अपराध
आतंकी मॉड्यूल के संदिग्ध मास्टरमाइंड हुमैद को पकड़ने के लिए देशभर में छापेमारी

आतंकी मॉड्यूल हुमैद के संदिग्ध मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए गुरुवार को राज्यों की आतंकवाद विरोधी इकाइयों और दिल्ली स्पेशल सेल के अधिकारियों द्वारा देशभर के कई इलाकों में छापेमारी की जा रही है।
आरोप है कि गिरफ्तार आरोपी हुमैद ओसामा का रिश्तेदार है, जो दिल्ली के जामिया नगर का रहने वाला है। वह भारत में पूरे आतंकी नेटवर्क को कोऑर्डिनेट कर रहा था।
पुलिस ओसामा के पिता हुमैद-उर-रहमान को भी तलाश कर रही है। उसका ठिकाना अज्ञात है।
जांच की जानकारी रखने वाले एक शीर्ष आईपीएस अधिकारी ने कहा, हुमैद की आखिरी लोकेशन उत्तर प्रदेश में थी। हम उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते के संपर्क में हैं और विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
आरोप है कि हुमैद ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद निवासी ओसामा और जीशान कमर को पाकिस्तान में ट्रेनिंग के लिए ओमान एटो के मस्कट भेजा था।
जब वे मस्कट पहुंचा, तो पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) उसे विस्फोटक और बम बनाने में प्रशिक्षित करने के लिए समुद्री मार्गों से ग्वादर बंदरगाह ले गई।
ओसामा और जीशान कमर को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के पास जिओनी नाम के एक कस्बे में बम और आईईडी बनाने और रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली चीजों की मदद से आग लगाने का प्रशिक्षण दिया गया था।
उन्हें छोटे फायरआर्म्स और एके-47 को संभालने और इसे इस्तेमाल करने की भी ट्रेनिंग दी गई थी।
पूछताछ में पता चला कि ओसामा अप्रैल में मस्कट, ओमान के लिए रवाना हुआ था, जहां उसकी मुलाकात जीशान से हुई, जो भारत से भी आया था।
उनके साथ 15-16 बंगाली भाषी लोग शामिल हुए। उन्हें कई ग्रुपों में बांटा गया और जीशान और ओसामा को एक ग्रुप में रखा गया।
अगले कुछ दिनों में, कई छोटी समुद्री यात्राओं के बाद, कई बार नांव बदलने के बाद, उन्हें पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह के पास जिओनी शहर ले जाया गया। वहाँ उनका स्वागत एक पाकिस्तानी ने किया जो उन्हें पाकिस्तान के थट्टा में एक फार्महाउस में ले गया।
फार्महाउस में तीन पाकिस्तानी नागरिक थे। इनमें से दो, जब्बार और हमजा ने उन्हें ट्रेनिंग दी। ये दोनों पाकिस्तानी सेना से थे क्योंकि उन्होंने सैन्य वर्दी पहनी थी।
उन्हें बम और आईईडी बनाने और रोज मर्रा की चीजों की मदद से आग लगाने की ट्रेनिंग दी गई। उन्हें छोटे फायरआर्म्स और एके-47 को संभालने और इस्तेमाल करने की भी ट्रेनिंग दी गई।
यह ट्रेनिंग लगभग 15 दिनों तक चली और उसके बाद, उन्हें उसी मार्ग से मस्कट वापस ले जाया गया।
गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में ओसामा और जीशान के अलावा महाराष्ट्र के मुंबई निवासी जान मोहम्मद शेख, यूपी के रायबरेली निवासी मूलचंद, यूपी के बहराइच निवासी मोहम्मद अबू बकर और यूपी के लखनऊ निवासी मोहम्मद आमिर जावेद के रूप में पहचान की गई है।
सभी आरोपी 14 दिनों की पुलिस हिरासत में हैं।
साजिश के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को अलग-अलग आतंकी योजना के विभिन्न पहलुओं को अंजाम देने का काम सौंपा गया था।
देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों को अंजाम देने की साजिश के बारे में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से गुप्त सूचना मिलने के बाद स्पेशल सेल ने आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया।
इसके बाद, स्पेशल सेल ने एक बहु-आयामी ऑपरेशन किया, जिसमें कई टीमें महाराष्ट्र के मुंबई और लखनऊ, प्रयागराज, राय-बरेली, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश (यूपी) में एक साथ तैनात थीं।
14 सितंबर को, मानव और तकनीकी नोड्स के माध्यम से एकत्र की गई खुफिया जानकारी के आधार पर, विभिन्न राज्यों में एक साथ छापे मारे गए। शुरुआत में, अंडरवल्र्ड ऑपरेटिव जान मोहम्मद शेख को राजस्थान के कोटा के पास से पकड़ा गया था, जब वह दिल्ली जा रहा था, ओसामा को दिल्ली के ओखला से पकड़ा गया था, मोहम्मद अबू बकर को दिल्ली के सराय काले खां से पकड़ा गया, जीशान को यूपी के इलाहाबाद से गिरफ्तार किया गया था, मोहम्मद आमिर जावेद को यूपी के लखनऊ से और मूलचंद को भी यूपी के रायबरेली से दबोचा गया था। यूपी में ऑपरेशन उत्तर प्रदेश एटीएस के अधिकारियों के साथ घनिष्ठ और सफल समन्वय में किया गया था।
जांच के दौरान यह पाया गया कि अंडरवल्र्ड ऑपरेटिव जान मोहम्मद शेख को मूलचंद के साथ पाकिस्तान स्थित दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम ने दिल्ली में इसे रिसीव करने का काम सौंपा था।
इसे दिल्ली और मुंबई समेत देश के अन्य हिस्सों में अन्य आतंकी गुर्गों को सौंपा जाना था।
इसके बाद, आईईडी की समान खेपों की आगे सुपुर्दगी उसी चैनल के माध्यम से की जानी थी।
पाकिस्तान-आईएसआई के इशारे पर काम करने वाले अंडरवल्र्ड कोमपोनेंट को दो काम सौंपे गए थे, जिसमें हवाला चैनलों के माध्यम से हथियारों और विस्फोटकों का परिवहन और आतंकी फंडिंग शामिल है।
पाक-आईएसआई प्रशिक्षित आतंकी गुटों को लक्ष्य की पूरी जानकारी लेने और आईईडी लगाने का काम सौंपा गया था।
पुलिस ने कहा कि इस नेटवर्क के बारे में और नोड्स की पहचान की जा रही है।
अपराध
कोलकाता: लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में एक और गिरफ्तारी, पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड को पकड़ा

कोलकाता, 28 जून। कोलकाता के लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में एक और गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने कॉलेज के सिक्योरिटी गार्ड (55 वर्षीय पिनाकी बनर्जी) को गिरफ्तार किया है। घटना के समय वो कॉलेज में ड्यूटी पर मौजूद था। इस गिरफ्तारी के साथ ही अब तक गैंगरेप केस में कुल चार लोगों को पकड़ा जा चुका है।
गैंगरेप केस में सिक्योरिटी गार्ड की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे थे। पीड़ित छात्रा ने शिकायत में सिक्योरिटी गार्ड का जिक्र किया था। छात्रा ने कसबा थाने में दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाए कि गार्ड घटनास्थल पर मौजूद था लेकिन उसने कोई मदद नहीं की।
शिकायत में छात्रा ने कहा, “मुख्य आरोपी ने अन्य दो आरोपियों के साथ गार्ड रूम में मौजूद सिक्योरिटी गार्ड को बाहर जाने के लिए कहा था, ताकि उसके साथ छेड़छाड़ की जा सके। गार्ड ने वैसा ही किया। मैंने गार्ड से मदद की भीख मांगी, लेकिन उसने मना कर दिया।”
फिलहाल कोलकाता पुलिस ने आरोपी सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ्तार कर लिया है। इसके पहले गिरफ्तार मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा के अलावा जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को एक जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। कोलकाता पुलिस ने कहा कि लॉ छात्रा से जुड़े यौन उत्पीड़न की शिकायत पर तेजी से और निर्णायक रूप से कार्रवाई की गई है। कोलकाता पुलिस लोगों से भ्रामक जानकारियों से बचने की अपील भी कर रही है।
मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा टीएमसी की छात्र इकाई का सदस्य बताया जाता है। इससे मामले ने काफी तूल पकड़ लिया। बीजेपी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी को लगातार घेर रही है।
इधर, आरजी कर मेडिकल कॉलेज हत्याकांड में शिकार बनी जूनियर डॉक्टर के माता-पिता ने गैंगरेप की इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। जूनियर डॉक्टर की मां ने आशंका जताई कि उनकी बेटी के मामले की तरह ही लॉ कॉलेज बलात्कार मामले में भी आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा सकती है।
उन्होंने कहा, “मामले (लॉ कॉलेज गैंगरेप) में तीन आरोपियों को प्रभावशाली समर्थन हासिल होने के कारण लॉ छात्रा के माता-पिता को लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।”
अपराध
दिल्ली: बवाना में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे की हत्या, पुलिस ने जताई गैंगवार की आशंका

नई दिल्ली, 27 जून। दिल्ली में सरेआम कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे की हत्या कर दी गई है। दिल्ली के बवाना थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। मृतक की पहचान मंजीत महाल के भांजे दीपक के रूप में हुई, जो सुबह टहलने के लिए निकला था। इस घटना में हत्याकांड में गैंगवार का संदेह जताया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घटना सुबह करीब 7 से 8 बजे के बीच की है। दो हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और दीपक पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। उन्होंने कई राउंड फायर किए थे। मौके पर ही दीपक की मौत हो गई। दीपक को निशाना बनाकर हमला किया गया, जिसमें उसकी बेटी भी घायल हो गई। हमले के समय दीपक के साथ मॉर्निंग वॉक पर उसकी बेटी भी थी। गोलीबारी में उसकी बेटी के हाथ में चोट आई है। हालांकि वो खतरे से बाहर है।
पुलिस ने बताया कि दीपक को 7-8 घाव लगे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक गोलियों की सही संख्या का पता नहीं चलेगा।
जांच में सामने आया है कि दीपक की हत्या करने के बाद हमलावर आगे की ओर बढ़े थे, लेकिन वो फिर वापस लौटकर आए और दोबारा भी दीपक को गोली मारी। उसके बाद दोनों हमलावर मौके से फरार हो गए। पुलिस के मुताबिक, मृतक दीपक कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल का भांजा था, हालांकि उसकी खुद की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी।
घटना में पुलिस को संदेह है कि ये हत्या इलाके में चल रही गैंगवार का हिस्सा हो सकती है। पुलिस ने बताया कि दो हमलावरों में से एक की पहचान कर ली गई है और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही ये स्पष्ट हो सकेगा कि हत्या के पीछे असल वजह क्या थी।
अपराध
हरदोई : जिला महिला अस्पताल से चोरी हुए नवजात को पुलिस ने कुछ ही घंटे में किया बरामद

हरदोई, 26 जून। हरदोई के जिला महिला चिकित्सालय से चोरी हुए एक नवजात शिशु को बरामद कर लिया गया है। इस मामले में एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जो एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है।
यह घटना गुरुवार देर रात करीब तीन बजे की है। जानकारी के अनुसार, हरदोई के बिल्हारी हरियावां निवासी शिवाकांत दीक्षित की पत्नी निधि दीक्षित ने बीते 19 जून को एक बेटे को जन्म दिया था। बच्चे की डिलीवरी होने के बाद जच्चा-बच्चा को अस्पताल की पहली मंजिल के 36 नंबर वार्ड के बेड संख्या 9 पर शिफ्ट कर दिया गया था।
गुरुवार देर रात को शिशु को उसकी नानी के पास सुलाया गया था। इसी दौरान एक मास्क पहने अज्ञात महिला वहां पहुंची और मौका पाकर बच्चे को लेकर फरार हो गई। जब नानी ने कुछ देर बाद देखा तो बच्चा वहां नहीं था, जिसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। परिजनों की सूचना पर अस्पताल पहुंची कोतवाली पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू की और कुछ घंटों के अंदर ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।
हरदोई के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नीरज कुमार जादौन ने बताया कि गुरुवार सुबह सूचना मिली थी कि करीब 6 दिन का एक बच्चा गायब हो गया है। हमारे सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने तत्काल इसका संज्ञान लिया और पुलिस टीम ने बच्चे को बरामद कर लिया। बच्चे को चोरी करने वाली महिला को गिरफ्तार किया गया है। महिला एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है और उससे पुलिस पूछताछ कर रही है कि आखिर उसने बच्चे को क्यों चुराया है। साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि वह बच्चे के साथ क्या करना चाहती थी। हर एंगल से पुलिस जांच कर रही है।
बच्चे के पिता, शिवाकांत दीक्षित, ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मैंने 18 जून को अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था और 19 जून को मेरी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। गुरुवार देर रात करीब 2 से 3 बजे के बीच में मेरे बच्चे को चुरा लिया गया था। हालांकि, पुलिस की मदद से बच्चे को बरामद किया गया है। मैं पुलिस अधीक्षक और पुलिस का आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी वजह से मेरा बच्चा मिल पाया।
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