राजनीति
राजस्थान कांग्रेस चौकस, राज्यसभा चुनाव से पूर्व विधायकों को रिसॉर्ट भेजा
आगामी 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में कांग्रेस पार्टी चौकस नजर आ रही है। पार्टी ने अपने विधायकों को टूटने से बचने के लिए अपने और निर्दलीय विधायकों को एक रिसॉर्ट में भेज दिया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार सुबह पार्टी के सभी विधायकों के साथ अपने आवास पर एक बैठक की, वहीं शाम को कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने पुलिस महानिदेशक, एसीबी से एक आधिकारिक शिकायत की और उन भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जो धनबल के जरिए निर्दलीय विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
जोशी ने डीजी, एसीबी को संबोधित अपने पत्र में कहा है, “हमें अपने विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक की तर्ज पर भाजपा कांग्रेस के विधायकों के साथ ही हमारी सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को लालच देकर राजस्थान में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।”
पत्र में कहा गया है, “यह कोशिश न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि जन आकांक्षाओं के भी खिलाफ है। यह अवैध, अनैतिक, निंदनीय है और कानूनी कार्रवाई की मांग करता है। जो लोग इस तरह के घृणित अपराध में लिप्त हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।”
राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान होगा, जहां कांग्रेस ने दो उम्मीदवार खड़े किए हैं -के.सी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी। जबकि भाजपा ने भी दो उम्मीदवार -राजेंद्र गहलोत और ओमकार सिंह लखावत को मैदान में उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला स्थिति का जायजा लेने और कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने बुधवार को जयपुर पहुंचे।
सुरजेवाला उस रिसॉर्ट में पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के और निर्दलीय 90 विधायकों के साथ मौजूद हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस से पुष्टि की कि जल्द ही और भी विधायक रिसॉर्ट में मुख्यमंत्री के पास पहुंचेंगे।
इस बीच यह सूचना आई कि राज्य मंत्री विश्वेंद्र सिंह रिसॉर्ट नहीं पहुंचे हैं, जिनकी गहलोत खेमे से नहीं बनती है। सिंह को सचिन पायलट के खेमे का माना जाता है।
कुछ विधायकों की प्रारंभिक बैठक मुख्यमंत्री के आवास पर हुई थी, लेकिन उसके बाद सभी वरिष्ठ नेता आगे की रणनीति बनाने रिसॉर्ट चले गए।
इस बीच, भाजपा के राज्य अध्यक्ष सतीश पुनिया ने आईएएनएस को बताया, “यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा फैलाया गया प्रोपगंडा मात्र है। मैं उन्हें खुली चुनौती देता हूं कि वे अपने आरोपों के पक्ष में सबूत के साथ सामने आएं।”
उन्होंने आगे कहा, “वास्तव में कांग्रेस को अपने घर को ठीक करने की जरूरत है। पार्टी में कई मंत्री और विधायक हैं, जिन्हें महीनों से नजरअंदाज किया जा रहा है। सरकार एक कंफोर्ट जोन में है और एक टीम के रूप में काम नहीं कर रही है। अब हमने अपना दूसरा उम्मीदवार उतार दिया है तो पूरी पार्टी तनाव में आ गई है और अपने सभी विधायकों से संपर्क करने लगी है।”
पुनिया ने हालांकि कहा, “निर्दलीय विधायकों या एक क्षेत्रीय पार्टी के विधायक को खुला निमंत्रण है कि जो कांग्रेस सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं, वे हमारे साथ आ सकते हैं। इसमें कोई नुकसान नहीं है।”
इस बीच एक निर्दलीय विधायक महादेव खंडेला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें भाजपा की तरफ से कोई फोन या प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस के प्रति बचनबद्ध हूं।”
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीपीएम और भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक अभी तक रिसॉर्ट नहीं पहुंचे हैं।
कांग्रेस के पास अपने 107 विधायक हैं और उसे आरएलडी के एक विधायक, और निर्दलीय 13 विधायकों, बीटीपी और माकपा के विधायकों का समर्थन प्राप्त है। जबकि भाजपा के पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
महाराष्ट्र
अबू आसिम आज़मी ने कल्याण नमाज़ विवाद में दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की

abu asim aazmi
मुंबई: मुंबई महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और MLA अबू आसिम आज़मी ने कल्याण आइडियल फार्मेसी कॉलेज में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की गुंडागर्दी की निंदा करते हुए कहा कि इस देश में हिंदू और मुसलमान के नाम पर बंटवारा और नफरत का बाज़ार लगा हुआ है। देश में नमाज़ पढ़ना कोई गुनाह नहीं है। मुसलमानों के लिए तय समय पर नमाज़ पढ़ना ज़रूरी है। इसलिए अगर कोई नमाज़, पूजा और रस्म अदा करता है, तो उसमें एतराज़ क्यों? उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों में छात्र पूजा करना चाहते हैं, वहां प्रार्थना कक्ष की व्यवस्था ज़रूरी है। जिस तरह से छात्रों को माफ़ी मांगने के लिए मजबूर किया गया, वह पूरी तरह से गलत और गुंडागर्दी है। मैं मांग करता हूं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रशासनिक संस्था ऐसे फिरकापरस्तों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करे ताकि कोई भी किसी शिक्षण संस्थान में घुसकर छात्रों को माफ़ी मांगने के लिए मजबूर न कर सके। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज, जिनकी मूर्ति के सामने छात्रों को माफ़ी मांगने के लिए मजबूर किया गया, एक सेक्युलर राजा थे। उनकी सेना में मुसलमान थे। जिस तरह से बदमाशों ने गुंडागर्दी की है, वह चिंताजनक है। इसके खिलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में नमाज़ पढ़ना कोई गुनाह नहीं है। कल्याण के अंबरनाथ में आइडियल फार्मेसी कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेशन की ज़िम्मेदारी मुस्लिम स्टूडेंट्स की सुरक्षा की थी, लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन ने ऐसा नहीं किया। उसने अपनी ज़िम्मेदारी में लापरवाही की। नमाज़ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को माफ़ी मांगने पर मजबूर किया गया। आज़मी ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से रिक्वेस्ट करता हूं कि वे एजुकेशनल और दूसरे इंस्टीट्यूशन्स में नमाज़ के लिए कमरे देने का ऑर्डर दें और इस नफ़रत की पॉलिटिक्स के ख़िलाफ़ सख़्त एक्शन लें। तभी महाराष्ट्र और देश में भाईचारा बढ़ेगा।” उन्होंने कहा, “हर जगह नमाज़ को लेकर विवाद क्यों होता है और फिर उसे हिंदू-मुस्लिम रंग देकर नफ़रत क्यों फैलाई जाती है? अब पानी सिर से ऊपर उठ गया है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।”
महाराष्ट्र
मुंबई के वाशी नाका में काली माता की मूर्ति को माउंट मैरी में बदलने पर तनाव, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद मामला दर्ज, पुजारी गिरफ्तार

मुंबई; चेंबूर वाशी गांव के श्मशान में काली माता की मूर्ति को माउंट मैरी के आकार में बदल दिया गया, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया, लेकिन पुलिस ने इस मामले में एक पुजारी को गिरफ्तार करने का दावा किया है, जिसने यह काम किया था, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची थी। पुलिस ने स्थिति को काबू में कर लिया और केस भी सुलझा लिया। इस घटना के बाद माहौल खराब करने की कोशिश की गई, लेकिन बाद में पुजारी इसमें शामिल पाया गया, जिसके बाद अब यहां शांति बनी हुई है। मुंबई में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें चेंबूर वाशी गांव के श्मशान में स्थापित काली माता की मूर्ति को बदलकर माउंट मैरी जैसा बना दिया गया। इस घटना से इलाके के लोगों में सदमे और गुस्से की लहर है। सूचना मिलने पर RCF पुलिस मौके पर पहुंची, स्थिति का जायजा लिया और इसमें शामिल पुजारी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घटना के संबंध में FIR भी दर्ज कर ली है। शुरुआती पूछताछ में आरोपी पुजारी ने पुलिस को बताया कि उसे काली माता की मूर्ति को माउंट मैरी जैसा बनाने का “सपने में निर्देश” मिला था। इस कथित “सपने के निर्देश” के बाद, उसने मूर्ति का आकार बदलने की कोशिश की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारी आगे की जांच कर रहे हैं। बदलाव के पीछे क्या मकसद था, और क्या बदलाव के पीछे कोई और वजह या झगड़ा था, इसकी भी जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों और बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर संतुष्टि जताई और कहा कि धार्मिक स्थलों पर बिना इजाजत किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। DCP समीर शेख ने कहा कि मूर्ति का आकार बदलने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने ऐसा संदिग्ध और विवादित काम क्यों किया, इसके पीछे कौन है, और किसके कहने पर उसने मूर्ति का आकार बदला। इन सभी बातों पर जांच जारी है। हालांकि, हालात को देखते हुए पुलिस ने यहां अतिरिक्त व्यवस्था तैनात कर दी है और हालात पर भी नजर रखी जा रही है। फिलहाल शांति है लेकिन तनाव बना हुआ है।
राजनीति
यूपी : संभल हिंसा का एक साल पूरा, स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन के कार्यों को सराहा

संभल, 24 नवंबर: उत्तर प्रदेश के संभल में भड़की हिंसा को सोमवार को एक साल पूरा हो गया। जामा मस्जिद सर्वे के दौरान यह हिंसा भड़की थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के एक साल पूरे होने पर स्थानीय लोगों ने मीडिया से बात की और जिले में प्रशासन के कार्यों की तारीफ की।
संभल के एक स्थानीय व्यक्ति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “संभल की जनता को ऐसा प्रशासन पहले कभी नहीं मिला, जैसा अभी मिला है। प्रशासन ने जिस हिसाब से संभल में कार्य किया, उससे यहां बहुत बड़ा हादसा होने से रुक गया।”
उन्होंने कहा, “संभल की जनता आज अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है। यहां का हिंदू जनमानस अब पलायन नहीं करेगा; लोगों में ऐसी भावना आ गई है। हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के लिए जो घोषणाएं की हैं, अगर वे क्रियान्वित हो जाती हैं, तो जिला और भी आगे बढ़ेगा। इस समय यहां का प्रशासन संभल को आगे बढ़ाने के लिए पूरी मेहनत से लगा हुआ है।”
स्थानीय ने बताया, “संभल के लिए आ रही योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है। 24 कोसी परिक्रमा के लिए जो योजना बनाई गई है, वह निश्चित रूप से संभल से पलायन कर चुके लोगों को वापस यहां पर बुलाने के लिए कारगर साबित होगी। मैं पूरी तरह आशान्वित हूं कि संभल का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।”
एक अन्य स्थानीय ने कहा, “संभल में प्रशासन के कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि संभल में प्रशासन बहुत अच्छा काम कर रहा है। पिछले 1 सालों में प्रशासन ने बहुत अच्छा काम किया है।”
शाही जामा मस्जिद के सेक्रेटरी मशहूद अली फारूकी ने कहा कि शाही जामा मस्जिद कमेटी अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है और पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन भी अपनी ड्यूटी निभा रहा है। सब कुछ कंट्रोल में है। हम सभी से अपील करते हैं कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और भाईचारा बनाए रखने में सहयोग करें। पुलिस और मस्जिद कमेटी दोनों शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से काम कर रहे हैं, और हमारी दिल से अपील है कि शहर के लोग शहर को शांत और शांतिपूर्ण बनाए रखने में मदद करें।”
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र5 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
