ाई में पूरी रुचि थी लेकिन उसे नियमित शिक्षा का अवसर नहीं मिल रहा था। वह यह जानकर भावुक हो गई कि अब उसकी शिक्षा एम3एम फाउंडेशन ने एम3एम घर खरीदारों के सहयोग से हासिल कर ली है। ममता ने कहा, “एक दिन, मैं सभी को गौरवान्वित करूंगी।”
एम3एम इंडिया के निदेशक पंकज बंसल, एम3एम परियोजनाओं में घर-खरीदारों के विश्वास को देखकर खुश नजर आए। उन्होंने कहा, “हम घर-खरीदारों की संतुष्टि को देखकर खुश हैं जो हमेशा एम3एम के लिए अत्याधुनिक परियोजनाओं को वितरित करने के लिए एक प्रेरक शक्ति रही है। मुझे यकीन है कि एम3एम कैपिटल एम3एम परियोजनाओं के गुलदस्ते में एक और मील का पत्थर साबित होगा।”
समारोह में कई परिवार अपने बच्चों के साथ आए, और कुछ अपने बुजुर्ग दादा-दादी के साथ भी आए। समारोह में अपने परिवार के सदस्यों की ओर से भी कई लोग शामिल हुए। कई लोगों ने महसूस किया कि वे पहली बार इतने विशाल समारोह में शामिल हुए हैं।
खरीदारों में से एक, सरिता, जिसने अपने बेटे के लिए फ्लैट बुक किया है, भूमि पूजन के इस तरह के आध्यात्मिक समारोह को देखकर अभिभूत हो गईं। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए दिल को छू लेने वाला क्षण है, क्योंकि मुझे लगा कि मैं अपने घर की नींव रख रही हूं।”
पहली बार शिलान्यास समारोह में शामिल हुई एक अन्य खरीदार अंजू बाला भी 51 ब्राह्मणों द्वारा मंत्रों के जाप के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम से प्रभावित हुई।
एम3एम परियोजनाओं में पहली बार निवेश करने वाले रोहित तलहन अपने बूढ़े माता-पिता, पिता राजपाल सिंह और मां उर्मिला देवी के साथ समारोह में शामिल होने आए। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “शिलान्यास समारोह में शामिल होने का निमंत्रण पाकर खुशी हुई। एम3एम से बहुत उत्साह और उम्मीद है और हमें विश्वास है कि हम सबसे सही जगह पर हैं।”
द्वारका एक्सप्रेसवे पर एम3एम कैपिटल परियोजना स्मार्ट सिटी दिल्ली हवाई अड्डे के व्यापक ²ष्टिकोण का एक हिस्सा है और एयरोसिटी और दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के करीब है। पहले चरण में, एम3एम इंडिया ने लगभग 650 यूनिट्स के साथ 5 आवासीय टावर लॉन्च किए हैं।
राष्ट्रीय
भारत में 11 वर्षों में 269 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी से निकले बाहर: विश्व बैंक

नई दिल्ली, 7 जून। विश्व बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सरकार के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भारत ने पिछले दशक में अपनी अत्यधिक गरीबी दर को कम करने में प्रगति की है। देश में अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई है।
भारत में 2011-12 के दौरान कुल 344.47 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे, जो कि 2022-23 के दौरान घटकर लगभग 75.24 मिलियन लोग रह गए हैं।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में लगभग 11 वर्षों में 269 मिलियन व्यक्तियों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश पांच राज्यों में 2011-12 के दौरान भारत के 65 प्रतिशत अत्यंत गरीब लोग रहते थे। वहीं, इन राज्यों ने 2022-23 तक अत्यधिक गरीबी में होने वाली कुल गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया।
विश्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्ण रूप से, अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या 344.47 मिलियन से घटकर केवल 75.24 मिलियन रह गई है।
विश्व बैंक का आकलन 3.00 डॉलर प्रतिदिन की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2021 की कीमतों का उपयोग कर) पर आधारित है, जो कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक कमी दर्शाता है।
विश्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, 2.15 डॉलर प्रतिदिन की खपत पर (2017 की कीमतों पर आधारित पिछली गरीबी रेखा) अत्यधिक गरीबी में रहने वाले भारतीयों की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत है, जो 2011-12 में दर्ज 16.2 प्रतिशत से काफी कम है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 2.15 डॉलर प्रतिदिन की गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 33.66 मिलियन दर्ज की गई है, जो 2011 में 205.93 मिलियन दर्ज की गई थी।
आंकड़ों से यह भी पता चला कि यह तीव्र गिरावट समान रूप से देखी गई, जिसमें ग्रामीण अत्यधिक गरीबी 18.4 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत हो गई और शहरी अत्यधिक गरीबी पिछले 11 वर्षों में 10.7 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत हो गई।
इसके अलावा, भारत ने बहुआयामी गरीबी को कम करने में भी शानदार प्रगति की है।
आंकड़ों के अनुसार, बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2005-06 में 53.8 प्रतिशत से घटकर 2019-21 तक 16.4 प्रतिशत हो गया और 2022-23 में और अधिक घटकर 15.5 प्रतिशत हो गया।
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को गरीबी से उबारने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों, इंफ्रास्ट्रक्चर और समावेशन पर फोकस को अहम बताया।
पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी पहलों ने आवास, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ाया है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), डिजिटल समावेशन और मजबूत ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर ने पारदर्शिता और अंतिम छोर तक लाभों की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित की है, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से उबरने में मदद मिली है।
राष्ट्रीय
दिल्ली : अगले दो दिन तक भारी बारिश और आंधी की आशंका, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

नई दिल्ली, 29 मई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिनों के लिए कई इलाकों में मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार, 29 मई और 30 मई को तेज बारिश, बिजली गिरने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है।
इन दोनों दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 29 मई को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। ह्यूमिडिटी का स्तर 70 प्रतिशत से 49 प्रतिशत के बीच रहेगा। इसी प्रकार, 30 मई को भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा, तापमान वही रहेगा और हवाएं 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
इन दोनों दिनों के लिए चेतावनी दी गई है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की तलाश करें। 31 मई को मौसम विभाग ने ‘मध्यम वर्षा’ की संभावना जताई है, लेकिन आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की चेतावनी अब भी बनी हुई है।
हालांकि, इसके बाद मौसम सामान्य होने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। 1 जून को “थंडरस्टॉर्म विथ रेन” की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 2 जून से मौसम में काफी सुधार देखने को मिलेगा, जहां आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है और कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
3 जून को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं, लेकिन कोई विशेष चेतावनी नहीं है। 4 जून को मौसम पूरी तरह से सामान्य रहेगा, केवल आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे अगले दो दिनों तक सतर्कता बरतें, विशेषकर बिजली गिरने और तेज़ हवाओं के दौरान। खेतों में काम कर रहे किसान, खुले में यात्रा कर रहे लोग और निर्माण स्थलों पर कार्यरत कर्मचारी विशेष सावधानी बरतें।
राजनीति
10 साल बाद सरकार वीर सावरकर की डिग्री वापस ला रही, हम उसका स्वागत करते हैं : संजय राउत

मुंबई, 28 मई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री मंगाए जाने पर कहा कि हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन यह तो बस कागज का टुकड़ा है। हमारा सीधा सा सवाल है कि आखिर उन्हें भारत रत्न कब दिया जाएगा? दुर्भाग्य की बात है कि इसका जवाब न तो प्रधानमंत्री के पास है, न ही मुख्यमंत्री के पास और न ही गृह मंत्री के पास।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि निश्चित तौर पर सरकार ने वीर सावरकर की डिग्री मंगाकर अच्छा कदम उठाया है, लेकिन यहां पर मेरा एक सवाल है कि कल (27 मई) सरकार ने कई लोगों को भारत रत्न, पद्मभूषण, पद्मश्री और पद्मविभूषण दिया। ऐसे में सरकार ने सावरकर को भारत रत्न देना गवारा क्यों नहीं समझा?
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री ब्रिटेन से मंगाए जाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा “स्वातंत्र्यवीर सावरकर की डिग्री वो स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश गवर्नर ने जब्त की थी। फिर भी हम उन्हें बैरिस्टर सावरकर कहते है। 10 साल बाद अगर महाराष्ट्र की सरकार बैरिस्टर सावरकर की पदवी, डिग्री ला रहे है तो ये अच्छी बात है। हम इस फैसले का स्वागत करते है। लेकिन हमारी एक मांग है। अगर सरकार सही मायने में वीर सावरकर को सम्मान देना चाहती है, तो इसके लिए उन्हें भारत रत्न देना चाहिए, मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया।”
इसके अलावा, उन्होंने भाजपा की तरफ से देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहने पर तंज कसा। कहा कि जिस देश में 85 करोड़ लोग सरकार की तरफ से मिलने मुफ्त के राशन पर आश्रित हो, जिस देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हो, उसके बारे में यह कहना कि वह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ठीक नहीं रहेगा। पता नहीं लोग कैसे कह दे रहे हैं कि हम जापान से आगे निकल गए हैं, तो चीन से आगे निकल गए, अब कल ये लोग बोलेंगे कि हम ट्रंप से आगे निकल गए। ट्रंप ने तो आपका मुंह बंद कर दिया।
शिवसेना नेता संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर महिला की तरफ से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए जाने पर संजय राउत ने कहा कि यह उनका निजी मामला है। मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करना चाहूंगा। इस विषय पर बात करने के लिए राजनीतिक दलों में महिला नेता हैं, जो इस पर अपनी बात रखेंगे। महिला आयोग भी है, जो इस मामले में हस्तक्षेप करेगा, लेकिन मेरा अभी इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है।
मंत्री संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर एक महिला ने अपने वकील के जरिए नोटिस भेजकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया और 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।
इसके अलावा, संजय राउत ने संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर घोटाला का आरोप लगाया। कहा कि मंत्री के बेटे ने ऑक्शन में 70 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी है। ऐसे में उनसे यह सवाल किया जाना चाहिए कि उनके पास इतने पैसे कहां से आए? इनके पिता के पास सामाजिक न्याय जैसा विभाग है, जो मूल रूप से गरीबों के हितों का ख्याल रखता है, लेकिन इनके बेटे ने 70 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी। यही नहीं, ऑक्शन की प्रक्रिया भी इस तरह से निर्धारित की जाती है, जिसमें यह सुनिश्चित हो सके कि इसका फायदा उन्हीं को मिले।
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