राजनीति
पुडुचेरी : एक साल में मप्र के बाद गिरने वाली दूसरी कांग्रेस सरकार
पुडुचेरी की कांग्रेस शासित सरकार सोमवार को कमल नाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार के पिछले साल मार्च में 365 दिनों के भीतर गिर जाने के बाद एक साल के अंदर गिरने वाली दूसरी कांग्रेस सरकार बन गई। अगर कर्नाटक की गठबंधन सरकार को भी गिन लिया जाए तो इस तरह से गिरने वाली यह तीसरी सरकार है। कर्नाटक की गठबंधन सरकार को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। कांग्रेस अब सिर्फ तीन राज्यों – पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सिमट कर रह गई है। झारखंड और महाराष्ट्र में यह गठबंधन में है।
नई दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पुडुचेरी सरकार का पतन उनकी चुनावी संभावनाओं को बढ़ाएगा, क्योंकि यह नारायणसामी सरकार की एंटी-इंकम्बेंसी को नकार देगा और राज्य में कांग्रेस को मजबूत करेगा।
पुडुचेरी के निवर्तमान मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने से ठीक पहले अपनी कांग्रेस नीत सरकार के पतन के बाद इस्तीफा दे दिया है।
फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा को संबोधित करते हुए नारायणसामी ने आरोप लगाया कि भाजपा भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को पटरी से उतार रही है।
उन्होंने कहा कि “अब पुडुचेरी में जो हो रहा है वह राजनीतिक वेश्यावृत्ति है, लेकिन सच्चाई की जीत होगी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केंद्र ने विपक्ष के साथ मिलकर उनकी सरकार को अस्थिर कर दिया।
अपने भाषण में उन्होंने अपनी सरकार को गिराने के लिए विपक्ष के साथ मिलीभगत के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई। तीन मनोनीत विधायकों के मतदान के अधिकार पर बहस के बाद मुख्यमंत्री और उनके विधायक सदन से बाहर चले गए।
कांग्रेस नेता व पूर्व महासचिव बी.के. हरिप्रसाद ने कहा कि भाजपा उन सरकारों को नीचे गिरा रही है, जहां उसे चुनाव के माध्यम से बहुमत नहीं मिलता है।
पिछले साल ठीक इसी समय कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। यहां कांग्रेस ने पंद्रह साल बाद सत्ता में वापस आने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था।
पुडुचेरी, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के बीच समानता यह है कि कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया और उनके इस्तीफे के कारण सरकार का पतन हो गया।
गोवा में दस विधायक भाजपा में शामिल हो गए और पिछले पांच वर्षों में पश्चिम बंगाल में लगभग 20 विधायकों ने तृणमूल में शामिल होने के लिए अपनी पार्टी छोड़ दी।
राजस्थान में सचिन पायलट के विद्रोह के बाद खतरा अभी भी मंडरा रहा है। हालांकि कांग्रेस समय पर इसे हल करने में सफल रही, लेकिन भाजपा की नजर कांग्रेस की अंतर्कलह पर है।
सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र में महागठबंधन सरकार में नाना पटोले के स्पीकर पद से इस्तीफा देने के बाद एक समस्या पैदा हो गई है, क्योंकि गठबंधन के सहयोगियों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सहयोगियों से परामर्श नहीं किया।
झारखंड में नेताओं का कहना है कि सरकार सुरक्षित है और गठबंधन सरकार बिना किसी समस्या के सुचारु रूप से चल रही है।
राजनीति
हिजाब विवाद पर झारखंड के मंत्री ने डॉक्टर को दिया तीन लाख की नौकरी का ऑफर, जदयू ने दिखाया आईना

पटना, 20 दिसंबर : बिहार की आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने तीन लाख मासिक वेतन और अन्य सुविधाओं के साथ अपने राज्य में नौकरी का ऑफर दिया है। इसे लेकर बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के नेता भड़कते हुए उन पर झूठा वादा करने का आरोप लगाया है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने शनिवार को कहा कि इरफान अंसारी ने अहले सुबह झूठ बोल दिया। उन्होंने कहा, “आप स्वास्थ्य मंत्री हैं लेकिन आपको अपने विभाग की भी जानकारी नहीं है। एनएचएम में बहाली की समिति में स्वास्थ्य मंत्री सदस्य नहीं होते। इरफान अंसारी को तो बहाली का अधिकार ही नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि इरफान अंसारी ने तो यहां तक कह दिया कि तीन लाख रुपये प्रति महीने वेतन देंगे। झारखंड सरकार आयुष डॉक्टरों को मात्र 40 हजार मासिक वेतन देती है। आयुष चिकित्सकों को कॉन्ट्रैक्ट पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के रूप में 25 हजार दिए जाते हैं। उनको ऐसा बोलने का अधिकार किसने दिया?
जदयू नेता ने झारखंड के मंत्री के झूठ बोलने को पैगंबर की इच्छा का अपमान करार देते हुए माफी मांगने और पद से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिम्मत है तो वे झारखंड के स्वास्थ्य विभाग का रूल रेगुलेशन जारी करें।
बता दें कि झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, “बिहार में महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत प्रवीण के साथ हुई अमानवीय और शर्मनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। हिजाब खींचना सिर्फ एक महिला का नहीं, संविधान और इंसानियत का अपमान है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के मानवीय निर्णय से यह साफ संदेश गया है कि झारखंड में बेटियों और डॉक्टरों के सम्मान से कोई समझौता नहीं।”
उन्होंने आगे लिखा, “डॉ. नुसरत प्रवीण को झारखंड में प्रतिमाह तीन लाख मासिक वेतन, सरकारी नौकरी, मनचाही पोस्टिंग, सरकारी फ्लैट, पूर्ण सुरक्षा और सम्मानजनक कार्य वातावरण मिला। यह नियुक्ति नहीं, सम्मान की जीत है। जहां अपमान था, वहां झारखंड ने इंसानियत की मिसाल पेश की।”
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पप्पू यादव ने पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर उठाए सवाल, पूछा-पहले के वादे पूरे हुए?

पूर्णिया, 20 दिसंबर : पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वो कई बार पश्चिम बंगाल जा चुके हैं, तब क्या हुआ?
पप्पू यादव ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि जब कभी इस देश में किसी राज्य में चुनावी बिगुल बजता है तो ये राजनेता चले जाते हैं। बिहार में भी इन लोगों ने कई तरह के लोकलुभावने वादे किए थे। उन वादों का क्या हुआ? क्या वे वादे पूरे हुए? बिहार का चुनाव पूरी तरह से नीतीश कुमार को जिताने के लिए ही था। इससे पहले ये लोग जम्मू-कश्मीर भी गए थे। क्या वहां पर किए गए वादे पूरे हुए?
निर्दलीय सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले पश्चिम बंगाल गए थे, जहां उन्होंने रविंद्रनाथ का रूप धारण कर लिया था। इससे पहले जब ये पंजाब गए थे, तो इन लोगों ने सिख का रूप धारण कर लिया था। जब ओडिशा गए थे, तो नवीन पटनायक के ही राजनीतिक अस्तित्व पर संकट आ गया था।
पप्पू यादव ने दावा किया कि बंकिम चटर्जी को ये लोग दादा बोल रहे हैं, जबकि इनके मंत्री इनका नाम भी नहीं ले पा रहे हैं। ये लोग कुछ भी टिप्पणी कर दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल तो महात्मा गांधी को मानने वाली भूमि है। वहां पर लोग काली माता को मानते हैं। वहां पर सभी पापियों का नरसंहार करते हैं। रविंद्र नाथ टैगोर और महात्मा गांधी शांति के प्रतीक हैं। पश्चिम बंगाल में नफरत का कोई आधार नहीं है। ऐसी स्थिति में इन लोगों का पश्चिम बंगाल में कुछ नहीं होने वाला है। विवेकानंद ने वसुधैव कुटुंबकम की बात की। भाजपा ने सुभाष चंद बोस को कभी सम्मान नहीं दिया। ऐसी स्थिति में यही कहना है कि भाजपा का वहां पर क्या काम है।
पप्पू यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अप्रैल में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसी स्थिति में इस बात की पूरी प्रबल संभावना है कि आगामी दिनों में केंद्र सरकार की ओर से बजट में भी बंगाल ही बंगाल किया जाएगा। मैं समझता हूं कि इन लोगों को पश्चिम बंगाल के हितों से कोई लेना देना नहीं है।
वहीं, विकसित भारत-जी राम जी योजना पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राम जी प्रेम और मानवता के प्रतीक थे, लेकिन इन लोगों को कुछ पता नहीं है। इन लोगों ने मनरेगा की हत्या कर दी। इन लोगों ने आज तक किसी को रोजगार नहीं दिया। अगर मनरेगा की योजना नहीं होती, तो मजदूरों का कोरोना काल में बुरा हाल हो जाता। जिन लोगों ने आज तक अपने शासनकाल में 60 दिनों तक किसी को रोजगार नहीं दिया, वो लोग भला 125 दिनों तक किसी को कैसे रोजगार दे सकते हैं।
पप्पू यादव ने जी राम जी योजना में राज्य सरकार की ओर से 40 फीसदी योगदान देने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कौन सा बीमारू राज्य इन्हें 40 फीसदी का योगदान देगा। अब सभी राज्यों की हालत महाराष्ट्र या कर्नाटक की तरह तो नहीं है। ऐसी स्थिति में 40 फीसदी योगदान देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
उन्होंने दावा किया कि मनरेगा की योजना में बदलाव करके इन लोगों ने गरीबों के पेट में लात मार दी। आप लोग आरक्षण को खत्म नहीं कर सकते थे, तो आपने नौकरियों को ही खत्म कर दिया। आप लोग दलित आदिवासियों का भला नहीं करना चाहते थे, तो आप लोगों ने एसआईआर का सहारा लेकर उनके अस्तित्व को ही खत्म करने का विचार कर लिया, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
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भारत से महात्मा गांधी का नाम कभी नहीं मिट सकता : भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक

नई दिल्ली, 20 दिसंबर : विपक्ष की ओर से जी राम जी बिल को लेकर किए जा रहे विरोध पर भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि इस देश से महात्मा गांधी का नाम नहीं मिट सकता है।
नई दिल्ली में आईएएनएस से बातचीत के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष के पास कोई काम और असली मुद्दे नहीं हैं। क्या वे यह नहीं समझते कि कोई भी इस देश से महात्मा गांधी का नाम नहीं मिटा सकता? गांधी जी की भारत पर एक अमिट छाप है। विपक्ष ने तो बार-बार उन्हीं पर हमला किया है। क्या पश्चिम बंगाल में जो तुष्टीकरण हो रहा था, वह गांधी के सिद्धांतों के मुताबिक था? क्या पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति वैसी है जैसा गांधी ने सोचा था? ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए।
बंगाल में एसआईआर को लेकर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि इतने सारे फर्जी नाम कैसे जोड़े गए और इसके लिए कौन जिम्मेदार था। बिहार में 6.5 मिलियन नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए। अगर नाम गलत तरीके से हटाए गए थे, तो दावे किए जाने चाहिए थे। कोई भी दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आया? ये लोग कहां गायब हो गए? ये सवाल भी उठाए जाने चाहिए।
पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मकसद नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल को देश का एक मजबूत और ज़रूरी हिस्सा बनाना है, और यह कदम उसी विज़न के हिसाब से है। मेरा मानना है कि नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल में कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का इतना शानदार स्तर पहले कभी नहीं देखा गया है। वहां एक रैली और भाषण होंगे। लोग प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बेताब हैं। यह दिखाता है कि लोगों को उनसे कितना प्यार और लगाव है।
आप सांसद संजय सिंह के बयान पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संजय सिंह ने संसद में बहुत आपत्तिजनक और नफरत भरी बात कही है। उन्हें अपने बयान के लिए नतीजे भुगतने होंगे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर अजय आलोक ने कहा कि राहुल गांधी अपने साथियों के साथ घूम रहे हैं। जॉर्ज सोरोस उनके मेंटर हैं, इसलिए वह सोरोस के फॉलोअर्स के साथ यात्रा कर रहे हैं। इसमें क्या दिक्कत है? पूरा देश, बल्कि पूरी दुनिया जानती है कि कांग्रेस की फंडिंग, मोदी सरकार को गिराने की योजना, और इसके पीछे जो पैसा और संसाधन हैं, वे जॉर्ज सोरोस से जुड़े हैं। राहुल गांधी को जॉर्ज सोरोस के मोहरे के तौर पर दिखाया जा रहा है। अगर सोरोस कहते हैं कि दाएं जाओ, तो राहुल दाएं जाते हैं। अगर वह कहते हैं कि बाएं जाओ, तो राहुल बाएं जाते हैं और अगर वह कहते हैं कि कूदो, तो राहुल कूदने लगेंगे।
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