राजनीति
राज्यसभा चुनाव: बसपा में बगावत, 5 प्रस्तावकों ने नाम लिया वापस, अखिलेश से की मुलाकात

उत्तर प्रदेश में दस सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव होने हैं। लेकिन उससे पहले बहुजन समाज पार्टी में बगावत हो गयी है। बसपा के प्रत्यशी रामजी गौतम के 10 प्रस्तावकों में से 5 प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है। इसके बाद 5 विधायकों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। बगावत करने वालों में बसपा विधायक असलम चौधरी, असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव शामिल हैं। मंगलवार को ही असलम चौधरी की पत्नी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी। यूपी में दस राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा की ओर से आठ, समाजवादी पार्टी के एक, बहुजन समाज पार्टी के एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
बसपा के राज्य सभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लेने वाले पांच बागी विधायक अखिलेश यादव से मिलने समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे। सभी की बंद कमरे में मुलाकात हुई है। कहा जा रहा है कि बसपा के पांचों विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। फिलहाल टूट के कगार पर पहुंची बसपा की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बता दें कि रामजी गौतम ने राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में 26 अक्तूबर को नामांकन किया था, तब उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा व कई अन्य नेता मौजूद थे।
बुधवार को जब प्रस्तावक अपना नाम वापस लेने के लिए विधानसभा आए तो हलचल मच गई।
भिनगा के बसपा विधायक मो. असलम राईन ने कहा कि रामजी गौतम के प्रस्तावक के रूप में उन लोगों ने दस्तखत नहीं किया। उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए हैं। राइनी ने कहा कि कूटरचित हस्ताक्षर के लिए वह विधिक कार्रवाई करेंगे। फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत करने वाले विधायकों में मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद व असलम चौधरी हैं।
ज्ञात हो कि सपा से रामगोपाल यादव और बसपा से रामजी गौतम के अलावा भाजपा के आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। सूत्रों की मानें तो इन विधायकों ने दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।
महाराष्ट्र
कांग्रेस शासनकाल में ब्लैकआउट आम बात थी, अब ऐसा नहीं : पीएम मोदी

यमुनानगर, 14 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा के यमुनानगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज जब देश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब हमें कांग्रेस के शासनकाल के वे दिन नहीं भूलने चाहिए जब पूरे देश में ब्लैकआउट आम बात थी।
पीएम मोदी ने कहा, “हमें कांग्रेस के दिनों को भी भूलना नहीं चाहिए। हमने 2014 से पहले जब कांग्रेस की सरकार थी, तो हम वो दिन भी देखे हैं जब पूरे देश में ब्लैकआउट होते थे, बिजली गुल हो जाती थी। अगर कांग्रेस की सरकार रहती, तो देश को आज भी ऐसे ही ब्लैकआउट से गुजरना पड़ता। न कारखाने चल पाते, न रेल चल पाती, न खेतों में पानी पहुंच पाता, यानी कांग्रेस की सरकार रहती, तो ऐसे ही संकट बने रहते।”
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्रोजेक्ट की तीसरी इकाई की शुरुआत की, जिससे यमुनानगर और आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों को विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है।
इस पावर प्लांट की खासियत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा में इस समय 16,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है और आने वाले वर्षों में इसे 24,000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली उत्पादन के साथ-साथ हम देश के नागरिकों को ‘पावर जनरेटर’ बना रहे हैं। इस दिशा में “पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” की शुरुआत की गई है, जिसके तहत लोग अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाकर न केवल अपना बिजली बिल शून्य कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर आमदनी भी कर सकते हैं। अब तक देश के 1.25 करोड़ से अधिक लोग इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं और हरियाणा के लाखों नागरिक भी इससे जुड़ चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस योजना से एक नया इकोसिस्टम तैयार हो रहा है जिसमें नई स्किल्स, कंपनियों के लिए अवसर और युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और गांवों में छोटे उद्योगों को ऊर्जा की आपूर्ति के साथ-साथ सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि उनके पास पूंजी की भी कोई कमी न हो। कोरोना काल के दौरान एमएसएमई को बचाने के लिए सरकार ने लाखों करोड़ों रुपए की सहायता दी। उन्होंने बताया कि छोटे उद्योगों के विकास के लिए एमएसएमई की परिभाषा भी बदली गई ताकि जैसे-जैसे वे आगे बढ़ें, सरकारी सहयोग बना रहे।
प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया और बताया कि पिछले दस वर्षों में इस योजना के तहत बिना किसी गारंटी के 33 लाख करोड़ रुपए के ऋण दिए जा चुके हैं। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों से हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश यही है कि छोटे उद्योग देश के युवाओं के बड़े सपनों को पूरा करने का माध्यम बनें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि औद्योगिक और ऊर्जा क्षेत्र में सरकार के ये प्रयास आत्मनिर्भर भारत की नींव को और मजबूत बना रहे हैं।
राजनीति
मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में मदरसों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर रजवी ने उठाए सवाल

बरेली, 14 अप्रैल। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के मदरसों के खिलाफ राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे अभियान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह कृत्य इंसाफ का गला घोंटना है।
शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सोमवार को अपने जारी एक बयान में कहा कि संविधान ने अल्पसंख्यकों को अपनी संस्थाएं खोलने, संचालन करने, शिक्षा देने के लिए खुली इजाजत दी है। अब ऐसी सूरत में मध्य प्रदेश के मदरसे पर बुलडोजर चलाना, उत्तराखंड सरकार का मदरसों को बंद करना संविधान के विरुद्ध कदम है। हुकूमत का कोई हक नहीं बनता कि वह मदरसों में बुलडोजर चलाए या उन्हें बंद करें। यह कदम इंसाफ का गला घोंटने वाला है। यह वही मदरसे हैं जिन्होंने 1857 से लेकर 1947 तक की जंगों में आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मौलाना ने उत्तराखंड सरकार से कहा है कि हल्द्वानी स्थित सील किए गए 13 मदरसों को फौरी तौर पर खोला जाए, अगर इन मदरसों में कागजात की कमी या बेहतर अंदाज में शिक्षा नहीं हो रही है, तो उसे दुरुस्त कराया जा सकता है, मगर मदरसों को बंद करने का आदेश देना सरासर इंसाफ का गला घोटना है।
मौलाना ने प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिन मदरसों को बगैर पंजीकरण के संचालन का आरोपी बनाया गया है, वे पहले से ही सोसाइटी एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत हैं, अब रह गई बात मान्यता की तो मान्यता देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है, और जिला प्रशासन मदरसों की मान्यता में लापरवाही से काम करता है। करप्शन के चक्कर और मोटी रकम मांगने की वजह से मदरसों के संचालक मजबूत पैरवी नहीं कर पाते हैं।
मौलाना ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश सरकार और उत्तराखंड सरकार अगर इसी तरह अल्पसंख्यकों की संस्थाओं के खिलाफ कार्य करती रहेगी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नारे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ पर भरोसा कायम करना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
राजनीति
वक्फ पर ईमानदारी से नहीं हुआ था काम, सिर्फ भू माफियों को हुआ लाभ : पीएम मोदी

हिसार, 14 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर हरियाणा पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले हिसार हवाई अड्डे का उद्घाटन किया और हिसार से अयोध्या के लिए सीधी उड़ान को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद पीएम मोदी ने जहां एक तरफ मंच से वक्फ कानून को लेकर अपनी सरकार की नई नीति के बारे में बताया, वहीं कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान का आरोप भी लगाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “वक्फ के नाम पर लाखों हेक्टेयर जमीन पूरे देश में है। इस जमीन से गरीबों का, बेसहारा महिलाओं-बच्चों का भला होना चाहिए था। अगर ईमानदारी से इसका उपयोग हुआ होता, तो मुसलमानों को साइकिल के पंचर बनाने की जरूरत नहीं होती। इससे सिर्फ भू-माफिया को ही फायदा हुआ। ये माफिया इस कानून के जरिए गरीबों की जमीन लूट रहे थे।”
पीएम मोदी ने वक्फ कानून को लेकर की गई गुहार का भी जिक्र किया। बताया कि सैकड़ों विधवा मुस्लिम महिलाओं ने सरकार को पत्र लिखकर वक्फ कानून में बदलाव की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने इसमें संशोधन किया। पीएम मोदी ने कहा, “हमने बहुत बड़ा काम किया है। अब नए वक्फ कानून के तहत किसी भी आदिवासी की जमीन को, हिंदुस्तान के किसी भी कोने में, वक्फ बोर्ड हाथ भी नहीं लगा पाएगा। नए प्रावधान वक्फ की पवित्र भावना का सम्मान करते हुए बनाए गए हैं।”
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि पार्टी ही संविधान की भक्षक बन गई।
उन्होंने कहा, “हमें ये भूलना नहीं चाहिए कि कांग्रेस ने बाबा साहेब के साथ क्या किया। जब तक बाबा साहेब जीवित थे, कांग्रेस ने उन्हें अपमानित किया। दो-दो बार उन्हें चुनाव हरवाया। कांग्रेस ने उनकी याद तक मिटाने की कोशिश की। कांग्रेस ने बाबा साहेब के विचारों को भी हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहा। डॉ. अंबेडकर संविधान के संरक्षक थे, लेकिन कांग्रेस संविधान की भक्षक बन गई है।”
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